March 29, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

  ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /सौंफ को उसकी सुगंध और सेहत पर होने वाले फायदों के चलते जाना जाता है. सौंफ में कॉपर, कैल्शियम, पौटेशियम, मैंग्नीज, जिंक और आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं. स्किन केयर में सौंफ  का इस्तेमाल करने पर एक्ने, सेल डैमेज, झुर्रियों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है. चेहरे पर सौंफ का टोनर बनाकर लगाया जा सकता है, इसे फेस पैक की तरह लगा सकते हैं या फिर सौंफ से स्क्रब तैयार कर सकते हैं. यहां जानिए चेहरे पर सौंफ  लगाने के अलग-अलग तरीकों के बारे में.
चेहरे पर सौंफ लगाने के तरीके |
सौंफ का फेस पैक
निखरी और बेदाग त्वचा पाने के लिए सौंफ का फेस पैक बनाया जा सकता है. सौंफ का फेस पैक बनाने के लिए आपको एक चम्मच सौंफ, 2 चम्मच ओटमील और जरूरत के अनुसार पानी की जरूरत होगी. इस फेस पैक को बनाने के लिए सभी चीजों को मिलाकर पेस्ट तैयार करें. इसे चेहरे पर 20 से 25 मिनट लगाए रखने के बाद धोकर हटा लें. चेहरा चमक जाएगा और छूने पर बेहद मुलायम भी लगेगा.
सौंफ का टोनर
घर पर ही आसानी से सौंफ का टोनर  तैयार किया जा सकता है. सौंफ का टोनर बनाने के लिए एक गिलास पानी को आंच पर चढ़ाएं और इसमें 2 चम्मच सौंफ के दाने डाल दें. जब सौंफ पक जाए तो आंच बंद कर दें. पानी ठंडा करके किसी शीशी में भरकर रखें. इस तैयार टोनर को चेहरे पर स्प्रे करें या फिर रूई की मदद से लगाएं. चेहरे पर ताजगी महसूस होगी.
सौंफ का स्क्रब
सौंफ के दानों को पीसकर इसमें शहद मिलाएं. इस तैयार स्क्रब को चेहरे पर एक से 2 मिनट मलकर चेहरा धो लें. सौंफ के स्क्रब को चेहरे पर लगाने से डेड स्किन सेल्स और गंदगी हट जाती है. इससे चेहरे पर निखार नजर आने लगता है. इस स्क्रब का इस्तेमाल हफ्ते में एक बार ही करें और कोशिश करें कि आप चेहरे को घिसें ना बल्कि हल्के हाथों से मलते हुए साफ करें.
पफी आईज के लिए सौंफ
अक्सर ही बहुत ज्यादा सोने, रोने या फिर नींद की कमी से आंखें सूजी-सूजी नजर आने लगती हैं. इस पफी आईज की दिक्कत को दूर करने के लिए सौंफ का इस्तेमाल किया जा सकता है. सौंफ के पाउडर में पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को किसी साफ कपड़े में बांधकर आंखों के ऊपर रखें. ऐसा करने पर आंखों को ठंडक मिलेगी और पफी आईज की दिक्कत कम होगी सो अलग.

   ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /बालों का झड़ना एक ऐसी समस्या है जिससे अनेक लोग परेशान रहते हैं. लगातार बाल झड़ते रहें तो गंजेपन का कारण बनते देर नहीं लगते. कई बार बालों के झड़ते रहने पर सिर पर बालों से ज्यादा स्कैल्प नजर आने लगती है. ऐसे में समय रहते बालों का झड़ना रोकना बेहद जरूरी होता है. हार्मोन इंबैलेंस, तनाव, जेनेटिक्स, मौसम में बदलाव, हीट डैमेज और पोषण की कमी भी बालों के झड़ने की वजह बनती है. यहां कुछ ऐसे हेयर मास्क दिए जा रहे हैं जो बालों का झड़ना कम होने में असर दिखा सकते हैं. इन हेयर मास्क  को घर पर ही आसानी से बनाया जा सकता है. इनसे बालों का झड़ना तो कम होता ही है, साथ ही बाल पहले से ज्यादा घने और मुलायम नजर आते हैं. बालों का झड़ना रोकने के लिए हेयर मास्क |
शहद का हेयर मास्क
इस हेयर मास्क को बनाने के लिए एक चम्मच एलोवेरा जैल में एक चम्मच भरकर शहद मिलाएं. दोनों ही चीजों को एकसाथ मिलाकर सिर पर अच्छी तरह मलकर लगा लें. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर इस हेयर मास्क को बालों पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद धोकर हटा लें. हफ्ते में एक बार इस हेयर मास्क को बालों पर लगाया जा सकता है.
