April 24, 2025
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     रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीस छटा साहित्य कला परिषद के बैनर तले वरिष्ठ रंगकर्मी साहित्यकार विजय मिश्रा 'अमित' के व्यंग्य संग्रह 'कल्लू कुकुर के पावर' का विमोचन प्रेस क्लब में हुआ। तैंतीस व्यंग के माध्यम से सामाजिक रीति रिवाजों ,पर्वों में बढ़ती विकृतियां, अंधविश्वास के मकड़जाल और बनावटी दुनिया में जी रहे जन मन पर करारा व्यंग्य किया गया है।
समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ व्यंगकार रामेश्वर वैष्णव ने कहा कि केवल निजी भड़ास, आक्रोश व्यंग नहीं है। निर्मल हृदय का व्यक्ति ही हास्य लिख सकता है।इसी क्रम में समारोह के अध्यक्ष वरिष्ठ भाषाविद डॉ चितरंजन कर ने कहा संवेदनशील व्यक्ति ही साहित्य सृजन कर सकता है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गद्य से अधिक पद्य लिखा जा रहा है। ऐसे दौर में अमित की किताब 'कल्लू कुकुर के पावर' एक नया विश्वास जगाती है। डॉ. सुरेश देशमुख,डॉ. सुधीर शर्मा,प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडे ने कहा छत्तीसगढ़ कला संस्कृति के संग साहित्य का भी गढ़ है। 'कल्लू कुकुर के पावर' छत्तीसगढ़ी व्यंग विधा में नवाचार का ताजा उदाहरण है।
समारोह का रोचक संचालन विकास शर्मा ने किया। समारोह में 'कलम मितान सम्मान' से वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार गुलाल वर्मा, दीनदयाल साहू सहित उमेश मिश्रा, जाबिर कुरैशी,गोविंद पटेल, अनामिका नेताम, प्रसन्न दुबे, सारिका साहू, छबिलाल साहू विकास शर्मा को विभूषित किया गया।अतिथियों का स्वागत छत्तीसगढ़ी पारम्परिक पकवान से सुसज्जित बांस डलिया से किया गया। समारोह में बड़ी संख्या में कला साहित्य बिरादरी की उपस्थिति रही।

अब तक 341 शालाओं को मिल चुकी है स्वीकृति
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री का जताया आभार
पीएम श्री योजना छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाईयों पर ले जाएगी : सीएम साय

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के 78 और स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए पीएम श्री योजना में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 263 पीएमश्री स्कूल स्वीकृत किए गए थे, नई स्वीकृति मिलने से यह संख्या बढ़कर अब 341 हो गई है। मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि यह हर्ष का विषय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है और इस दिशा में लगातार नए फैसले ले रहे हैं। पीएम श्री योजना के माध्यम शैक्षणिक अधोसंरचना एवं शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास निश्चित रूप से विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पीएम श्री योजना में शामिल इन स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उत्कृष्ट विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, व्यावसायिक लैब्स की व्यवस्था होगी, जो छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाईयों पर ले जाएगी। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा पीएम श्री योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 211 तथा तृतीय चरण में 52 और चौथे चरण में 78 शालाएं स्वीकृत की गई है। चौथे चरण में शामिल सभी 78 शालाएं कक्षा पहली से 12 वीं तक की हैं।
प्रथम चरण में पीएम श्री योजना के तहत स्वीकृत शालाओं को अपग्रेड किया जा चुका है, वहीं तृतीय चरण में स्वीकृत शालाओं को अपग्रेड किया जा रहा है। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, विज्ञान और गणित के लिए अत्याधुनिक लैब्स, खेल सुविधाएं, और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पीएम श्री योजना का शुभारंभ 19 फरवरी 2024 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने किया था। उन्होंने इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर किए जा रहे प्रयासों को सराहा था। पीएम श्री के तहत प्रति स्कूल 2-2 करोड़ रूपए व्यय कर आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पीएम श्री योजना के अंतर्गत शालाओं को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है।

  रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में दूरस्थ अंचल के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है। हर एक व्यक्ति का सपना होता है कि उनका अपना एक पक्का मकान हो, जिसे पूरा करने के लिए वह आजीवन परिश्रम करता है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए स्वयं का पक्का मकान बना पाना एक सपने ही रह जाता है। ऐसे में उनके सपने साकार प्रधानमंत्री आवास योजना कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् जशपुर जिले के हितग्राहियों को लाभान्वित हो रहे है। इनमें दिसम्बर 2023 से 22 सितम्बर 2024 तक कुल 10 हजार 706 हितग्राहियों का आवास निर्माण कराया जा चुका है।
  ऐसी ही एक कहानी जशपुर जिले के जनपद पंचायत मनोरा के ग्राम पंचायत करदना (छतौरी) के हितग्राही श्रीमती करमी बाई का है, जो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा से हैं। ये जनजाति ज्यादातर घने जंगलो में पेड़, पत्ते एवं छाल से झोपड़ी बनाकर निवास करते थे जिन्हें बरसात के मौसम में टपकते छत एवं सांप-बिच्छू की समस्या रहती थी। जिसके कारण उन्हें जीवन-यापन करना एक चुनौती थी। इनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना एक वरदान साबित हुई है। मुख्यमंत्री के सार्थक प्रयास से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के सपने भी पूरे हो रहे हैं। हितग्राही ने पक्का मकान मिलने से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

शासन की योजनाओं से सपने हुए साकार,संतोषी के परिवार में आई खुशियां अपार
रायपुर /शौर्यपथ / विष्णु के सुशासन में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में नित नए कदम उठाए जा रहे है। बिहान की योजनाएं हो या महतारी वंदन योजना या कृषक मित्र आदि से महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा रहा है। धमतरी के ग्राम पोटियाडीह की श्रीमती संतोषी हिरवानी को अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी की मदद की आवश्यकता नही है। बिहान के तहत श्रीमती हिरवानी लखपति दीदी बन गई है। कृषक मित्र बनकर किसानों को जैविक खाद बनाने और उसका उपयोग करने को प्रेरित करती है। इसके साथ ही जैविक दवाइयों की बिक्री से श्रीमती हिरवानी को 2 हज़ार रुपए तक आमदनी हो जाती है।
इसके अलावा संतोषी चिकन सेंटर का संचालन कर रहीं हैं, जिससे उन्हें 6 से 7 हजार रूपये तक की आमदनी हो रही है। इसके साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी और मनरेगा के तहत बने मुर्गी शेड में मुर्गियों का पालन करतीं हैं। वे बताती हैं कि इन सभी कामों से उसे साल में एक लाख रूपये से अधिक की आमदनी हो जाती है। इन सभी से होने वाली आमदनी का उपयोग वे अपने दोनों बच्चों को अच्छी सी अच्छी शिक्षा में देने के लिए करेंगी। श्रीमती संतोषी ने अपने जीवन में आये इस सुधार के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया है।


श्रीमती संतोषी हिरवानी ने बताया कि उसे शासन की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना का भी लाभ मिल रहा है। महतारी वंदन जैसी योजना के बलबूते छत्तीसगढ़ की गरीब महिलाओं में आत्मनिर्भरता की नींव धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। छत्तीसगढ़ के महिलाओं की खुशियों के पीछे आर्थिक सशक्तिकरण का यह आधार भी है। केवल 7 महीनों में ही विष्णु सरकार की महतारी वंदन योजना ने महिलाओं में ही नही अपितु उनके घर-परिवार में खुशियों की मिठास घोल दी है। इस योजना से महिलाओं का सम्मान भी बढ़ाने के साथ-साथ उनके जीवनशैली में परिवर्तन किया है। आर्थिक रूप से सशक्तिकरण ने परिवार के बीच रिश्तों की गाँठ को और भी मजबूती से बाँधना शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग ने दी स्वीकृति

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर वित्त विभाग ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर्स सहित अन्य पदों पर भर्ती को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से 181 रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। नई भर्ती से विभाग के कामकाज की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ पेयजल व्यवस्था भी बेहतर होगी।
  पीएचई विभाग में उप अभियंता, अनुरेखक, सहायक ग्रेड-3 सहित विभिन्न रिक्त पदों को भरने के प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल गई है। इसमें उप अभियंता (सिविल) के 118, उप अभियंता (विद्युत/यांत्रिकी) के 10, अनुरेखक के 37, सहायक ग्रेड-3 के 02, केमिस्ट के 12 और वाहन चालक के 02 पद शामिल हैं।
  नई भर्तियां न केवल विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि इससे नागरिक सेवाओं में भी सुधार होगा एवं योजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जा सकेगा। पेयजल की गुणवत्ता और आपूर्ति व्यवस्था भी बेहतर होगी। नल जल जैसी फ्लैगशिप योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सकेगा और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को निरंतर एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में सुगमता होगी।

