April 26, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

  दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार एवं सहायक आयुक्त आबकारी राजेश जायसवाल के मार्गदर्शन में आबकारी विभाग दुर्ग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 के मद्देनजर जिले में अवैध मदिरा विक्रय के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु लगातार कार्यवाही की जा रही है।
      विभाग द्वारा लोकसभा निर्वाचन को सफल बनाये रखने हेतु चुनाव में मादक द्रव्यों की उपयोगिता के रोकथाम के उद्देश्य से अलग-अलग संदिग्ध एवं अपराधिक क्षेत्रों में सतत् जांच की कार्यवाही की जा रही है। विभाग द्वारा जिले के अन्तर्गत आने वाले होटल, ढाबों तथा रेलवे स्टेशन दुर्ग से आने-जाने वाले रेल यात्रियों की जांच की जा रही है।
      इसी कड़ी में आबकारी विभाग दुर्ग द्वारा 24 अप्रैल 2024 की रात्रि 2.30 से प्रातः 5.00 बजे तक महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश से आने वाली यात्री बसों एवं चार पहिया वाहनों का पुलगांव चौक पर सघन जांच किया गया। जांच के दौरान बस ड्राइवरों एवं कण्डक्टरों को किसी भी प्रकार की संदिग्ध व्यक्ति अथवा संदिग्ध सामग्री का पहचान होने पर कार्यालयीन टेलीफोन नम्बर 0788-2325836 पर तत्काल सूचना दिए जाने हेतु निर्देशित किया गया। उक्त कार्यवाही में सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री धीरज कन्नौजिया, श्रीमती सुप्रिया तिवारी, श्री पंकज कुजूर तथा आबकारी उप निरीक्षक श्री भुनेश्वर सेंगर, श्री हरीश पटेल, श्री भूपेन्द्र नेताम, आबकारी मुख्य आरक्षक श्री सन्तोष दुबे ड्राईवर श्री जे दीपक राजू एवं श्री प्रकाश राव का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

रिसाली / शौर्यपथ / बार बार संमझाईस के बाद भी मिक्स कचरा देने वाले स्वच्छता के दुश्मन का नाम अब सार्वजनिक किया जाएगा। यही नहीं उनके घरों से निगम के कर्मचारी कचरा लेना बंद भी कर देंगे। यह फरमान गुरुवार को निगम आयुक्त मोनिका वर्मा ने जारी की है।  
  निगम आयुक्त  ने ऐसे घरों को सूची बद्ध करने निर्देश दिए है जो संमझाइस के बाद भी मिक्स कचरा दे रहे है। तैयार सूची का प्रकाशन सार्वजनिक जगहों पर स्वच्छता के दुश्मन के नाम से किया जाएगा। सूची के आधार पर नाम वाला फ्लैक्स तैयार किया जाएगा। आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए है कि अंतिम चेतावनी के बाद सुधार नहीं होने पर उस घर से निगम कर्मचारी कचरा लेना बंद कर दे। गीला व सूखा कचरा अलग अलग देने पर ही कर्मचारी संग्रहण कार्य को नियमित करे।उल्लेखनीय है कि रिहायसी क्षेत्रों से निकलने वाले कचरे को पूर्ण रूप से डिस्पोज करने रिसाली निगम पिछले ३ दिनों से अभियान चला रही है। लोगों को गीला व सूखा कचरा अलग अलग देने अपील कर रहे है। इसके बाद भी कई घरों से मिक्स कचरा निकल रहा है।
वार्ड वार बनेगी सूची
  खास बात यह है कि रिसाली निगम के 70 से भी ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी अभियान में लगे है। सूखा व गीला कचरा अलग अलग रखने अपील कर रहे है। शुक्रवार से कचरा संग्रहण कार्य में लगे 64 कर्मचारी सूची बनाने का कार्य करेंगे।
डस्ट बीन की जगह पालीथीन
 उल्लेखनीय है कि चार माह पहले रिसाली निगम ने घर घर डस्ट बीन का वितरण किया था। कर्मचारी हरा व नीला बाल्टी घरों तक पहुंचाया था। वर्तमान में कचरा रखने कुछ लोग ही बाल्टी का उपयोग कर रहे है। अधिकाश घरों में पुरानी बाल्टी में कचरा रखा जा रहा है, वही कई लोग पालीथिन में कचरा एकत्र कर दे रहे है। ऐसे लोगों को भी निगम चेतावनी दे रहें है।

