नई दिल्ली / एजेसी / सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ- संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना अंतरिम आदेश सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने तीन दिनों तक मामले की सुनवाई की। बहस के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा कि वक्फ के पंजीकरण की आवश्यकता 1923 और 1954 के पिछले कानूनों के अन्तर्गत रही है। याचिकाकर्ताओं ने मंगलवार को अपनी दलीलें शुरू की थीं। इसके बाद कल और आज केंद्र सरकार ने दलीलें दीं। महाधिवक्ता तुषार मेहता ने लगातार तीन दिनों तक केंद्र का प्रतिनिधित्व किया। केंद्र ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की सहमति के बाद पिछले महीने वक्फ- संशोधन अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया था।