April 19, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

रिसाली / शौर्यपथ / निस्तारी तालाब को सहेजने और उसे दुषित होने से बचाने रिसाली निगम प्रयास कर रहा है। वार्ड 29 लक्ष्मी नगर के डबरी से मिट्टी निकाल सवारा जा रहा है। इसका उपयोग केवल मवेशियों के लिए किया जाएगा।
  नगर पालिक निगम रिसाली की आयुक्त मोनिका वर्मा के निर्देश पर शीतला तालाब के बगल वर्षो पुराने डबरी को सवारा जा रहा है। मिट्टी निकलने का कार्य पूर्ण हो चुका है। सोमवार को आयुक्त ने स्थल निरीक्षण कर डबरी से जलीय पौध को निकालने के निर्देश दिए। आयुक्त ने कहा कि अगर डबरी की सफाई हो गई तो डेयरी संचालक अपने मवेशी को यही धोने का काम करेंगे। तालाब निस्तारी के लिए सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि निस्तारी तालाब में मवेशी धुलाई करने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।
इसलिए पानी सूखता नहीं
  कल्याणी शीतला मंदिर तालाब के बगल बने डबरी पुरानी है। शीतला तालाब का आउटलेट इसी डाबरी में है। तालाब का ओवर फ्लो पानी इसी में आता है। वहीं तालाब भरने सिंचाई विभाग द्वारा छोड़े गए पानी का कुछ हिस्सा भी डबरी तक पहुंचता है। सफाई के अभाव में डबरी पूरी तरह दलदल नुमा बन गया था।
टंकी के नीचे बनेगा स्टोर रूम
  आयुक्त मार्निग विजिट के तहत वार्ड 29, 13 व 14 भ्रमण की। उन्होंने टंकी मरोदा में बने ओवर हेड टैंक का निरीक्षण की। आयुक्त ने डुंडेरा, पुरैना , नेवई और टंकी मरोदा टैंक के नीचे स्टोर रूम बनाने के निर्देश दिए, ताकि जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपना सामान रख सके।

दुर्ग / शौर्यपथ / महामाया बुद्व विहार कल्याण समिति कर्मचारी नगर दुर्ग के तत्वावधान में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व भूषण,भारत रत्न डां भीमराव अंबेडकर जी की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई।
     इस अवसर पर समिति के द्वारा एक विशेष केक बनवाया गया था जिसे सैकड़ों की संख्या में उपस्थित युवाओं, बच्चों एवं उनके परिवार जनो की उपस्थिति में सामूहिक रूप से काटकर खुशियां मनाते हुए लोगों ने एक दूसरे को बधाइयां दी। इस मौके पर बच्चों तथा युवाओं ने बाबा साहेब पर लिखी कविताओं का पाठ किया। समिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल ने उपस्थित अनुयायियों को बताया कि डां बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ही दुनिया भर मे एकमात्र ऐसा महामानव हैं जिनकी जयंती  पूरी दुनिया भर के देशों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाने लगा है यह हम भारतीयों के लिए गौरव की बात है। इसके बाद दोपहर दो बजे से एक भव्य रैली निकाली गई जो नगर भ्रमण करती हुई वापस विहार में आकर समाप्त हुई।

प्रवासी मजदूरों को मतदान करने के लिए जागरूक करने हेतु किया गया लक्षित
पलायन करने वाले श्रमिकों को मतदान हेतु प्रेरित करने लिखी गई एक इबारत

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / महाराष्ट्र के गोंदिया जिले और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले ने एक अनूठी पहल करते हुए अंतर्राज्यीय स्वीप कार्यक्रम की योजना बनाने के उपलक्ष्य में हाथ मिलाये और पहली बार ऐसा वक्त रहा जब दो राज्यों के जिलों ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मतदाता जागरूकता कार्यक्रम को नये आयाम प्रदान किए हैं। इस कार्यक्रम का लक्ष्य प्रवासी मजदूरों को मतदान करने के लिए जागरूक करने का था। अंतर्राज्यीय स्तर पर दो जिलों ने आपसी समझ एवं समन्वय से पलायन करने वाले श्रमिकों को मतदान हेतु प्रेरित करने एक इबारत लिखी है। इसके साथ ही नये मतदाताओं या ऐसे मतदाता जो किसी कारण से मतदान करने में वंचित हो गये हो, उन्हें लक्षित करते हुए मताधिकार के प्रति जागरूक किया गया। उन्हें एमएमएस करने के साथ ही मतदान करने के लिए फोन के माध्यम से सूचना दी जाएगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में मतदाता जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ एवं स्वीप नोडल सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देशन में जिले में स्वीप अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर सघन अभियान चलाये जा रहे हंै।


