October 23, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

पटना। शौर्यपथ। 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का एक नया और दिलचस्प चेहरा अब सामने आ रहा है—जहां छत्तीसगढ़ के दो यादव नेता अलग-अलग खेमों से बिहार की सियासत में मोर्चा संभाले हुए हैं। भाजपा से छत्तीसगढ़ के मंत्री गजेंद्र यादव और कांग्रेस से विधायक देवेंद्र यादव दोनों ही अपनी-अपनी पार्टियों के लिए बिहार के यादव वोट बैंक को साधने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

यादव समुदाय, जो कि बिहार की कुल आबादी का लगभग 14.26 प्रतिशत हिस्सा है, हर चुनाव में सत्ता की कुंजी साबित होता है। इसलिए इस बार दोनों राष्ट्रीय दलों ने अपने यादव नेताओं को बिहार के मैदान में उतारकर एक तरह से ‘यादव बनाम यादव’ सियासी संघर्ष की नींव रख दी है ।

गजेंद्र यादव को भाजपा नेतृत्व ने बिहार में एनडीए के पक्ष में यादव वोटों को आकर्षित करने की प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी है। वे न केवल प्रदेश के एकमात्र यादव मंत्री हैं, बल्कि संगठन और प्रचार की कमान भी संभाले हुए हैं। वहीँ कांग्रेस के लिए देवेंद्र यादव, जो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और बिहार चुनाव के सह प्रभारी भी हैं, लगातार बिहार में महागठबंधन को धार देने के लिए सक्रिय हैं। देवेंद्र यादव पर पार्टी में टिकट वितरण को लेकर विवादों के बावजूद कांग्रेस का विश्वास बरकरार है ।

छत्तीसगढ़ का ये यादव समीकरण बिहार में सिर्फ यादव वोट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों राज्यों की सियासत पर असर डालने लगा है। भाजपा की तरफ से गजेंद्र यादव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रणनीति का "संगठनिक स्तंभ" माना जा रहा है, वहीं कांग्रेस में देवेंद्र यादव की भूमिका “भूपेश बघेल टीम” के हिस्से के रूप में देखी जा रही है—जो संगठन पुनर्जीवन का प्रयास कर रही है।

राजनीतिक रणनीतिकारों के अनुसार, बिहार की इस ‘यादव बनाम यादव’ जंग का असर ना केवल नीतीश-तेजस्वी समीकरण पर पड़ेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के राजनीतिक शक्ति-संतुलन को भी नया आयाम देगा। गजेंद्र यादव जहां भाजपा के लिए “यादव समुदाय का सेतु” बनना चाहते हैं, वहीं देवेंद्र यादव कांग्रेस के लिए “वोटर पुनःसंयोजन का प्रतीक” बनने की दिशा में काम कर रहे हैं।

बिहार चुनाव 2025 न केवल प्रदेश की सत्ता का फैसला करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि यादव राजनीति की आवाज किस खेमे से अधिक गूंजेगी—गजेंद्र या देवेंद्र?

पटना। शौर्यपथ। 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चुनावी समीकरणों में अप्रत्याशित बदलाव दिखाई देने लगे हैं। नामांकन पत्रों की जांच के बाद कई प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के पर्चे निरस्त कर दिए गए हैं, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है।

चुनाव आयोग की जानकारी के अनुसार, पहले चरण में 121 सीटों पर कुल 1314 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था, जिनमें से 315 नामांकन रद्द कर दिए गए। वहीं दूसरे चरण की 122 सीटों के लिए हुई जांच में 519 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हुए हैं ।

प्रमुख उम्मीदवार जिनके पर्चे रद्द हुए

मौजूदा राजनीतिक समीकरणों में सबसे बड़ा झटका राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को लगा है। कैमूर जिले की मोहनिया सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन निर्वाचन आयोग ने रद्द कर दिया है। आयोग ने पाया कि श्वेता सुमन उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले की मूल निवासी हैं और बिहार निर्वाचन सूची में उनका नाम दर्ज नहीं था। इस वजह से उनका नामांकन अमान्य करार दिया गया ।

