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बीजापुर अस्पताल को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन एवं नारायणपुर व कवर्धा जिला अस्पतालों को लक्ष्य सर्टिफिकेशन
रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना महामारी के संकट काल में भी छत्तीसगढ़ राज्य के 03 शासकीय जिला अस्पतालों बीजापुर, नारायणपुर,कवर्धा को भारत सरकार द्वारा उत्कृष्टता स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रमाण पत्र दिया गया है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित संबंधित जिलों के मैदानी अधिकारियों को बधाई दी है। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे ।उन्होंने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले सभी अस्पतालों के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बीजापुर के जिला अस्पताल को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र (NQAS – National Quality Assurance Standard) दिया गया है |
इसी प्रकार जिला अस्पताल नारायणपुर और जिला अस्पताल कवर्धा को प्रसव सम्बन्धी उत्कृष्ट सेवाएं देने के लिए लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। जिला अस्पताल नारायणपुर के मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर व लेबर रूम को 89-89 प्रतिशत एवं जिला अस्पताल कवर्धा के मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर को 89 प्रतिशत व लेबर रूम को 87 प्रतिशत अंक मिले हैं। प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व भारत सरकार की विशेषज्ञों की टीम द्वारा इस वर्ष फरवरी में अस्पतालों की ओपीडी, आई.पी.डी, प्रसव कक्ष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और जनरल एडमिन व्यवस्था का मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि इन तीनों सरकारी अस्पतालों द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र व लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्रमाण-पत्र हासिल करने से प्रदेश के दूसरे अस्पताल भी लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने को प्रेरित होंगे।
ई-श्रेणी में पंजीयन और अनुबंधित इंजीनियरों की जानकारी हर महीने भेजने के निर्देश
भू-अर्जन के प्रकरण तत्काल प्रस्तुत करें कलेक्टर के समक्ष
अभियान मोड़ में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का करें1े निराकरण
मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत 201 कार्य पूर्ण तथा 126 कार्य प्रगति पर
लोक निर्माण मंत्री ने की विभागीय कार्याें की समीक्षा
रायपुर / शौर्यपथ / लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि बरसात के मौसम में किसी भी तरह आवागमन बाधित नहीं हो इसलिए सड़कों की गुणवत्तापूर्ण मरम्मत की जाए। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव करते हुए सभी निर्माणाधीन कार्याें में तेजी लाते हुए पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री साहू ने आज अपने रायपुर निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभागीय कार्याें की विस्तृत समीक्षा की। इस अवसर पर संसदीव सचिव विकास उपाध्याय, सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेषी एवं उप सचिव एस.एन श्रीवास्तव, एमडी संदीपन बिलास भोस्कर सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री साहू ने सड़कों, पुल-पुलियों सहित एषियन विकास बैंक (एडीबी), छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम, सेतु विकास निगम, राष्ट्रीय राजमार्गाें और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कार्याें की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य के सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं कार्य अभियंता के साथ ही परियोजना निर्देषक एडीबी और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी जुड़े थे।