संवेदनशील मुख्यमंत्री करते हैं जनदर्शन में लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण

रायपुर । शौर्यपथ । रायपुर में मुख्यमंत्री निवास का जनदर्शन गुरुवार आम दिनों जैसा नहीं होता। इस दिन सीएम निवास लोगों की उम्मीदों को पूर्ण करने और समस्याओं के त्वरित निराकरण सुनिश्चित करने वाला ओपन हाउस बन जाता है। दुःख और तकलीफों से भरी ज़िंदगी में जनदर्शन लोगों के लिए एक नई आशा की किरण है। जनदर्शन के दिन मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय लोगों की समस्याओं को सिर्फ सुनते ही नहीं, बल्कि दिल से महसूस करते हैं। यहां आने वाले लोग न सिर्फ राहत की उम्मीद लेकर आते हैं, बल्कि अपने जीवन में बदलाव की नई किरण और अपनी परेशानियों का समाधान लेकर वापस जाते हैं।

मुख्यमंत्री जनदर्शन का हर गुरुवार उन कहानियों का मंच बनता है, जहां तकलीफ और संघर्ष को पीछे छोड़कर लोग नई आशा के साथ नई शुरुआत का स्वागत करते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के संवेदनशील और त्वरित फैसलों से सीएम हाउस पहुँचे लोगों के चेहरों पर अमुल्य मुस्कान और समस्याओं के समाधान मिलने की संतुष्टि होती है। हर मुलाकात, हर समाधान एक ऐसा पल होता है, जहां मुख्यमंत्री हर एक के परिवार के मुखिया बन जाते हैं। 

जनदर्शन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और जनता के बीच भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। जनदर्शन के दौरान दूरस्थ स्थानों से आए कोई न कोई विवेक, कोई राजू, कोई उषा मुख्यमंत्री से अपनी समस्याएं साझा करते हैं, और बदले में समाधान और अपनापन लेकर लौटते हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं रायपुर के भनपुरी में रहने वाले विवेक शर्मा, जिन्होंने दुर्घटना में अपना पैर खो दिया था। इस हादसे के बाद विवेक का जीवन जैसे ठहर गया था। चलने-फिरने में असमर्थ होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही थी, और अपने परिवार की जिम्मेदारी भी पूरी नहीं कर पा रहे थे। आज मुख्यमंत्री निवास से बाहर निकलते वक्त उनके हाथ में केवल वॉकर नहीं था, बल्कि उनके चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई थी। वॉकर मिलने से उनकी जिंदगी में फिर से उम्मीद जगी और उनका खोया हुआ आत्म-गौरव फिर से वापस आ गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को दिल से धन्यवाद दिया और कहा, "अब मुझे चलने में कोई परेशानी नहीं होगी, हमारे मुखिया ने मुझे सिर्फ चलने का सहारा नहीं दिया बल्कि जीने की राह दिखा दी।" यह वॉकर विवेक के लिए सिर्फ एक सहारा नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत थी।

बीजापुर के राजूराम वाचम की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पोलियो की वजह से चलने में तकलीफ झेलने वाले राजूराम को हर दिन 11 किलोमीटर का सफर तय कर आईटीआई पहुंचना पड़ता था। उनकी इस समस्या का हल भी जनदर्शन में मिला। मुख्यमंत्री से मिली मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल ने न सिर्फ उनकी तकलीफें कम कीं, बल्कि उन्हें फिर से अपनी पढ़ाई जारी रखने की हिम्मत दी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय अपने प्रत्येक जनदर्शन में यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को मदद मिले और कोई भी व्यक्ति उनकी चौखट से मायूस न लौटे। यही जनदर्शन की असली सफलता है। 

