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* फ़ोर्स कैंप हटाने को सिलगेर ग्रामीण कर रहे हैं पिछले 16 दिनों से आंदोलन व 16 दिनों में 5 बार हुवा गंभीर लाठीचार्ज एवं एक बार स्तेमाल हुवा आशु का गोला गंभीर सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण आखिर कौन जवाबदार जवाब दें सरकार - जनता कांग्रेस
* फ़ोर्स द्वारा बैगेर बातचीत कर सीधे गोली चलाना 5 से 6 बार गंभीर लाठीचार्ज करना, ग्रामीणों की पट्टे की जमीन पे कब्ज़ा कर कैंप लगाना सवाल करने पर गुंडा गर्दी दिखाना कहा कानून इसकी इजाजत देती हैं जवाब दें राज्य सरकार - जनता कांग्रेस
जगदलपुर / शौर्यपथ / मांमले में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे पार्टी के बस्तर कोर कमेटी अध्यक्ष टंकेश्वर भारद्वाज एवं संभागीय सयुंक्त महासचिव नरेंद्र भवानी ने मामले में जानकारी देते हुए एवं राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की आज दिनांक 26/05/2021 मई दिन बुधवार को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी के आदेशानुसार ब्लाक उसूर के ग्राम सिरगेल में कैंप हटाने को लेके ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा हैं, जिसके कारण फ़ोर्स द्वारा 17 मई को आंदोलन कारी ग्रामीणों पे सीधे गोली दाग दी थी, जिसके बाद 3 ग्रामीणों की मृत्यु हो गई जिसका जानकारी प्राप्त होने के बाद से ही घटना की जानकारी लेने हेतु पार्टी द्वारा जांच समिति समूह बनाया गया था लेकिन पिछले तीन दिनों तक प्रयास करने के बाद भी घटना स्थल जाने से रोका जा रहा था लेकिन आज 26 मई को हमारी जांच दल का समूह बड़ी कठिनाइयों के साथ घटना स्थल आखिरकार पहुँच गए और हजारो की संख्या में ग्रामीणों से हुई मुलाक़ात लगभग एक घंटा के बातचीत के बाद हुवा यह सब मामले में हुवा खुलासा !
सबसे पहले तो जो ग्रामीणों की गोली लगने से हुई हैं मृत्यु वें हैं वास्तव में ग्रामीण लेकिन बस्तर आई जी आंदोलन में उपस्थित आंदोलनकारी ग्रामीणों एवं घायल हुए ग्रामीणों और मृत हुए ग्रामीणों को लेकर कहते हैं की सभी हैं नकसली आखिर क्यूँ दोषियों को बचाने में तुले हैं प्रशासन समझ से परे ! अगर मरने वाले नक्सली थे तो हजारो की भीड़ में सिर्फ उन तीनो को ही गोली कैसे लगी बताये बस्तर आई जी आखिर सुरक्षा बल के जवान जो घटना में उपस्थित थे उन्हें फायरिंग करने किसने बोला, जबकि मौके में जांच उपरान्त ग्रामीणों का कहना हैं की हम नारे बाजी एवं शान्ति के साथ आंदोलन कर रहे थे अचानक फायरिंग कैसे हुवा समझ में नहीं आया बावजूद जिम्मेदार पद में बैठ सभी निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली कहना बस्तर आई जी को शोभा नहीं देता !
अगर मृत 3 निर्दोष ग्रामीण बस्तर आई जी के कहे अनुसार नक्सली थे तो क्यूँ प्रशासन तीनो के अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार की राशि ग्रामीणों को देने गए आखिर नक्सलियों से ऐसा प्यार कब से, अगर वाहा उपस्थित सभी ग्रामीण जो आंदोलन कर रहे हैं, एवं घायल हुए हैं, और जान भी दिए हैं ऐसे सभी लोग नक्सली हैं तो वाहा वास्तव में ग्रामीण कहा हैं !
मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया की
(1)= 11 मई रात 3 बजे ग्राम पंचायत सिलगेर में तीन परिवारों का लगभग 25 - 30 एकड़ जमीन पर जबरन फ़ोर्स ने रातो रात कब्ज़ा कर लिया, वहीं जब दूसरे दिन 12 मई को लगभग 25 - 30 ग्रामीण कब्ज़ा किये गए स्थल में पहुंचे और पूछे की गांव की पट्टे का जमीन पे कब्ज़ा क्यूँ किया जा रहा हैं का बात कहा गया तो पहला मार पित उसी दिन हुवा जहां सुरक्षा बलो द्वारा जबरन ताबड़तोड़ लाठी चार्ज कर गंभीर चोटें ग्रामीणों को दे दिए अगर यह ग्रामीण नक्सली हैं तो सुरक्षा बलो के पास आखिर क्यूँ जाते !