प्याज का हेयर मास्क
  प्याज के आयुर्वेदिक गुण इसे बालों के लिए बेहद अच्छा बनाते हैं. प्याज को घिसकर उसका रस निकाल लें. इस रस को बालों की जड़ों से सिरों पर अच्छी तरह मल लें. इसे पूरे बालों पर लगाकर कम से कम एक घंटा रखें और धोकर हटा लें. हफ्ते में 2 से 3 बार इस तरह प्याज को सिर पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है. प्याज के रस  के गुण हेयर ग्रोथ में भी असरदार होते हैं.
अंडे का हेयर मास्क
  बालों को मजबूती के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है और यह प्रोटीन अंडे से बालों को मिलता है. अंडे का हेयर मास्क बालों को भरपूर पोषण देता है. इस हेयर मास्क को बनाने के लिए एक अंडा लें और उसमें एक चम्मच ऑलिव ऑयल मिला लें. इस मिश्रण को पूरे बालों पर लगाने के बाद आधे घंटे तक जस का तस ही रखें. इसके बाद सिर धोकर साफ कर लें. बालों का झड़ना कम होने में इस हेयर मास्क का अच्छा असर दिखता है.
मेथी का हेयर मास्क
  मेथी के पीले दाने खानपान का स्वाद तो अच्छा करते ही हैं, साथ ही इन दानों से बना हेयर मास्क बालों का झड़ना कम करता है. हेयर मास्क बनाने के लिए मेथी के दाने  लेकर रातभर भिगोने रख दें. अगली सुबह इन दानों को पीसकर पेस्ट बनाएं. मेथी के दानों का यह हेयर मास्क सिर पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद धोकर साफ करें. मेथी में करी पत्ते मिलाकर भी हेयर मास्क बनाया जा सकता है. 

  मनोरंजन /शौर्यपथ /गर्लफ्रेंड्स के मामले में सलमान खान की फेहरिस्त काफी लंबी है. उन्हें कभी देसी लड़की से प्यार हुआ कभी विदेशी लड़की से प्यार हुआ. वैसे तो कई सारे ब्रेकअप चुपचाप हो गए लेकिन कुछ ब्रेकअप बुरी खबर भी साबित हुए. कुछ गर्लफ्रेंड्स ने सलमान खान पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए. इन्हीं गर्लफ्रेंड्स में से एक गर्लफ्रेंड रही हैं सोमी अली. सोमी अली पाकिस्तानी अमेरिकी मूल की एक्ट्रेस थीं. जिनके साथ सलमान खान का रिश्ता काफी लंबा चला और शादी करने की भी खबरें आने लगीं. लेकिन अचानक ब्रेकअप हुआ. और, उसके बाद सोमी अली ने सलमान खान पर बहुत से गंभीर आरोप भी लगाए.
सलमान खान पर गंभीर आरोप
   सोमी अली अपने कुछ पुराने इंटरव्यूज में ये बता चुकी हैं कि वो सलमान खान की खातिर ही भारत आई थीं. दोनों ने एक दूसरे को पूरे आठ साल तक डेट भी किया. लेकिन ये रिश्ता एक कड़वी याद बनकर रह गया. सोमी अली ने सलमान खान पर मारपीट करने और गाली देने तक के आरोप लगाए थे. और, येभी कहा था कि उनके मेकअप आर्टिस्ट अजय शेलार मेकअप से उनके चोट के निशान छुपाते थे. तब कहीं जाकर वो स्टूडियो जा पाती थीं. एक अफवाह ये भी थी कि सलमान खान ने सोमी अली के सिर पर बोतल दे मारी थी. हालांकि बाद में सोमी अली ने ही इस पर सफाई दी थी कि उन्होंने सोमी अली के सिर पर थंब्स अप का गिलास उड़ेला था न कि बोतल मारी थी.
