November 04, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय खड़सा व्यू प्वाइंट से नौका विहार करते मयाली नेचर कैंप बैठक स्थल तक पहुंचे
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की मयाली में हो रही है बैठक
पारंपरिक वाद्य यंत्रों और बांस की टोपी व जंगली फल पत्तियों की माला से हुआ स्वागत
   रायपुर/शौर्यपथ / प्रकृति की गोद से आज सरगुजा क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिखी जाएगी। जशपुर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मयाली में आज मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित है। जिसमें शामिल होने खड़सा व्यू प्वाइंट पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं सभी अतिथियों का कर्मा नृत्य और पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढांक एवं नगाड़े की धुनों के बीच परम्परागत बांस की टोपी और डुंबर के फल और आम की पत्तियों की माला पहना कर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय खड़सा व्यू प्वाइंट से बैठक में शामिल होने मयाली डैम में बोट से सभी अतिथियों के साथ मयाली नेचर कैंप की खूबसूरती को निहारते हुए बैठक स्थल तक पहुंचे।
     मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के साथ बैठक में शामिल होने स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, उपाध्यक्ष सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्रीमती गोमती साय, सांसद रायगढ़ श्री राधेश्याम राठिया, विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत, श्री राम प्रताप सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, कमिश्नर श्री जी आर चुरेंद्र, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर डॉ रवि मित्तल,  एसपी श्री शशिमोहन सिंह भी पहुंचे।
जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल मयाली स्वदेश दर्शन योजना में शामिल, 10 करोड़ से होगा कायाकल्प
नेचर कैंप से एक ओर डैम की खूबसूरती तो दूसरी ओर विशालतम प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ का विहंगम दृश्य और दिखाई पड़ता है। चारों ओर फैली हरियाली इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। मयाली नेचर कैंप को स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
मयाली नेचर कैंप- प्रकृति का अनुपम उपहार
जशपुर की सुरम्य पहाड़ियों की गोद में स्थित है प्रकृति का अनुपम उपहार मयाली। यहां मयाली नेचर कैंप जिले के कुनकुरी ब्लॉक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे के करीब स्थित है। डेम के किनारे, हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर परिवार के साथ भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। वीकेंड के दिनों में मयाली में लोगों की भीड़ ज्यादा जुटती है। मयाली नेचर कैंप में बोटिंग की भी सुविधा है।

मत्स्य कृषकों से पंजीयन कराने की अपील
रायपुर/शौर्यपथ / मत्स्य कृषकों को केन्द्र शासन द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान समृद्धि सह योजना के तहत् विभिन्न घटकों का लाभ प्राप्त करने के लिए एनएफडीपी पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। संचालक मछली पालन श्री नारायण सिंह नाग ने बताया कि एनएफडीपी का मुख्य उद्देश्य सभी मत्स्य पालक, मत्स्य पालन समूहों एवं मत्स्य समितियों के लिए कार्य आधारित पहचान का डाटाबेस निर्माण के माध्यम से भारतीय मत्स्य पालन को औपचारिक रूप देना है। भविष्य में प्रधानमंत्री किसान समृद्धि सह योजना के तहत् मत्स्य पालन अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु एनएफडीपी पर पंजीकरण अनिवार्य होगा। इसके तहत मछली पालन, मत्स्याखेट एवं मछली बेचने के व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों का पंजीयन कॉमन सर्विस सेंटर (च्वाईस सेंटर) के माध्यम से किया जा सकेगा।
संचालक श्री नाग ने बताया कि यदि परिवार के सभी सदस्य मछली पालन कार्य में संलग्न है, तो सभी का पंजीयन व्यक्तिगत रूप से किया जायेगा। पंजीयन के बाद मत्स्य विभाग से सत्यापन पश्चात उनके बैंक खातें में 80 रूपये शासन की ओर से प्राप्त होगा तथा कॉमन सर्विस सेंटर (च्वाईस सेंटर) को उनके प्रत्येक एन्ट्री पर 18 रूपये कमीशन के रूप में प्राप्त होगा। पंजीयन हेतु मत्स्य कृषकों को अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक तथा आधार लिंक मोबाईल नम्बर के साथ कॉमन सर्विस सेंटर (च्वाईस सेंटर) में एन्ट्री कार्य कराया जाना है। पंजीयन हेतु आधार लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी अनिवार्य होगा। पंजीयन के बाद प्रारम्भ में अस्थायी प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। कृषकों का मत्स्य विभाग से सत्यापन पश्चात स्थायी प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। राज्य के सभी जिलों मंे मत्स्य कृषकों का एनएफडीपी में पंजीयन प्रारंभ हो चुका है। संचालक मछलीपालन ने राज्य के सभी मत्स्य कृषकों से एनएफडीपी पंजीयन कराने की अपील की है।