लोक निर्माण मंत्री साहू ने कहा कि इस वर्ष मानसून जल्दी आने की सम्भावना है, इसे ध्यान में रखते हुए सभी सड़कों की मरम्मत कर लें। उन्होंने निर्माणाधीन सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देष दिए। मंत्री साहू ने अधिक से अधिक बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने ई-श्रेणी में पंजीयन करने तथा निर्माण कार्याें में ठेकेदारों से हुए अनुबंध के तहत इंजीनियरों की नियुक्ति करने पर विषेष जोर देते हुए इसकी जानकारी हर महीने भेजने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने सड़कों के चौड़ीकरण और सुधार कार्य के दौरान सुविधाजनक बाईपास की व्यवस्था सुनिष्चित करने के भी निर्देश दिए।
मंत्री साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई घोषणाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए सड़कों, पुलों एवं विभाग से संबंधित कार्याें का प्रस्ताव 10 जून तक भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्याें की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। निर्माण कार्य स्वीकृत राशि के तहत ही करें। अनावष्यक रूप से रिवाईज स्टीमेट नहीं बनाए। जो ठेकेदार अनुबंधों के तहत ठीक से काम नहीं करते, उन्हें ब्लैक लिस्टेट करें। निर्माण कार्याें के फोटोग्राफ्स नियमित रूप से व्हाट्स एप के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजना सुनिष्चित करें। उन्होंने भू-अर्जन के प्रकरणों को कलेक्टरों द्वारा ली जाने वाली साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में रखने और त्वरित निराकरण कराने के भी निर्देष दिए। उन्होंने कोरोना और अन्य कारणों से विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की मृत्यु के सभी पुराने तथा नए सभी अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों को अभियान चलाकर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
वर्चुअल बैठक में उपस्थित संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि कोरोना के कारण निर्माण कार्य धीमा हो गया था, अब उसमें तेजी लाएं, क्योंकि लोक निर्माण विभाग का कार्य लोगों से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों ने कोविड सेंटर और कोविड अस्पतालों के लिए अच्छा काम किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत हो रहे कार्याें की सराहना करते हुए अधिक से अधिक रोजगार के लिए ई-श्रेणी में पंजीयन करने पर जोर दिया।
बैठक में प्रमुख अभियंता व्ही.के. भतपहरी ने प्रस्तुतिकरण के जरिए विभागीय उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी शासकीय भवनों को बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए 19 जून 2020 को शुरू किए गए मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत अब तक 2262 कार्याें के लिए 266 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। 201 कार्य पूर्ण हो गए हैं, 126 कार्य प्रगति पर हैं तथा 1813 कार्य निविदा स्तर पर है। छत्तीसगढ़ सड़क तथा अधोसंरचना विकास निगम (सीजीआरआईडीसीएल) के तहत 741 कार्याें का चयन किया गया है। इनमें से 155 कार्याें के लिए 2275 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है तथा सभी कार्याें के लिए निविदा आमंत्रित की जा रही है। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आरसीपीएलडब्ल्यूई योजना के तहत 316 कार्याें की स्वीकृति प्राप्त है। इनमें 26 कार्य पूर्ण हो गए, 190 कार्य प्रगति पर हैं तथा 90 कार्याें के लिए कार्यादेष जारी किया गया है। प्रदेश में ई-श्रेणी में अभी तक 2187 प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध 1610 ठेकेदारों का पंजीयन किया गया है।
कवर्धा / शौर्यपथ / वन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कल कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान बोडला, चिल्फी तथा रेंगाखार कला में फोर्टिफाइड पुलिस थाना भवन का भूमिपूजन किया। इनमें प्रत्येक थाना भवन के निर्माण के लिए विशेष आधुनिकीकरण योजना 2021-22 के अंतर्गत एक करोड़ 79 लाख 54 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है। उक्त फोर्टिफाइड पुलिस थाना भवन का निर्माण छत्तीसगढ़ पुलिस हाऊसिंग कार्पोरेशन द्वारा किया जाएगा।