बचपन में हुआ शोषण
   सोमी अली अपने बचपन में भी शोषित होती रही हैं. ये किस्से भी वो खुद ही मीडिया में शेयर कर चुकी हैं. कराची में दिए एक इंटरव्यू में सोमी अली ने बताया था कि उनके पिता डायरेक्टर और प्रोड्यूसर दोनों थे. लेकिन माता पिता के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे. इस बात का फायदा उठा कर उनके कुक ने पांच साल की उम्र में उनका शोषण हुआ. उसके बाद नौ साल की उम्र में गेटकीपर ने उनका शोषण किया.
   फिल्मी करियर की बात रें तो सोमी अली, आओ प्यार करें, आंदोलन, अंत और तीसरा कौन जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं. जबकि वह मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म कृष्ण अवतार में दिखी थीं. 

   व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास में होली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल 25 मार्च के दिन होली खेली जाएगी. माना जाता है कि होली के दिन आपसी बैर मिट जाते हैं और लोग एकदूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की बधाईयां देते हैं. होलिका दहन से यूं तो होलिका, हिरण्यकश्यप और विष्णु भक्त प्रह्लाद की कथा जुड़ी हुई है, लेकिन कम ही लोगों को पता है कि रंगों वाली होली क्यों खेली जाती है. असल में रंगों वाली होली खेलने के पीछे भगवान शिव और कामदेव की रोचक कथा छिपी है. जानिए ऐसा क्या हुआ था कि होली खेलने की शुरूआत हुई और धूमधाम से रंग खेला जाने लगा.
होली की पौराणिक कथा |
पौराणिक कथा के अनुसार एक समय की बात है जब महादेव और माता पार्वती का विवाह नहीं हुआ था. माता पार्वती महादेव से विवाह करना चाहती थीं लेकिन तपस्या में डूबे भगवान शिव का ध्यान उनकी ओर नहीं गया. माता पार्वती की इस उलझन को देख कामदेव वहां आ पहुंचे और उन्होंने महादेव की तपस्या भंग करने के लिए उनपर पुष्प बाण चला दिया. इस बाण के कारण महादेव की आंखें खुल गईं और उनके क्रोध से कामदेव अग्नि में भस्म हो गए. इसके बाद महादेव की दृष्टि माता पार्वती पर गई. माता पार्वती की इच्छा पूरी हुई और भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह रचा लिया.
कामदेव के अग्नि में भस्म हो जाने के बाद शिव शंकर को अनुमान हुआ कि कामदेव निर्दोष थे. इसके बाद माता पार्वती के पूर्व जन्म की कहानी जानकर उन्हें कामदेव के लिए और ज्यादा सद्भाव जागा. ऐसे में महादेव ने कामदेव को एकबार फिर जीवित कर दिया और उन्हें अशरीरी बना दिया. इस दिन लोग फाल्गुन मास पर होलिका दहन कर रहे थे. इसी होलिका में कामदेव की वासना की मलिनता जलकर प्रेम के रूप में प्रकट हुई और कामदेव का अशरीरी भाव से सृजन हुआ जिसका सभी ने जश्न मनाया. इसके बाद से ही होली का त्योहार मनाया जाने लगा. गुलाल से होली खेली गई और हर ओर मधुर संगीत फैल गया.

  व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी कहा जाता है. इस बार यह 20 मार्च दिन बुधवार को आने वाले वाली है. मान्यतानुसार इस दिन उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं को 12 महीने की एकादशी का फल मिल जाता है. इस पावन दिन उपवास, दान, स्नान करने से लोगों पर सुख-समृद्धि की बरसात होती है. रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव, माता पार्वती, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव माता पार्वती को पहली बार अपने प्रिय धाम काशी लेकर आए थे. इसलिए भक्त इस दिन काशी में माता पार्वती का भव्य स्वागत करते हैं.