दावा आपत्ति 15 दिन  के भीतर अपना दावा/आपत्ति निगम कार्यालय के कक्ष क्रमांक 03 में कार्यालयीन समय में कर सकते है:
   दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत उरला में निर्मित आई.एच.एस.डी.पी. आवास निरस्त किये जाने की सूचना एवं दावा आपत्ति। आयुक्त लोकेश चन्द्राकर के निर्देश के परिपालन में प्रभारी राजस्व अधिकारी मनीष कुमार द्वारा जानकारी के मुताबिक उरला में निर्मित आई.एच.एस.डी.पी. आवास उक्त आवास आबंटन धारी जिसको बार बार सूचना दिये जाने के पश्चात् भी अपने आबंटित आवास का प्रीमियम किश्त राशि आज दिनांक तक जमा नही किया गया।
बता दे कि नगर निगम द्वारा आवास आबंटन नियम के तहत् उक्त आबंटनधारियों का आवास निरस्त किया जाता हैं। उपरोक्तानुसार निरस्त की सूची लगभग 1638 हितग्राहियों के नाम आवास निरस्त की सूची निगम कार्यालय में आई.एच.एस.डी.पी. आवास में अवलोकन हेतु चस्पा किया गया हैं।आवास निरस्त के संबंध में दावा/आपत्ति का समय 15 दिन का समय दिया गया है।आवास संबंध में अपना दावा/आपत्ति निगम कार्यालय का कक्ष क्रमांक 03 में कार्यलीन समय में उपलब्ध रहेगें कार्यालय में 1638 हितग्राहियों की सूचि का अवलोकन कार्यालयीन अवधि में की जा सकती है समयावधि पश्चात प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जावेगा.

नई दिल्ली में 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में केंद्रीय जलमंत्री श्री सीआर पाटिल ने किया पुरस्कृत
रायपुर/शौर्यपथ / जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए कांकेर जिले की ग्राम पंचायत मासुलपानी को 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में श्रेष्ठ पंचायत की श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय जलमंत्री श्री सीआर पाटिल द्वारा ग्राम पंचायत मासुलपानी की सरपंच श्रीमती रमिया नेताम को पुरस्कृत किया।  
गौरतलब है कि जल संरक्षण के क्षेत्र में मासुलपानी पंचायत ने उल्लेखनीय कार्य किया है। इस ग्राम पंचायत में 161 जल शेड संरचनाएं बनाई गई हैं, जिनमें 99 फार्म तालाब शामिल हैं। इसके अलावा, वर्ष 2023 के दौरान पंचायत द्वारा 39 नंबर ब्रशवुड, एक सामुदायिक तालाब डी-सिल्टिंग, 02 कुएं, 02 भूमिगत बांध, 03 गेबियन और अन्य संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इसके चलते लोगों ने सिंचाई के लिए सतही जल का उपयोग करना शुरू कर दिया है। जल संरक्षण और इसके समुचित उपयोग की दिशा में इस नवाचार के लिए मासुलपानी ग्राम पंचायत को पुरस्कृत किया गया है।
जल शक्ति मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर जल प्रबंधन और जल संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। लोगों में जल के महत्व के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और लोगों को सर्वाेत्तम जल उपयोग प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रीय जल पुरस्कार (एनडब्ल्युए) देश भर में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा ’जल समृद्ध भारत’ के सरकार के विज़न को प्राप्त करने में किए गए अच्छे काम और प्रयासों पर केंद्रित है। ये पुरस्कार लोगों में जल के महत्व के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और उन्हें सर्वाेत्तम जल उपयोग प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने पीएचई के कार्यों की समीक्षा की
अधिकारियों को एफएचटीसी कवरेज की समीक्षा और जांच कर लोगों से फीडबैक लेने कहा
प्रगतिरत कार्यों को तेजी से पूर्ण करने और अप्रारंभ कार्यों को जल्दी शुरू करने क्रेडा के अधिकारियों को दिए निर्देश

