December 12, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

      दुर्ग / शौर्यपथ / शक्ति नगर क्षेत्र में प्रदूषित पानी से होने वाली महामारी एवं अन्य बीमारी से बचाव के लिए नगर निगम दुर्ग ने बेहतर प्रबंधन का कार्य करते हुये शक्ति नगर तालाब से प्रदूषित पानी को खाली कराया । अब शक्ति नगर तालाब से खाद युक्त मिट्टी को बाहर निकाला जा रहा है। नगर निगम की विभागीय बेहतर प्रबंधन से कार्यपालन अभियंता राजेश पाण्डेय के नेतृत्व एवं सहा0 अभियंता जगदीश केशरवानी स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता के सहयोग से कम समय में प्रदूषित पानी को खाली किया गया।
       उल्लेखनीय है कि औद्योगिक नगर वार्ड 17 में स्थित शक्ति नगर तालाब का पानी प्रदूषित होने के कारण मछलियां मर रही थी पानी से बदबू आ रहा था। वार्ड निवासियों की सूचना एवं मांग पर विधायक अरुण वोरा एवं महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा शक्ति नगर तालाब का निरीक्षण किया गया । उनके निर्देश के परिपालन में निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन द्वारा शक्ति नगर तालाब सफाई के लिए दल का गठन किया गया। निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के मार्गदर्शन में शक्ति नगर तालाब की सफाई कार्य निगम से व्यवस्था करने निर्देशित किया गया । निगम के अधिकारियों ने शक्ति नगर तालाब से प्रदूषित पानी खाली करने पहले एक पम्प लगाया गया, तालाब से पानी खाली होने में समय लग रहा था । निगम आयुक्त श्री बर्मन ने और पम्प लगाने निर्देश दिये। निगम अधिकारियों के नेतृत्व में चार मोटर पम्प लगाकर तालाब से प्रदूर्षित पानी को जल्द से जल्द खाली किये। कार्यपालन अभियंता श्री पाण्डेय ने बताया तालाब से गंदा पानी खाली करने में मोहल्ले वााियों ने पूरा सहयोग दिया। अब निगम की चैनमाउंटेन मशीन से शक्ति नगर तालाब का गहरीकरण करने के साथ खाद युक्त मिट्टी को बाहर निकाला जा रहा है। जिस किसी भी किसान भाईयों, सब्जी बा?ी वालों काके खाद युक्त मिट्टी की आवश्यकता हो वे खाद युक्त मिट्टी नि:शुल्क ले जा सकते हैं।

  भिलाई / शौर्यपथ / फोरलेन सड़क पर कुम्हारी पावरग्रिड के पास सड़क हादसे में मोटर साइकिल सवार व्यक्ति की मौत हो गई। मतक तापस पालित पिता स्व. कार्तिकचंद (55 वर्ष) वार्ड 14 हाउसिंग बोर्ड कालोनी कुम्हारी का रहने वाला था। मामले में कुम्हारी पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ अपराध कायम कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक तापस पालित हथखोज स्थित हंस इंजीनियरिंग में नौकरी करता था। मंगलवार की शाम 7 बजे के आसपास वह कार्यस्थल से अपने घर कुम्हारी मोटर साइकिल क्रमांक सीजी 07/5126 में लौट रहा था। तभी पावरग्रिड के पास किसी अज्ञात वाहन ने उसे चपेट में ले लिया। सूचना पर पहुंची कुम्हारी पुलिस ने गंभीर हालत में सड़क पर पड़े तापस पालित को सुपेला शासकीय अस्पताल भिजवाया। जहां चिकित्सकों ने मौत हो जाने की पुष्टि कर दी। आज पोस्ट मार्टम के बाद कुम्हारी के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया। तापस पालित के दुर्घटना में मौत पर कुम्हारी बंग समाज के अध्यक्ष प्रदीप सान्याल सहित अन्य पदाधिकारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए जनकल्याणकारी निर्णयों का कांग्रेस ने स्वागत किया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी के पुण्यतिथि 21 मई से किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान की अंतर राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के 18 महीने के कार्यकाल में भाजपा राजनीतिक हताशा के दौर से गुजर रही है, मुद्दा विहीन हो चुकी भाजपा केंद्रीयशक्तियों का दुरुपयोग कर किसान विरोधी कृत्य की कूट रचना करने में लगे थे।
    राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मोदी भाजपा के किसान विरोधी नीयत और नीति दोनों पर स्थाई विराम लगेगा। हर साल किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलेगा।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने कोरोना महामारी संकट काल में आम जनता के हित में अनेक कल्याणकारी फैसले किए हैं। जिसका लाभ सभी वर्गों को मिलेगा स्कूलों में 10वीं 11वीं 12वीं तक आरटीआई पाठ्यक्रम शुरू होने से पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास भी होंगे।
   कोरोना संकट के कारण खड़ी बस और ट्रक का मासिक टैक्स में माफ ,जमीनों की खरीदी बिक्री पर सरकारी गाइडलाइन में 30 पर्सेंट की छूट की अवधि को 1 साल बढ़ाना एवं प्रदेश भर में 40 उत्कृष्ट हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यमों के स्कूल खोले जाने का निर्णय, मोर जमीन-मोर मकान योजना के तहत 40 हजार अतिरिक्त आवास बनाने एवं मोर आवास-मोर चिन्हारी योजना से किराएदारों को भी न्यूनतम दर में खुद का मकान होगा।

     भिलाईनगर / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम, भिलाई के हाउसिंग बोर्ड एवं फरीदनगर क्षेत्र में निगम की टीम, पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम कंटेनमेंट जोन में वहां की गतिविधियों पर नजर रख रही है! जोन आयुक्त सुनील अग्रहरि ने जोन क्रमांक 02 के अंतर्गत घासीदास नगर वार्ड क्रमांक-27 एवं हाउसिंग बोर्ड वार्ड 26 के क्षेत्र में सतत निगरानी रखी हुई है और गतिविधियों पर नजर रखने तथा क्षेत्र में कोई परेशानी न हो इसके लिए कर्मचारी की नियुक्ति की गई है इसी प्रकार से फरीदनगर में भी की गई है!
वार्ड में अस्थाई केम्प आॅफिस स्थापित करते हुए जितेन्द्रनाथ तिवारी प्रभारी सुपरवाईजर, सुगम दास प्लेंसमेंट सुपरवाईजर की ड्यूटी सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक कैंप आफिस कर्मा मंदिर निगम पंडाल घासीदास नगर में, अनुप गजेन्द्र पम्प सहायक, संतोष कुमार प्लेसमेंट सुपरवाईजर को दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक कैंप आफिस कर्मा मंदिर निगम पंडाल घासीदास नगर में, प्रकाश अग्रवाल राजस्व निरीक्षक, चतुर चन्द्राकर पम्प सहायक को सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक पीली पानी टंकी निगम पण्डाल हाउसिंग बोर्ड वार्ड 26 में, रामकुमार प्रभारी सुपरवाईजर, अनिल सौदागर प्रभारी सुपरवाईजर को दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक पीली पानी टंकी निगम पण्डाल हाउसिंग बोर्ड वार्ड 26 में ड्यूटी लगाई गई है! इन क्षेत्रों की सतत मॉनिटरिंग के लिए पुरुषोत्तम सिन्हा, उप अभियंता को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
कंटेनमेंट घोषित क्षेत्र में स्वच्छता कर्मचारियों द्वारा सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल का छिड़काव कर सैनिटाइज करने का कार्य किया जा रहा है!
विदित है कि सूचना प्राप्त होते ही फरीद नगर में आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी द्वारा रात्रि में 3 घंटे तक पूरे क्षेत्र का अवलोकन कर अधिकारियों को निर्देशित किया गया था! इन क्षेत्रों के जोन आयुक्तों ने बताया कि यहां पर की सभी दुकानें बंद रखी गई है और गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है! अस्थाई कैंपों में पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद है!