दुर्ग/ शौर्यपथ / जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के आदेश पर नगर पालिक निगम आयुक्त लोकेश चन्द्राकर के निर्देशानुसार शहर क्षेत्र अंतर्गत मतदान केंद्रों जैसे कि आदर्श/संगवारी मतदान केंद्रों का मतदान केंद्रों में आज आदर्श एवं संगवारी मतदान केंद्र का निर्माण करने के लिए बोरसी शासकीय स्कूल, पोटियाकला शासकीय स्कूल,सुराना कॉलेज,जेआरडी स्कुल, सरदार वल्लभ भाई पटेल स्कूल, गयाबाई स्कूल इत्यादि जगहों पर पिंक बूथ व्यवस्था के नोडल अधिकारी शुभम गोईर ने शोएब अहमद, कर्मशाला अधीक्षक, कुमारी प्रिंसी शर्मा, सहायक बूथ व्यवस्था इत्यादि के साथ निरीक्षण किया गया।मतदान प्रकिया में मतदातों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, इसको विशेष ध्यान देकर कार्य कराया जा रहा है,ताकि सभी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।मतदाता जागरूकता के लिए जगह-जगह पर होर्डिंग-फ्लेक्स लगाकर प्रचार कार्य कराया जा रहा है,नोडल अधिकारी शुभम गोइर ने बताया कि इस बार मतदान केंद्रों में अलग-अलग थीम के सल्फी बूथ बनाया जा रहा है। जो मतदातों को मतदान के बाद फ़ोटो खीचने तथा सभी को मतदान करने प्रेरित करने जैसे कार्यो पर फोकस किया जा रहा है।बता दे कि  विशेष कर महिला मतदातों को घर का सभी काम को छोड़कर पहले मतदान फिर बाकी काम का नारा घर-घर पहुचा कर मतदाताओं को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है।आयुक्त लोकेश चन्द्राकर के निर्देश पर श्री शुभम ने टीम के साथ निरीक्षण कर टेंट, फ्लैक्स, डेकोरेशन से संबंधित प्लान कर आवश्यक जल्द व्यवस्था करने की बात कही।सभी मतदान केंद्रों पर प्रकाश , पेयजल, शौचालय, रैंप आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। कहा कि वेब कास्टिंग हेतु चयनित मतदान केंद्रों पर आवश्यक अवस्थाएं का भी निरीक्षण किया गया। मतदान केंद्र जहां  दिव्यांग मतदाता मतदान करेंगे ,उन पर व्हीलचेयर एवं वॉलिंटियर्स की व्यवस्था की जावे,महिला संचालित मतदान केन्द्रों का चयन कर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। निगम क्षेत्र शहर में जिन मतदान केंद्रों को आदर्श मतदान केंद्र बनाया जाएगा, उन्हें रंगोली एवं स्थानीय सामग्री से सुसज्जित करें। महिलाओं  द्वारा संचालित मतदान केंद्रों में महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होना चाहिए। फ़ोटो व वीडियोग्राफी हेतु पर्याप्त प्रबंध किए जाएं।  मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का दायित्व संबंधित श्री शुभम ने निरीक्षण कर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता देखी।

विभिन्न स्वरूपों में किया गया मतदान केन्द्रों को सुसज्जित, गंतव्य में पहुँचने पर मतदान दलों का किया गया आत्मीय स्वागत  