सुगौली विधानसभा (मोतिहारी) से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रत्याशी शशि भूषण सिंह का नामांकन अधूरी दस्तावेज़ी प्रक्रिया के चलते निरस्त हुआ है। वहीं मढ़ौरा (सारण) सीट से एनडीए घटक लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार सीमा सिंह का पर्चा भी तकनीकी कारणों से खारिज कर दिया गया ।

इसके अलावा वाल्मीकिनगर (पश्चिमी चंपारण) से जनसुराज पार्टी के दीर्घ नारायण प्रसाद, लालगंज (वैशाली) से राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की सीमा सुंदरी देवी, डेहरी (रोहतास) से बसपा के धनजी कुमार, और चिरैया (पूर्वी चंपारण) से आरएलजेपी के सलाउद्दीन समेत कई प्रत्याशियों के नामांकन भी खारिज हुए हैं ।

सियासी असर और दलों की रणनीति

आरजेडी और वीआईपी दोनों के लिए यह स्थिति झटका साबित हो रही है क्योंकि तीनों प्रभावित सीटें पहले से ही उनके लिए महत्वपूर्ण मानी जाती थीं। अब महागठबंधन को इन सीटों पर नए चेहरों की तलाश करनी होगी जबकि एनडीए की ओर से एलजेपी(आर) को भी मढ़ौरा सीट पर नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ रही है ।

निष्कर्ष

6 और 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना से पहले नामांकन निरस्त होने की इस स्थिति ने बिहार की सियासत में नया मोड़ ला दिया है। चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में पर्चे रद्द होना अभूतपूर्व है और इसका असर कई सीटों पर मुकाबले की दिशा तय कर सकता है 

रणवीरपुर में ग्राम सेमरहा के बच्चों संग साझा किया दीपोत्सव का आनंद, कहा — ‘इनकी मुस्कान ही मेरा सच्चा उत्सव’

कबीरधाम / शौर्यपथ।
दीपावली के शुभ अवसर पर पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने अपने गृह ग्राम रणवीरपुर में प्रेम, स्नेह और जनसेवा की भावना के साथ दीपोत्सव मनाया। इस दौरान ग्राम सेमरहा के बच्चों का विधायक भावना बोहरा के निवास पर आगमन हुआ, जहाँ उनका पारंपरिक तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर और स्नेहपूर्वक स्वागत किया गया। बच्चों के साथ भोजन करने और दीपावली का उत्सव मनाने के दौरान पूरे परिसर में उल्लास और खुशी का माहौल रहा।

विधायक भावना बोहरा ने बताया कि उन बच्चों के चेहरों पर खुशी और मुस्कान देखकर मन को संतोष और आत्मिक सुख की अनुभूति हुई। उन्होंने कहा —
“इन बच्चों को जीवन में एक नई दिशा देने और उनका उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने का अवसर मुझे मिला, यह मेरे लिए गर्व की बात है। मैं सदैव इनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करती रहूंगी, क्योंकि ये सभी बच्चे मेरे परिवार का हिस्सा हैं।”

उन्होंने कहा कि हर त्योहार पर वह अपने इन बच्चों के साथ समय बिताने का प्रयास करती हैं ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कमी महसूस न हो। दीपावली पर पटाखों, रोशनी और मिठाइयों के बीच बच्चों के चेहरों की चमक ही उनके लिए सबसे बड़ी खुशी रही।

जनसेवा ही भावना सेवा सुविधा केंद्र में मिला जनस्नेह

दीपावली के अवसर पर रणवीरपुर स्थित ‘जनसेवा ही भावना सेवा सुविधा केंद्र’ में विधायक भावना बोहरा को क्षेत्रवासियों द्वारा स्नेहिल शुभकामनाएँ और बधाइयाँ दी गईं। उन्होंने हृदय से सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनता का यह स्नेह और विश्वास उन्हें अपने कर्तव्यों के निर्वहन और पंडरिया विधानसभा के विकास के लिए निरंतर कार्य करने की प्रेरणा देता है।
इस अवसर पर उन्होंने कबीरधाम जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 12 के सदस्य रोशन दुबे और प्रमोद मानिकपुरी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ भी दीं।