वन मंत्री अकबर ने इसका भूमिपूजन करते हुए कहा कि ये थाना भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा। यह नक्सल खतरे से आसानी से निपटने में भी कारगर होगा। यहां फोर्टिफाइड पुलिस थाना भवन के बन जाने से नक्सलियों के पुलिस थानों में आसानी से घुसने अथवा बाहर से सीधे गोलियां चलाने की संभावना को रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस हाऊसिंग कार्पोरेशन को उक्त थाना भवन का गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में निर्माण करने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ नागरिक और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री अकबर ने कबीरधाम जिले के रेंगाखार, रानीगुढ़ा तथा घानीखुंटा के तेन्दूपत्ता फड़ का किया निरीक्षण
रानीगुढ़ा में तेन्दूपत्ता संग्रहण केन्द्र खोलने की स्वीकृति
संग्राहकों द्वारा चालू सीजन के एक-एक सप्ताह में 15 से 30 हजार रूपए तक अर्जित की जा रही आय
छत्तीसगढ़ में अब तक तीन चैथाई से अधिक तेन्दूपत्ता का संग्रहण
कवर्धा / शौर्यपथ / वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कल कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान वहां संचालित तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य का विस्तार से जायजा लिया और विकासखण्ड बोडला के अंतर्गत ग्राम रंेगाखार, ग्राम रानीगुढ़ा और ग्राम घानीखंुटा में तेन्दूपत्ता फड़ का मौके पर जाकर निरीक्षण भी किया। उन्होंने इस दौरान तेन्दूपत्ता संग्राहकों से रू-ब-रू होकर तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य सहित जाॅब कार्ड तथा राशि के भुगतान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने वहां तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मांग पर ग्रामीणों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ग्राम रानीगुढ़ा में शीघ्र तेन्दूपत्ता का खरीदी केन्द्र खोलने के लिए आश्वस्त किया।
वन मंत्री अकबर ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों से चर्चा करते हुए बताया कि राज्य में वर्तमान में कोरोना संकट के बावजूद आदिवासी-वनवासी संग्राहक परिवारों के हित में तेन्दूपत्ता का संग्रहण कार्य जोरो पर है और चालू वर्ष के दौरान अब तक लक्ष्य 16 लाख 71 हजार मानक बोरा का तीन चैथाई से अधिक 12 लाख 55 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। इनमें संग्राहकों को 500 करोड़ रूपए से अधिक की राशि भुगतान योग्य है, जिनका संग्राहकों का शीघ्रता से भुगतान जारी है। उन्होंने कहा कि तेन्दूपत्ता के संग्रहण कार्य से संग्रहक परिवारों को अपना जीवकोपार्जन आसान हो गया है और उन्हें वैश्विक महामारी कोरोना के इस संकट की घड़ी में भी रोजी-रोटी की कोई समस्या नहीं है। इससे तेन्दूपत्ता संग्राहकों को रोजगार के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी बड़े तादाद में होने लगी है।
वन मंत्री अकबर ने संग्राहकों से चर्चा करते हुए यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2021 में तेन्दूपत्ता संग्रहण कर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा निर्धारित की गई है। राज्य में वर्तमान में तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य से लगभग 13 लाख आदिवासी-वनवासी संग्राहक परिवारों को सीधा-सीधा लाभ मिल रहा है। इसके संग्रहण कार्य माह मई तथा जून में दो माह के भीतर संग्राहकों को 668 करोड़ रूपए की राशि के संग्रहण पारिश्रमिक का वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए संग्रहण के दौरान संग्राहकों को शासन के दिशा-निर्देशों सहित कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन कराया जा रहा है।
वन मंत्री अकबर से चर्चा के दौरान तेन्दूपत्ता संग्राहकों ने भी खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि शासन द्वारा संचालित तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य से हमें अपने जीवन-यापन के लिए बहुत बड़ी सुविधा हो गई है। इससे हमें वर्तमान में कोरोना संकट की घड़ी में भी कोई परेशानी नहीं हो रही है और इसके संग्रहण से अतिरिक्त आमदनी भी मिल रही है। संग्राहकों द्वारा यह भी बताया गया कि चालू सीजन के दौरान अभी एक-एस सप्ताह में 15 से लेकर 30 हजार रूपए तक की राशि पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त हो चुकी है। इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ नागरिक श्रीमती रामकली धु्रर्वे, नीलकंठ चंद्रवंशीा, कन्हैया अग्रवाल, कलीम खान, जमील खान, सुमरन सिंह धु्रर्वे, तानसेन चैधरी, लेखराम पंचेश्वर, मोहन अग्रवाल तथा संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
