April 16, 2024
Hindi Hindi
शौर्यपथ

शौर्यपथ

केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही गरीबों को मिलेगा उनका आवास
  रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा  सरकार से पूछा 18 लाख गरीब परिवारों का प्रधानमंत्री आवास कहां है?  मोदी सरकार ने 18 लाख आवास को अभी तक स्वीकृत क्यों नहीं किया? भाजपा ने प्रदेश के 18 लाख गरीब परिवारों को आवास देने के नाम से धोखा दिया है. विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने गरीबों को भड़काने के लिए उनको 18 लाख आवास देने का सपना दिखाया था, जो अब सरासर झूठा निकला है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बने 5 महीना होने जा रहा है लेकिन 18 लाख दूर की बात है मोदी सरकार ने 18 लोगों के लिए भी आवास स्वीकृत नहीं किया है. और उल्टा साय सरकार ने कांग्रेस सरकार के दौरान स्वीकृत आवास जिसकी पहले किस्त का भुगतान हो चुका था उनकी दूसरी किस्त की राशि को भी दूसरे मदों पर खर्च कर दिया. गरीबों के निर्माणाधीन मकान को रोकने का काम किया है.
  प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर गरीबों के खुद के मकान का सपना पूरा होगा. मनमोहन सरकार के दौरान 10 साल में देशभर में 4 करोड़ 5 लाख से अधिक आवास गरीबों को दिया गया था. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने 5 वर्षों में 10 लाख से अधिक आवास बनाकर गरीब परिवार के खुद के घर के सपना को पूरा किया था  और शेष 8 लाख से अधिक आवास के लिए 3200 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का बजट में स्वीकृत किया था. उक्त राशि को भी साय सरकार कहीं और खर्च कर दिया है.
   प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी की गारंटी मतलब धोखा ठगी और जुमला होता है. बीते 10 वर्ष में देश की जनता और 4 महीने से प्रदेश की जनता उस ठगी के शिकार हुई है. जनता अब भाजपा नेताओं के चाल चरित्र चेहरा को समझ चुकी है उनके कथनी और करनी को जान चुकी है. अब कांग्रेस की गारंटी पर जनता भरोसा कर रही है.

महासमुंद / शौर्यपथ / प्रदेश के हाई प्रोफाइल सीट के रुपमे महासमुंद लोकसभा सीट की गिनती होती है इस लोकसभा से कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने चुनावी जंग मुतर कर हार और जीत का स्वाद लिया है . शुल्क बंधुओ का प्रदेश की राजनितिक में गहरी छाप थी २००४ के बाद इस सीट पर अजीत जोगी के चुनावी जंग में उतरने और एक जीत एक हार के बाद गत लोकसभा में भाजपा का कब्ज़ा रहा . वर्तमान में इस चुनाव में कांग्रेस ने अपने सबसे ज्यादा अनुभवी नेता प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा है वही भाजपा ने पूर्व विधायक , संसदीय सचिव , जिला पंचायत सदस्य का अनुभव रखने वाली श्रीमती रूप कुमारी चौधरी को मैदान में उतारा है .
   महासमुंद लोकसभा सीट कई सियासी समीकरणों के बीच दिग्गजों की हार का साक्षी रहा है । पिछले तीन चुनावों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है । 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार मोतीलाल साहू के हार के बाद से यह सीट भाजपा के पाले में है, खास बात में ये है कि राज्य बनने के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल भाजपा के उम्मीदवार थे उनके सामने कांग्रेस ने अजीत जोगी को चुनावमें उतारा । दुर्घटना में घायल हो जाने के बावजूद जोगी जीते । इसके बाद से यह सीट भाजपा जीतरही है । कांग्रेस ने 2014 में फिर से एक बार भाजपा के चन्दूलाल साहू के सामने अजीत जोगी को चुनाव में उतारा इस चुनाव में 11 चन्दूलाल को उतारने की रणनीति भी कांग्रे को जीत नही दिला सकी इस बार रणनीति भी कांग्रेस को जीत नही दिला सकी । इस बार मुकाबला भाजपा के रूप कुमारी चौधरी और पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू के बीच है ।
 ओ.बी.सी. विरूद्ध ओ.बी.सी.