विधायक ने माँ लक्ष्मी से प्रार्थना करते हुए कहा कि प्रदेश और क्षेत्र के हर परिवार में सुख, समृद्धि और संपन्नता बनी रहे। उन्होंने सभी नागरिकों को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह पर्व हर घर में नई ऊर्जा और उजाला लेकर आए।

पंडरिया में ‘सीता रसोई’ का उद्घाटन — सेवा की नई मिसाल

दीपावली के शुभ अवसर पर विधायक भावना बोहरा ने पंडरिया में “सीता रसोई” का उद्घाटन किया और संचालक, दानदाताओं व समर्थकों को इस जनसेवा की नेक पहल के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा —
“यह केवल एक रसोई नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा और समुदाय की एकजुटता का प्रतीक है। माँ सीता के नाम से प्रेरित यह रसोई त्याग, सेवा और समर्पण के मूल्यों को जीवंत करती है। यहाँ हर भूखे पेट को भोजन और हर व्यक्ति को सम्मान मिलेगा।”

सीता रसोई का उद्देश्य क्षेत्र में निराश्रित और जरूरतमंद लोगों को भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। विधायक ने इसे समाज में मानवीय संवेदना को सशक्त करने वाली पहल बताया।

दीपावली की सौहार्दपूर्ण शुभकामनाएँ

विधायक भावना बोहरा ने कहा —
“दीपावली का यह पावन पर्व सबके जीवन में प्रकाश, आरोग्य और समृद्धि लेकर आए। प्रेम, सौहार्द और सेवा की भावना ही इस त्योहार का सच्चा संदेश है।”

उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपील की कि वे भी अपने परिवार और समाज के साथ नई उमंग, उत्साह और खुशियों के साथ दीपावली मनाएँ तथा जरूरतमंदों को भी अपनी खुशियों में शामिल करें।

#शुभदीपावली ? — सेवा और स्नेह से आलोकित दीपोत्सव का संदेश पंडरिया से पूरे प्रदेश के लिए।

स्वास्थ्य शिक्षा और सेवाओं को नई दिशा — निविदा दरों की स्वीकृति के बाद जल्द शुरू होगा निर्माण

रायपुर / शौर्यपथ।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा देते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। राज्य में चार नए शासकीय मेडिकल कॉलेजों सहित कुल छह महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं के लिए निविदा दरों को अनुमोदित किया गया है।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) के नया रायपुर स्थित मुख्यालय में आयोजित 51वीं संचालक मंडल बैठक में इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। इन सभी परियोजनाओं की कुल लागत 1,390 करोड़ रुपए से अधिक है। इस निर्णय से प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को नई गति मिलेगी।

चार नए मेडिकल कॉलेजों को मिली मंजूरी

बैठक में चार नए मेडिकल कॉलेजों की भवन निर्माण परियोजनाओं के लिए निम्नानुसार निविदा दरों को स्वीकृति दी गई —

  • मनेंद्रगढ़ मेडिकल कॉलेज – ₹323.03 करोड़

  • कबीरधाम मेडिकल कॉलेज – ₹318.27 करोड़

  • जांजगीर-चांपा मेडिकल कॉलेज – ₹318.27 करोड़

  • गीदम मेडिकल कॉलेज – ₹326.53 करोड़

इन कॉलेजों के निर्माण से प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का दायरा बढ़ेगा और युवाओं को डॉक्टर बनने के अधिक अवसर मिलेंगे।