फिर से शुरु हो गए बंद बड़े स्कूल, आंगनबाड़ियों में गूंज रही किलकारियां
कुपोषण की दर में बड़ी गिरवाट, 9 प्रतिशत की कमी
चिन्तलनार, जगरगुण्डा जैसे दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच रही स्वास्थ्य सुविधाएं
सुकमा / शौर्यपथ / जिस जिले की पहचान कभी कुपोषण, बेरोजगारी, अशिक्षा और नक्सलियों के खौफ के कारण हुआ करती थी, केवल ढाई वर्षों में वहां की तस्वीर बदल चुकी है। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में विकास और विश्वास की नयी बयार बह रही है। खौफ के काले बादल छंट रहे हैं और सुदूर इलाकों तक शांति की किरणों पहुंच रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा जिले के विकास को अपनी प्राथमिकताओं की सूची में सबसे ऊपर रखा है, यही कारण है कि पिछले ढाई वर्षों से इस जिले का विकास नये नजरिये के साथ किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं, उनकी जरूरतों, समस्याओं और चुनौतियों का आंकलन कर जिले के विकास की रणनीति नये सिरे से तैयार की गई, जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। अब यहां के गावों में ग्रामीण खुशहाल, स्वस्थ और शिक्षित जीवन जीते हैं। जिले में जहाँ पिछले ढाई सालों में कुपोषण की दर में कमी आई है तो वहीं शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी हुई है और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है।
फिर खुले बंद पड़े स्कूल, गांव-गांव तक पहुंच रही शिक्षा
जिले में बन्द पड़े स्कूलों के पुनः संचालत से अन्दरूनी गांवों के बच्चों को गृह ग्राम के नजदीक ही शिक्षा पाने का अवसर मिल रहा है। वर्ष 2006 में सलवा जुडूम आंदोलन का असर जिले के कोण्टा क्षेत्र के गांवों में ज्यादा रहा। विकासखण्ड कोन्टा अन्तर्गत वर्ष 2006 से पहले 275 प्राथमिक एवं 66 माध्यमिक शालायें संचालित थी, लेकिन वर्ष 2006 में नक्सलवादियों द्वारा बहुत सी शालाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके फलस्वरुप 102 प्राथमिक एवं 21 माध्यमिक शालाओं को या तो बंद करना पड़ा था या फिर शिफ्ट कर संचालित करना पड़ रहा था। शासन एवं जिला प्रशासन सुकमा की पहल से वर्ष 2018-19 में इन बंद शालाओं का संचालन पुनः प्रारंभ किया गया। वर्तमान में ऐसे 92 स्कूलों को पुनः संचालित किया जा रहा है, जिनमें 4 हजार 172 विधार्थी अध्यनरत हैं। इसके साथ ही संबंधित पंचायत के स्थानीय 12वीं उत्तीर्ण युवक-युवतियों को पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर स्कूलों में शिक्षादूत के रूप मे नियुक्त किया गया है। प्रारंभ में शालाओं के संचालन हेतु स्थानीय स्तर पर झोपड़ियों का निर्माण किया गया था। वर्तमान मे शासन एवं प्रशासन स्तर पर 60 शाला भवनों तथा 34 अतिरिक्त कक्ष निर्माण की स्वीकृति प्रदाय कर भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 22 भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा शेष भवन भी जल्द ही पूर्ण कर लिए जाएंगे। शालाओं में शासन के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, जैसे मध्यान्ह भोजन, निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक, गणवेश आदि का लाभ विद्यार्थियों को मिल रहा है।
सुपोषण अभियान से संवर रही बच्चों की सेहत