  रायपुर / शौर्यपथ / कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ और कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक पैकेज की घोषणा की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। प्रधानमंत्री मोदी ने कल 2000000 करोड रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी और यह कहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे आज से घोषित करेंगी। इसी परिपेक्ष में आज पहली घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की जो बेहद निराशाजनक रही।
वर्ल्यानी ने कहा है कि देश का आम आदमी भूख प्यास और बेबसी के शिकार प्रवासी मजदूर और वित्तीय संकट का सामना कर रहे लघु उद्योग इकाइयों को बड़ी आशा थी कि आज वित्त मंत्री की घोषणा से उन्हें कोई राहत मिलेगी लेकिन दुर्भाग्य से आज की वित्त मंत्री की घोषणा में ऐसा कुछ भी नहीं था । करोना और लॉक डाउन के कारण देश के जिन मजदूरों किसानों ठेले वालों खोमचे वालों छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी छिन गई और जो सड़क पर आ गए हैं उनके लिए इस वित्तीय पैकेज में कुछ भी नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पूरा फोकस उद्योगों पर था और उद्योगों को भी केवल ऋण बढ़ाया गया है। किसी प्रकार की कोई राहत उद्योगों को भी नहीं पहुंचाई गई। भारत में 45 लाख लघु और अति लघु उद्योग इकाइयां हैं जिनसे लॉक डाउन के पहले 12 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता था । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन इकाइयों के लिए तीन लाख करोड़ के लोन की घोषणा मात्र की है ।
ऋण को राहत कहना गलत है। अनुभव यह बताता है कि सरकारी घोषणाओं के बावजूद बैंकों द्वारा लघु उद्योग इकाइयों को ऋण नहीं दिया जाता। वित्तमंत्री की कोरी घोषणा से कुछ नहीं होगा। इसका जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन आवश्यक है जिसका दुर्भाग्य से मोदी सरकार में अभी तक अभाव है । वित्त मंत्री के पास इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं था कि लघु उद्योग इकाइयां यह ऋण लेकर क्या करेंगे जब उनके पास काम करने वाले मजदूर और कच्चा माल ही नहीं है और इन ऋणों को यह लघु उद्योग इकाइयां पटायेंगी कैसे ?
वर्ल्यानी ने कहा है कि आज स्वयं वित्त मंत्री को पत्रकार वार्ता में यह स्वीकार करना पड़ा कि उद्योग इकाइयां करोना संकट के कारण कच्चे माल और मजदूरों की अनुपलब्धता के कारण ऋण नहीं उठा रही हैं । ऋण लघु उद्योग इकाइयां तभी उठाएंगी जब उनके माल की खपत सुनिश्चित हो । वर्तमान में खपत सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने और वित्त मंत्री ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। गृह निर्माण और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में मजदूरों की कमी की स्थिति बनी हुई है और सबसे बड़ी बात इन क्षेत्रों में मांग ही नहीं है। इन इकाइयों के लिये अभी ऋण लेना और बाद में जब बैंक ऋण वापस मांगेंगे तो ऋण पटाने की स्थिति नहीं होना, इन इकाइयों के लिए आत्मघाती स्थिति होगी।
जब तक मजदूर किसानों लघु उद्यमियों छोटे दुकानदारों के खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर नहीं होगा तब तक अर्थव्यवस्था का उठाव और मांग बढ़ना संभव ही नहीं है। इस तथ्य को मोदी सरकार स्वीकार करना तो दूर समझ ही नहीं पा रही है।
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाएं किसी भी प्रकार से राहत पैकेज नहीं है बल्कि अधिक से अधिक लोन पैकेज मात्र है जिसमें बैंकों के माध्यम से लघु उद्योग इकाइयों के लिए ऋणों की घोषणा की गई है । लेकिन यह ऋण पटेंगें कैसे और इन लघु उद्योग इकाइयों की उत्पादों की मांग कैसे बढ़ेगी इस बारे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कुछ भी नहीं कहा गया है ।