     रायपुर / शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री अरुण साव ने आज सरगुजा संभागीय मुख्यालय अंबिकापुर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सरगुजा संभाग में कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अंबिकापुर विश्रामगृह में आयोजित बैठक में सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव  मोहम्मद कैसर अब्दुलहक, जल जीवन मिशन के संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे और सरगुजा के कलेक्टर  भोसकर विलास संदिपान भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।
   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आपको जो जिम्मेदारी मिली है, उसके अनुरूप सक्रियता से काम करें। जल जीवन मिशन न तो परियोजना है न ही अभियान है। यह मिशन है और हमें मिशन मोड में काम करने की जरूरत है। उन्होंने जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर नल जल योजना पर बारिकी से काम करने के निर्देश दिए।
   उप मुख्यमंत्री साव ने सरगुजा संभाग में जल जीवन मिशन के कार्यों में धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को गम्भीरता और सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि काम में लापरवाही और खानापूर्ति नहीं चलेगी। आम लोगों के लिए इस मिशन का जितना महत्व है, उतना ही सरकार के लिए भी है। सभी घरों में रोजाना 55 लीटर प्रति व्यक्ति पानी मुहैया कराना सुनिश्चित करें। ग्रामीणों को पेयजल की समस्या न हो, यह हमारी जिम्मेदारी है।
  श्री साव ने बैठक में सभी कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ठेकेदार के भरोसे ही पूरा काम न छोड़ें। सभी विभागीय अभियंता नियमित फील्ड पर जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बैठक में मौजूद क्रेडा के अधिकारियों से कहा कि क्रेडा की टीम पूरी तैयारी एवं गम्भीरता से काम करें। उन्होंने निर्माणाधीन कार्यों को समय पर काम पूर्ण करने के साथ ही अप्रारंभ कार्यों को शीघ्र प्रारंभ करने को कहा।
  श्री साव ने जिलेवार शत-प्रतिशत एफएचटीसी (Functional Household Tab Connection) कवरेज की समीक्षा करते हुए कहा कि जहां कार्य पूर्ण हो गए हैं वहां खुद जाकर जांच करें और लोगों से फीडबैक लें। उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्य जहां पूर्ण हो चुके हैं, वहां योजना के प्रचार-प्रसार के साथ जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर जल उत्सव के आयोजन के निर्देश अधिकारियों को दिए, ताकि लोगों में योजना के प्रति सकारात्मकता आए।
   लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने बैठक में विभागीय कार्यों की भौतिक और वित्तीय प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने जिलेवार विभागीय कार्यों की प्रगति पर चर्चा कर जरूरतों और समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने कार्य की धीमी प्रगति वाले जिलों को नवम्बर तक लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता डॉ. एम.एल. अग्रवाल, जल जीवन मिशन के अतिरिक्त मिशन संचालक एस.एन. पाण्डेय तथा रायपुर और बिलासपुर जोन के विभागीय मुख्य अभियंता भी बैठक में मौजूद थे।

पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का जागरूकता कार्यक्रम भी..

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज मुख्यालय में 23 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तीनों कंपनियों के लिये चयनित 375 कनिष्ठ यंत्रियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे। वे प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की जागरुकता सामग्री का विमोचन एवं हितग्राहियों के घर पर लगने वाली नाम-पट्टिकाओं का वितरण भी करेंगे।
   छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के 129, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के 229 तथा जनरेशन कंपनी के 17 कनिष्ठ यंत्रियों का चयन प्रतियोगी परीक्षा से किया गया है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रदेश में वर्ष 2027 तक 5 लाख घरों में रूफ टॉप पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य है। इस अभियान को गति देने के लिए मुख्यमंत्री साय जनजागरूकता बढ़ाकर लक्ष्य हासिल करने पर जोर दे रहे हैं। इस अवसर पर प्रदेश में विद्युत विकास पर प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। इस प्रकार इस बहुआयामी आयोजन की रूपरेखा बनाई गई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। क्षेत्रीय एवं रायपुर-पश्चिम के विधायक राजेश मूणत, रायपुर-उत्तर विधायक पुरंदर  मिश्रा, रायपुर - ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू तथा धरसींवा विधायक अनुज शर्मा विशिष्ट अतिथि रहेंगे। कार्यक्रम बुधवार, 23 अक्टूबर को शाम 4 बजे,छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज मुख्यालय प्रांगण, डंगनिया, रायपुर में होगा ।