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान वर्ष 2019 से प्रारंभ किया गया है, जिसके अन्तर्गत जिला प्रशासन सुकमा और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने के उद्देश्य से संवरता सुकमा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। वर्ष 2019 के वजन त्योहार में जिले में कुपोषण की दर 45 प्रतिशत थी, इस कार्यक्रम की बदौलत विगत दो वर्षों में ही कुपोषण की दर में 9 प्रतिशत की गिरावट आई है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किए जा रहे गरम और पौष्टिक आहार के साथ ही समय-समय पर बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच भी की जाती है। जिले के अन्दरूनी क्षेत्रों में विगत दो वर्षों में 36 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया गया है। वहीं अंदरुनी क्षेत्रों के 55 आंगबाड़ी भवन सहित कुल 178 नवीन भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। जिले में वर्तमान स्थिति में कुल 963 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमें 665 केन्द्र आंगनबाड़ी भवनों में संचालित किए जा रहे हैं तथा 200 आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माणाधीन है।
बेहतर हुई स्वास्थ्य सुविधाएं
सुकमा जिले में समय के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होने से अब लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगी हैं, जिससे सीमावर्ती अन्य राज्यों पर जिले के लोगों की निर्भरता कम होने लगी है। कोण्टा विकासखण्ड के अन्तर्गत विगत दो वर्षों में उप स्वास्थ्य केन्द्रों में 21 एएनएम तथा 13 पुरूष स्वास्थ्यकर्ताओं की भर्ती की गई है। वर्ष 2018 में केवल 1303 मितानिनें अपनी सेवाएं दे रही थी, वहीं आज कुल 1446 मितानिनों के माध्यम से जिले के दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावी रुप से पहुंच रही है। संस्थागत प्रसव के मामले में भी जिले में सफलता हासिल की गई है। वर्ष 2018 में जहां 70.3 प्रतिशत प्रसव अस्पतालों एवं चिकित्सा केन्द्रों में किए गए, वहीं यह आंकड़ा बढ़कर 2020-21 में 91.6 प्रतिशत हो गया है। संवेदनशील क्षेत्रों जैसे गोलापल्ली में 89.2 प्रतिशत, जगरगुण्डा में 113.3 प्रशित, चिन्तागुफा में 122.5 प्रतिशत तथा चिन्तलनार में 146.7 प्रतिशत संस्थागत प्रसव शामिल है। गर्भवती माताओं को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने एवं संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने के लिए 5 बिस्तरीय 19 प्री-बर्थ प्रतीक्षा केन्द्र का स्थापित किए गए हैं। विगत ढाई वर्षों में जिले में कुल 10 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र व 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया और 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निर्माणाधीन हैं। वर्तमान में जिले में कुल 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 89 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं, जिससे पहुंचवीहिन क्षेत्रों के निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं अल्प समय में ही उपलब्ध हो रही हैं। ग्रामीणों की छोटी मोटी स्वास्थ्यगत परेशानियों का निदान नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में हो जाता है।
जिले में मलेरिया के प्रकोप पर प्रभावी नियंत्रण हासिल किया गया है। 2018 में जहां 11 हजार 698 लोग मलेरिया संक्रमित पाए गए थे, वहीं अब यह आंकड़ा घटकर केवल 1612 तक सिमट गया है। आज की स्थिति में पाजीटीविटी दर 17 प्रतिशत से घटकर केवल 8.9 प्रतिशत रह गई है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री नवल सिंह मंडावी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने श्री मंडावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और श्री मंडावी के परिवारजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना की है।
श्री नवल सिंह मंडावी सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के महासचिव, संयोजक वीर मेला आयोजन समिति राजा राव पठार छत्तीसगढ़, आदिशक्ति मां अंगारमोती ट्रस्ट गंगरेल के संरक्षक भी थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने भाजपा सांसद सरोज पांडेय द्वारा वैक्सीन को लेकर राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। राजेंद्र ने कहा कि सरोज पांडेय के आरोप “उलटा चोर कोतवाल को डांटे” वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। आधारहीन आरोप लगाकर सरोज पांडेय भाजपा की केंद्र सरकार की विफलता और नाकामी को छुपाने का प्रयास कर रही हैं।
