भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक वक्र्स बी पी सिंह ने यूनिवर्सल रेल मिल में हॉट सॉ-1 एवं क्रेन क्रमाँक-412 का उद्घाटन किया। इन दोनों उपकरणों को आंतरिक संसाधनों से पूर्णरूपेण प्रारंभ किया गया। बीएसपी के रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल तथा यूनिवर्सल रेल ने संयुक्त रूप से भारतीय रेलवे द्वारा प्राप्त रेल्स के आर्डर्स को पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण करने के लिए कृत-संकल्पित है। वर्तमान वित्तवर्ष में आरएसएम तथा यूआरएम के समक्ष प्राइम लाँग रेल्स के उत्पादन में वृद्धि का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है, जिसे पूर्ण करने हेतु निरंतर प्रयासरत् है। हाल ही में भारतीय रेलवे ने कम ल बाई वाले रेल्स की अपनी माँग में कमी कर दी है। भारतीय रेलवे की लाँग रेल्स की माँग को ध्यान में रखते हुए यूआरएम ने ल बी रेल्स की उत्पादकता बढ़ाने, नुकसान को कम करने और 130 मीटर ल बी रेल्स के उत्पादन में वृद्धि हेतु लगातार प्रयास कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि यूआरएम परियोजनाओं के प्रारंभ में हॉट सॉ-1 एवं क्रेन क्रमाँक-412 जैसे उपकरणों का आंशिक रूप से कमीशन किया गया। स्पेयर्स की अनुपलब्धता के कारणों से इन उपकरणों की पूर्ण कमीशनिंग नहीं हुई थी। इन दोनों उपकरणों को आंतरिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए पूर्णरूपेण प्रचालन प्रारंभ कर दिया गया है। मु य महाप्रबंधक (यूआरएम) पी मुरगेसन के मार्गदर्शन में अनुभागीय प्रमुख महाप्रबंधक (ऑपरेशन) एम वी के रामप्रसाद, महाप्रबंधक (मेकेनिकल) प्रकाश बोन्डेकर एवं महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल) अनिश सेनगुप्ता की टीम ने आंतरिक संसाधनों और विशेषज्ञता के साथ इन दोनों महत्वपूर्ण उपकरणों के प्रचालन को प्रारंभ करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। बीडी-2 स्टैंड के बाद लगे हॉट सॉ-1 द्वारा ब्लू स के अधिक ल बाई/अधिक वजन को कटिंग किया जाता है। अगर यह कटिंग न की जाए तो परिणामस्वरूप लंबाई बढऩे के कारण रेल रोलिंग में कोबल्स की समस्या उत्पन्न होती थी जिसे निकालने में अधिक समय लगता था जिससे उत्पादन में कमी आती थी। इसके अलावा जब अधिक वजन वाले ब्लू स को भट्टी में चार्ज किया जाता है उसे वापस लौटा दिया जाता है, जो उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता था और रोलिंग को बाधित करता था।