रायपुर की उषा ठाकुर, जो ओरल कैंसर से पीड़ित हैं, उनके लिए भी जनदर्शन एक नई उम्मीद लेकर आया। इलाज के लिए 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता पाकर उषा की आंखों में आंसू थे, लेकिन ये आंसू राहत और आभार के थे। उन्हें सिर्फ मदद नहीं मिली, बल्कि उन्होंने यह विश्वास भी पाया कि उनका जीवन मायने रखता है।

इसी तरह, जशपुर से आई दृष्टिबाधित कुमारी रूपवर्षा ने पढ़ाई में आ रही दिक्कतों के लिए ऑर्बिट रीडर यंत्र की जरूरत जाहिर की। मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग को ध्यान से सुना और मदद का आश्वासन देकर उनके भविष्य को संवारने की ओर एक कदम बढ़ाया। 

जनदर्शन में न केवल शारीरिक कठिनाइयों से जूझ रहे लोगों को सहारा मिलता है, बल्कि प्रतिभाशाली व्यक्तियों की कला और हुनर को भी नई उड़ान मिलती है। विवेक भोंसले, जो बचपन से ही दिव्यांग हैं, रायपुर के राजा तालाब के निवासी हैं। महज 8 साल की उम्र से ढोलक पर अपनी महारत हासिल करने वाले विवेक को संगीत के प्रति गहरी रुचि है, लेकिन वाद्य यंत्रों की कमी उनके सपनों के बीच आ गई थी।जनदर्शन में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से मिलकर उन्होंने वाद्य यंत्र खरीदने के लिए सहायता की मांग की। मुख्यमंत्री ने बिना देर किए 15,000 रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपा, जिससे विवेक का हौसला बढ़ने के साथ ही अब उसके लिए संगीत का सफर आसान होगा। 

जनदर्शन सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, यह संवेदनशीलता, अपनेपन, दुलार, ख्याल और उम्मीद की तस्वीर है। यह एक ऐसे जननेता की कहानी है जो न केवल लोगों की बातें सुनते हैं, बल्कि उनकी समस्याओं को अपना मानकर उनका हल भी ढूंढते हैं। हर बार जनदर्शन में पहुँचे लोग न सिर्फ अपनी परेशानियों का समाधान लेकर लौटते हैं, बल्कि अपने मुखिया के प्रति अटूट विश्वास और एक बेहतर कल की नई उम्मीदों को भी संजोते हैं।

जशपुर के श्रीमती फुलजेन्सिया एक्का और श्रीमती कुसुम सहित हितग्राहियों का जाना कुशलक्षेम
    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘आज मोर आवास-मोर अधिकार‘ कार्यक्रम के पश्चात प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के साथ बैठकर भोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने साथ में बैठकर भोजन कर रही जशपुर जिले के कुनकुरी निवासी श्रीमती फुलजेन्सिया एक्का और फरसाबहार की श्रीमती कुसुम से चर्चा करते हुए उनका एवं उनके परिवार का कुशलक्षेम जाना। मुख्यमंत्री के साथ भोजन करने वालों में जशपुर के श्री राम, कबीरधाम के दौलतराम व लालाराम, बस्तर के लाहेन्द्र सिंह और श्रीमती सोनामणि, मुंगेली के महेश और समारू साहू, कांकेर की श्रीमती पूर्णिमा पटेल,  बलौदाबाजार की श्रीमती हेमिन ध्रुव, रायपुर की श्रीमती रामबती पुरैना और जट्टासिंग शामिल थे।
   इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक द्वय गुरु खुशवंत साहेब और अनुज शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित 'मोर आवास मोर अधिकार' कार्यक्रम में अपने प्रशासनिक और राजनीतिक जीवन का एक भावुक और अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। मोर आवास मोर अधिकार कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जनसेवा की नई मिसाल कायम करते हुए हितग्राहियों के पांव पखारकर उनका आशीर्वाद लिया।
   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसके माध्यम से जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को यह संदेश भी दिया है की वे स्वयं को आम जनता से ऊपर न समझकर स्वयं को जनता का सेवक समझें और मानवीय दृष्टिकोण से आदर के साथ आमजन की समस्याओं को सहृदयतापूर्वक सुनकर उनका त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री साय के द्वारा हितग्राहियों के पांव पखार कर आशीर्वाद लेना छत्तीसगढ़ में  जनप्रतिनिधियों और आम जनता के बीच विश्वास और सेवा का प्रतीक बन गया है।

 रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के हो रहे विस्तार का लाभ पड़ोसी राज्य झारखंड को भी मिल रहा है। जशपुर जिला मुख्यालय से लगभग 26 किलोमीटर दूर जशपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत लोदाम झारखंड बॉर्डर के समीप है। यहां पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोदाम में झारखंड के आसपास के गावों के लोग अपना इलाज कराने आते हैं। इसके साथ ही उनका आयुष्मान कार्ड भी यहां पर बन रहा है।
  लोदाम सीएचसी की बीपीएम के अनुसार झारखंड के मांझा टोली सहित अन्य ग्राम पंचायतों के लोग यहां की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण इलाज के लिए आते हैं। पिछले 4 महीनों में यहां झारखंड के 27 निवासियों की सामान्य प्रसव सफलतापूर्वक कराई गई है। इसके अलावा 10 से अधिक टाइफाइड के मरीजों की जांच और उपचार किया गया है। इसके अलावा अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी लोग यहां आते हैं। लोदाम सीएचसी में एक्सरे, ब्लड टेस्ट, सामान्य प्रसव, आयुष्मान कार्ड जैसी सेवाओं सहित अन्य बीमारियों के इलाज की भी सुविधा है।
  मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। इसी के तहत जशपुर जिले में 18 एबीबीएस और 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति की जा चुकी है। इसके अलावा नवीन स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के साथ ही मेडिकल उपकरणों की खरीदी और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है।

टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / ज्यादातर माता-पिता बच्चे कें घंटो फोन चलाने की आदत से बहुत परेशान हैं. आजकल बच्चे किताबों में मन लगाने और आउटडोर गेम खेलने की बजाय टीवी और फोन पर वीडियो देखने में लगा रहे हैं. जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ रहा है. कई माता-पिता अभी भी अपने बच्चों के लिए स्क्रीन समय की सही मात्रा और समय के बारे में निश्चित नहीं हैं. ऐसे में बच्चों को फोन किस उम्र में दिया जाए और स्क्रीन टाइम कितने देर होनी चाहिए, इसके लिए यहां पर कुछ सलाह दी गई है, जो आपके लिए मददगार हो सकती है.
कितने देर बच्चा कर सकता है फोन यूज
आपको बता दें कि 6 साल तक के बच्चे को 1 से 2 घंटे इससे ज्यादा स्क्रीन पर समय नहीं बिताना चाहिए. वहीं, 18 महीने के बच्चों को तो इससे बिल्कुल दूर रखें. फोन या टीवी स्क्रीन का एक्सेस यूज बच्चे की मेंटल हेल्थ, स्लीपिंग साइकिल और फिजिकल एक्टिविटी पर बुरा असर डाल सकती है.
ज्यादा फोन यूज करने के नुकसान
एक अध्ययन के अनुसार, बच्चे ज्यादा फोन का इस्तेमाल करते हैं, तो ब्रेन डेवलपमेंट पर बुरा असर पड़ता है, आंख की रोशनी कमजोर होती है, बॉडी का पॉशचर खराब होता है और फोकस करने में भी दिक्कत हो सकती है. साथ ही इससे बच्चा सोशल इंट्रैक्शन से दूर हो जाता है और क्रिएटिविटी कम होने लगती है.
स्क्रीन टाइम कम करने के फायदे
इसलिए बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करना जरूरी है क्योंकि इससे बच्चे की पढ़ने में रुचि बढ़ेगी, बच्चा बाहर खेलने जाएगा और परिवार के साथ समय बिताएगा. इससे आपके और बच्चे के बीच बॉन्ड अच्छी होगी.
कैसे घटाएं स्क्रीन टाइम
बच्चे को आप स्क्रीन से दूर रखने के लिए टाइमटेबल बना सकते हैं, जैसे- डिनर, ब्रेकफास्ट और लंच के समय फोन बिल्कुल इस्तेमाल न करने दें. इसके अलावा होमवर्क करने के बाद ही फोन मिलेगा यह सुनिश्चित करें. इन तरीकों को अपनाकर आप अपने बच्चे की स्क्रीन टाइम घटा सकते हैं और उनका बेहतर भविष्य दे सकते हैं.

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