प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि यही इस पैकेज की सबसे बड़ी विफलता है। आर्थिक पैकेज में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा टीडीएस के दरों में कमीऔर इनकम टैक्स रिफंड में छूट का दावा करना बेहद हास्यास्पद है । यह तो आयकर दाताओं का ही पैसा है और इसमें किसी भी प्रकार की छूट वित्त मंत्रालय द्वारा नहीं दी गई है । लोगों के पैसों से करदाताओं के पैसों से उन्हीं को छूट देने का दावा करना पूरी तरीके से गलत है और यह तो सीधे-सीधे आंखों में धूल झोंकना है।
कुल मिलाकर आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तमाम घोषणायें सिर्फ और सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है और इनसे मजदूरों को किसानों को फुटकर व्यापारियों को लघु उद्योगों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल सकेगी।

जानकारी छुपाने पर सागर ट्रेडर्स पर की गई कार्रवाई
10 रूपए प्रति किलो की दर से विक्रय करने के आदेश
खाद्य विभाग द्वारा कंट्रोल रूम नंबर जारी


      राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के निर्देशानुसार जिले में नमक एवं उसके उपभोक्ता मूल्य की निगरानी के लिए तीन टीम का गठन किया गया है। जिसमें खाद्य अधिकारी, सहायक खाद्य अधिकारी एवं खाद्य निरीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदारए नायब तहसीलदार शामिल है। टीम द्वारा आज 13 मई 2020 को नगर निगम क्षेत्र राजनांदगांव के विभिन्न थोक प्रतिष्ठानों की जांच की गई। निरीक्षण के दौरान थोक व्यापारियों को अपने व्यापार स्थल पर नमक के उपलब्ध स्टॉक एवं थोक विक्रय मूल्य की जानकारी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए।
       निगरानी टीम द्वारा सागर ट्रेडर्स राजनांदगांव का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जांच में पाया गया कि व्यापारी द्वारा विगत दो दिनों से गोदाम की जानकारी छुपाई गई है। अन्य माध्यमों से गोदाम की जानकारी प्राप्त होने पर जांच की गई। जिसमें 29 बोरी खड़ा नमक (भर्ती 20 किलो प्रति बोरी), 29 बोरी ताजा नमक (भर्ती 25 किलो प्रति बोरी) एवं लूज 1 क्विंटल जप्त कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
कलेक्टर मौर्य ने नमक के खुदरा विक्रय दर के संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि नमक के पैकेट में उल्लेखित अधिकतम अंकित मूल्य से अधिक दर पर नमक का विक्रय नहीं किया जाएगा। ऐसे         नमक के पैकेट जिसमें अधिकतम विक्रय मूल्य अंकित नहीं है, उसे 10 रूपए प्रति किलो की दर से विक्रय करने के आदेश दिए गए है।
खाद्य अधिकारी के. के. सोमवार ने नागरिकों से निर्धारित दर से अधिक दर पर विक्रय किए जाने एवं अवैध गोदामों की जानकारी खाद्य विभाग के कंट्रोल रूम नंबर 7898410930 पर देने की अपील की है।

         दुर्ग / शौर्यपथ / भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के संकटकाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में विकास को गति प्रदान करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि देशवासियों के लिए यह 20 लाख करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज देश की जीडीपी के लगभग 10% के बराबर है मैं इस अभूतपूर्व व ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करती हूं एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का कोटि कोटि अभिनंदन करती हूँ।
सांसद सरोज पाण्डेय ने कहा कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र के साथ कार्य करते हुए मोदी सरकार ने हमेशा देशवासियों के हित में निर्णय लिया है और यह 20 लाख करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज इस बात का परिचायक है। मोदी सरकार की इस घोषणा से देश के सभी वर्ग, गांव, गरीब, किसान, व्यापारी, मध्यम वर्गीय को बड़ी राहत मिलेगी और इसके साथ ही देश का हर वर्ग सशक्त व आत्मनिर्भर बनेगा।