   नई दिल्ली /शौर्यपथ /झारखंड विधानसभा चुनावों को लेकर हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव के बीच हुई मीटिंग में बात बन गई है. दोनों ने मीटिंग में तय कर लिया है कि आरजेडी 7 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बता दें कि आरजेडी चुनावों में 15 से 18 सीटों की मांग कर रही थी और इसी को लेकर दोनों के बीच बात अटक रही थी लेकिन अब दोनों आपसी सहमति पर आ गए हैं. इससे पहले 2019 में हुए चुनावों में भी आरजेडी ने 7 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था.
बता दें कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी हेमंत सोरेन की जेएमएम और उसके सहयोगी दल कांग्रेस की हैं. दोनों ही पार्टियों ने पहले ही 81 में से 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है. इसके बाद आरजेडी और लेफ्ट पार्टियों के लिए सिर्फ 11 सीटें ही रह गई थीं और इसे लेकर आरजेडी में नाराजगी उतर आई थी. हालांकि, अब आखिरकार इस नाराजगी को दूर कर लिया गया है.
आरजेडी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति दे दी है और बाकि बची हुई सीटों पर लेफ्ट पार्टी चुनाव लड़ेगी.
2019 के चुनावों में 1 ही सीट पर जीत पाई थी आरजेडी
झारखंड में सन 2019 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल एक पर जीत हासिल की थी. जेएमएम ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 30 पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से वह 16 पर जीत हासिल करने में सफल हुई थी. दोनों दलों ने कुल 47 सीटें जीती थीं, जो कि बहुमत के लिए जरूरी 41 सीटों से अधिक है.

 सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मॉर्डन लाइफस्टाइल में खानपान और कम फिजिकल एक्टिविटी के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं, जैसे कब्ज, अपच और गैस, आम हो गई हैं. आंतों की सफाई और पेट की सेहत बनाए रखना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. आजकल अनहेल्दी खानपान की वजह से कब्ज की समस्या भी बहुत लोगों को रहती है, जिसके चलते सुबह पेट साफ करने में परेशानी होती है और पूरे दिन पेट दर्द, गैस बनी रहती है. अक्सर लोग सवाल करते हैं कब्ज को कैसे दूर करें, पेट साफ करने के लिए क्या करें, कब्ज से छुटकारा कैसे पाएं? आज हम आपको एक आसान उपाय बताएंगे जो आपकी रसोई में उपलब्ध सामग्री के इस्तेमाल से पेट की समस्याओं का समाधान कर सकता है. इसके लिए बस आपको आटा गूंथने से पहले इसमें एक खास चीज मिलानी होगी.
कब्ज से निजात के लिए आटा गूंथने में क्या मिलाएं?
जब आप आटा गूंथने जा रहे हों, तो उसमें एक चम्मच अलसी (फ्लैक्ससीड) का पाउडर मिला सकते हैं. अलसी में घुलनशील फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो आपके पाचन तंत्र को साफ करने में मदद करती है. यह आपके पेट को हल्का महसूस कराती है और आंतों की सफाई में भी कारगर साबित होती है.
पेट साफ करने में अलसी का फायदे
फाइबर से भरपूर: अलसी में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो पाचन को सुधारते हैं और मल त्याग को सुगम बनाते हैं.
ओमेगा-3 फैटी एसिड: इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में सूजन को कम करता है और पाचन प्रक्रिया को सुचारु बनाए रखने में मदद करता है.
डिटॉक्सिफिकेशन: अलसी का पाउडर आंतों की सफाई करके शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है.
वजन कम करने में सहायक: अलसी का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है, जिससे अनावश्यक खाने की आदत कम हो सकती है.
आटा गूंथने की विधि:
    एक कटोरी गेहूं का आटा लें और उसमें एक चम्मच अलसी का पाउडर डालें.
    अच्छे से मिलाएं, ताकि अलसी का पाउडर आटे में समान रूप से मिक्स हो जाए.
    अब इसमें जरूरत के अनुसार पानी डालकर आटा गूंथ लें.
    इस आटे की रोटी बनाकर सुबह के नाश्ते में या दोपहर के भोजन में खाएं.
इसके अन्य फायदे
अलसी का सेवन न सिर्फ पेट की समस्याओं को दूर करता है, बल्कि यह कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने में मददगार है.
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को भी फायदा हो सकता है.
त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर के टॉक्सिन्स को दूर करते हैं.
सावधानियां:
    अगर आप अलसी का सेवन पहली बार कर रहे हैं, तो थोड़ी मात्रा में शुरू करें और फिर धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएं.
    बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन से डायरिया जैसी समस्या हो सकती है, इसलिए इसका सेवन सही मात्रा में करें.
    गर्भवती महिलाएं और दूध पिलाने वाली माताएं अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें.
आटा गूंथने में अलसी का पाउडर मिलाकर न सिर्फ आपके खाने का न्यूट्रिशन लेवल बढ़ाता है, बल्कि इससे आपकी आंतों की सफाई भी होती है. यह एक सहज और प्राकृतिक तरीका है जो पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मददगार हो सकता है. अगले दिन से ही आप महसूस करेंगे कि आपका पेट सुबह-सुबह आसानी से साफ हो रहा है और पाचन तंत्र पहले से बेहतर हो गया है.

