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विफलता जीवन का अंत नहीं, नए प्रयास की दरकार है

जीवन सैली /शौर्यपथ / लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती॥
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है।
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है॥
मन का साहस रगों में हिम्मत भरता है।
चढ़ कर गिरना, गिर कर चढ़ना न अखरता है॥
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती॥

हिन्दी के प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता की ये पंक्तियां "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती" इसे आज भी हम जीवन में बहुत कुछ सीख सकते हैँ। परीक्षा के रूप में आई जीवन की पहली सीढ़ी पर मिली असफल हमें डरा नहीं सकती। कई बार देख गया कि 10वीं, 12वीं जैसी छोटी क्लासेस की परीक्षाओं में भी असफल होने या मन मुताबिक परिणाम न आने पर कई छात्र निराश हो जाते हैं। उन्हें लगने लगता है कि अब वह कुछ नहीं कर पाएंगे लेकिन ऐसे वक्त यदि हरिवंश राय बच्चन इस कविता जैसा पढ़ लें और अपने जीवन में अपनाने की कोशिया करें तो शायद आप अपने को पहले से और ज्यादा सशक्त महसूस करेंगे।

इसलिए देर क्या, छोटी सी प्रेरणा के साथ फिर शुरू करें बड़े लक्ष्य का एक मजबूत प्रयास।

पैरेंट्स की भी जिम्मेदारी: बोर्ड रिजल्ट किसी प्रतियोगी परीक्षा में आपकी लाड़ली/लाड़ले को आकांक्षा के अनुरूप परिणाम नहीं मिलता तो आपकी भी जिम्मेदारी है कि उसे गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें न कि उसकी हमेशा कमियां निकालते रहें। ध्यान रखें कि बच्चों को ऐसा कुछ न कहें जिनसे उनका मनोबल टूटे।

 

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शौर्यपथ