        आज देश की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी व वित्त राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के देश को आत्मनिर्भर बनाने के स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए महती कार्ययोजना का एलान किया है। इस कार्ययोजना के तहत देश के सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर एम.एस.एम.ई. को सबसे ज्यादा राहत दी गयी है क्योंकि इस सेक्टर में देश के 10 करोड़ से ज्यादा लोग कार्यरत हैं। इस सेक्टर को दी जाने वाली बड़ी राहतों में 3 लाख करोड़ रुपए का कोलेटरल फ्री ऑटोमैटिक लोन का प्रावधान है, जिसमे किसी को अपनी ओर से किसी तरह की गारेंटी देने की जरूरत नही है। इससे इस सेक्टर में नगदी की कमी खत्म होगी तथा उन्हें पुनः कार्य शुरू करने में सहुलियत होगी जिससे इस पर निर्भर लोगो को रोजगार मिलेगा।
          इसके साथ ही 20 हजार करोड़ रुपए का सुबॉर्डिनेट लोन दिया जाएगा। इससे 2 लाख से ज्यादा यूनिट को लाभ मिलेगा। एम.एस.एम.ई फण्ड ऑफ फंड्स के जरिए 50 हजार करोड़ रुपए का इक्विटी इंफ्यूजन जो एमएसएमई अच्छा कर रहे है ओर वो बिज़नेस का विस्तार करना चाहते है, लेकिन सुविधा नहीं मिल पा रही है, उनके लिए फण्ड ऑफ फंड्स के जरिये फंडिंग मिलेगी। अब एमएसएमई के हित मे इसकी परिभाषा बदल दी गयी है और यह बदलाव मैन्युफैक्चरिंग व सर्विस दोनों इंडस्ट्रीज पर लागू होंगे, 01 करोड़ रुपए तक निवेश करके 5 करोड़ तक का व्यापार करने वाली इंडस्ट्री सुक्ष्म, 10 करोड़ रुपए तक निवेश और 50 करोड़ तक व्यापार करने वाली इंडस्ट्री लघु, जबकि 20 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ तक का व्यापार करने वाली इंडस्ट्री मध्यम कहलाएगी। 200 करोड़ रुपए तक की सरकारी खरीद में अब ग्लोबल टेंडर नहीं होगा तथा देश के उत्पादकों से ही यह खरीदी की जाएगी। इससे लोकल के लिए वोकल के मंत्र को मजबुती मिलेगी।
         सभी एमएसएमई को ई-मार्केट लिंकेज किया जाएगा जिससे उनके उत्पादों के प्रचार प्रसार में उन्हें सहायता मिलेगी। निर्माण क्षेत्र को नई मजबूती प्रदान करने तथा क्षेत्र में लगे मजदूरों का रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी कॉन्ट्रेक्टरों को बिना शर्त 06 महीने का सरकार एक्सटेंशन देगी। इसके आगे राहत देते हुए कंपनियों की पीएफ में हिस्सेदारी को 12% की जगह 10% तक कर सकेंगे जिससे कंपनियों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी। साथ ही टीडीएस रेट में 25% की कमी की गई है जिससे आम लोगो को लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा तथा यह पैसा सीधे उनके हाथ में जा सकेगा। इससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी।
यह तो सिर्फ पहला कदम है देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए। आने वाले दिनों में सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में और भी राहत प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश संकटकाल को भी अवसर बनाकर विश्व के सिरमौर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है!

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन झेल रहे देश की आर्थिक हालत सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. इसी को आर्थिक पैकेज को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. वह इस पैकेज के बारे में विस्तार से बताएंगी.
मंगलवार की रात 8 बजे देश के नाम संबोधन देने आए पीएम मोदी ने कहा कि इस पैकेज का इस्तेमाल देश के हर वर्ग किसान, मजदूर, लघु उद्योगों और कामगारों की मदद के लिए मदद किया जाएगा. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा नहीं रोका जा सकता है. अब हमें दो गज की दूरी और तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इसके साथ ही रहना सीखना होगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से जंग अभी लंबी चलने वाली है. फिलहाल पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज के ऐलान के बाद लोगों के मन में चार सवाल हैं जिसे वे जानना चाहते हैं.