राजेंद्र ने कहा कि यदि वास्तव में भाजपा के सांसद और नेतागण वैक्सिनेशन से आम जनता का हित चाहते हैं, तो तत्काल केंद्र सरकार को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ राज्य को पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध कराएं और मेडिकल साइंस पर भरोसा कर अस्पतालों में इलाज कराने वाले करोड़ों देशवासियों और डॉक्टरों, नर्स, वार्ड बॉय समेत लाखों कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करते हुए बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं।
राजेंद्र ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा समय पर वैक्सीन उत्पादन को गंभीरता से नहीं लिया गया और वैक्सीन की उपलब्धता जाने बिना देश की जनता से वैक्सीन लगाने का आव्हान कर दिया। देश की जनता वैक्सिनेशन सेंटर में पहुंचने के बाद निराश होकर लौट रही है। इन अव्यवस्थाओं के लिए केंद्र सरकार का कुप्रबंधन जिम्मेदार है।
राजेंद्र साहू ने कहा कि राज्य सरकार लगातार वैक्सीन की मांग कर रही है, लेकिन पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो रही। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और सांसद सरोज पांडेय सहित भाजपा के सांसद और नेतागण जनता के हितैषी होने का ढोंग न करें, बल्कि प्रदेश की जनता को बताएं कि वैक्सीन की मांग को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार को कितने बार पत्र लिखा। वे यह भी बताएं कि खुद की सांसद निधि से वैक्सीन खरीदने कितनी राशि प्रदान की है।
राजेंद्र ने कहा कि जनता की आंखों में मिर्ची झोंककर पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी सहित केंद्र सरकार की विफलताओं को छिपाने भाजपा नेताओं समेत बाबा रामदेव द्वारा ऊलजलूल बयान देकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। बाबा रामदेव का बयान लाखों कोरोना वारियर्स, डॉक्टर्स, नर्स, वार्ड ब्वाय, आक्सीजन सप्लायर सहित मेडिकल साइंस में विश्वास करने वाले सभी देशवासियों का अपमान है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण काल में इलाज कराया है। भाजपा नेताओं में जरा भी नैतिकता और हिम्मत है तो बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं।
बेमेतरा / शौर्यपथ / बेमेतरा नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में अधिकृत प्रत्याशी के क्रॉस वोटिंग को लेकर भारतीय जनता पार्टी आलाकमान ने पार्टी के 06 पार्षदों को निष्काषित कर दिया, अब नगर पालिका में भाजपा के 06 ही पार्षद बच गए है। निष्काषित 06 पार्षदों में नगर पालिका उपाध्यक्ष पंचू साहू, वीरेंद्र साहू, देवराम साहू, प्रवीण नीलू राजपूत, नीतू कोठारी एवं घनश्याम देवांगन के नाम शामिल है। अब देखना होगा कि बेमेतरा नगर पालिका में क्या स्थिति बनती है।
भाजपा प्रदेश कार्यालय से प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय द्वारा जारी आदेश में इन सभी 06 पार्षदों पर पार्टी हिट के खिलाफ अनुशासनहीनता का दोषी करार दिया गया है। विगत 05 जनवरी को प्रदेश सह प्रभारी व बिहार के मंत्री नितिन नबीन के बेमेतरा प्रवास के दौरान यह मुद्दा उठा था, बैठक में कुछ नेताओं द्वारा अनुशासनहीनता की शिकायत भी किया था, तब प्रभारी नवीन ने प्रदेश महामंत्री व विधायक नारायण चंदेल एवं पूर्व मंत्री महेश गांगड़ा को जांच दल का प्रभारी बनाकर मामले की जांच कर प्रदेश को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। 3 माह पूर्व दोनों प्रभारियों ने बेमेतरा प्रवास कर मामले की जांच की जिसमें इन पार्षदों को क्रॉस वोटिंग का दोषी पाया गया, जिसकी रिपोर्ट प्रदेश में दी। रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने बेमेतरा के इन 06 पार्षदों को पार्टी से 06 वर्ष के लिए निष्काषित कर दिया गया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी ने शौर्यपथ समाचार पत्र से चर्चा के दौरान उक्त बाते बताई . भाजपा के ०६ पार्षदों के निष्काशन के बाद अब बेमेतरा नगर पालिका में भाजपा पार्षदों की संख्या ६ हो गयी है .वर्तमान में नगर पालिक में कांग्रेस का कब्ज़ा था कुल २१ पार्षदों में १२ भाजपा के एवं ८ कांग्रेस के व एक निर्दीय पार्षद थे निष्काशन के बाद अब उपाध्यक्ष चुनाव फिर से होने की संभावना है .
