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'बाहुबली' मुख्‍तार अंसारी को AIMIM ने दिया टिकट का ऑफर

लखनऊ / एजेंसी / बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने उत्‍तर प्रदेश अपने बाहुबली विधायक मुख्‍तार अंसारी का टिकट काट दिया है. उन्‍होंने ट्वीट किया कि उनकी पार्टी बाहुबलियों को टिकट नहीं देगी. मुख्‍तार का टिकट कटते ही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मुख्‍तार को टिकट ऑफर कर दिया है.गौरतलब है कि मुख्‍तार और उनके करीबियों के खिलाफ यूपी में कुर्की,जब्‍ती की ऐसी मुनादियां कम नहीं थीं कि अब मायावती ने विधानसभा टिकट काटने की मुनादी कर दी. उन्‍होंने ट्वीट किया, 'बीएसपी का आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली या माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए. इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मंडल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है."
यूपी में 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही आल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के प्रमुख ओवैसी ने उन्‍हें फौरन टिकट ऑफर कर दिया. AIMIM प्रवक्‍ता असीम वकार ने कहा, 'मायावती ने अपने मुख्‍तार साहिब को टिकट नहीं दिया और AIMIM की तरफ से मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर मुख्‍तार साहब चुनाव लड़ना चाहते हैं तो AIMIM के दरवाजे उनके लिए खुले हैं. ' यूपी में योगी आदित्‍यनाथ की सरकार बनने के बाद मुख्‍तार, उनके रिश्‍तेदारों और करीबियों पर सख्‍त कार्रवाई हुई.
पुलिस के अनुसार, मुख्‍तार गैंग के 248 लोगों पर कार्रवाई हुई. 222 करोड़ से ज्‍यादा की जायदाद जब्‍त और गिराई गई. मुख्‍तार गैंग पर 121 मुकदमे दर्ज हुए, 160 को जेल भेजा गया. गैंग के 163 लोगों के असलहा का लाइसेंस जब्‍त किया गया. 110 पर गैंगस्‍टर एक्‍ट, 41 पर गुंडा एक्‍ट और छह लोगों पर एनएसए लगा. गैंग के 37 लोगों की हिस्‍ट्रीशीट खोली गई.
वैसे, मायावती के इस फैसले से लोगों को हैरत हुई है क्‍योंकि मुख्‍तार को 2017 में पार्टी का टिकट देते वक्‍त बीएसपी प्रमुख ने खुद था कि उनके ऊपर मुकदमे सियासी रंजिश में किए गए हैं. जनवरी 2017 में मायावती ने कहा था 'अल्‍पसंख्‍यक समाज के मुख्‍यार अंसारी का खुद का अपना परिवार है. जिनके बढ़ते हुए प्रभाव से दुखी होकर व द्वेष की भावना से इनके विरोधियों ने जबरन इन पर अनेकों आपराधिक मामले दर्ज कराके, इनकी राजनीति, समाज और जनतामें इमेज खराब करने की कोशिश की है .' मायावती पहले भी कई बाहुबलियों को पार्टी में टिकट दे चुकी हैं. वे कहती रही है कि वह उन्‍हें सुधरने का मौका देती है. 2004 में बाहुबलीडीपी यादव को पार्टी में लेते वक्‍त उन्‍होंने राजा भैया को चुनौती पेश की थी. उन्‍होंने कहा था, मुलायम सिंह यादव के पास राजा भैया जैसे लोग है उनको मुंहतोड़ जवाब देने के लिए डीपी यादव फिर से अपने घर में वापस आ गए हैं. 'मुख्‍तार के परिवार का पूर्वांचल का गाजीपुर, मऊ और बलियां जिलों की करीब दर्जन भर सीटों पर असर रहा है.वह पिछले 25 सालों से चुनावी राजनीति में है. 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में पांच बार विधायक बने. चार बार वह जेल से जीते हें. मुख्‍तार के बड़े भाई अफजल अंसारी 1985,1989,1991 और 1993 में सीपीआई से एमएलए, 1996 और 2004 में में सपा से एमएलए और 2017 में बसपा से एमपी बने हैं. उनके सबसे बड़े भाई सिब्‍घतुल्‍ताह 2007 और 20012 में विधायक रहे हैं .

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