नई दिल्ली / एजेंसी / कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिनकी पार्टी लंबे समय से सत्ताधारी भाजपा पर राजनीति को धर्म से जोड़ने का आरोप लगाती रही है, उन्होंने जम्मू में आज शुक्रवार को मंच से लोगों को 'जय माता दी' का नारा लगवाया. सामने से मनचाही प्रतिक्रिया न मिलने पर राहुल गांधी ने मुस्कान के साथ लोगों से कहा.. बोलिये-बोलिये. जम्मू के दो दिवसीय दौरे पर 51 वर्षीय राहुल गांधी ने गुरुवार को कटरा से वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा की.
वीडियो में, कांग्रेस सांसद को तीर्थयात्रियों के साथ तेज गति से चलते हुए देखा गया था. 14 किलोमीटर की यात्रा राहुल गांधी ने अभेद्य सुरक्षा घेरे में की. वे सुरक्षाकर्मियों से घिरे हुए दिखे. इस दौरान रास्ते में पार्टी के झंडे पकड़े कांग्रेस कार्यकर्ता लाइन लगाए दिखाई दिए.
राहुल ने कहा, "मैं एक कश्मीरी पंडित हूं. मेरा परिवार कश्मीरी पंडित है. कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात की और कहा कि कांग्रेस ने उनके लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं लेकिन भाजपा ने कुछ नहीं किया. मैं अपने कश्मीरी पंडित भाइयों से वादा करता हूं कि मैं उनके लिए कुछ करूंगा.''
राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, "मैं यहां माता की पूजा करने आया हूं. मैं यहां कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करना चाहता." मीडिया को उनके साथ कैमरा लाने की अनुमति नहीं थी. कांग्रेस ने वीडियो पोस्ट किया जिसमें सांसद को तीर्थयात्रियों के साथ बातचीत करते देखा गया.
अनुच्छेद 370 के अगस्त 2019 में निरस्त होने के बाद से जम्मू और कश्मीर की यह उनकी दूसरी यात्रा है, जिसने पूर्व राज्य को विशेष दर्जा दिया था. आलोचकों ने चुनावों से पहले कांग्रेस नेता के धार्मिकता के प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि की ओर इशारा किया है, जैसे कि मंदिर के दौरे और उनके ब्राह्मण वंश के सहयोगियों द्वारा खुलासे.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी जैसे दलों ने केरल में प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद केंद्र और राज्य चुनावों में कई मोर्चों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है. इन दलों ने अतीत में इन प्रयासों को "सॉफ्ट हिंदुत्व" और एक कमजोर प्रयास करार दिया है.
शुक्रवार को राहुल गांधी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा, "राहुल गांधी बहुत आसानी से भूल गए कि कश्मीरी पंडितों का संकट कांग्रेस और समान विचारधारा वाले दलों की 'तुष्टिकरण की राजनीति' के कारण था. कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए न केवल कश्मीरी पंडितों की बलि दी बल्कि कश्मीर के विकास को भी कुर्बान कर दिया."
बयान में आगे कहा गया, "जम्मू और कश्मीर की समस्याएं गांधी परिवार की विरासत हैं. यह जवाहरलाल नेहरू थे जो कश्मीर की समस्याओं के लिए जिम्मेदार थे. राहुल ने फिर से वही किया है जिसमें वह सबसे अच्छे हैं - अपरिपक्वता और गैरजिम्मेदारी."