अस्पताल और आयुर्वेद कॉलेज निर्माण को भी स्वीकृति

इसके अलावा मनेंद्रगढ़ में 220 बिस्तर वाले अस्पताल भवन के निर्माण हेतु ₹28.48 करोड़ तथा बिलासपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय और अस्पताल भवन के निर्माण हेतु ₹79.52 करोड़ की निविदा दर को भी मंजूरी दी गई है।

इन छह परियोजनाओं की निविदा दरों को स्वीकृति मिलने के बाद अब इनके निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होंगे। इनके पूर्ण होने पर प्रदेश की जनता को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ मिलेंगी, जिससे बड़े शहरों पर उपचार की निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आएगी।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का वक्तव्य

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा, “नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से न केवल चिकित्सा शिक्षा का दायरा बढ़ेगा बल्कि डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता भी सुदृढ़ होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील सोच और दूरदर्शी नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा मिल रही है। प्रदेश के हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुँचाना हमारी प्राथमिकता है।”

बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित

सीजीएमएससी की 51वीं संचालक मंडल बैठक में अध्यक्ष दीपक म्हस्के, स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक रितेश अग्रवाल, वित्त विभाग, जीएसटी विभाग और कॉर्पोरेशन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समयसीमा, गुणवत्ता मानकों और पारदर्शिता पर विशेष बल दिया गया। निर्णय लिया गया कि निर्माण कार्य समयबद्ध रूप से और उच्च गुणवत्ता मानकों के साथ पूर्ण किए जाएंगे।

प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा और रोजगार को नई दिशा

इन मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के शुरू होने से प्रदेश के युवाओं के लिए चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर खुलेंगे और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी बढ़ेगा। साथ ही ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ होंगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का वक्तव्य

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में ऐसा स्वास्थ्य ढाँचा विकसित हो, जहाँ हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के गुणवत्तापूर्ण और सुलभ चिकित्सा सुविधा मिले। राज्य सरकार जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।”

   रायपुर / शौर्यपथ / राजभवन में आज दीपावली पर्व के अवसर राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। श्री डेका ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । उन्होंने सभी अतिथियों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। साथ ही सभी के सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। समारोह में  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री सहित आमंत्रित अतिथियों ने भी राज्यपाल को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी एवं राज्यपाल के परिजन उपस्थित थे।
  कार्यक्रम में विभिन्न रंगारंग प्रस्तुति के माध्यम से छत्तीसगढ़ की गौरवशाली संस्कृति को दर्शाया गया। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोक नृत्य राउत नाच की प्रस्तुति केशव राम यादव एवं दल के द्वारा और सूफी गायक पद्मश्री मदन चौहान के मधुर गायन और विधायक अनुज शर्मा ने भजन की प्रस्तृति से समारोह के उत्साह को दोगुना कर दिया ।

  
  कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, मुख्य सचिव विकासशील पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी, विधायकगण, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना सहित अन्य अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने उज्ज्वला योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के दिए निर्देश