   यह कार्यक्रम डोंगरगढ़ विकासखंड अंतर्गत बागनदी पुल पर आयोजित किया गया और दोनों जिले के मतदाता अपने-अपने जिले से रैली के रूप में निकले और बागनदी पुल पर एकत्रित हुए। मिलने पर उन्होंने एक दूसरे को गुलाब के फूल भेंंट कर स्वागत किया और साथ-साथ रैली के रूप में मंच तक पहुंचे। मंच पर उपस्थित अधिकारियों ने मतदाताओं को हिंदी, छत्तीसगढ़ी एवं मराठी में सम्बोधित किया। इसके बाद प्रतिभागियों को छत्तीसगढ़ी के साथ-साथ मराठी में भी मतदाता शपथ दिलाई गई। आम तौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में कम मतदान होता है और मतदाताओं, विशेषकर प्रवासी मतदाताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं, इसलिए राज्य में पहली बार दोनों जिलों ने अंतर्राज्यीय स्वीप कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, जिला पंचायत सीईओ गोंदिया, परियोजना अधिकारी साक्षरता श्रीमती रश्मि सिंह, जनपद सीईओ डोंगरगढ़ सुश्री दिव्या ठाकुर, जनपद सीईओ छुरिया श्री नारायण बंजारा, राजनांदगांव एवं गोंदिया जिले की स्वीप टीम सहित अन्य अधिकारी व बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

 लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से कब्ज की समस्या होना बहुत आम बात हो गया है. यह एक ऐसी समस्या है जिससे आज के समय में अमूमन लोग जूझ रहे हैं. कब्ज की वजह से ना सिर्फ आपका पूरा दिन खराब होता है बल्कि इसका असर आपके मूड पर भी पड़ता है. इतना ही नहीं अगर इस समस्या को इग्नोर किया जाए तो आगे चलकर यह कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है. कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कई लोग कई तरह की दवाइयों और चूरन का सेवन करते हैं, लेकिन उनका असर कुछ समय के लिए ही हो पाता है. हालांकि कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से इस समस्या को दूर किया जा सकता है. आज हम आपको एक ऐसा ही देसी नुस्खा बताएंगे जो कब्ज की समस्या को जड़ से खत्म करने में आपकी मदद कर सकता है.
ईसबगोल  
कब्ज को दूर करने के लिए आपको अपनी डाइट में फाइबर युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए. यह पेट को साफ करने में मदद कर सकता है. ऐसे में ईसबगोल का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इसमें घुलनशील फाइबर होता है जो पेट को साफ करने में मदद करता है. इसमें पाए जाने वाले तत्व आंतों में जमा गंदगी को भी बाहर निकालने में मदद करते हैं. अगर आप  रेगुलर इसका सेवन करेंगे तो आपको कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं से आराम मिल सकता है.
कब्ज में कैसे करें ईसबगोल का सेवन
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए आप रात को सोने से पहले इसका सेवन कर सकते हैं. इसके लिए आप गुनगुने पानी, दूध या फिर दही के साथ एक चम्मच ईसबगोल मिलाकर इसको खा लें. रोज रात को इसका सेवन कब्ज से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद साबित हो सकता है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ /हमारे देश में ढेर सारे फलों की पैदावार होती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग किस्म के फल उगाए जाते हैं. कहीं सेव, अनार तो कहीं संतरा, पपीता, अंगूर तो कहीं मोसंबी, तरबूज और खरबूज. इन फलों के बीच एक खास फल है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. इस फल के नाम में इसकी खासियत छिपी हुई है. इसे भारत में कम उगाया जाता है, लेकिन बाहर से इसका आयात होता है. ये एक ऐसा फल है जिसके नाम को आधा काटने पर ये सब्जी बन जाता है. क्या आप पहचान पाए कि हम किस फल की बात कर रहे हैं.