लोकसभा महामसुंद क्षेत्र के लिए भाजपा व कांग्रेस से नामांकन दाखिले का कार्य हो चुका है । भाजपा ने इस बार ओ.बी.सी. वर्ग के महिला बसना क्षेत्र से रूप कुमारी चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस से ताम्रध्वज साहू को अपना प्रत्याशी बनाकर भाजपा की चुनौती को स्वीकार किया है ।
 प्रत्याशी तय होते ही दोनों पार्टी में नाराजगी भी खुल कर सामने आई है । कांग्रेस से दावेदारी कर रहे किसान नेता चन्द्रशेखर शुक्ला ने कांग्रेस छोड़ पार्टी को झटका दिया हैं । वही भाजपा में विधानसभा चुनाव के समय दिग्गज नेताओं की अनदेखी कर जोगी कांग्रेस से आये रोहित साहू को प्रत्याशी बनाया था । लोकसभा चुनाव में भी दिग्गज नेताओं की अनदेखी किये जाने से नेताओं में नाराजगी तो है भाजपा सत्ता में होने के साथ ही अनुशासन में सख्त है, नाराजगी खुलकर सामने नही आ रही है ।
 महासमुंद लोकसभा सीट का विश्लेषण
  2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से ज्यादा वोट कांग्रेस के पास इस लोकसभा सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र है । दोनोदल से 4-4 विधायक है, कांग्रेस से खल्लारी, धमतरी, विन्द्रानवागढ़, सरायपाली, भाजपा से कुरूद, बसना, राजिम, महासमुंद, विधानसभा में चुनाव में कांग्रेस ने कुल 6 लाख 97187 वोट हासिल किये वही भाजपा ने 6 लाख 87909 मत हासिल किये । कांग्रेस ने 9278 मत ज्यादा हासिल किये है ।
मोदी की गारंटी नही चला तो फायदा उठा सकती है कांग्रेस
  महासमुंद लोकसभा क्षेत्र साहू समाज का वोट बैंक है राजिम, धमतरी, महासमुंद, खल्लारी व कुरूद इन पांच विधानसभा सीटो पर साहू समाज का ज्यादा प्रभाव है, इस बार सांसद चुन्न्ीलाल साहू दो बार के सांसद चंदूलाल साहू पूर्व मंत्री चन्द्रशेखर साहू आदि नेताओं को दर किनारा कर पाटी ने महिला वंदन कार्ड खेल दिया। कांग्रेस अब कौन सी रणनीति बनाकर मोदी की गारंटी को मात देगी ?
साहू प्रत्याशी के जरिए क्या कांग्रेस अपनी परम्परागत सीट हासिल करेगी?
   1957 से इस सीट पर 18 सांसद बने । सबसे ज्यादा 7 बार सांसद बनने का रिकार्ड स्व.विद्याचरण शुक्ल के नाम दर्ज है । उन्होंने 1989 का चुनाव जनता दल के बैनर से चुनाव जीतकर भाजपा व कांग्रेस दोनों को लोहा मनवाया था । 1991 में भाजपा ने चन्द्रशेखर साहू को प्रत्याशी बनाया लेकिन संत पवन दीवान की लोकप्रियता को कांग्रेस ने भुना लिया । 1996 में भी दोनों का सामना हुआ इस बार भी कांग्रेस जीती, तीसरी बार 1998 के चुनाव में पवन दीवान को मात देने में चन्द्रशेखर साहू सफल रहें । कांग्रेस ने 1999 में श्यामाचरण शुक्ल को तो 2004 में अजीत जोगी को उतार कर सीट बचाती रही । लेकिन 2009 के बाद लगातार साहू प्रत्याशी महासमुंद सीट पर भाजपा का परचम लहराते रहे । 2009 व 2014 में चन्दूलाल साहू 2019 में चुन्नीलाल साहू सांसद बने ।
 महासमुंद लोकसभा सीट पर अन्य दलों के दावेदार व निर्दलीय है । लेकिन प्रमुख मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में है । कांग्रेस से ताम्रध्वज साहू व भाजपा से रूप कुमारी चौधरी ने बड़े धूमधाम से नामांकन दाखिल किया है । दोनों दल कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में लगे हुऐ है । लोकसभा क्षेत्र के लिए विन्द्रानवागढ़ क्षेत्र से भाजपा हमेशा लीड मिलती रही है । लेकिन क्षेत्रवासी सांसदों की निष्क्रियता से नाराज है । वहीं विन्द्रानवागढ़ में इस बार कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात दी है ।

 महासमुंद / शौर्यपथ / महासमुंद सीट से इस बार कांग्रेस से प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू मैदान में है वही भाजपा से श्रीमती रूप कुमारी चौधरी मैदान में है . एक ओर जहाँ कांग्रेस प्रत्याशी का लंबा राजनैतिक अनुभव और कुशल संगठात्मक क्षमता है साथ ही विधायक और सांसद के रूप में लम्बे अनुभव के करण स्थिति मजबूत नजर आ रही है वही भाजपा से श्रीमती रूप कुमारी चौधरी जिला पंचायत सदस्य , विधायक के रूप में जन्प्रतिनिधितव कर चुकी है वही प्रदेश में भाजपा की सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे के साथ चुनावी जंग में कडा मुकाबला की चर्चा आम है . इन सबके बिच एक रोचक तथ्य भी इस सीट के साथ जुडी है जिसकी पुरे देश में चर्चा रही है .