    बालोद / शौर्यपथ /  लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के द्वितीय चरण के अंतर्गत बालोद जिले में शुक्रवार 26 अपै्रल को होने वाले मतदान को संपन्न कराने हेतु सामग्री वितरण केन्द्र पाकुरभाट से आज सुबह प्रस्थान करने वाले जिले के सभी मतदान कर्मी एवं सुरक्षा में तैनात अधिकारी-कर्मचारी अपने-अपने मतदान केन्द्रों में सकुशल पहुँच चुके हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री चन्द्रकांत कौशिक ने बताया कि मतदान केन्द्रों में मतदान अधिकारियों के पहुँचने पर मौके पर उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा उनका आत्मीय स्वागत कर उन्हें शुभकामनाएं दी गई। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के निर्देशानुसार जिले के आम नागरिक एवं मतदाताओं को लोकतंत्र में मताधिकार के महत्व की जानकारी देने तथा उन्हें मतदान के लिए पे्ररित करने के लिए जिले के विभिन्न मतदान केन्द्रों को विभिन्न स्वरूपों में बेहतर साज-सज्जा कर आकर्षक रूप दिया गया है। इसके अंतर्गत जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के प्राथमिक शाला सिवनी के आदर्श केन्द्र क्रमांक 113 को बिहाव परब के थीम पर सजाया गया है। इसी तरह जिले के आदिवासी बाहुल्य डौण्डी विकासखण्ड के मतदान केन्द्रों को भी आदिवासी संस्कृति को परिलक्षित करते हुए सजाया-संवारा गया है। इसके अलावा जिले के अनेक मतदान केन्द्रों में छत्तीसगढ़ी एवं ग्रामीण संस्कृति के अनुरूप आकर्षक साज-सज्जा की गई है।

 

- मतदान 26 अप्रैल को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक
- कलेक्टर के मार्गदर्शन में शांतिपूर्ण निर्वाचन के लिए चाक चौबंद व्यवस्था
- कलेक्टर ने सफलतापूर्वक मतदान संपन्न कराने के लिए मतदान दलों को दी हार्दिक शुभकामनाएं
- जिले में 316 क्रिटिकल मतदान केन्द्र एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 116 मतदान केन्द्र

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / लोकसभा निर्वाचन 2024 कार्य को सुचारू संपन्न कराने के लिए आज जिले में छत्तीसगढ़ स्टेट वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन बसंतपुर कैम्पस राजनांदगांव में बनाए गए मतदान सामग्री वितरण केन्द्र से मतदान दलों को मतदान सामग्री के साथ मतदान केन्द्रों के लिए रवाना किया गया। ऊर्जा एवं उत्साह के साथ मतदान दल वाहन के माध्यम से अपने निर्धारित मतदान केन्द्र में ड्यूटी के लिए रवाना हुए। जिले में मतदान तिथि शुक्रवार 26 अप्रैल 2024 को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान संपन्न होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में मतदान दलों को मतदान कार्य के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। निर्वाचन को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल ने मतदान दलों को सामग्री वितरण के दौरान कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने मतदान दलों को सफलतापूर्वक मतदान संपन्न कराने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी मतदान दलों को मतदान के सुचारू संचालन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है और मतदान सामग्री लेकर मतदान के लिए रवाना हो रहे हंै।
कलेक्टर कहा कि लोकसभा निर्वाचन के संसदीय क्षेत्र क्रमांक 6-राजनांदगांव अंतर्गत 26 अप्रैल 2024 को मतदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव जिले के सभी मतदान दल रवाना हो रहे हैं। मतदान दलों को मतदान सामग्री दे दी गई है। मतदान सामग्री मिलान करने के बाद मतदान दल अपने-अपने मतदान केन्द्र के लिए रवाना हो जाएंगे। मतदान अधिकारियों को मतदान केन्द्र में मतदान के लिए प्रतीक चिन्ह के साथ अन्य सारी व्यवस्थाएं करनी होती है। इसके बाद कल 26 अप्रैल को मतदान कराने की पूरी तैयार रहेगी। जिले में 840 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। प्रत्येक बूथ में 4 कर्मचारियों का दल होता है। इसके अलावा रिजर्व में भी मतदान दल हैं। जरूरत पडऩे पर उनका उपयोग किया जाएगा। सभी मतदान केन्द्रों में पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था की गई हैं। पेट्रोलिंग की टीम रहेगी। थाने की टीम अलग रहेगी। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। गर्मी को ध्यान में रखते हुए मतदान कर्मियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। गर्मी को देखते हुए अधिकांश जगहों पर पत्तों का मंच बनाया जाएगा। इकोफे्रंडली पंडाल रहेगा। मतदाताओं के लिए पर्याप्त पेयजल उपलब्ध रहेगा।
छत्तीसगढ़ स्टेट वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन बसंतपुर कैम्पस राजनांदगांव में मतदान दलों ने निर्वाचन कार्य के लिए सामग्री ली एवं अपने-अपने निर्धारित मतदान केन्द्र के लिए निर्वाचन कार्य संपन्न कराने रवाना हुए। जिस स्थान से मतदान सामग्री का वितरण किया गया है, उसी स्थान पर मतदान सामग्री की वापसी होगी। कलेक्टर की उपस्थिति में दिव्यांग रथ को मतदान के लिए रवाना किया गया। राजनांदगांव जिला अंतर्गत मतदान केन्द्रों की संख्या 840 है। प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए 840 पीठासीन अधिकारी, 840 मतदान अधिकारी-1, 840 मतदान अधिकारी-2 एवं 840 मतदान अधिकारी-3 के रूप में अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही मतदान कार्य के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को रिजर्व में रखा गया है। इस तरह मतदान कार्य के संपादन के लिए लगभग 4 हजार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस दौरान पर जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री खेमलाल वर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम डोंगरगढ़ श्री उमेश पटेल, एसडीएम डोंगरगांव श्री मनोज मरकाम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