बता दे कि वोटिंग के समय भाजपा के १२ पार्षद एवं कांग्रेस के ८ पार्षद होने के बावजूद भी कांग्रेस की शकुंतला साहू को १५ मत मिले थे वही भाजपा के अध्यक्ष प्रत्याशी को केवल ६ मत मिले थे .
नई दिल्ली/शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के कलाईकुंडा एयर बेस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ 15 मिनट की बैठक की. बैठक में चक्रवात यास से हुए नुकसान का आकलन किया गया. चक्रवात यास ने इस सप्ताह के शुरुआत में पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य ओडिशा के तटीय इलाकों को काफी नुकसान पहुंचाया है. अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी और सीएम ममता बनर्जी की यह पहली बैठक थी. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को हराने के लिए भाजपा ने सारे हथकंडे अपनाए थे. इसके बावजूद भी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में बड़ी जीत हासिल की. कई सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी ममता बनर्जी की पार्टी ने राज्य में अपना परचम लहराया.
समीक्षा बैठक से पहले ममता बनर्जी ने कहा, "मैं सिर्फ 15 मिनट के लिए वहां जाऊंगी. मैं समीक्षा बैठक के लिए वहां नहीं रहूंगी. मैं नुकसान के विवरण के साथ एक पेपर सौंप दूंगी." बता दें कि आखिरी बार पीएम मोदी और ममता बनर्जी की मुलाकात 23 जनवरी को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के अवसर पर हुई थी. उस शाम ममता बनर्जी के भाषण के बीच "जय श्री राम" के नारे लगने लगे थे. तब वे गुस्से में अपना भाषण पूरा किए बिना ही मंच से चली गईं थीं.
चक्रवात तूफान को लेकर हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं. इस बैठक में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी शामिल थे. सुवेंदु भाजपा में शामिल होने से पहले ममता बनर्जी के भरोसेमंद सहयोगी थे.
समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात यास से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. चक्रवात ने राज्य के दक्षिण और उत्तर 24 परगना, दीघा, पूर्वी मेदिनीपुर और नंदीग्राम जिलों में भारी तबाही मचाई है.
ममता बनर्जी ने अपने राज्य में चक्रवात से ₹ 15,000 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया है - जिसमें तीन लाख घर और 134 तटबंध नष्ट हो गए हैं. वह पहले ही ₹ 1,000 करोड़ के बचाव पैकेज की घोषणा कर चुकी हैं, और अधिकारियों को उनके राहत प्रयासों में घर-घर जाने का आदेश दिया है. इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने कहा कि चक्रवात के कारण 15 लाख से अधिक लोगों को उनके घरों से निकालना पड़ा.
प्रधानमंत्री पहले ही ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिल चुके हैं. पीएम मोदी और सीएम पटनायक आज सुबह भुवनेश्वर में मिले, जिसके बाद उन्होंने राज्य के चक्रवात प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया.