      रायपुर / शौर्यपथ / भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और परिवारों के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 25 लाख अतिरिक्त एलपीजी गैस कनेक्शन जारी किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस निर्णय से देशभर में करोड़ों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार और घरेलू ऊर्जा सुरक्षा को नई दिशा मिलेगी।
  छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री उज्ज्वला  योजना के अंतर्गत नियद नेल्ला नार योजना में चिन्हांकित ग्रामों के बीपीएल परिवारों की महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर नए गैस कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे। “सुशासन तिहार” और “नियद नेल्लानार योजना” के अंतर्गत 1.59 लाख पात्र माताओं और बहनों को उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवारों की महिलाओं को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे।
  छत्तीसगढ़ में उज्ज्वला योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आज खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने 16 अक्टूबर को तेल कंपनियों के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना के नए चरण में राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ स्वास्थ्य संरक्षण को भी प्राथमिकता दे रही है।
 बैठक में सचिव श्रीमती कंगाले ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नवीन गैस कनेक्शन जारी करने की प्रक्रिया में गति और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में “नियद नेल्लानार योजना” के तहत चिन्हांकित ग्रामों में निवासरत पात्र बीपीएल परिवारों को उज्ज्वला गैस कनेक्शन में विशेष प्राथमिकता दी जाए। इन ग्रामों की महिलाओं को सबसे पहले इस योजना का लाभ मिले, ताकि विकास और सशक्तिकरण की प्रक्रिया जमीनी स्तर पर महसूस की जा सके।
  सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब  कंगाले ने कहा  कि चिन्हांकित ग्रामों में विशेष शिविरों का आयोजन करें, जहां उज्ज्वला योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों के आवेदन प्राप्त किए जाएँ। उन्होंने यह भी कहा कि शिविरों के माध्यम से लाभार्थियों को योजना के लाभ, सुरक्षा उपायों और उपयोग के तौर-तरीकों की जानकारी दी जाए।
  बैठक में डॉ. फरिहा आलम, संचालक (खाद्य नागरिक आपूर्ति), राज्य स्तरीय समन्वयक (तेल उद्योग),  हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रबंधक सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
  उल्लेखनीय है कि उज्ज्वला योजना के माध्यम से न केवल महिलाओं को स्वच्छ ईंधन का लाभ मिलेगा, बल्कि उनके श्रम, समय और स्वास्थ्य की भी रक्षा होगी। यह पहल ग्रामीण जीवन में सुरक्षा, सुविधा और सम्मान का नया अध्याय लिखेगी तथा नियद नेल्ला नार योजना के उद्देश्यों को गति प्रदान करेगी।

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय, बगिया (जशपुर) में सपरिवार गोवर्धन पूजा कर प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की माता श्रीमती जसमनी देवी साय, धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय एवं परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण की उस प्रेरणादायी लीला की स्मृति है, जिसमें उन्होंने गोकुलवासियों को प्रलयकारी वर्षा और संकट से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर सभी को शरण दी थी। यह पर्व हमें बताता है कि जब समाज एकजुट होकर विश्वास और सहयोग के साथ कार्य करता है, तब कोई भी संकट अजेय नहीं रहता। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि कृतज्ञता, सह-अस्तित्व और प्रकृति-पूजन का प्रतीक है। इस दिन गोवंश की पूजा की जाती है, जो भारतीय संस्कृति की आत्मा — गौ-संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण — को जीवंत रखती है।

रायपुर / शौर्यपथ।
छत्तीसगढ़ की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजधानी नवा रायपुर का आसमान 5 नवम्बर को एक ऐतिहासिक दृश्य का साक्षी बनेगा। भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम (Suryakiran Aerobatic Team – SKAT) अपने रोमांचकारी हवाई करतबों से छत्तीसगढ़ और पूरे देश को गर्व, उत्साह और देशभक्ति की भावना से भर देगी। यह शो रजत जयंती समारोह का सबसे विशेष आकर्षण होगा।

छत्तीसगढ़ के आकाश में गूंजेगा भारतीय शौर्य

राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित यह एरोबैटिक शो छत्तीसगढ़ की प्रगति, उपलब्धियों और आत्मविश्वास का प्रतीक बनेगा। नवा रायपुर के आसमान में जब सूर्यकिरण टीम उड़ान भरेगी, तब ‘बॉम्ब बर्स्ट’, ‘हार्ट-इन-द-स्काई’ और ‘एरोहेड’ जैसी प्रसिद्ध फॉर्मेशन्स पूरे दर्शक समुदाय को रोमांच और गर्व से भर देंगी।

सूर्यकिरण टीम का यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह दिखाएगा कि अनुशासन, तकनीक और टीमवर्क से कैसे असंभव को संभव बनाया जा सकता है। राज्य शासन और भारतीय वायुसेना के संयुक्त प्रयास से आयोजन की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।