आपके हिस्से में कितने
अगर भारत की आबादी 133 करोड़ (1,33,00,00,000 - 133 के बाद सात शून्य) मानी जाए, तो इस हिसाब से हर एक के हिस्से में 15,037.60 रुपये आएंगे. अगर आबादी 130 करोड़ (1,30,00,00,000 - 13 के बाद आठ शून्य) मानी जाए, तो इस हिसाब से हर एक के हिस्से में 15,384.60 रुपये आएंगे. हालांकि यह एक बात साफ कर दें कि यह आर्थिक प्रति व्यक्ति के हिसाब से नहीं बांटा जाएगा, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
देश की कुल जीडीपी का कितना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लडख़ड़ाई अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूती देने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के जिस प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा मंगलवार को की वह दुनिया में विभिन्न देशों द्वारा अब तक घोषित बड़े आर्थिक पैकेजों में से एक है. प्रधानमंत्री ने बताया कि 20 लाख करोड़ रुपये का यह पैकेज देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 10 प्रतिशत के बराबर होगा. इस लिहाज से यह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे देशों द्वारा घोषित बड़े पैकेजों में सुमार हो गया है.
क्या होता है जीडीपी
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक निश्चित समय में देश के अंदर बनने वाली सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं की कीमत या मौद्रिक मूल्य को जीडीपी कहा जाता है. जीडीपी में निजी और सार्वजनिक उपभोग, निवेश, सरकारी खर्च, निजी आविष्कार, भुगतान-निर्माण लागत और व्यापार का विदेशी संतुलन शामिल है. जीडीपी एक तरह की आर्थिक सेहत के स्थिति जानने का पैमाना होता है.

शौर्यपथ / स्वास्थ्य / धूम्रपान आपको कोरोना संक्रमण से नहीं बचाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसी सभी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया था कि धूम्रपान करने या निकोटिन का प्रयोग करने वालों को संक्रमण का खतरा कम है। वैज्ञानिकों के लंबे रिसर्च के बाद डब्ल्यूएचओ ने साफ किया है कि कोरोना वायरस और धूम्रपान दोनों फेफड़ों पर सीधा हमला करते हैं। इससे सांस संबंधी बीमारियां होती हैं और खतरा काफी बढ़ जाता है।
धूम्रपान से फेफड़े कमजोर होते हैं और वायरस से लडऩे की उनकी क्षमता खत्म होने लगती है। ऐसे में कोरोना का संक्रमण उनकी जान भी ले सकता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हृदय रोग, सांस की बीमारी, मधुमेह और कैंसर में भी धूम्रपान काफी खतरनाक हो सकता है। इसलिए सभी लोगों को धूम्रपान से बचना चाहिए।
धूम्रपान छोडऩे के फ ायदे-
-डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, धूम्रपान छोडऩे के 20 मिनट के अंदर उच्च रक्चाप में गिरावट आती है
-12 घंटे के बाद खून में कार्बन मोनोआक्साइड के जहरीले कणों का स्तर सामान्य हो जाता है
-दो से 12 हफ्तों के भीतर फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता में काफी तेजी से इजाफा होता है
-एक से नौ महीने में खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या कम हो जाती है
फेफ ड़ों में जादुई क्षमता-
फेफड़ों में जादुई क्षमता होती है जो धूम्रपान से हुए कुछ नुकसान को खुद-ब-खुद ठीक कर देती है। जो लोग धूम्रपान छोड़ चुके हैं उनकी 40 फीसदी कोशिकाएं उन लोगों की तरह हो जाती हैं जिन्होंने धूम्रपान नहीं किया है।
पहले क्या थे दावे-
1.पेरिस में हुए एक अध्ययन में कहा गया था कि धूम्रपान में पाया जाने वाला पदार्थ संभवत: निकोटिन लोगों को कोराना के संक्रमण से बचा सकता है।