उल्लेखनीय है कि चारों विधानसभावार कुल मतदान केन्द्रों की संख्या 1006 है, जिसमें राजनांदगांव जिला अंतर्गत 840 मतदान केन्द्र एवं खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला अंतर्गत 97 मतदान केन्द्र तथा मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी अंतर्गत 69 मतदान केन्द्र आते हंै। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 74-डोंगरगढ़़ अंतर्गत कुल मतदान केन्द्रों की संख्या 270 है। जिसमें राजनांदगांव जिला अंतर्गत 173 मतदान केन्द्रों एवं खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला अंतर्गत 97 मतदान केन्द्र आते है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 75-राजनांदगांव अंतर्गत कुल मतदान केन्द्रों की संख्या 223 है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 76-डोंगरगांव अंतर्गत कुल मतदान केन्द्रों की संख्या 252 है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 77-खुज्जी अंतर्गत कुल मतदान केन्द्रों की संख्या 261 है। जिसमें राजनांदगांव जिला अंतर्गत 192 मतदान केन्द्र एवं मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी अंतर्गत 69 मतदान केन्द्र आते है। जिले में 40 संगवारी मतदान केन्द्र, 4 दिव्यांग मतदान केन्द्र, 20 आदर्श मतदान केन्द्र एवं 20 युवा मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10-10 संगवारी मतदान केन्द्र, 1-1 दिव्यांग मतदान केन्द्र, 5-5 आदर्श मतदान केन्द्र एवं 5-5 युवा मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। जिला अंतर्गत संवेदनशील मतदान केन्द्रों की संख्या 316, नक्सल प्रभावित मतदान केन्द्रों की संख्या 116 एवं 430 मतदान केन्द्रों में वेब-कास्टिंग की योजना बनाई गई है।

यह चुनाव संविधान बचाने, लोकतंत्र बचाने का चुनाव है
जब वोट लेना हो तो मोदी खुद को पिछड़ा बताते है, पिछड़ो के हक की बात हो तो कहते है देश में कोई जाति नहीं