  बात साल 2014 के चुनाव मे महासमुंद लोकसभा सीट से 11 चन्दू साहू चुनाव मैदान मे उतरे थे, भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी चन्दूलाल साहू के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे 07 चन्दूलाल साहू एवं 03 निर्दलीय प्रत्याशी चन्दूराम साहू चुनाव लड़े थे.  इस प्रकार कुल 11 चन्दू साहू नाम के प्रत्याशियों की चर्चा देश भर मे हुई थी. भाजपा ने इसे कांग्रेस प्रत्याशी अजीत जोगी का कारनामा और साजिश बताया था. इस चुनाव मे छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी 1217 मतों से चुनाव हार गए थे. छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहले लोकसभा चुनाव सन् 2004 मे महासमुंद लोकसभा से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी कांग्रेस के उम्मीदवार थे . उनके सामने विद्याचरण शुक्ल भाजपा प्रत्याशी के रूप मे चुनाव मैदान में थे. चुनाव अभियान के दौरान अजीत जोगी का वाहन देर रात पेड़ से टकरा गया था.  इस दुर्घटना मे अजीत जोगी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके बाद अजीत जोगी चुनाव प्रचार से बाहर हो गए थे. इसके बावजूद अजीत जोगी चुनाव जीत कर कांग्रेस की झोली में महासमुंद की सीट डाल दी थी .

   कोलकाता/शौर्यपथ /पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार जून के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के वादे का अभिप्राय है कि विपक्षी नेताओं को लोकसभा चुनाव के बाद सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा. देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और सात चरणों में होने वाले मतदान की शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण से होगी जबकि चार जून को मतगणना होगी.
बांकुड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की टीम स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री चुनावी सभा को संबोधित करने पश्चिम बंगाल आ रहे हैं. मुझे इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन जिस तरह से वह कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, वह अस्वीकार्य है.''
मोदी ने रविवार को उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी में रविवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दावा किया था कि वह ‘भ्रष्टाचार हटाने' की बात करते हैं जबकि विपक्ष ‘भ्रष्टाचार बचाने'की बात करता है. उन्होंने वादा किया कि चार जून के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ और अधिक सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘क्या इस तरह प्रधानमंत्री को बात करनी चाहिए? क्या होगा अगर मैं कहूं कि चुनाव के बाद भाजपा नेताओं को जेल में डाल दिया जाएगा? लेकिन मैं ऐसा नहीं कहूंगी क्योंकि यह लोकतंत्र में अस्वीकार्य है. वास्तव में ‘मोदी की गारंटी' का अभिप्राय चार जून के बाद सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डालना है.''
एनआईए की टीम पर शनिवार को भीड़ ने कथित तौर पर उस समय हमला कर दिया था, जब वह 2022 में पूर्वी मेदिनीपुर जिले में हुए धमाके के सिलसिले में दो मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार करने गई थी. इस घटना को लेकर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया और ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि संघीय जांच एजेंसी की टीम ने ग्रामीणों पर हमला किया था.