होती है ये खासियतें
इस खास फल की अधिकतर खेती अफगानिस्तान और अमेरिका में होती है. इस फल के सेहत से जुड़े भी कई फायदे हैं. ये एक ऐसा फल है जो लिवर को कोलेस्ट्रॉल उत्पन्न करने से रोकता है. इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व दिल की बीमारियों को ट्रिगर करने वाली सूजन को कम करते हैं. हर दिन इसे खाने से बीपी कंट्रोल में रहता है. इसमें मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए अच्छा है. ये फाइबर से भरपूर होता है, जो कार्ब्स खाने के बाद ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता.
कौन सा है वो फल जिसे आधा काटते ही बन जाता है ‘सब्जी' ? ये है वो फल
हम जिस फल की बात कर रहे हैं, उसका नाम है आलूबुखारा. इसके नाम को आधा काटने से ये सब्जी यानी आलू बन जाता है. यह बड़ा या छोटा हो सकता है, लाल, बैंगनी, हरा, पीला या नारंगी स्किन और गुलाबी, पीला या नारंगी पल्प के साथ ये पाया जाता है. प्लम आड़ू, नेक्टराइन और खुबानी के समान परिवार से संबंधित हैं. लेकिन प्लम गुठली-फल वाले दूसरे फलों की तुलना में कहीं अधिर फायदेमंद है.

टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /चुकंदर खबरों में है, लेकिन गलत चीजों को लेकर. हाल के महीनों में आपूर्ति संबंधी समस्याओं के कारण ऑस्ट्रेलियाई सुपरमार्केट्स में डिब्बाबंद चुकंदर की कमी देखी गई. एक समय पर, एक टिन कथित तौर पर eBay पर A$65 से अधिक यानी तकरीबन साढ़े पांच हजार रुपये में बिक रहा था. लेकिन अब जब आपूर्ति बढ़ गई है, तो फिर से लौट आते हैं चुकंदर के फायदों पर.
Is beetroot really vegetable Viagra? क्या चुकंदर वास्तव में वनस्पति वियाग्रा यानी एक यौन शक्ति वर्धक दवा, है, जैसा कि यूके टीवी डॉक्टर माइकल मोस्ले सुझाव देते हैं? चुकंदर ऐसी ही एक सब्जी हैं जो हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है. चुकंदर स्किन और बालों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है. बीटरूट में भरपूर मात्रा में फाइबर, फोलेट, फास्फोरस, आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. ये सभी चीजें स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. यह आपके रक्तचाप को कम करने से लेकर आपके दैनिक कसरत में सुधार तक में मदद करता है. चलिए जानते हैं चुकंदर के इन फायदों के बारे में विज्ञान क्या कहता है.
चुकंदर में ऐसा क्या खास है?
चुकंदर - जामुन, नट्स और पत्तेदार साग जैसे खाद्य पदार्थों के साथ - एक "सुपरफूड" है. इसमें प्रति ग्राम कुछ विटामिन और खनिजों का स्तर औसत से ऊपर होता है.
चुकंदर विशेष रूप से विटामिन बी और सी, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.
ज्यादातर खाना पकाने के तरीके इसके एंटीऑक्सीडेंट स्तर में महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं करते हैं. लेकिन कच्चे चुकंदर की तुलना में अगर प्रेशर कुकिंग के पोषक तत्वों को देखा जाए तो इसमें कैरोटीनॉयड (एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट) का स्तर कम होता है.
कैप्सूल, पाउडर, चिप्स या जूस के रूप में चुकंदर के एंटीऑक्सीडेंट काफी फायदेमंद होते हैं. हालांकि, यह विभिन्न उत्पादों के बीच भिन्न हो सकता है, जिसमें चुकंदर के रस के विभिन्न ब्रांड भी शामिल हैं.
क्या चुकंदर सच में वनस्पति वियाग्रा है?