चक्रवात यास ने उत्तर ओडिशा तट पर - बालासोर से लगभग 20 किमी दक्षिण में - बुधवार को 130-140 किमी प्रति घंटे की हवाओं और 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लैंडफॉल बनाया. चक्रवात की चपेट में आकर ओडिशा के कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है. बंगाल के दीघा कस्बे में चौथे व्यक्ति की मौत सामने आई. बचाव और राहत प्रयासों में मदद के लिए दोनों राज्यों में एनडीआरएफ की 100 से अधिक टीमों को तैनात किया गया है.
नई दिल्ली/ शौर्यपथ / राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में केंद्र सरकार को राज्यों की जरूरत के अनुसार दवाओं, इंजेक्शनों और वैक्सीन का वितरण करना चाहिए. बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिन राज्यों को ज्यादा जरूरत है, उसे जरूरत के अनुसार दवाएं, इंजेक्शन और वैक्सीन दी जानी चाहिए. एक अन्य सवाल के जवाब में शर्मा ने बताया कि राजस्थान में इस समय ब्लैक फंगस के करीब 700 केस हैं.उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार वैक्सीन पाने के लिए 3000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. पहले 12 लाख 67 हजार टीके दिए और अभी सिर्फ 5 लाख डोज बढ़ाई है, लेकिन हमें राज्यों का पूर्ण टीकाकरण के लिए 6.5 करोड़ डोज चाहिए, वेस्टेज को मिलाकर 7 करोड़ डोज चाहिए.
उन्होंने कहा कि 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लिए वैक्सीन है नहीं, तो सबको वैक्सीन कैसे लग पाएगी? हिन्दुस्तान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी राज्य को ग्लोबल टेंडर निकालना पड़े. एक राज्य के मुख्यमंत्री ने सही कहा है कि अगर पाकिस्तान से युद्ध हो जाए तो क्या राज्य अलग-अलग लड़ेंगे. इसलिए राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. लिहाजा ग्लोबल टेंडर की प्रक्रिया केंद्र सरकार को करनी चाहिए. केंद्र सरकार को वैक्सीन के मामले में क्या करना चाहिए, इस सवाल पर उन्होंने कहा, देश की दूसरी कंपनियों को भी टीके के लिए लाइसेंस देना चाहिए. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गुजरात जैसे कई राज्यों को ऑक्सीजन, रेमडेसिविर का राजस्थान और अन्य विपक्ष शासित राज्यों की तुलना में कई गुना ज्यादा था. ब्लैक फंगस के मामले में जिस राज्य में ज्यादा मामले हैं, वहां ज्यादा दवाएं देनी चाहिए. जैसे ऑक्सीजन और दवाओं पर भेदभाव था, वहीं अब ब्लैक फंगस के मामले में देखने को मिल रहा है.
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने लॉकडाउन हटाने या ढील के सवाल पर कहा कि हमने पिछली बार की तरह लॉकडाउन नहीं लगाया था. निर्माण कार्य और इंडस्ट्री पहले ही चालू थीं. एक्टिव केस दो लाख के पार हो गए था. रोज 150-200 मौतें हो रही थीं. लिहाजा पहले वीकेंड कर्फ्यू और पखवाड़ा कर्फ्यू लगा था. उसके बाद 15 दिन का लॉकडाउन लगा था जिसे फिर बढ़ाया गया. अब राजस्थान में 90 हजार से कम एक्टिव केस रह गए हैं. एक जून के बाद राजस्थान में कुछ-कुछ और छूट देने पर विचार-विमर्श हो रहा है. अभी 8 जून तक लॉकडाउन लागू है. राजस्थान के गांवों में कोरोना संक्रमितों की मौतों के आरोपों पर शर्मा ने कहा कि हमने एक भी मौत का आंकड़ा नहीं छिपाया है. हमने शहरों और गांवों का एक-एक आंकड़ा दिया है. कोविड प्रोटोकाल के कारण सभी शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है, इसलिए लोगों में भ्रम है कि सरकारी आंकड़ा छिपाया जा रहा है.