  लाइफस्टाइल /शौर्यपथ / भारतीय थाली बिना रोटी के पूरी नहीं होती है. जब गरम-गरम ताजी और मुलायम रोटी थाली में आती है तो भूख और बढ़ जाती है. आप एक की बजाय दो रोटी खा लेते हैं. असल में रोटी स्वाद के साथ आपकी सेहत का भी ख्याल रखती है. यह पेट को लंबे समय तक भरा रखती है जिससे आप ओवरइंटिंग से बच जाते हैं. लेकिन कई बार रोटी फायदे की जगह नुकसान पहुंचाती है, इसका कारण आटा गूंथते समय की जाने वाली कुछ गलतियां हैं. जिसके बारे में आज इस आर्टिकल में आपको बताएंगे.
आटा गूंथने में की जानी वाली गलती
1- कई लोग अक्सर आटा गूंथने के तुरंत बाद रोटी बना लेते हैं जबकि आपको गूथे आटे को कम से कम 15 मिनट ढ़ककर रख देना चाहिए. इसके बाद रोटी बेलना शुरू करना चाहिए. इससे रोटी फुली और मुलायम बनेगी.
2- वहीं, रोटी कभी नॉन स्टिक तवे पर नहीं बनानी चाहिए, बल्कि लोहे वाले पैन पर बनानी चाहिए.
3- इसके अलावा आप रोटी को गरम रखने के लिए एल्युमिनियम फॉयल का इस्तेमाल न करें. यह भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है.
4- वहीं, आटा चक्की का पिसा हुआ ही खाएं, पैक्ड आटा भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. गेहूं की बजाय आप मल्टीग्रेन आटा खाएं. यह हेल्थ के लिए अच्छा होता है. सबसे जरूरी बात आटा कम से कम 10 मिनट तक गूंथें, तभी रोटी अच्छी बनेगी.

नई दिल्ली/शौर्यपथ /भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणा पत्र को 'मुस्लिम लीग की छाप' और 'झूठ का पुलिंदा' बताकर तंज कसा है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा को पता है कि वो ये चुनाव हारने वाली है, इसीलिए डर से वो इस तरह की अनर्गल बात कर रही है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की है.
  इसके कुछ घंटों बाद कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ और केरल के तिरुवनंतपुरम से भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ चुनावी हलफनामे में 'गलत जानकारी' देने के लिए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, "हमने कई मुद्दे उठाए हैं. जिसमें प्रधानमंत्री ने हमारे घोषणा पत्र को 'मुस्लिम लीग की नकल' और राजीव चंद्रशेखर के चुनावी हलफनामे के बारे में बताया." पवन खेड़ा और कांग्रेस के अन्य शीर्ष नेताओं ने आज दोपहर चुनाव पैनल से मुलाकात की.
  वहीं 'मुस्लिम लीग की छाप' के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तीखी प्रतिक्रिया दी और झूठ फैलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा.
  भाजपा   और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ   पर हमला करते हुए खरगे ने कहा, ''हर कोई जानता है कि कैसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1940 के दशक में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में बंगाल, सिंध और एनडब्ल्यूएफपी (उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत) में अपनी सरकारें बनाईं."
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शनिवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में 'मुस्लिम लीग की झलक दिखती है'.
पीएम ने कहा, "कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के रूप में झूठ का पुलिंदा जारी किया. हर पन्ने पर भारत को तोड़ने की कोशिशों की बू आती है. ये आजादी से पहले के मुस्लिम लीग के विचारों को दर्शाता है."
   प्रधानमंत्री ने आज सुबह छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक रैली में उस दावे को दोहराया. इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, "कांग्रेस को बार-बार खारिज किया गया है, लेकिन वे तुष्टिकरण की राजनीति पर जोर दे रहे हैं. मैंने घोषणा पत्र देखा और आश्चर्यचकित रह गया. क्या ये उनका घोषणा पत्र है या मुस्लिम लीग का..."
खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, "मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था. मोदी-शाह के वैचारिक पूर्वजों ने 1942 में गांधी के भारत छोड़ो आह्वान का विरोध किया था, जिसकी अध्यक्षता मौलाना आज़ाद ने की थी. मोदी जी के भाषणों में आरएसएस की गंध है. बीजेपी का चुनावी ग्राफ दिन-ब-दिन गिर रहा है. इसलिए आरएसएस को अपना सर्वश्रेष्ठ मित्र मुस्लिम लीग याद आने लगा है."

पुणे/शौर्यपथ /राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने उनकी उंगली पकड़कर राजनीति में आने संबंधी नरेंद्र मोदी के 2016 के बयान का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि अब प्रधानमंत्री का ‘‘अलग रुख'' है. पवार ने संसदीय चुनावों से पहले महाराष्ट्र के पुणे जिले में बारामती लोकसभा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए ‘‘व्यक्तिगत हमले'' करने और ‘‘अलग विचारधारा वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए'' प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं केंद्रीय कृषि मंत्री था, तब मैंने गुजरात की बहुत मदद की थी. उस समय मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. मैंने यह नहीं देखा कि वह किस पार्टी से जुड़े थे. मैंने देखा कि उनके राज्य में किसानों को खुश करने की जरूरत थी और इसलिए मैंने उनकी मदद की.''
राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा, ‘‘एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि वह बारामती आना चाहते हैं. उस समय उन्होंने अपने भाषण में कहा था: पवार साहब ने मेरी उंगली पकड़ी थी और मैंने अब तक जो भी (विकास) कार्य किये हैं, उन्होंने ही मुझे सिखाये थे, लेकिन आज वह एक अलग रुख अपना रहे हैं.''
शरद पवार ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामलों का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्तिगत आलोचना करता है या अलग रुख अपनाता है, तो उसे जेल में डाल दिया जाता है. पवार ने कहा, ‘‘क्या यही लोकतंत्र है? नहीं, यह तानाशाही है.'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर सत्ता किसी एक व्यक्ति के हाथ में जाती है तो वह भ्रष्ट हो जाती है. अगर सत्ता अधिक लोगों के हाथ में होती है, तो वह गलत रास्ते पर नहीं जा सकती.''
मोदी बनाम गांधी का जवाब
बारामती की लड़ाई ‘‘पवार बनाम पवार नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी और राहुल गांधी के बीच'' होने संबंधी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हालिया बयान का जिक्र करते हुए राकांपा (एसपी) प्रमुख ने चुटकी ली कि क्या कांग्रेस नेता वोट मांगने के लिए बारामती आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘क्या वह वोट मांगने के लिए यहां आ रहे हैं? यह एक नई बात है. वे महाराष्ट्र के लिए वोट देने के बारे में बात नहीं कर रहे हैं; वे मोदी या गांधी के बारे में बात कर रहे हैं. मेरे लिए, इस चुनाव का मतलब यह देखना है कि यहां के मतदाताओं की सामूहिक शक्ति राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे कार्यों का मार्ग कैसे प्रशस्त कर सकती है.''
अजित पवार पर भी बोले
शरद पवार ने अपने भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के भाजपा से हाथ मिलाने के फैसले के बारे में कहा कि कुछ लोगों ने अतिवादी कदम उठाया. शरद पवार ने कहा, ‘‘आज भाजपा ग्रामीण इलाकों में आम लोगों और किसानों की चिंता करने वाली पार्टी नहीं है. पार्टी मुट्ठी भर लोगों की है, इसलिए आम मतदाताओं ने भाजपा के साथ जाने के लिए (अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को) वोट नहीं दिया था.'' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले राज्य विधानसभा चुनावों में बारामती के लोगों ने पूरे दिल से मतदान किया और उनका वोट (तब अविभाजित) राकांपा के नाम पर था. उन्होंने कहा, ‘‘आज, कुछ लोग उस तथ्य को भूल गए हैं और एक अलग रास्ते पर जा रहे हैं. मुझे लगता है कि यह गलत रास्ता है, उस रास्ते पर जाना बंद कर देना चाहिए और लोगों को सही रास्ते पर चलना चाहिए.''