कहा जाता है कि रोमन लोग चुकंदर और उसके रस का उपयोग कामोत्तेजक के रूप में करते थे. लेकिन इस बात के सीमित वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि चुकंदर आपके यौन जीवन को बेहतर बनाता है. इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा नहीं है. बल्कि, चुकंदर के प्रभाव को देखने वाले बड़ी संख्या में वैज्ञानिक अध्ययनों ने कामेच्छा या यौन स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं को नहीं मापा है.
यह कैसे काम कर सकता है?
जब हम चुकंदर खाते हैं, तो बैक्टीरिया और एंजाइमों से जुड़ी रासायनिक प्रतिक्रियाएं चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट को नाइट्राइट में और फिर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल देती हैं. नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को फैलाने (चौड़ा करने) में मदद करता है, जिससे संभावित रूप से परिसंचरण में सुधार होता है.
आहार संबंधी नाइट्रिक ऑक्साइड के सबसे समृद्ध स्रोत जिनका क्लिनिकल स्टडीज में परीक्षण किया गया है वे चुकंदर, रॉकेट और पालक हैं.
ऐसा माना जाता है कि नाइट्रिक ऑक्साइड पुरुषों में सेक्स से पहले और उसके दौरान रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में टेस्टोस्टेरोन की भूमिका का समर्थन करता है.
चुकंदर की रक्त प्रवाह में सुधार करने की क्षमता हृदय और रक्त वाहिकाओं की संचार प्रणाली को लाभ पहुंचा सकती है. यह सैद्धांतिक रूप से पुरुषों और महिलाओं में यौन क्रिया पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
इसलिए, यह सुझाव देना उचित है कि चुकंदर और सेक्स के लिए तैयारी के बीच एक मामूली संबंध हो सकता है, लेकिन यह उम्मीद न करें कि यह आपके यौन जीवन को बदल देगा.
और क्या कमाल कर सकता है चुकंदर?
इंसानों में अपने एंटीऑक्सीडेंट और ट्यूमर-विरोधी प्रभाव के चलते हाल के सालों में चुकंदर ने अपनी ओर ध्यान खींचा है.
चिकित्सीय परीक्षणों ने चुकंदर के सभी सक्रिय तत्वों और उनके प्रभावों को सत्यापित नहीं किया है. हालांकि, चुकंदर कैंसर और मधुमेह जैसे ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए संभावित रूप से सहायक उपचार हो सकता है. विचार यह है कि आप चुकंदर की खुराक ले सकते हैं या अपनी नियमित दवाओं के साथ अतिरिक्त चुकंदर खा सकते हैं (उन्हें बदलने के बजाय).
इस बात के प्रमाण हैं कि चुकंदर का रस उच्च रक्तचाप वाले लोगों में सिस्टोलिक रक्तचाप (आपके रक्तचाप पढ़ने में पहला नंबर) को 2.73-4.81 mmHg (पारा का मिलीमीटर, रक्तचाप मापने की मानक इकाई) को कम करने में मदद कर सकता है. कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि यह कमी कुछ दवाओं और आहार संबंधी हस्तक्षेपों के साथ देखे गए प्रभावों के बराबर है.
अन्य शोध से पता चलता है कि बिना उच्च रक्तचाप वाले (लेकिन इसके जोखिम वाले) लोगों को भी लाभ हो सकता है.
चुकंदर एथलेटिक प्रदर्शन में भी सुधार कर सकता है. कुछ अध्ययन सहनशक्ति वाले एथलीटों (जो लंबी दूरी तक दौड़ते हैं, तैरते हैं या साइकिल चलाते हैं) के लिए छोटे लाभ दिखाते हैं. इन अध्ययनों में भोजन के विभिन्न रूपों पर ध्यान दिया गया, जैसे चुकंदर का रस और चुकंदर-आधारित पूरक.
अपनी डाइट में कैसे चुकंदर को शामिल करें
चुकंदर को साबुत, जूस और पूरक के रूप में सेवन करने के सकारात्मक प्रभाव मिलने के वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं. इसलिए भले ही आप डिब्बाबंद चुकंदर न पा सकें, ऐसे कई अन्य तरीके हैं जिनसे आप अपने आहार में अधिक चुकंदर प्राप्त कर सकते हैं. आप कोशिश कर सकते हैं:
    कच्चा चुकंदर - कच्चे चुकंदर को कद्दूकस कर लें और इसे सलाद या कोलस्लॉ में मिलाएं, या सैंडविच या रैप के लिए कुरकुरे टॉपिंग के रूप में उपयोग करने के लिए चुकंदर के टुकड़े काट लें.