(2) = 13 मई को दोबारा ग्रामीणों द्वारा इस घटना का विरोध करते हुए लगभग 1 हजार से ज्यादा की संख्या में सिरगेल गांव कैंप से दूर इकठे हुए और पहले दिन के मारपीट एवं कब्ज़ा किया पट्टे की जमीन जैसे मामले में आंदोलन किया जा रहा था लेकिन फिर सुरक्षाबलों द्वारा जबरन ग्रामीणों के ऊपर गंभीर चोट पहुंचाने के उद्देशय से लाठी चार्ज किया गया एवं आंसू गैस तक का भी ईस्तमाल किया जो बेहद निराशाजनक बात हैं की किस कदर से हमारे ग्रामीण आदिवासी भाई बहनो पे ऐसा अत्याचार किया जा रहा हैं और स्थानीय कांग्रेस के विधायक हैं शांत पूरा राज्य कांग्रेस का सरकार हैं शांत आखिर क्यूँ निर्दोष आदिवासियों को सुरक्षा बलो के हाथो मरने छोड़ दिया गया हैं जवाब दें जिम्मेदार
(3) = 14 मई को फिर से यह आंदोलन बड़ा रूप लिया और आंदोलन करने धरना में बैठे और दोबारा सुरक्षा बलो द्वारा गंभीर रूप से मारपीट किया गया कई सैकड़ो लोग घायल हुए जबकि कई लोग अपने गांव के घरो में अपन इलाज कर रहे हैं
(4) = 17 मई को दोबारा लगभग 5000 से 7000 हजार की भीड़ ने आंदोलन करते हुए कैंप पास मोर्चा खोल दिया आखिर जब सुरक्षा बल लगातार 12 मई से 17 मई तक मारपीट करते रहेंगे तो क्या ग्रामीण शांत रहेंगे और इसी वजह से 17 मई को हजारो के संख्या में फिर से भीड़ एकत्रित हुई लेकिन सविंधान के तहत वें अपनी मांगे रख रहे थे बावजूद अचानक से पहले हवाई फायरिंग हुई और फिर निचे खड़े सुरक्षा बल द्वारा सीधे गोली दाग दी गई और घटना स्थल में ही 3 ग्रामीणों की मृत्यु हो गई वहीं सभी तरफ अचानक भगदड़ मच गया और भीड़ में शामिल एक गर्भवती महिला भी उपस्थित थी उसे भी भीड़ के भगदड़ का शिकार होना पड़ा और तभी वें अपना इलाज घर पे ही कर रहे थे और कल 25 मई को वह महिला का भी मृत्यु हो गया आखिर ऐसा अत्याचार निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों के साथ क्यूँ जवाब दें राज्य सरकार ! और इन ग्रामीणों को नक्सली कहना सरकार का कायराना शब्द हैं जो अपनी गलती छुपाने के लिए सभी निर्दोष ग्रामीणों को नकसली बोल रहे हैं जबकि हैं पूरा मामला उल्टा हुई हैं घटना जांच होना ही चाहिए !
(5) = 17 मई की घटना के बाद भगदड़ में लगभग 6 लोग हुए थे लापता जिसके कुछ दिन बाद ग्रामीणों को पता चला की यह सभी 6 लोग जेल में हैं और लगभग 7 दिन जेल में रहने के बाद पट्टे से एस.डी.एम.कोर्ट से जमानत लेके सभी 6 ग्रामीणों को वापस गांव लाया गया आखिर क्यूँ इन 6 ग्रामीणों ले ऊपर मामला बनाके जेल भेजा गया जवाब दें राज्य सरकार ! वहीं लाठी चार्ज के दवरान पुरूष सुरक्षा बल महिलाओ को भी लाठियों से गंभीर चोटें पहुंचाते हुए मारे जो गैर सवैधानिक हैं,
मामले राज्य सरकार के बस्तर आई जी का शर्मनाक बयान की सभी ग्रामीण नक्सली हैं, मरे हुए ग्रामीण नक्सली हैं उपस्थित ग्रामीण नक्सली हैं जैसा शब्द कहना बेहद निराशाजनक हैं इसका जांच होना चाहिए नहीं तो अंदुरुनी इलाके के आदिवासी भाई बहनो को नक्सली बता गुलामी का जीवन जीने मजबूर कर देंगे राज्य सरकार आखिर स्वतंत्र राष्ट्रीय में स्वतन्त्रता से जीवन जीने का हैं अधिकार ग्रामीणों को भी ! आगामी दिनों में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे पार्टी इस लाखो ग्रामीणों का मांग अगर पूरा नहीं होता हम स्वयं उस आंदोलन में समर्थन देके आंदोलन में बैठेंगे और न्याय की लड़ाई लड़ेंगे !
घटना स्थल के जांच दल में शामिल बस्तर कोर कमेटी अध्यक्ष टंकेश्वर भारद्वाज जी, संभाग सयुंक्त महासचिव नरेंद्र भवानी, अजित जोगी युवा मोर्चा संभागीय अध्यक्ष संतोष सिंह , दंतेवाड़ा जिलाध्यक्ष सुजीत कर्मा, ग्राम पंचायत पदेडा सरपंच गुड्डू एवं अन्य मौजूद रहे !
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