बेटी पर ये जवाब दिया
शरद पवार ने अपनी बेटी और बारामती से मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले के समर्थन में कहा कि उन्हें इस सीट से उनकी पार्टी की उम्मीदवार के बारे में बात करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि संसद उनके बारे में बोलती है. उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रिया का नाम उन तीन सांसदों में शामिल है, जिन्होंने 90 फीसदी उपस्थिति के साथ बेहतरीन काम किया है. अब तक किसी ने भी उन पर एक भी आरोप नहीं लगाया है. मैंने उन्हें संसद में आपका पक्ष रखने के लिए नामित किया है. मैं आपसे उस (राकांपा के विभाजन के बाद उनकी पार्टी के) नए चिह्न ‘तुरही बजाते व्यक्ति' के लिए वोट करने की अपील करूंगा.'' बारामती में सुले का मुकाबला अजित पवार की पत्नी और राकांपा उम्मीदवार सुनेत्रा पवार से है. महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल से 20 मई तक पांच चरण में मतदान होना है. बारामती में सात मई को मतदान होगा.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि जो कि इस बार 8 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर लगेगी और अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात के समय 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत 9 अप्रैल को रखा जाएगा. नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद ही पावन माना जाता है. व्रत के दौरान नौ दिनों तक लोग मांस, अनाज, शराब, प्याज और लहसुन भी नहीं खाते. देश भर में नवरात्रि को बड़ी घूम धाम से मानाया जाता है. भक्त इन 9 दिनों देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा करते हैं. माना जाता है कि देवी दुर्गा ने अलग-अलग अवतार लेकर राक्षसों का अंत किया था. और भक्त उन्हे इंहीं रूपों में पूजते हैं. साल में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. एक शारदीय नवरात्रि और एक चैत्र नवरात्रि. अगर आप भी 9 दिनों तक आदिशक्ति मां दुर्गा के व्रत का पालन करने वाले हैं तो आप इन रेसिपीज को व्रत के दौरान ट्राई कर सकते हैं.
नवरात्रि व्रत में बनाएं ये स्वादिष्ट रेसिपीज-
 मखाना खीर रेसिपी :
    मखाना
    1/2 कप काजू
    2 टी स्पून घी
    सेंधा नमक
    1/2 टी स्पून इलाइची पाउडर
    3 कप दूध
    स्वादानुसार चीनी
    ड्राई फ्रूट्स , टुकड़ों में कटा हुआ
मखाना खीर बनाने की वि​धि
1.मखाने और काजू को एक पैन में थोड़ा घी डालकर रोस्ट कर लें और इसके बाद इन पर हल्का सा सेंधा नमक छिड़कें।
2.जितना जल्दी यह ठंडे हो जाएं उसमें से 3/4 मखाने और काजू के साथ थोड़ी इलाइची को ब्लेंडर में डालकर पीस लें।
3.एक दूसरा गहरा पैन लें, इसमें 2 से 3 कप दूध लें डालकर उबलने दें।
4.इसमें चीनी डालें, इसके बाद इसमें मखाने का मिश्रण डालकर अच्छे से मिलाएं।
5.इसमें अब बाकी रोस्ट किए हुए मखाने और काजू डालें।
6.इसे गाढ़ा होने तक लगतार चलाएं।
7.कटे हुए ड्राई से ​गार्निश करने के बाद आप चाहे तो खीर को गर्म या ठंडा सर्व कर सकते हैं।
कुट्टू का डोसा रेसिपी
कुट्टू का डोसा की सामग्री
    आलू की फीलिंग बनाने के लिए:
    3 (उबले हुए) आलू
    (तलने के लिए) घी
    1/2 टी स्पून सेंधा नमक
    1/2 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर
    1/2 टी स्पून अदरक, टुकड़ों में कटा हुआ
    डोसा बनाने के लिए:
    5 टेबल स्पून कुट्टू का आटा
    1/2 टी स्पून अरबी
    1/2 टी स्पून सेंधा नमक
    1/2 टी स्पून अजवाइन
    1 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर
    1 टी स्पून अदरक
    1 टी स्पून हरी मिर्च, टुकड़ों में कटा हुआ
    घी
    अजवाइन
कुट्टू का डोसा बनाने की वि​धि
आलू की फीलिंग बनाने के लिए:
1.एक पैन में घी गर्म करें, इसमें आलू ​को डालकर मैश करें, इसके बाद सभी मसाले डालकर अच्छे से मिलाएं।
2.मिश्रण को कुछ मिनट के लिए अच्छे भूनें ताकि हल्का ब्राउन हो जाएं।
3.इसको एक तरफ रख दें।
डोसा बनाने के लिए:
1.एक बाउल में अरबी को मैश कर लें इसे आटा और सेंधा नमक डालें।
2.थोड़ा सा पानी डालकर कर अच्छे से मिलाएं।
3.इसमें अजवाइन, लाल मिर्च पाउडर, अदरक और हरी मिर्च डालकर फिर मिलाएं।
4.इसमें पानी डालकर एक स्मूद बैटर बना लें।
5.एक फ्लैट पैन लें, इस घी लगाएं, कड़छी से बैटर लेकर फैलाएं।
6.कुछ देर इसे पकने दें और किनारों पर थोड़ा घी और डालें ताकि डोसा क्रिस्प बनें।
7.इसको पलट लें और दूसरी तरफ से भी सिकने दें।
8.अब इसके बीच में फीलिंग रखें और डोसे को मोड़ दें।
9.पुदीने या नारियल की चटनी के साथ डोसे को गर्मागर्म सर्व करें।
साबूदाना खीर रेसिपी
साबूदाना खीर की सामग्री
    1 कप साबूदाना
    1 लीटर दूध
    1 ½ कप चीनी
    4 इलायची
    केसर
साबूदाना खीर बनाने की वि​धि
1.कढ़ीब 15 मिनट के लिए साबूदाना को पानी में भिगोएं।
2.साथ ही दूध में चीनी और इलायची की फली डालकर उबालें।
3.इसके बाद उसमें साबूतदाना मिलाएं। थोड़ी देर बाद उसमें 1 कप पानी डालें और तब तक पकाएं जब तक साबूदाना फूल न जाए।।
साबूदाना खिचड़ी रेसिपी
साबूदाना खिचड़ी की सामग्री
    1 कप साबूदाना
    (छीलकर हल्की भुनी हुई और कुटी हुई) 1/2 कप मूंगफली
    2 टेबल स्पून घी
    1 टी स्पून जीरा
    3-4 साबुत लाल मिर्चः
    एक टहनी कढ़ी पत्ता
    2 टी स्पून सेंधा नमक
    1 टी स्पून मिर्च पाउडर
    1 टेबल स्पून हरा धनिया
    1 टी स्पून हरी मिर्च, टुकड़ों में कटा हुआ
    1 टेबल स्पून नींबू का रस
साबूदाना खिचड़ी बनाने की वि​धि
1.साबूदाना को पानी से साफ करके पानी में एक घंटे के लिए भिगोकर रख दें। ध्यान रहे पानी साबूदाना से तीन सेंटीमिटर ऊपर होना चाहिए। छन्नी में छान लें।
2.एक मोटे कपड़े पर एक घंटे के लिए फैलाकर छोड़ दें। साबूदाना से पानी पूरी तरह निकल जाना चाहिए, वरना बनाते समय साबूदाना चिपकने लगेगा।
3.अब साबूदाना, मूंगफली, नमक और मिर्च पाउडर को एक साथ मिलाएं। एक पैन में घी गर्म करें। उसमें जीरा, लाल मिर्च और कढ़ी पत्ते को तड़का लगाएं।
4.जब मिर्च हल्के गाढ़े रंग की हो जाए, तो इसमें साबूदाना डालें। हल्की आंच पर पकाएं। थोड़ी देर पका लेने के बाद इसे आंच से उतार लें।
5.ऊपर से नींबू का रस डालकर मिलाएं। गार्निशिंग के लिए हरा धनिया और हरी मिर्च का इस्तेमाल करें। सर्व करें।
व्रत वाले दही आलू रेसिपी
व्रत वाले दही आलू की सामग्री
    2 टेबल स्पून घी
    1 टी स्पून जीरा
    1 टी स्पून काली मिर्च
    2-3 आलू ( उबले हुए)
    1/2 टी स्पून सेंधा नमक
    1/2 टी स्पून घी
    1/2 टी स्पून जीरा
    1 हरी मिर्च, टुकड़ों में कटा हुआ
    1 टी स्पून अदरक
    1/2 टी स्पून काली मिर्च के दाने, मैश
    2 टी स्पून कट्टू का आटा
    1 कप दही
    1 कप पानी
व्रत वाले दही आलू बनाने की वि​धि
1.एक पैन में घी डालकर गर्म करें।
व्रत वाले दही आलू
2.जीरा डालकर भूनें।
3.इसमें क्रश की हुई काली मिर्च डालकर भूनें।
4.अब इसमें उबले हुए आलू के टुकड़े और सेंधा नमक डालकर मिक्स करें।
5.आलू को पैन फ्राई करें।
6.एक दूसरे पैन में घी लें उसमें जीरा, हरी मिर्च, अदरक और क्रश की हुई कार्ली मिर्च डालें।
7.इन्हें भूनकर इसमें कट्टू का आटा डालें।