एकादशी पर तुलसी पूजा का महत्व |
धर्माचार्यों के अनुसार, रंगभरी एकादशी पर तुलसी की उपासना अवश्य की जानी चाहिए क्योंकि तुलसी में भगवान विष्णु की पत्नी माता लक्ष्मी का वास होता है. ऐसे में तुलसी की पूजा करने वालों पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. आइए जानते हैं तुलसी के उन उपायों को जिनको रंगभरी एकादशी पर करने से लक्ष्मी माता प्रसन्न रहती हैं और लोगों को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता.
जरूर करें ये उपाय
    रंगभरी एकादशी पर माता तुलसी  की उपासना करते समय दीपक जरुर जलाएं. इसके साथ ही भागवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें. मंत्रों का जाप करें. उनको लगाए भोग में तुलसी के पत्ते जरुर डालें. माना जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु  की बहुत प्रिय है. यदि आप रंगभरी एकादशी पर तुलसी की पूजा इस तरह से करेंगे तो भगवान विष्णु आपकी हर इच्छा को पूरा करेंगे.
    इसके अलावा माता तुलसी की पूजा के समय उनकी 11 बार परिक्रमा जरुर करें. इससे आपके परिवार की सभी आर्थिक और शारीरिक समस्याएं खत्म हो जाएंगी.
    जिन लोगों के दांपत्य जीवन परेशानियों से गुजर रहा है वो रंगभरी एकादशी पर माता तुलसी को लाल चुनरी बांधकर उनकी पूजा करें. इससे आपका वैवाहिक जीवन खुशमय हो जाएगा.

  व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / रंगों का त्योहार होली आने वाला है. इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन होगा और इसके एक दिन बाद यानी 25 मार्च को होली मनाई जाएगी. रंगों के इस त्योहार से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं. 17 मार्च से शुरू होने वाला होलाष्टक 24 मार्च तक रहेगा. होलिका दहन के साथ ही इनकी समाप्ति हो जाएगी. मान्यतानुसार होलाष्टक के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. मान्यता है कि इस दौरान शादी , मुंडन या फिर गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करने पर उनका अच्छा फल नहीं प्राप्त होता. ऐसे में चलिए जानते हैं इन आठ दिवसीय होलाष्टक के दौरान कौन-कौन से कार्य करने चाहिए और कौन-कौन से नहीं.
भूलवश भी न करें ये कार्य
    होलाष्टक में विवाह, मुंडन, सगाई और बच्चों का नामकरण समेत 16 कार्य निषेध माने गए हैं. इस दौरान न मकान का निर्माणकार्य शुरू करना चाहिए और न ही गृह प्रवेश करना चाहिए. इसके साथ ही मकान, वाहन और जमीन की खरीददारी भी होलाष्टक में वर्जित मानी गई है.
    इसके अतिरिक्त होलाष्टक में यज्ञ और हवन जैसे धार्मिक कार्य भी नहीं करने चाहिए. यदि आप चाहें तो होलाष्टक के पहले या बाद में यह कार्य कर सकते हैं.
    इसके साथ ही जो लोग अपने नौकरी बदलना चाहते हैं या फिर नई नौकरी ज्वाइन करना चाहते हैं वो होलाष्टक के बाद ऐसा करें. यहां तक कि होलाष्टक के दौरान नया बिजनेस शुरू करना भी अच्छा नहीं माना जाता है.

