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नई दिल्ली / एजेंसी / केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बजट में प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अधिक ऋण, दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन, बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान सहित किसानों को कई सौगात दी है.
कृषि क्षेत्र को लेकर बड़ी बजट घोषणाएं:
1. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इस कार्यक्रम में कम उत्पादकता, कम फसलों की बुआई और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा. इसके तहत कृषि उत्पादकता को बढ़ाने, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसलों का भंडारण बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार के साथ ही दीर्घ और लघु अवधि के ऋणों को सुविधाजनक रूप से उपलब्ध कराने जैसे उद्देश्य शामिल हैं. इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होने की उम्मीद जताई जा रही है.
2. किसान क्रेडिट कार्डों के जरिये देश के 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पकालिक ऋणों की सुविधा मिलती है. इस बजट में संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रावधान है.
3. इसके साथ ही केंद्र सरकार अब राज्य सरकार की भागीदारी से सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. साथ ही इसमें किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भी भागीदारी होगी, जिससे इस कार्यक्रम का प्रभावी कार्यान्वयन किया जा सके.
4. इस बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने बिहार को कई सौगात दी हैं. इसके तहत मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे इस इलाके की 50 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन पर खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा. इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपनी बड़ी बजट घोषणाओं में बिहार में मखानों के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए मखाना बोर्ड स्थापित करने का ऐलान किया.
5.बजट में राज्यों के सहयोग से ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण' कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया गया है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार पैदा करना है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और मजबूत हो. इस कार्यक्रम के जरिये ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, उपेक्षित और छोटे किसानों के साथ ही भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
6.साथ ही अब केंद्र तूअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देगा और इसके लिए 6 वर्षीय “दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू करेगा. इसके लिए किसानों को केंद्रीय एजेंसियों नेफेड और एनसीसीएफ में पंजीकरण कराना होगा और अगले 4 सालों के दौरान यह एजेंसियां इन 3 दलहनों की उतनी खरीद करेगी, जितनी यह किसान उनके पास लेकर जाएंगे.
7.बजट घोषणाओं में राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन चलाया जाएगा. इसका उद्देश्य बीजों के रिसर्च को बढ़ाने के साथ ही उच्च पैदावार के लिए कीट प्रतिरोधी और जलवायु के अनुकूल बीजों का विकास और प्रसार करना शामिल है. साथ ही इसमें जुलाई 2024 से जारी बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना भी शामिल है.
8.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए हमारी सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों में उत्पादन एक बार फिर शुरू किया है. यूरिया की आपूर्ति और इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की सालाना उत्पादन क्षमता वाले एक संयंत्र को भी स्थापित किया जाएगा.
9.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कपास उत्पादकता मिशन की घोषणा की. साथ ही कहा कि पांच साल के इस मिशन से कपास कृषि की उत्पादकता और इसके बेहतर उपयोग और कपास की उन्नत किस्मों को बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए उन्होंने किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की बेहतर सहायता देने का भी ऐलान किया.
10.वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि हमारा देश मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. समुद्री खाद्य निर्यात का मूल्य 60 हजार करोड़ है. उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में अपार संभावनाओं के मद्देनजर सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देगी. साथ ही भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल फ्रेमवर्क तैयार करेगी.