8.सारी सामग्री को अच्छे से मिलाएं।
9.इसमें अब एक कप दही डालें साथ ही इसमें एक कप पानी भी डालें।
10.इसे अच्छे से हिलाएं।
11.अब इसमें फ्राई किए गए आलू डालकर मिलाएं।
12.हरी मिर्च से गार्निश करके सर्व करें।

नई दिल्ली/शौर्यपथ /चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज नेता प्रशांत किशोर  ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी पश्चिम बंगाल में नंबर-1 पार्टी बन सकती है. पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी ने पिछले कुछ सालों में दक्षिण और पूर्वी भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है. इस बार पार्टी को  और इस बार इसका लाभ मिल सकता है. प्रशांत किशोर ने कहा कि उनको लगता है कि बीजेपी बंगाल में नंबर-1 पार्टी बनकर उभरेगी.
बंगाल में बीजेपी के लिए प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी
प्रशांत किशोर का लोकसभा चुनाव से पहले ये कहना काफी अहम माना जा रहा है, क्यों कि उन्होंने 2021 के बंगाल चुनावों के लिए अपने अभियान में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की मदद की थी. जिससे प्रचंड जीत के साथ ममता की सत्ता में वापसी हुई थी. इस बात पर ज़ोर देते हुए कि न तो बीजेपी और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजेय हैं, प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्ष ने मौके गंवा दिए हैं. 

नई दिल्ली/शौर्यपथ /वर्ष 2006 के फर्जी मुठभेड़ मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस अफसर प्रदीप शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेशों तक उन्हें सरेंडर करने से छूट दी है. प्रदीप शर्मा की बॉम्बे हाईकोर्ट के उम्रकैद की सजा के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा. जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने शर्मा को अगले आदेश तक अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने से छूट भी दी है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 मार्च को शर्मा को फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. यह मामला छोटा राजन गिरोह के कथित सदस्य रामनारायण गुप्ता उर्फ लाखन भैया की मुठभेड़ में मौत का है. गुप्ता और उनके दोस्त को 11 नवंबर, 2006 को मुंबई के एक उपनगरीय इलाके से उठाया गया था. गुप्ता को उसी दिन  मुठभेड़ में मार दिया गया था.
मामला 2009 में दर्ज किया गया था.विशेष जांच दल ने आरोप लगाया कि एक प्रतिद्वंद्वी ने गुप्ता को मारने के लिए पुलिस को पैसे दिए थे. एसआईटी का गठन उच्च न्यायालय के उस आदेश के आधार पर किया गया था, जिसमें एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था. 5 साल की लंबी सुनवाई के बाद मुंबई की निचली अदालत ने जुलाई 2013 में शर्मा को बरी कर दिया  लेकिन 13 पुलिस कर्मियों सहित 21 लोगों को दोषी ठहराया. तीन पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी ठहराया गया, वहीं शेष 18 को उकसाने का दोषी ठहराया गया.
राज्य सरकार ने बरी करने के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए दावा किया कि मुठभेड़ फर्जी थी. पुलिस अधिकारियों ने भी अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए अपील दायर की. व्यापक सुनवाई के बाद. उच्च न्यायालय ने अंततः राज्य सरकार की दलीलों में योग्यता पाई और शर्मा को दोषी ठहराया. इसने 12 अन्य पुलिस अधिकारियों और एक नागरिक हितेश सोलंकी की सजा को भी बरकरार रखा.

Page 10 of 2466

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)