मुंगेली / शौर्यपथ / कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभा कक्ष में साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उन्हांेने समय सीमा के लंबित प्रकरणों के संबंध में अधिकारियों से वन-टू-वन जानकारी प्राप्त की और निराकरण के संबंध में संबंधितों को आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर श्री वसंत ने जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) की शासी परिषद की बैठक में स्वीकृत निर्माण और विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आम लोगों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी तारतम्य में जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) की शासी परिषद की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार जिले के विकास खण्ड मुंगेली के ग्राम गोईन्द्री में उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 12 लाख 76 हजार रूपये स्वीकृत की गई है।
उन्हांेने उपस्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के लिए निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर श्री वसंत ने कोरोना वायरस की संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु की जा रही टीकाकरण के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बैठक में उन्हंोने कहा कि विगत 3 जनवरी को 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के स्कूली एवं शाला त्यागी बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान का संचालन किया गया था जहां बड़ी संख्या में स्कूली एवं शाला त्यागी बच्चों का टीकाकरण किया गया था। उन्होंने टीकाकरण अभियान में छुटे हुए 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के स्कूली विद्यार्थियों तथा शाला त्यागी बच्चों के लिए द्वितीय चरण का एक दिवसीय टीकाकरण अभियान 10 फरवरी को आयोजित करने के निर्देश दिए। इस हेतु उन्हांेने वैक्सीन की उपलब्धता और वैक्सीनेटर की उपस्थिति सुनश्चित करने के लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये। बैठक में उन्हांेने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बैठक में उन्होंने कहा कि जिले में कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए संचालित सुपोषित मुंगेली अभियान का सार्थक परिणाम सामने आया है। इसी तारतम्य में कुपोषित बच्चों को 15 दिन के भीतर सुपोषित करने के लिए डीएमएफ मद से विकासखण्ड मुंगेली और लोरमी में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने वहां संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में बच्चों की 80 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसी तरह उन्होंने एनआरसी में भर्ती बच्चों की माताओं को क्षतिपूर्ति के रूप में उनके बैंक खाते में 2250 रूपए की राशि हस्तांतरित करने के निर्देश दिए हैं।