    रायपुर/ शौर्यपथ / अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेश प्रभारी डॉ. चंदन यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को चेतावनी दे रहा हूं कि संविधान जिंदाबाद था, संविधान जिंदाबाद है, और संविधान जिंदाबाद रहेगा। 2024 का लोकसभा चुनाव सिर्फ सत्ता का परिवर्तन का चुनाव नहीं है, दो विचारधारा का चुनाव है। संविधान बचाने का चुनाव है और देश को बनाने और बचाने का चुनाव है। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी जिस नीयत और नीति से 400 पार का नारा दिया था, अब वो जनता के बीच आ गया है कि उसका मतलब क्या है? कही जमीन पर कोई हकीकत नहीं था 400 से नीचे जा रहे है। जैसे-जैसे चुनाव चढ़ता जा रहा है भारतीय जनता पार्टी उसी तेज रफ्तार से नीचे जा रही है। 400 पार का क्या मतलब होता है कई बड़े नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा वो संविधान बदलना चाहते है। जब जनता को बात समझ आ गया तब भारतीय जनता पार्टी के नेता सफाई दे रहे है। लेकिन वो सफाई सच्चाई से परे है। भाजपा ने पहली बार ऐसा नहीं किया है, जब पहली बार एनडीए की सरकार बनी थी तब बाजपेयी की सरकार ने कॉन्स्टिट्यूशन रिव्यू कमेटी बनाया था। जिसके अध्यक्ष जस्टिस वेंकटेश चिलैय्या थे। जब-जब भाजपा की सरकार बनी है तब-तब वो संविधान में छेड़छाड़ बदलने का प्रयास करते रहे है। मैं इस देश की जनता को नमन करता हूं। देश और देश की जनता संविधान का जिंदाबाद का नारा इस देश के कण-कण में बसा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की जो मूल विचारधारा है और देश का संविधान है वे परस्पर विपरीत है। आरएसएस का विचारधारा है और हमारा संविधान कहता है आजादी के संघर्षो दौरान जो उत्पन्न हुई वो इस देश का संविधान है। देश की जनता के संघर्षो से उत्पन्न बहुत सारे हमारे परंपरा, इतिहास, स्टेटजी, सबसे बड़ा अहिंसा, तमाम ऐसे मूल्य है और तमाम हमारे बड़े-बड़े नेताओं का बहुत बड़ा संघर्ष रहा है। डॉ. बाबा साहब अंबेडकर राष्ट्रीय कमेटी के चेयरमेन रहे, तमाम ऐसे नेता थे सभी ने मिलकर ये एक बहुत ही मजबूत संविधान बनाया है। जो भारतीयता को दर्शाता है। भारत बोले तो अनेकता में एकता है। भारत को समझना चाहेंगे तो 22 प्रमुख भाषाएं है, 1632 बोली है, 6500 जाति-उपजाति है, 52 जनजातियां है, 29 मुख्य त्योहार है, 6 मुख्य धर्म है, 27 राज्य है, 7 केंद्र शासित प्रदेश है, एक संविधान है एक बेस है। इन सब से भारत बना है। हमारी संस्कृति अलग है, हमारी भाषा अलग है, खान-पान, रहन-सहन सब चीज अलग है लेकिन हम एक संविधान में विश्वास करते है, हम एक देश की परंपरा, इतिहास में हमारा अटूट विश्वास है। हम सब मिलजुल कर इसमें रहते है। हम एक दूसरे का सम्मान करते है। जो हमारा संवैधानिक कर्तव्य है। आरएसएस की विचारधारा इससे टकराव में है। इसलिये वो संविधान का बदलना चाहते है।
  कांग्रेस का हिस्सेदारी न्याय बड़ा चुनावी मुद्दा है। सरगुजा में प्रधानमंत्री आये थे। इसी छत्तीसगढ़ में भाजपा ने उनकी डबल इंजन की सरकार ने मिलकर कैसे छत्तीसगढ़ की धरती पर सामाजिक न्याय की हत्या की। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा के आरक्षण बिल पास करा कर मा. गवर्नर के पास भेजा अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुआ। कौन है इसका जिम्मेदार? छत्तीसगढ़ की जनता सवाल कर रही है कि आज सामाजिक न्याय की हत्या है की नहीं है?
  जातिगत जनगणना भारतीय जनता पार्टी क्यों नहीं कराना चाहती? कोई भी योजना या नीति बनाते है उनका आधार डेटा होता है। आधार होना चाहिये कि आप निर्णय क्यों ले रहे है? हिन्दुस्तान में जाति एक सच्चाई है और जाति आधार पर भेदभाव है ये भी एक सच्चाई है। संविधान कहता है कि इस भेदभाव को कम करना है, खत्म करना है। जब तक हमारे पास डेटा नहीं रहेगा तब तक इस भेदभाव को खत्म नहीं कर पायेंगे। भारतीय जनता पार्टी डेटा कलेक्शन से क्यों घबरा रही है? मोदी जी और खास करके भारतीय जनता पार्टी वो सिर्फ और सिर्फ वोट की राजनीति दिखाई दे रही है। छत्तीसगढ़ में आ कर के अपनी जाति बताते, पिछड़ा बताते है और जब पिछड़ो की हक और न्याय की बात होती है, एसटी, एससी के हक और न्याय की बात होती है तब वो कहते है देश में कोई जाति है नहीं। भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की सामाजिक न्याय के ऊपर, वंचित बहुसंख्यकों के ऊपर उनके नीति और नीयत साफ है, ये उनके विरोधी है। गरीबों के विरोधी है, और सिर्फ 22 से 25 जो अमीर उनके मित्र है जिनका 16 लाख करोड़ का ऋण माफ किया है वो सिर्फ उनके हितैषी है। इनको सामान्य वर्ग के गरीब लोगों की चिंता नहीं है, गरीब लोग एसटी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक है उनकी कही कोई चिंता नहीं है। भाजपा गरीब विरोधी है, वंचित बहुसंख्यक विरोधी है, युवा विरोधी है, महिला विरोधी है।
  पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री सकलेन कामदार, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेंद्र वर्मा, प्रवक्ता सत्यप्रकाश सिंह, अजय गंगवानी, अमित श्रीवास्तव उपस्थित थे।