नई दिल्ल्ली /एजेंसी / भारतीय लघु फिल्म अनुजा ने ऑस्कर 2025 में सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म- लाइव एक्शन श्रेणी में नामांकन हासिल कर महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। अनुजा फिल्म का निर्देशन एडम जे. ग्रेव्स और सुचित्रा मट्टई ने किया है।
अनुजा फिल्म नौ साल की एक लड़की की कहानी है, जो अपनी बहन पलक के साथ जीवन के परिवर्तनकारी अवसरों का सामना करती हैं। यह दुनियाभर में लड़कियों के संघर्ष को दर्शाने वाली फिल्म है।
नई दिल्ली / एजेंसी / राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की।वीडियो सन्देश के माध्यम से पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से पूरा देश दुखी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जीवन भावी पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण है कि किस प्रकार लोग संघर्षों से ऊपर उठकर नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह को सर्वदा एक ईमानदार व्यक्ति, एक महान अर्थशास्त्री और आर्थिक सुधारों के लिए स्वयं को समर्पित करने वाले नेता के रूप में याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब डॉ.सिंह पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न पी.वी.नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री थे, तो उस समय आर्थिक संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उन्होंने नई दिशा दी।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह, जे.पी नड्डा, राजनाथ सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल सहित अन्य नेताओं ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह विनम्रता की मिसाल और भारतीय अर्थव्यवस्था के निर्माता थे।
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि डॉ. सिंह ने नीतियों में परिवर्तन किया, जिससे देश ने तीव्र गति से आर्थिक विकास देखा। सोशल मीडिया पोस्ट में श्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि यह पूरे देश के लिए गहरे दुख की घड़ी है, क्योंकि देश एक ऐसे नेता को खोने का शोक मना रहा है, जिनकी विनम्रता, गर्मजोशी और शालीनता ने अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि उनके निधन से राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में एक अपूरणीय शून्यता आ गई है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से आर्थिक सुधारों का एक युग का अवसान हो गया है।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने देश को एक नई दिशा दी।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के स्तर पर भारत को विश्व पटल पर पहचान दिलाई।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह एक निपुण अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने अर्थव्यवस्था के मार्ग को प्रशस्त किया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पोलित ब्यूरो ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में दस साल के कार्यकाल के दौरान वे धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए दृढ़ता से खड़े रहे और उन्होंने ऐसी नीतियां अपनाईं जो उनके अनुसार देश हित में थीं।
एनसीपी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि डॉ. सिंह का व्यक्तित्व ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के लिए जाने जाता था। वे कुशल प्रशासक थे। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को उस समय नियंत्रित किया, जब देश की अर्थव्यवस्था गिर रही थी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के साथ अपनी मधुर यादों का स्मरण किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और हरदीप सिंह पुरी, आरजेडी के तेजस्वी यादव, कांग्रेस की मोहसिना किदवई सहित कई अन्य नेताओं ने भी डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह को शाम के समय सांस लेने में दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्राथमिक जांच के बाद उन्हें इमरजेंसी विभाग (आईसीयू) में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनका निधन हो गया।
डॉ. सिंह का जाना भारतीय राजनीति और आर्थिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति माना जा रहा है। डॉ. मनमोहन सिंह की गिनती देश के सबसे कुशल और ईमानदार नेताओं में होती थी। उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक करियर में ऐसे कई निर्णय लिए, जिन्होंने भारत की दिशा और दशा बदलने में अहम भूमिका निभाई। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रख्यात अर्थ शास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री के रूप में २००४ से २०१४ तक अपनी गरिमामय उपस्थिति भारतीय राजनीती में दर्ज कराई एवं इन वर्षो में देश को कुछ ऐसी उपलब्धि दी जो सदैव याद राखी जाएगी . पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की उपलब्धिया जिन्हें शब्दों में नहीं नापा जा सकता किन्तु एक कोशिश की जा सकती है सम्मानित पाठको के लिए .
1. भारत में आर्थिक उदारीकरण का सूत्रपात
डॉ. मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी उपलब्धि 1991 में भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री बने। उस समय देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका था, और देश पर भारी कर्ज का दबाव था। ऐसे में डॉ. सिंह ने साहसिक निर्णय लेते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण (LPG) के मार्ग पर ले जाने का काम किया। इन सुधारों ने भारत को एक नई आर्थिक ताकत बनने का मार्ग प्रशस्त किया।
2. सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीकॉम क्षेत्र में क्रांति
डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश में आईटी और टेलीकॉम क्रांति को बढ़ावा दिया। उनके कार्यकाल में भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की। बीपीओ और आईटी उद्योग ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए। टेलीकॉम सेक्टर में सुधार ने देश के कोने-कोने तक मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाई।
3. RTI लागू हुआ
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005, 12 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ।
4. ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)