2.इटली के एक रिसर्च में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि धूम्रपान करने वालों को संक्रमण का खतरा अन्य लोगों से पांच गुना कम होता है।

   शौर्यपथ / सत्य वह नहीं है जो असत्य है। सत्य स्वयं में एक अनुभव है जो मन की कंदराओं से निकल कर आपको वास्तविकता से जोड़ता है। सत्य की संपूर्ण विलक्षण अनुभूति जिसे हुई है वह भी अभिव्यक्ति के स्तर पर स्वयं को अकिंचन ही समझता है कि किन शब्दों में उसे बताया या समझाया जाए। > संवेदना के धरातल पर सत्य निर्मल है, निर्विकार है। सत्य से साक्षात्कार करने के लिए स्वयं का शब्द, वाक्य, अलंकार और अभिव्यंजना से सराबोर होना जरूरी नहीं है बल्कि जरूरी है सहजता से उसे मन के भीतर ही कहीं पा लेना। युवा पत्रकार प्रवीण तिवारी ने अपनी नवीनतम पुस्तक 'सत्य की खोज' में अत्यंत सरल, स्पष्ट, सटीक और संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली रूप में इस विषय की कुशल पड़ताल की है।
प्रवीण तिवारी पेशे से पत्रकार हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों में उन्होंने अपनी एक नई पहचान स्थापित की है और वह है आध्यात्मिकता के स्तर पर पहुंचा पैनी पैठ का एक युवा चिंतक। इस छवि के अनुरूप ही उनकी इस पुस्तक ने साहित्य संसार में वैचारिक दस्तक दी है। प्रवीण ने -सत्य क्या है, सत्य की खोज की आवश्यकता, अभ्यास, बाधाएं, अस्त्र, खोज और गीता, सत्य की कुंजी, सत्य के साथ अनुभव और अंत में सत्य की प्राप्ति जैसे सरलतम बिंदुओं के माध्यम से पड़ाव दर पड़ाव अपनी अभिव्यक्ति को विस्तार दिया है। लेखक ने सत्य की खोज के बहाने समाज में एक सरल व्यक्तित्व के निर्माण, रक्षण और निरंतर उसके विकास और उससे भी आगे निखार पर जोर दिया है। मन की मलीनता से लेकर व्यवहार के स्तर पर व्यक्त होने वाली जटिलताओं को लेखक ने सूक्ष्मता से परखा और महसूस किया है। व्यवहारगत कमियों और खामियों को भी इस खूबी से वर्णि‍त किया है कि वह हम अपने आप में पाते हैं पर उसके प्रति नकारात्मक भाव नहीं लाते हुए उससे मुक्ति पाने का मार्ग तलाशते हैं। लेखक ने क्लैप-बाय-क्लैप अपने पन्नों को पलटने के लिए बाध्य किया है। हर पूर्व चैप्टर में वह अगले के लिए जिज्ञासा उत्पन्न करते हैं और सबसे महत्वपूर्ण की उन जिज्ञासाओं की संतुष्टि भी पाठक को अगले पन्ने पर मिलती है। अगर लेखक प्रश्न उठाता है तो हर संभावित उत्तरों की सूची भी उसकी मंजूषा में है।
लेखक की सोच जितनी स्पष्ट है लेखन भी उतना ही सरल है। 'सत्य की खोज' जैसे विषय पर लिखी यह पुस्तक किसी साधारण से पाठक को असाधारण रूप से चैतन्य करने की क्षमता रखती है। जीवन के प्रति नितांत नया और तेजस्वी दृष्टिकोण देती यह पुस्तक हर उस पाठक को पढ़नी चाहिए जो व्यर्थ के आडंबरों में उलझा है। वैचारिक मंथन के स्थान पर जो वैचारिक प्रलाप को प्राथमिकता देता है।
पुस्तक की सबसे खास बात यह है कि इसमें उपदेश नहीं है, उदाहरण है। कथनी नहीं है, करनी है। प्रपंच नहीं है, प्रयास है। भव्य अलंकरण नहीं है, सरल आचरण है। एक जगह लेखक लिखता है - सत्य की खोज में निकलने वालों की सबसे बड़ी बाधा असत्य से प्रियता है। इस प्रियता से मुक्ति ही संपूर्ण पुस्तक का मूल है। भावों की मधुरता और भाषा की प्रवाहमयता से पूरी पुस्तक एक सांस में पढ़ जाने की ताकत रखती है। यकीनन सरलता से गंभीर चिंतन करती यह पुस्तक आकर्षित करती है। लेखक : प्रवीण तिवारी 

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