    पका हुआ चुकंदर - स्वाद से भरपूर साइड डिश के लिए चुकंदर को जैतून के तेल, नमक और काली मिर्च के साथ भूनें. वैकल्पिक रूप से, चुकंदर को भाप में पकाएं और इसे एक स्टैंडअलोन डिश के रूप में परोसें या अन्य व्यंजनों में मिलाएं.
    चुकंदर का रस - जूसर का उपयोग करके ताजा चुकंदर का रस बनाएं. स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसे अन्य फलों और सब्जियों के साथ मिला सकते हैं. आप कच्चे या पके हुए चुकंदर को पानी के साथ मिलाकर छानकर जूस भी बना सकते हैं.
    स्मूदी - अपनी पसंदीदा स्मूदी में चुकंदर मिलाएं. यह जामुन, सेब और संतरे जैसे फलों के साथ अच्छी तरह मेल खाता है.
    सूप - स्वाद और रंग दोनों के लिए सूप में चुकंदर का उपयोग करें.
    अचार - चुकंदर का अचार घर पर बनाएं, या सुपरमार्केट से खरीदें. यह सलाद या सैंडविच के लिए एक स्वादिष्ट लगता है.
    ग्रिल्ड चुकंदर - स्मोकी स्वाद के लिए चुकंदर के टुकड़े करें और इसे ग्रिल करें.
    चुकंदर के चिप्स - कच्चे चुकंदर को पतले-पतले टुकड़ों में काटें, स्लाइस को जैतून के तेल और अपने पसंदीदा मसालों के साथ डालें, फिर क्रिस्पी चुकंदर के चिप्स बनाने के लिए उन्हें बेक करें या डीहाइड्रेट करें.
चुकंदर के नुकसान?
चुकंदर के लाभकारी प्रभावों पर बड़ी संख्या में किए गए अध्ययनों की तुलना में, नकारात्मक दुष्प्रभावों के बहुत कम प्रमाण हैं.
अगर आप बड़ी मात्रा में चुकंदर खाते हैं, तो आपका मूत्र लाल या बैंगनी हो सकता है (जिसे बीटुरिया कहा जाता है). लेकिन यह आम तौर पर हानिरहित है.
कुछ देशों में चुकंदर-आधारित आहार अनुपूरकों के हानिकारक पदार्थों से दूषित होने की खबरें आई हैं, फिर भी हमने ऑस्ट्रेलिया में इसकी सूचना नहीं देखी है.
सारांश
चुकंदर आपके यौन जीवन को बेहतर करने में मददगार हो सकता है. संभवतः पुरुषों और महिलाओं के लिए सेक्स को कुछ हद तक बढ़ावा दे सकता है. लेकिन यह आपके यौन जीवन को बदलने या वनस्पति वियाग्रा के तौर पर काम नहीं करता है. अगर आप सोच रहे हैं कि चुकंदर खाने से आपके यौन जीवन में कोई जादू की छड़ी चलेगी तो ऐसा नहीं होगा.  हम जानते हैं कि यौन जीवन को बेहतर करने में आपकी डाइट का अहम रोल है. लेकिन यह किसी दवा की तरह काम नहीं कर सकती.

  ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / भले ही बाजार में स्किन केयर प्रोडक्ट्स की भरमार है लेकिन नेचुरल चीजें स्किन के लिए हमेशा ज्यादा फायदेमंद होती हैं. फल और सब्जियां न केवल सेहत के लिए बल्कि त्वचा की देखभाल के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं होती हैं. बीटरूट ऐसी ही एक सब्जी हैं जो  हमारी स्किन और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होती है. बीटरूट में भरपूर मात्रा में फाइबर, फोलेट, फास्फोरस, आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. ये सभी चीजें स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. आइए जानते हैं बीटरूट से स्किन को क्या-क्या फायदेहो सकते हैं.