डॉ. सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2006 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू किया। यह योजना ग्रामीण भारत के गरीब परिवारों को 100 दिनों का गारंटीकृत रोजगार प्रदान करती है। इस योजना ने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम करने में मदद की, बल्कि ग्रामीण विकास को भी गति दी।
5. परमाणु समझौता और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार
डॉ. सिंह की दूरदर्शिता का सबसे बड़ा उदाहरण 2008 में हुआ भारत-अमेरिका परमाणु समझौता है। यह समझौता भारत को सिविलियन परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके जरिए देश में ऊर्जा संकट को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की नींव रखी गई। हालांकि इस समझौते को लेकर राजनीतिक विरोध भी हुआ, लेकिन डॉ. सिंह ने अपने निर्णय से पीछे नहीं हटे।
6. शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार
डॉ. सिंह के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में भी कई बड़े सुधार हुए। उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) लागू किया, जिससे 6 से 14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की गारंटी दी गई। इसके अलावा उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार लाने के लिए नए आईआईटी, आईआईएम और अन्य संस्थानों की स्थापना की।
व्यक्तित्व और योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सादगी, ईमानदारी और विद्वता के लिए याद किया जाता है। एक कुशल प्रशासक और नीतिकार होने के साथ-साथ वह एक संवेदनशील नेता भी थे। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत की। डॉ. सिंह का निधन भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक युग का अंत है। उनके द्वारा किए गए कार्य और सुधार लंबे समय तक देश को प्रेरित करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई और शुभकामनाएं
रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से राष्ट्रीय जुडो खिलाड़ी, कोंडागांव की बिटिया हेमबती नाग को आज राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया।
इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हेमबती नाग को शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि यह समस्त प्रदेशवासियों के लिए यह गर्व का विषय है। हेमबती ने कठिन परिस्थितियों में भी अपना हौसला नहीं खोया, अपनी अथक मेहनत और कड़े संघर्ष से उन्होंने खेलो इंडिया नेशनल गेम्स और राष्ट्रीय स्तर की अन्य प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीतकर छत्तीसगढ़ का परचम लहराया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ऐसे प्रतिभावान बच्चों को प्रोत्साहित करने और उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बिटिया की यह उपलब्धि प्रदेश की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जनदीप धनखड और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डी. गुकेश को सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि गुकेश की जीत भारत को शतरंज की महाशक्ति के रूप में प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि गुकेश ने पूरे देश को इस जीत से गौरान्वित किया है। राष्ट्रपति ने गुकेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह असाधारण उपलब्धि विश्व शतरंज में भारत के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने गुकेश को भविष्य में और सफलताएं प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीतने पर डी. गुकेश को बधाई देते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज कर दिया है, बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / सरकार ने कहा है कि फाइव-जी सेवाएं सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चालू हो गई हैं और इस वर्ष 31 अक्तूबर तक देश के 783 जिलों में से सात सौ उनासी जिलों में उपलब्ध थीं। यह जानकारी संचार और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री डॉ० पी चंद्रशेखर ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि अक्तूबर 2022 में फाइव जी सेवाएं शुरू होने के बाद से देश्भर में चार लाख साठ हजार फाइव-जी बेस ट्रांस रिसीवर स्टेशन स्थापित किये गये हैं।
सार .. 5G अगली पीढ़ी की मोबाइल नेटवर्क क्षमता है जो उच्च गति पर डेटा के बड़े सेट के प्रसारण की सुविधा प्रदान कर सकती है। 3G और 4G की तुलना में 5G में कम विलंबता (न्यूनतम विलंब के साथ डेटा की एक निश्चित मात्रा को संसाधित करने की क्षमता) है, और यह विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगकर्ता के अनुभव को बढ़ाएगा।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / विपक्ष और सत्ता पक्ष के आरोप और प्रत्यारोपों के कारण राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार 12 दिसम्बर को भी प्रभावित हुई। भोजन अवकाश से पहले के सत्र में लोकसभा में भी व्यवधान आया, लेकिन इसके बाद सदन का सुचारू संचालन संभव हो सका। सत्ता पक्ष ने दोनों सदनों में कांग्रेस नेताओं और अमरीका स्थित जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के बीच कथित संबंधों का मुद्दा उठाया। इस बीच, विपक्षी दलों ने अडाणी समूह पर कथत रिश्वत लेने के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की।
नई / शौर्यपथ / केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं नवाचार परिषद-ब्रिक की दूसरी वार्षिक बैठक की अध्यक्षता की। श्री सिंह ने वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से हीमोफीलिया के लिए जीन थेरेपी के सफल परीक्षण की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस परीक्षण की रिपोर्ट प्रतिष्ठित पत्रिका न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ने भी दी है। श्री सिंह ने भारत के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र की परिवर्तनकारी यात्रा को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ब्रिक अनुसंधान, नवाचार और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 14 प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी संस्थानों के प्रशासन को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में, श्री सिंह ने ब्रिक की पहली वार्षिक रिपोर्ट, आई 3 सी ब्रिक-आरसीबी-पीएचडी कार्यक्रम विवरणिका और ब्रिक पूर्व छात्र पोर्टल का भी शुभारंभ किया।