*- अखबारों या प्रिंटेड पेपरों की स्याही से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां*
*- खाद्य कारोबारकर्ताओं और आमजन से अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का उपयोग खाद्य सामग्री हेतु नहीं करने की अपील*
राजनांदगांव 06 अक्टूबर 2023। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य सामग्री विशेष कर तले हुए सामग्री को पैक करने, वितरण एवं भंडारण करने के लिए अखबारी समाचार पत्र या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश खाद्य कारोबारकर्ता को दिये गए हैं। उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन राजनांदगांव ने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि चौक-चौराहों में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, चालकों द्वारा खाद्य सामग्री जैसे बड़ा, समोसा, पकौड़े इत्यादि को पैक करने या वितरित करने के लिए अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का उपयोग किया जाता है। कम लागत व आसानी से उपलब्ध होने के कारण खाद्य सामग्री को रखने और पैक करने के लिए अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का उपयोग किया जाना मानव स्वास्थ सुरक्षा की दृष्टि से नुकसान दायक है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर खाद्य सामग्री के वितरण व भंडारण हेतु अखबारी पेपर्स या अन्य प्रिंटेड पेपर्स के उपयोग को हतोत्साहित कर बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डोमेन्द्र धु्रवने बताया कि अखबारों या प्रिंटेड पेपरों की छपाई के लिए प्रयुक्त स्याही में डाइईन आइसोब्यूटाइलेट, डाईआइसो ब्यूटाइल समेत कई तरह के रंजक होते हैं, जो गीली या तैलीय खाद्य सामग्री के साथ हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और इससे पाचन तंत्र संबंधी समस्या एलर्जी, टॉक्सीसिटी सहित कई गंभीर बीमारियों हेतु हमारे प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर हो जाते हैं। विभाग द्वारा खाद्य कारोबारकर्ताओं और आमजन से अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का उपयोग खाद्य सामग्री हेतु नहीं करने की अपील की है। साथ ही किसी अन्य को भी ऐसा नहीं करने करने की समझाइस देने के लिए कहा गया है। इसके बावजूद किसी खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन के ईमेल This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. में या स्थानीय जिला कार्यालय में संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते हंै। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में निर्देशों के पालन हेतु जनजागरूकता सहित अभियान चरणबद्ध रणनीति तैयारकर नियमानुसार कार्रवाई की जायेंगी। क्रमांक 41 शुक्ल --------------------