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने ध्वनि विस्तारक यंत्रो के प्रयोग के संबंध में जारी किया दिशा-निर्देश
  बालोद/शौर्यपथ /भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के उपरांत जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गया है। इसके फलस्वरूप कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने लोकसभा आम निर्वाचन के दौरान बालोद जिले में वनि विस्तारक यंत्रो के प्रयोग के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन के दौरान सभी राजनैतिक दल उनके कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति अपने दल के प्रचार-प्रसार के लिये लाउडस्पीकरों का प्रयोग करते हैं। इन लाउडस्पीकरों का प्रयोग न केवल स्थाई मंच से होता है बल्कि वाहनों यथा ट्रक, टेम्पों, कारें, टैक्सियों, वैन, तिपहिया, स्कूटर, साइकिल, रिक्शा आदि पर होते हंै। ये वाहन सभी सड़कों, गलियों, उप गलियों पर चलते है और गांवों, बस्तियों, मोहल्लों, कालोनियों में भी बहुत ऊंची आवाज पर लाउडस्पीकरों से प्रसारण करते हुए जाते है। इससे ध्वनि प्रदषूण होता हैं और आम जनता की शांति व प्रशांति में बहुत बाधा उत्पन्न होती हैं। लाउडस्पीकरों की ऊँची आवाज के प्रयोग से विद्यार्थी वर्ग विशेष रूप से अशांत हो जाते है, क्योंकि उनकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित होती हैं और चूंकि लाउडस्पीकर पर बहुत सुबह शोरगुल करना शुरू कर देते हैं और पूरा दिन इससे बुढ़ें, दुर्बल और बीमार चाहे वे किसी भी संस्था, अस्पताल आदि में हो या घर में हो, उन्हें बहुत बेचैनी होती है। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से पूरी तरह भिज्ञ हूँ कि निर्वाचन अवधि में लाउडस्पीकरों के प्रयोग को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता क्योंकि लाउडस्पीकर निर्वाचन प्रचार के एवं जन समूह संप्रेषण के साधनों मे से एक साधन है, लेकिन इसके साथ-साथ विषम समय एवं विषम स्थान पर लाउडस्पीकर के अविवेक पूर्ण तथा ऊंचे स्वरों पर अव्यवहारिक प्रयोग जिसकी शांति एवं अशांति पर कुप्रभाव पड़ता हो एवं सामान्यतः जन सामान्य एवं विशेषतः रोगियों एवं विद्यार्थी समुदाय की बेचैनी का कारण हो, की अनुमति नहीं दी जा सकती हैं।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के द्वारा उपरोक्त वर्णित तथ्यों के प्रकाश में हर पहुलओं पर विचार करने के उपरांत में छ.ग. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-4 के अंतर्गत् प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए रात्रि 10 से प्रातः 06 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का चलाया जाना अथवा चलवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध करता हूँ। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग चुनाव प्रसार करने के लिए वाहनों पर और चुनावी सभाओं में प्रातः 06 बजे से रात्रि 10 तक ही किया जा सकेगा, किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे और मध्यम आवाज में ही चलाये जायेंगे। लोक शांति को देखते हुए लंबे चोंगे वाले माईक (हार्न माईक) का उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता हैं। वाहनों पर और चुनावी सभाओं में एक से अधिक माईक समूह में नहीं लगाये जायेंगे। इन्हें भी प्रतिबंधित किया जाता हैं। चुनावी सभा में चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने के लिए अनुमति सम्पूर्ण बालोद जिला क्षेत्र हेतु अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अनुभाग क्षेत्र हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसील क्षेत्र हेतु तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। सुबह 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी/तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी तथा पुलिस चैकी क्षेत्र में संबंधित थानाध्चैकी प्रभारी की अनुमति लेकर सामान्यतः किया जा सकता है, किन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालयों व नर्सिंग होम, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास नगर पालिका परिषद, जनपद पंचायत एवं किसी भी स्थानीय निकाय कार्यालयों, बैंकों, पोस्ट ऑफिस, दूरभाष केन्द्र आदि कार्यालयों से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सामान्य स्थिति में भी पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। यह आदेश 16 मार्च से आगामी आदेश तक सम्पूर्ण बालोद राजस्व जिले में प्रभावशील रहेगा।