जनसहभागिता से सजेगा रजत जयंती का आकाश

रायपुर और आसपास के जिलों से हजारों नागरिक, विद्यार्थी और परिवार इस एरोबैटिक शो को देखने नवा रायपुर पहुँचेंगे। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की जनसहभागिता और राष्ट्रीय गौरव का जीवंत उदाहरण बनेगा।
‘सूर्यकिरण एरोबैटिक शो’ केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि यह भारतीय वायुसेना के शौर्य, सटीकता और समर्पण का प्रतीक है।

छत्तीसगढ़ की रजत जयंती पर गर्व की उड़ान

5 नवम्बर को नवा रायपुर का आसमान गर्व, रोमांच और देशभक्ति के रंगों से भर उठेगा। सूर्यकिरण टीम का यह ऐतिहासिक शो छत्तीसगढ़ की रजत जयंती को यादगार बना देगा और हर दर्शक के मन में भारत के वीर वायुसैनिकों के प्रति सम्मान और गर्व की भावना जगाएगा।

सूर्यकिरण टीम — सटीकता और अनुशासन की मिसाल

1996 में गठित सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम भारतीय वायुसेना की सटीकता, साहस और तकनीकी दक्षता का प्रतीक है। अपने गठन के बाद से इस टीम ने भारत की हवाई क्षमता और अनुशासन का भव्य प्रदर्शन देश-विदेश के अनेक मंचों पर किया है।
सूर्यकिरण टीम एशिया की एकमात्र नौ-विमान वाली एरोबैटिक डिस्प्ले टीम है, जो भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता और समन्वय की मिसाल मानी जाती है। इनके विमानों की उड़ानें इतनी सटीक होती हैं कि कभी-कभी पंखों के बीच की दूरी पाँच मीटर से भी कम रह जाती है — यही कौशल भारत को वैश्विक स्तर पर अलग पहचान देता है।

स्वदेशी तकनीक से आत्मनिर्भर भारत की उड़ान

टीम ने अपनी यात्रा की शुरुआत HJT-16 Kiran Mk-II विमान से की थी। वर्ष 2015 में इसने स्वदेशी तकनीक पर आधारित HAL Hawk Mk-132 Advanced Jet Trainer के साथ नई उड़ान भरी।
सूर्यकिरण टीम केवल हवाई करतबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा के लिए प्रेरित करती है।

देश और दुनिया में 700 से अधिक प्रदर्शन

अब तक सूर्यकिरण टीम ने भारत और विदेशों में 700 से अधिक प्रदर्शन किए हैं। श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, ब्रिटेन और थाईलैंड जैसे देशों में इस टीम ने भारत का गौरव बढ़ाया है।
टीम ने सिंगापुर एयर शो, दुबई एयर शो और रॉयल थाई एयर फोर्स की 88वीं वर्षगांठ पर भी शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रदर्शनों ने भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा सहयोग की भावना को विश्व स्तर पर स्थापित किया है।

खेल और संस्कृति से जुड़ा गौरवपूर्ण अध्याय

वर्ष 2023 में सूर्यकिरण टीम ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में क्रिकेट विश्वकप के दौरान अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया था। इस अवसर ने खेल और सैन्य गौरव को एक साथ जोड़ने का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संदेश

“यह छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरव का अवसर है कि भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम हमारे रजत जयंती समारोह का हिस्सा बनेगी। छत्तीसगढ़ की रजत जयंती के इस ऐतिहासिक अवसर पर यह शो राज्य के विकास, आत्मविश्वास और राष्ट्रीय गौरव की उड़ान का प्रतीक बनेगा। यह प्रदर्शन न केवल हमारे युवाओं में देशभक्ति और गर्व की भावना को प्रबल करेगा, बल्कि उन्हें राष्ट्रसेवा की प्रेरणा भी देगा। मैं प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूँ कि वे इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें और हमारे वीर वायुसैनिकों के कौशल को सलाम करें।”

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय लैलूंगा के भुईयांपानी में दीप महोत्सव कार्यक्रम में हुए शामिल
गुरुधाम में एक करोड़ रुपए की लागत से सर्वसुविधायुक्त भवन और महतारी सदन के लिए 29 लाख रुपए सहित कई घोषणाएं