स्किन के लिए बीटरूट के फायदे
एक्ने की समस्या
बीटरूट का जूस एक्ने और पिंपल के दाग धब्बों को कम करने में मदद करता है. इसमें मौजूद विटामिन सी चेहरे से अत्यधिक ऑयल को कम करता है. इससे पिंपल ब्रेकआउट्स और पिगमेंटेशन की समस्या कम होती है. यह बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करता है जिसका अच्छा असर स्किन पर नजर आता है.
ग्लोइंग स्किन
बीटरूट जूस से बॉडी के डिटॉक्स होने के कारण स्किन हेल्दी और ग्लोइंग नजर आने लगती है. इसमें मौजूद विटामिन सी स्किन को एजिंग से बचाता है और स्किन पर रिंकल पड़ने से रोकता है.
हाइड्रेट स्किन
बीटरूट में 87 % वॉटर कंटेट होता है. अपने इस गुण के कारण बीटरूट स्किन को हाइड्रेट रखने में मदद करता है. इसके साथ ही बीटरूट में भरपूर मात्रा में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट स्किन हेल्थ को बेहतर करते हैं.
ब्राइट लिप्स
ड्राई और फटे होंठों के लिए बीटरूट काफी फायदेमंद होता है. बीटरूट के जूस को लिप पर अप्लाई करने से लिप्स की फटने और ड्राई होने की समस्या कम होती है और इसके साथ ही नेचुरल कलर भी मिलता है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / सत्तू पाउडर उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में गर्मी के मौसम में सेवन किया जाता है. यह पेट को ठंडा रखता है. सत्तू, चने को भूनकर बनाया जाता है. यह एनर्जी का पावरहाउस माना जाता है. इसे गरीबों का प्रोटीन भी कहते हैं. यह सबसे सस्ता और अच्छा सोर्स है शरीर में प्रोटीन की भरपाई के लिए. सत्तू आयरन, सोडियम, फाइबर, प्रोटीन और मैग्नीशियम से भरपूर होता है.
अगर आप इसे पानी में मिलाते हैं, एक चुटकी नमक डालते हैं और एक नींबू निचोड़ते हैं और फिर खाली पेट पीते हैं, तो आपके शरीर से सभी विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाएंगे. इससे आपको पेट से जुड़ी समस्याओं से भी राहत मिलेगी.
- सुबह खाली पेट सत्तू का सेवन शरीर के लिए चमत्कारिक माना जाता है. यह पाचन तंत्र को ठीक से काम करने में मदद करता है. सत्तू में पाया जाने वाला नमक, आयरन और फाइबर पेट संबंधी समस्याओं को कम करता है और मल त्याग को आसान करता है.
- सत्तू में ऐसे गुण होते हैं, जो पूरे दिन शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं. हर दिन एक गिलास सत्तू शरबत आपके सिस्टम को ठंडा रख सकता है और अपच को भी रोक सकता है.
- अगर आप अपना अतिरिक्त वजन कम करना चाहते हैं, तो खाली पेट सत्तू का सेवन शुरू कर देना चाहिए. यह सूजन को कम करने में मदद करता है और चयापचय को भी बढ़ाता है और कैलोरी को प्रभावी ढंग से जलाता है.
- वैज्ञानिकों के अनुसार, यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. फाइबर से भरपूर सत्तू उच्च कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों के लिए बहुत अच्छा है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / आपके फेफड़े सांस लेने का मुख्य हिस्सा होते हैं. जो आपको सांस लेने में मदद करते हैं. फेफडों की बीमारियों और अस्थमा में सांस लेने में कई बार तकलीफ होती है. बार बार बलगम या कफ का निकलना, श्वान नली में सूजन, सासं नली में मुश्किल और खांसी के लक्षण शामिल होते हैं. बता दें फेफड़े स्पंजी, हवा से भरे अंगों की एक जोड़ी है, जो आपकी छाती की तरफ होती है. वैसे तो यह शरीर के उन अंगों में से हैं जो खुद ही टॉक्सिक चीजों का सफाया कर लेते हैं लेकिन समय के साथ और बीमारियों की वजह से यह कमजोर होने लगते हैं. आयुर्वेदिक अस्थमा को उपचार करने के लिए विभन्न हर्बस का प्रयोग करता है.  