07 मई को होगा मतदान, कलेक्टर ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों एवं मीडिया प्रतिनिधियों की ली बैठक
    मुंगेली/शौर्यपथ / भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री राहुल देव ने आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों एवं मीडिया के प्रतिनिधियों की बैठक ली। उन्होंने बताया कि विधानसभा मुंगेली और लोरमी लोकसभा क्षेत्र-05 बिलासपुर के अंतर्गत आता है। बिलासपुर लोकसभा निर्वाचन के लिए निर्वाचन अधिसूचना का प्रकाशन एवं नाम निर्देशन प्रक्रिया 12 अप्रैल से प्रारंभ होगी। नाम निर्देशन प्रक्रिया की अंतिम तिथि 19 अप्रैल, नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 20 अप्रैल, नाम निर्देशन वापसी लिए जाने की तिथि 22 अप्रैल, मतदान की तिथि 07 मई, मतगणना की तिथि 04 जून निर्धारित है। लोकसभा क्षेत्र बिलासपुर के लिए नाम निर्देशन की व्यवस्था कलेक्टर कोर्ट रूम बिलासपुर निर्धारित की गई है। विधानसभा क्षेत्र लोरमी एवं मुंगेली हेतु स्ट्राॅंग रूम शासकीय कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय चातरखार में बनाया गया है। कलेक्टर ने कहा कि सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए शांतिपूर्ण एवं शत प्रतिशत मतदान सुनिश्चित किया जाना है, इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। ताकि पिछले बार की तरह इस बार भी शांतिपूर्ण तरीके से मतदान प्रक्रिया सम्पन्न कराया जा सके।
       कलेक्टर ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने के लिए  जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति, एफएसटी, एसएसटी, व्हीएसटी एवं वीवीटी सहित अन्य निगरानी दलों का भी गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि सभा, जुलूस, रैली एवं लाउड-स्पीकर के लिए राजनैतिक दलों को सक्षम प्राधिकारी से पूर्वानुमति प्राप्त करनी होगी। राजनीतिक दलों द्वारा मतदान के लिए प्रलोभन देना, मतदान के अधिकार में बाधा पहुंचाना, मतदाता के रूप में किसी अन्य व्यक्ति की जगह अपने आपको प्रस्तुत करना, मतदान के बारे में गलत टिप्पणी करना आचार संहिता के नियमों के विपरीत है और इसके उल्लंघन पर निर्वाचन आयोग के नियमानुसार प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिले के आम नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों से आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने के साथ जिले के सभी मतदाताओं से मताधिकार का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष उपयोग करने तथा लोकतंत्र के इस महापर्व में भागीदारी की अपील की। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पाण्डेय तिवारी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभाकर पाण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पंकज पटेल, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती मेनका प्रधान, संयुक्त कलेक्टर श्री गिरीश रामटेके, मुंगेली एसडीएम श्रीमती पार्वती पटेल, डिप्टी कलेक्टर श्री अजय शतरंज सहित संबंधित अधिकारी, राजनीतिक दलों और विभिन्न मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।  
जिले के 05 लाख 96 हजार से अधिक मतदाता अपने मतदान का करेंगे प्रयोग
             गौरतलब है कि जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 05 लाख 96 हजार 706 है, जिसमें पुरूष मतदाता 03 लाख 02 हजार 559, महिला मतदाता 02 लाख 94 हजार 131 और थर्ड जेंडर 16 शामिल है। चिन्हांकित दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 07 हजार 345 है। 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 17 हजार 142 है। 85 से वर्ष से अधिक उम्र से अधिक के मतदाताओं की संख्या 05 हजार 49 है। जिले अंतर्गत कुल 659 मतदान केन्द्र है, जिसमें 40 शहरी 613 ग्रामीण मतदान केन्द्र हैं। निर्वाचन संबंधी सहायता एवं शिकायतों के निराकरण किए जाने हेतु कमाण्ड सेंटर तैयार किया गया है, जिसका सम्पर्क नम्बर 9406275513 तथा 8641002203 है। इसके अलावा टोल फ्री नम्बर 1950 पर भी काॅल किया जा सकता है।

