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शिक्षकों की विषयवार भर्ती के लिए छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

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    दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के 11 जुलाई के फैसले से पूरे प्रदेश में शिक्षक जगत और पालक वर्ग के द्वारा विरोध की स्वर सुनाई दे रही थी, क्योंकि सरकारी स्कूलों में बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का एकमात्र रास्ता भी बंद कर दिया गया था, वैसे ही सरकारी स्कूलों में पढ़ाई चैपट है, क्योंकि प्रशिक्षित शिक्षकों और विषय विशेषज्ञों की भारी कमी है। अब सरकार ने विषय बाध्यता को समाप्त कर पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर दिया था।
शिक्षाविद् भी पहले की व्यवस्था को सही बता रहे है, क्योंकि शिक्षकों की विषयवार भर्ती किया जाना चाहिए, अन्यथा प्रमोशन में परेशानी आएगी,क्योंकि टेट परीक्षा विषय आधारित होता है, और बीएड ट्रेनिंग भी विषय आधारित होता और प्रमोशन भी विषय आधारित होता है, इसलिए सरकारी मिडिल स्कूलों का सेटअप भी विषय आधारित बनाया गया है, लेकिन सरकार के इस फैसले से सब हैरत में है।
     छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने हाईकोर्ट में अब याचिका दायर कर सरकारी मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की विषयवार भर्ती की मांग किया गया है, क्योंकि उनका कहना है कि शिक्षा का अधिकार कानून में मिडिल स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की भर्ती का प्रावधान है, इतना ही नहीं 11 अगस्त 2023 को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में कहा गया कि यदि हम शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता करते हैं तो बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अर्थहीन हो जाती है। हमें सर्वोत्तम योग्य शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए। श्री पॉल का कहना है की सरकार का विषय बाध्यता समाप्त करने का फैसला आरटीई कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परस्पर विरोधी है।

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शौर्यपथ