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / हम सभी बाहर जाते हैं और पब्लिक टॉयलेट्स का इस्तेमाल करते हैं. चाहे ऑफिस जाना हो या फिर किसी कैफे में खाने या होटल में रहने जाएं, उन टॉयलेट्स का इस्तेमाल करना ही पड़ता है जिन्हें हमसे पहले कई लोग यूज कर चुके हैं. ऐसे में अक्सर ही कई तरह के सवाल मन में कौंधने लगते हैं, जैसे टॉयलेट सीट अगर ऊपर है तो उसे नीचे करने के लिए हाथ लगाएं या नहीं और फ्लश, फोसेट को छूना चाहिए या नहीं वगैरह वगैरह. ऐसे में यहां जानिए पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करने से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जो ना सिर्फ आपको इंफेक्शंस से बचाएंगी बल्कि किसी बड़ी बीमारी के खतरे को भी दूर रखेंगी.
पब्लिक टॉयलेट्स ऐसे करें इस्तेमाल
कई स्टडीज के मुताबिक, बैक्टीरिया पब्लिक टॉयलेट्स  में कई-कई महीनों तक सर्वाइव कर सकते हैं. वहीं, पब्लिक टॉयलेट्स में तकरीबन 45 फीसदी ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो टॉयलेट में ही पनपते हैं और ना सिर्फ टॉयलेट सीट पर बल्कि सोप डिस्पेंसर तक से चिपके होते हैं. ऐसे में इंफेक्शंस से बचे रहने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है.
आप टॉयलेट सीट पर बैठने से ना घबराएं लेकिन उसे छूने से जरूर बचें. टॉयलेट सीट को अगर हाथ लगाना पड़ रहा है तो नंगे हाथों से सीट छूने के बजाए टीशू पेपर से सीट पकड़ें और हाथों को इसके बाद अच्छी तरह से धो लें. आप चाहे तो टॉयलेट सीट पर सैनिटाइजर छिड़क सकते हैं.
फ्लश करते समय भी आप टीशू पेपर का इस्तेमाल करें. इससे बैक्टीरिया त्वचा के संपर्क में नहीं आता है. वहीं, फोसेट का इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथों को कम से कम 20 से 30 सैकंड के लिए अच्छे से धोएं.  हाथों को धोने के बाद उन्हें सुखाकर ही बाहर निकलें. बैक्टीरिया गीले हाथों में तेजी से फैलता है.
कोशिश करें कि पब्लिक वॉशरूम में आप अपना सामान जमीन पर रखने के बजाय दरवाजे के हैंगर से टांग दें. इससे कीटाणु आपके सामान में नहीं चिपकेंगे. अगर कोई साथ में हो तो अपना सामान बाहर ही रखकर फिर टॉयलेट जाएं.
अगर आप रोजाना ही पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं तो अपने साथ सैनिटाइजर या हैंड डिसइंफेक्टैंट रख सकते हैं. इससे आप खुद अपने हाथों सो कीटाणु हटा लेंगे और इंफेक्शंस  का खतरा भी कम होगा.