हर्बल टी
आपके लंग्स में बलगम या कफ जमा हो जाये या फिर आपको अस्थमा की समस्या है. तो ऐसे में आपको हर्बल टी बहुत काम आएगी. आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी हर्बल टी को पीने से कफ या बलगम पतला हो जाता हैं और बाहर निकलने लगता है.
सरसों तेल की मसाज
सरसों के तेल में लहसुन और अजवाइन मिलाकर पका लें और इसी तेल से सीने पर मालिश करें. आपका कफ पिघलने लगेगा. मालिश करने से फेफड़ों को गर्माहट मिलती है जिससे छाती में जमा कफ दूर होता है और सांस लेना आसान बनता है.
शहद और लौंग
अगर आपको आपने फेफड़ों को मजबूत बनाना हैं तो आपके लिए लौंग का मिश्रण एक परफेक्ट रेमेड़ी है. आप अस्थमा के लक्षणों से राहत पाने के लिए एक गिलास गर्म पानी और शहद के साथ लौंग चबा सकते हैं.
हल्दी की चाय
हल्दी में पाया जाने वाला तत्व करक्यूमिन सबसे शक्तिशाली माना जाता हैं और इसकी वजह से हल्दी का रंग पीला होता है. हल्दी में कुछ मेडिसनल और एंटीऑक्सीडेंट घटक शामिल हैं. जो सूजन को रोकने कि क्षमता रखता है.

टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /सरसों तेल का इस्तेमाल काफी लम्बे अरसे चाला आ रहा है. इस तेल को ज्यादातर लोग सिर्फ खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह तेल सिर्फ खाना बनाने तक ही सीमित नहीं है. बल्कि यह तेल शरीर के कई छोटी-बड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है. दरअसल आजकल कम उम्र में ही लोग सफेद बालों की समस्या से परेशान हैं. बालों पर ज्यादा कैमिकल लगाने से बाल समय से पहले सफेद होने लगते हैं. उन्हीं सफेद बालों को रंगने के लिए लोग तरह तरह के कैमिकल हेयर कलर का इस्तेमाल करते है. अगर आप मार्केट में मिलने वाले कैमिकल हेयर कलर लगाने से बचना चाहते हैं, तो घर में ही बनाएं हल्दी और सरसों तेल से बना बालों के लिए नेचुरल हेयर डाई. इससे कुछ ही दिन में आपके बाल एकदम काले हो जाएंगे.
कैसे बनाएं नेचुरल हेयर डाई |
1.  हेयर डाई बनाने के लिए आपको चाहिए 3-4 चम्मच सरसों का तेल .
2.  आप तेल को लोहे की कड़ाही या तवे पर डालें और गैस पर गर्म होने के लिए रख दें.
3. अब तेल में 2 चम्मच हल्दी मिक्स कर लें और इसे धीमी आंच पर चलाते हुए पकाएं.
4. हल्दी को धीमी आंच पर ही पकाएं, नहीं तो हल्दी जलकर राख हो जाएगी.
5. तेल को किसी कटोरी में निकाल लें और इसे हल्का ठंडा होने के लिए रख दें.
6. अब  हल्दी और तेल से तैयार नेचुरल हेयर डाई में आप 1 विटामिन-ई की कैप्सूल भी मिला लें.
7.  अब  इसे अच्छी तरह से अपने बालों पर बालों पर लगा लें .
8.  करीब 2 घंटे तक इसे तेल की तरह ही लगाकर रखें और फिर अपने बालों को पानी या किसी माइल्ड शैंपू से धोलें.
9.  हफ्ते में इसे कम से कम बालों में  2 बार जरूर लगाएं. कुछ ही दिनों में आपके बाल एकदम काले होने लगेंगे.
10. सरसों के तेल के उपयोग से बालों के विकास में मदद मिल सकती है. इसके लिए सरसों के तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड,ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड मदद कर सकते हैं. इसके अलावा इस तेल में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, इससे स्कैल्प पर खुजली की समस्या से भी राहत मिल सकती है .

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