पुलिस और सुरक्षाबलों के कारण देश में कायम है कानून और शांति व्यवस्था- मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
पुलिस स्मृति दिवस परेड में हुए शामिल राज्यपाल और मुख्यमंत्री
   रायपुर/शौर्यपथ / राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज चौथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल माना रायपुर के प्रांगण में पुुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित परेड कार्यक्रम में शामिल हुए। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों की ओर से पुलिस के शहीद वीर जवानों को नमन करते हुए शहीद स्मारक में पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस अधिकारियों एवं जवानों के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की और उनके साथ सदैव खड़े रहने का विश्वास दिलाया। उन्हें शाल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट किए।
           इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने अपने श्रद्धांजलि उद्बोेधन में कहा कि पुलिस का काम अत्यंत जवाबदेही का होता है। आम जनों से आग्रह है कि पुलिस कर्मियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखें और उनके कार्यो मेें मदद करें। उन्होंने कहा कि एक तरफ वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए शासन के निर्देशों के अनुरूप कार्य करते हैं। दूसरी तरफ उनकी जिम्मेदारी होती है कि समाज में व्यवस्था बनी रहें और नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। राज्यपाल ने कहा कि पुलिस के जवान भी अपने परिवार को छोड़ कर कार्य कर रहे हैं। उनसे परिवार के एक सदस्य की भांति व्यवहार करें, उन्हें सम्मान दें। आपके दो मीठे बोल, उनके व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। यह सद्व्यवहार उनकी सारी थकान दूर कर देगी और वे अपनी ड्यूटी भी दोगुने जोश से करेंगे।
राज्यपाल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां नक्सली समस्या एक गंभीर चुनौती रही है, वहां हमारी पुलिस ने जिस प्रकार से साहस, धैर्य और निष्ठा के साथ इस समस्या का सामना किया, वह सराहनीय है। पुलिस की तत्परता और कर्त्तव्यनिष्ठा के कारण आज नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और शांति के लिए एक सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। नक्सली गतिविधियों से निपटने के लिए पुलिस और सशस्त्र बलों ने न केवल सख्त रणनीति अपनाई बल्कि स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर समन्वय और संवाद स्थापित किया है। जिससे उन क्षेत्रों में विश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ी है और आने वाले समय में नक्सल समस्या का पूर्ण रूप से उन्मूलन होगा।
    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बलों के योगदान का स्मरण करने और उन्हें नमन करने का दिन है। यह पुलिस और सुरक्षा बलों की महान परंपराओं को आगे बढ़ाते रहने का संकल्प लेने का भी दिन है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस हमारे पुलिस बलों के शौर्य, पराक्रम, बलिदान, देश-प्रेम, सजगता और इतिहास की याद दिलाता है। इनके चौकन्नेपन के कारण ही देश में कानून व्यवस्था कायम रहती है और विकास के नए आयाम स्थापित होते है। श्री साय ने कहा कि पुलिस जवान नक्सल पीड़ित क्षेत्रों के विकास और दुर्गम क्षेत्रों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में अपना योगदान दें रहें है।
       मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों को अधिक से अधिक संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराने के हमारे प्रयासों में भारत सरकार का भरपूर सहयोग और समर्थन मिल रहा है । हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा गृह मंत्री श्री अमित शाह के ऊर्जावान नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ ने आने वाले दो वर्षों के भीतर प्रदेश से नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों के शौर्य, पराक्रम और कौशल से हम निर्धारित समय में इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।  
             पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने भी श्रद्धांजलि उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि अपराध एवं अपराधियों की रोकथाम के लिए पुलिस सदैव तत्पर है। वीर जवानों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जायेगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, श्री अरूण देव गौतम, महानिदेशक होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा एवं फायर ब्रिगेड सेवा, श्री हिमांशु गुप्ता, महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिसकर्मी व शहीद जवानों के परिजन उपस्थित थे।

टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / त्योहारों का सीजन आते ही बाजारों में चहल पहल और रौनक बढ़ गई है. साथ ही मिलावटी और नकली सामान बेचने वाले भी सक्रिय हो गए हैं. दीपावली के त्योहार में घर पर बहुत सी मिठाइयां बनाई जाती हैं और इन्हें बनाने में बादाम का इस्तेमाल भी किया जाता है. अगर आप बाज़ार से बादाम लेने जा रहे हैं, तो पहले चेक करें कि जो बादाम आप ले रहे हैं वह असली है भी या नहीं?
आजकल बाजार में नकली और केमिकल युक्त बादाम बेचे जा रहे हैं. बादाम का इस्तेमाल कई प्रकार की मिठाइयों में किया जाता है लेकिन अगर हम मिलावटी या नकली बादाम का इस्तेमाल मिठाइयों को बनाने में करें तो इसका दुष्परिणाम हमारी सेहत पर पड़ सकता है. इसलिए यह जानना बेहद ज़रूरी है कि जिस बादाम को हम इस्तेमाल कर रहे हैं वह असली है या नहीं.
कैसे करें असली-नकली बादाम में पहचान
कर रहे ब्लीचिंग
कारोबारी घटिया किस्म के बादाम को अच्छी क्वालिटी का दिखाने के लिए इसमें हानिकारक रंग और ब्लीचिंग एजेंटों का इस्तेमाल करते हैं. जो बेहद हानिकारक हो सकते हैं और इससे कई प्रकार की बीमारियां भी हो सकती हैं. तो चलिए जानते हैं कि असली और नकली बादाम की पहचान कैसे की जा सकती है.
ऐसे पहचाने नकली बादाम
असली या नकली बादाम की पहचान करने के लिए पानी का उपयोग किया जा सकता है. बादाम की पहचान करने के लिए उसको एक साफ बर्तन में रख लें और उसमें इतना पानी डालें की बादाम पूरी तरह से उसमें डूब जाएं और इस बर्तन को रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें.
अब दूसरे दिन सुबह बादाम को पानी से निकाल लें और उसका छिलका उतारें प्राकृतिक और असली बादाम का छिलका आसानी से उतर जाता है और उसके नीचे सफेद रंग का बादाम नजर आएगा. अब पानी को चेक करें अगर पानी हल्का मटमैला या साफ दिखाई देता है तो आपका बादाम प्राकृतिक और एक दम असली है लेकिन इसके उलट अगर पानी का रंग भूरा हो जाता है तो यह बादाम मिलावटी है.
कौन सा केमिकल मिलाते हैं?
ब्लीचिंग के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है. ये केमिकल पानी के साथ मिलकर रिएक्शन करता है. जिसके कारण जब पानी में नकली बादाम भिगोए जाते हैं तो पानी का रंग भूरा या हल्का पीला हो जाता है. पानी में जब ब्लीचिंग एजेंट मिलते हैं, तो वे अवशेष छोड़ते हैं जिससे पानी का रंग बदल देते हैं. ये संकेत हैं कि इसमें केमिकल का इस्तेमाल किया गया है. वहीं जो बादाम असली होते हैं उनमें प्राकृतिक तेल होता है. जिससे पानी का रंग नहीं बदलता.
नकली या मिलावटी बादाम से होने वाले नुकसान
1. हो सकती है एलर्जी
अगर आप नकली बादाम का सेवन करते हैं तो आपको एलर्जी की समस्या हो सकती है. जिससे आपके शरीर में दाने आना या फिर खुजली जैसी परेशानी देखने को मिल सकती है.
2. बिगड़ सकता है डाइजेशन
अगर आप मिलावटी बादाम का सेवन करते हैं तो इससे आपकी इंटेस्टाइन पर लेयर बन सकती है. जिससे आपको डाइजेशन से जुड़ी परेशानी हो सकती है. यहां तक कि आपको उल्टी, दस्त और मतली जैसी समस्या हो सकती है.
3. बढ़ सकता है टॉक्सिन
अगर आप लंबे समय तक मिलावटी बादाम का सेवन करते हैं तो आपके शरीर में टॉक्सिन लेवल बढ़ सकता है. जिससे आपके लीवर और किडनी खराब हो सकते हैं साथ ही आपके शरीर के हार्मोन्स का संतुलन भी बिगड़ सकता है. यहां तक कि इसमें इस्तेमाल होने वाले केमिकल से आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है.
4. घट सकती है इम्यूनिटी
अगर आप नकली और मिलावटी बादाम का सेवन करते हैं तो इसका बुरा असर आपके इम्यून सिस्टम पर दिखाई देता है. जिसके कारण आप जल्द ही मौसमी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं.

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