मनोरंजन /शौर्यपथ /साउथ की ब्लॉकबस्टर फिल्म बिल्ला एक बार फिर सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. एक्टर अजित कुमार की इस फइल्म को खूब पसंद किया गया था. इससे शानदार फिल्म कहा गया था. बिल्ला फिल्म 2007 में रिलीज हुई थी. उस समय ना फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिला था बल्कि क्रिटिक्स ने भी खूब सराहा था. अजित कुमार के फैन्स एक बार फिर बिल्ला को सिनेमाघरों में देखने का मौका मिल सकेगा. जीबी एंटरटेनमेंट के अरविंद सुरेश कुमार और डॉ ज्ञान बारथी इस फिल्म को 1 मई को पूरे तमिलनाडु में एटीएम प्रोडक्शंस के माध्यम से 150 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज कर रहे हैं. तमिल फिल्म बिल्ला तमिल इंडस्ट्री में शुरुआती सफल रीमेक फिल्म में से एक है.
बता दें कि बिल्ला को फिल्म के एक्टर और तमिल सुपरस्टार अजित कुमार के जन्मदिन यानी पहली मई को रिलीज किया जा रहा है. विष्णुवर्धन और अजित कुमार की बिल्ला ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार रिकॉर्ड बनाया है. अजित कुमार के डबल रोल के साथ-साथ नयनतारा और अन्य कलाकारों की शानदार स्क्रीन उपस्थिति, नीरव शाह के शानदार दृश्यों और युवान शंकर राजा के पावर-पैक संगीत स्कोर ने दर्शकों के लिए एक अविस्मरणीय सिनेमाई अनुभव दिया था.
अजित कुमार की बिल्ला को 2007 में तमिलनाडु में 200 और विदेश में 50 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया था. बताया जाता है कि फिल्म को 15 करोड़ रुपये के बजट में बनाया गया था जबकि इसको 25 करोड़ रुपये में बेचा गया था. बिल्ला 175 दिन तक सिनेमाघरों में चली थी और ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी. बिल्ला का निर्देशन विष्णुवर्धन ने किया था. ये 1980 की रजनीकांत की इसी नाम से रिलीज हुई फिल्म का रीमेक थी जबकि रजनीकांत की बिल्ला अमिताभ बच्चन की डॉन (1978) का रीमेक थी.

