दुर्ग / शौर्यपथ /
आज के युग में वैसे ही आम जनता महंगाई की मार सह रही है उस पर 2 साल तक कोरोना काल के समय अपनी बेजारगी का रोना रोना रोने वाले टॉकीज के संचालकों द्वारा शासन प्रशासन से तरह-तरह की छूट की मांग की जाती रही और अपने आप को भारत की आम जनता के रूप में पेश करती रही तथा शासन से मदद की गुहार लगाती रही वही टॉकीज के संचालकों द्वारा अब एक बार फिर से आम जनता को लूटने का कार्य चालू कर दिया गया है।
संचालकों के द्वारा आम जनता को खुलेआम लूटने का कार्य इसलिए कहा जा सकता है कि संचालकों द्वारा टॉकीज में एक ऐसे कंपनी का मिनरल वाटर का विक्रय किया जा रहा है जिसके आधे लीटर की कीमत ?60 है सोचिए जहां बिसलरी , किनली खुले बाजार में ?20 में 1 लीटर मिल रहे हैं वही भिलाई के सिविक सेंटर में मिराज टॉकीज में ह्यष्द्ध2द्गश्चश्चद्गह्य नामक मिनरल वाटर के आधा लीटर पानी की कीमत ?60 है. टाकिज संचालकों द्वारा बाहर से किसी भी तरह का पानी नहीं ले जा सकने का हवाला दिया जाता है जिसके कारण मजबूरी वश आम जनता को इस महंगे पानी का क्रय करना मजबूरी हो जाता है जहां आम जनता 140-160 रूपये की टिकट लेकर फिल्म देख रहा हो वही ?60 का पानी खरीदना पड़ रहा है इसे लूट नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे हालांकि टॉकीज संचालकों द्वारा इसे अपने नियमों में जोड़ दिया गया है और कानून से बचने का पूरा इंतजाम कर लिया है किंतु वहीं अगर संचालकों द्वारा अन्य कंपनी के वाटर विक्रय किया जाता है जिनकी बाजार कीमत ?20 प्रति लीटर है तो आम जनता को ?40 की राहत मिल जाती है किंतु आम जनता मजबूर है और आंखों देखी ठगी का शिकार हो रही है क्या प्रशासन और समाज सेवी संस्थाएं इस दिशा में कोई सार्थक पहल करेंगी या पानी का यह खेल निरंतर जारी रहेगा...