    रायपुर / शौर्यपथ / दीपावली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज रायगढ़ जिले के लैलूंगा तहसील के ग्राम भुईयांपानी पहुँचे। यहाँ उन्होंने गुरुधाम में आयोजित दीप महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होकर अपने आराध्य संत गुरुदेव स्वामी धनपति पंडा जी एवं श्रीमती प्रेमशीला पंडा की प्रतिमाओं के समक्ष नमन कर प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली की मंगलकामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह दीपोत्सव हर घर में उजियारा और हर जीवन में सुख, समृद्धि, शांति एवं प्रेम का प्रकाश फैलाए। उन्होंने कहा कि गुरु का आशीर्वाद सदैव हम सब पर बना रहे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया तथा हनुमान मंदिर एवं वटवृक्ष की पूजा-अर्चना भी की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह संतों और प्रदेश की जनता का ही आशीर्वाद है कि एक किसान का बेटा मुख्यमंत्री बना है। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के 22 महीनों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी योजनाओं को धरातल पर उतारना उनकी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों के विकास के लिए राज्य सरकार सुशासन, पारदर्शिता और विकास के संकल्प के साथ कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को दो वर्षों का बकाया बोनस प्रदान किया गया है। धान खरीदी की सीमा 21 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है। धान का मूल्य 3,100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। ई-गवर्नेंस प्रणाली की शुरुआत हो चुकी है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। भूमिहीन मजदूर सहायता योजना, तेंदूपत्ता खरीदी 5,500 रुपए प्रति मानक बोरा, रामलला दर्शन योजना एवं मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना जैसी अनेक जनहितकारी योजनाएँ सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने गुरुधाम में एक करोड़ रुपए की लागत से सर्वसुविधायुक्त भवन का निर्माण, महतारी सदन के लिए 29 लाख रुपए के साथ ही गुरुधाम परिसर में हाईमास्ट लाइट की स्थापना, तालाब का सौंदर्यीकरण, बोर खनन एवं अन्य आवश्यकताओं के लिए घोषणा की।

लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने उपस्थित सभी लोगों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि इस संसार में गुरु से बढ़कर कोई नहीं है। गुरु ही वह प्रकाशस्तंभ हैं जो हमें अंधकारमय जीवन से निकालकर ज्ञान, अनुशासन और नैतिकता के पथ पर अग्रसर करते हैं। गुरु की प्रेरणा ही जीवन में सच्चा आनंद, आत्मिक शांति और सर्वाेच्च सुख प्रदान करती है। उनका मार्गदर्शन जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है।

कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह, महापौर श्री जीवर्धन चौहान, संत सनातन धर्मदेवी संत समाज के अध्यक्ष श्री सहदेव पंडा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री दीपक सिदार, श्री सत्यानंद राठिया सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।

उच्च शिक्षा विभाग को कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रावधानित 4 नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन महाविद्यालयों की स्थापना फरसाबहार (जिला-जशपुर), करडेगा (जिला-जशपुर), नगरनार (जिला-बस्तर) तथा किलेपाल (जिला-बस्तर) में की जाएगी।

मुख्यमंत्री की इस पहल से जशपुर एवं बस्तर जैसे जनजाति बहुल एवं भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अब उनके इलाके में ही उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। दूरस्थ अंचलों की बेटियों और बेटों को अब कॉलेज की पढ़ाई के लिए अब अपने घरों से दूर अन्यत्र नही जाना पड़ेगा। उच्च शिक्षा की पहुंच हर इलाके में हो, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ बना रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन तथा बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि इन चारों महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति के साथ ही कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी राज्य शासन ने दे दी है। स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 एवं प्रयोगशाला कर्मी आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री साय की इस पहल से आदिवासी एवं दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं की शिक्षा, रोजगार एवं कौशल वृद्धि के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को गति मिलेगी।

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