 सेहत टिप्स /शौर्यपथ /वजन जब बढ़ता है तो पता नहीं लगता है लेकिन इसको कम करना बेहद मुश्किल होता है. डाइट से आप वजन को तो कम कर सकते हैं. लेकिन शरीर का एक पार्ट जिसे स्लिम फिट करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है वो होती है पेट के पास जमा चर्बी. पेट के पास जमा फैट को कम करना बेहद मुश्किल होता है. थुलथुला पेट न सिर्फ दिखने में अजीब लगता है बल्कि इसकी वजह से कई बार आप अपने पसंदीदा कपड़ों को भी नहीं पहन पाते हैं. ऐसे में आपको उन चीजों के बारे में पता होना चाहिए जो तेजी से वजन कम करने और पेट के पास जमा चर्बी को कम करने में मदद कर सके. आज हम आपको एक ऐसा देसी नुस्खा बताएंगे जो वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है.
हम बात कर रहे हैं फिटकरी की. जो आपके किचन में आसानी से मिल जाती है. यह स्किन से लेकर सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकती है अगर आप इसका इस्तेमाल सही तरीके से करते हैं. बता दें कि वेट लॉस में भी ये मदद कर सकती है. साइंस अलर्ट मे पब्लिश एक आर्टिकल में बताया गया है कि फिटकरी कैसे वजन कम करने के साथ आपके लिए फायदेमंद हो सकीत है.
पेट की चर्बी कम करने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल कैसे करें
वजन कम करने के लिए आप फिटकरी के पाउडर को शहद और पानी के साथ ले सकते हैं. यह भूख को कम करने में मदद कर सकता है. जब भूख शांत रहती है तो इससे मेटाबॉलिज्म बेहतर रहता है जो वेट लॉस में मदद कर सकता है. इसके अलावा गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन भी वेट लॉस में मदद कर सकता है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ /दस्त लगना यानी मल का जरूरत से ज्यादा पतला आना और बार-बार आना ऐसी दिक्कत है जिससे कभी भी और कोई भी प्रभावित हो सकता है. कभी कुछ सड़ा-गला खा लेने पर तो कुछ बहुत ज्यादा मसालेदार और तला भुना खाने से भी दस्त लग सकते हैं. किसी को एकसाथ बहुत ज्यादा खाने पर दस्त की दिक्कत हो जाती है तो कोई बैक्टीरियल इंफेक्शंस, वायरल इंफेक्शन और किसी तरह की दवाइयों के असर से भी दस्त से परेशान हो जाता है. अगर असमय ही कभी दस्त की दिक्कत हो गई है तो यहां जानिए किस तरह इससे छुटकारा पाया जा सकता है. घर की ही कुछ चीजें दस्त से राहत दिलाने में असर दिखाती हैं.
दस्त के घरेलू उपाय |
नींबू का रस - दस्त लगने पर नींबू के रस के सेवन से दिक्कत कम हो सकती है. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर नींबू के रस  से शरीर को हाइड्रेशन, सूदिंग इफेक्ट्स और दर्द से राहत मिलती है. नींबू के रस को पानी में डालकर उसमें हल्का नमक, धनिया पाउडर और पुदीना डालकर पी लें.
दही - प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही को लूज मोशंस में खाया जा सकता है. इससे गुड गट हेल्थ प्रोमोट होती है और दस्त में आराम मिल जाता है. दस्त लगने पर अक्सर ही कुछ हल्का खाने के लिए कहा जाता है. ऐसे में आप खिचड़ी में दही डालकर भी खा सकते हैं.
केले - पौटेशियम और पेक्टिन से भरपूर केले दस्त से छुटकारा दिलाते हैं. केले में सोल्यूबल फाइबर होता है जो बाउल मूवमेंट को ठीक करता है. इससे शरीर को फायदेमंद इल्केट्रोलाइट्स भी मिलते हैं.
मेथी के दाने - दस्त के रामबाण नुस्खों में मेथी के दानों को गिना जाता है. मेथी के दानों के एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण दस्त की दिक्कत दूर करने में तेजी से असर दिखाते हैं. एक से 2 चम्मच मेथी के दाने लेकर पीस लें. इस पाउडर को एक गिलास पानी में डालकर पीने पर दस्त में आराम मिल सकता है. मेथी के दाने उबालकर भी इनका पानी पिया जा सकता है.
अदरक - पेट की कई दिक्कतों को अदरक का छोटा सा टुकड़ा दूर कर सकता है. दस्त, एसिडिटी, ब्लोटिंग  और पेट दर्द से राहत पाने के लिए अदरक को छोटे टुकड़ों में काटकर एक कप पानी में डालने और उबालकर पीने पर आराम मिलता है.

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