      मोहला /शौर्यपथ /भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिये निर्वाचन कार्यक्रम जारी किये जाने के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एस जयवर्धन द्वारा निर्देशित किया गया है कि निर्वाचन की घोषणा होने की तिथि से निर्वाचन समाप्ती की तिथि के मध्य कोई भी राजनैतिक दल के व्यक्ति, मंत्रीगण, सार्वजनिक उपक्रमों के पदाधिकारी आदि शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय विश्राम भवनों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस आदि में चुनाव प्रचार-प्रसार अथवा राजनैतिक उद्देश्य से न तो ठहर सकेंगे और न ही वहां पर राजनैतिक गतिविधियां कर सकेंगे। पात्रतानुसार तथा उपलब्धतानुसार उन्हें विश्राम भवनों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस आदि में कक्ष उपलब्ध कराया जाएगा, किन्तु इस हेतु निम्न कार्यवाही की जाएगी, जिसमें भोजन व्यवस्था न की जाये, ठहरने वाले व्यक्ति से निर्धारित राशि जमा कराकर विधिवत रसीद दी जाए, टेलीफोन हेतु पृथक रजिस्टर रखा जावे तथा किये गये काल की निर्धारित राशि तुरन्त प्राप्त कर ली जावे, ठहरने वाले का नाम, पता, ठहरने का प्रयोजन इत्यादि का समस्त ब्यौरा अंकित किया जावे। एक रजिस्टर रखा जावे, जिनमें आगन्तुक का नाम पता मोबाईल न. इत्यादि का समस्त ब्यौरा अंकित किया जावे, जब कभी भी प्रेक्षक या निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी उपरोक्त अभिलेखों की मांग करते हैं तो उन्हें अवलोकन हेतु अभिलेख उपलब्ध करावें, शासकीय और अर्द्धशासकीय विश्राम भवनों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस आफिसर्स मेस इत्यादि का आरक्षण जिला मुख्यालय में जिला सत्कार अधिकारी मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी द्वारा एवं अनुविभागीय मुख्यालयों में तथा अन्य स्थानों पर संबंधित अनुविभागिय अधिकारी राजस्व (रा.) द्वारा किया जायेगा। कक्षों के आरक्षण में निम्नानुसार प्राथमिकता निर्धारित की जावेगी। निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं उनके कार्यालय के अधिकारी तथा निर्वाचन कार्य से सम्बन्धित अन्य अधिकारी यह ध्यान रखा जाये कि निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारीगण, प्रेक्षक आदि के लिये कक्ष सदैव आरक्षित रखा जाये। इसके उपरांत यदि कक्ष उपलब्ध रहते हैं, तो अन्य व्यक्तियों को उल्लेखित किये गये अनुसार आबंटित किये जा सकते हैं। यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया समाप्ति तक संपूर्ण मोहला मानपुर अं चौकी जिले में प्रभावशील होगा।

आदर्श आचार संहिता का पालन करना सभी के लिए आवश्यक-कलेक्टर
   मोहला /शौर्यपथ/कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने आज लोकसभा निर्वाचन के लिए निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में आदर्श आचार संहिता आज 16 मार्च से प्रभावशील हो गया है। कलेक्टर ने अपील करते हुए कहा कि सभी के लिए आदर्श आचार संहिता का पालन किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन की पारदर्शिता और सुचारू रूप से निर्वाचन कार्यक्रम को संपन्न करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। सभी तरह की सभाएं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा पूर्व से चिन्हाकित स्थान पर ही किया जा सकेगा।
       लोकसभा के लिए निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी संपत्ति पर सभी राजनीतिक विज्ञापन की वॉल राइटिंग, पोस्टर्स, पेपर से या किसी अन्य रूप में विरूपण कट आउट, होर्डिंग, बैनर, फ्लैग आदि निर्वाचन की घोषणा से 24 घंटे के भीतर हटा लिया जाएगा। सार्वजनिक संपत्तियों पर सार्वजनिक स्थानों में सभी राजनीतिक विज्ञापन या किसी अन्य रूप में विरूपण, कट आउट, बैनर, फ्लैग इत्यादि निर्वाचन की घोषणा से 48 घंटे के भीतर हटा दिया जाएगा। निजी संपत्तियों पर प्रदर्शित सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापन तथा स्थानीय विधि एवं न्यायालय के निर्देशों, यदि कोई हो, के अधीन, सभी विज्ञापन आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा से 72 घंटे के भीतर हटा दिया जाएगा। निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिला अंतर्गत कल्याणकारी घोषणा कार्यों पर प्रतिबंध के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश लागू होंगे। निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही सभी विभागों और जनप्रतिनिधियों से आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर उसे गंभीरता से लिया जाएगा।

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