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दलेश्वर साहू तीसरी बार जीते तो मंत्री बनना तय*

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*➡️ भरत वर्मा के लिए लोहे के चने साबित हो रहे हैं सिटिंग एमएलए*

*राजनंदगांव ।* जिले के डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दलेश्वर साहू का पलड़ा इस चुनाव में भी भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। पहले चुनाव में उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता दिनेश गांधी को हराया दूसरे में फिर कगद्दार नेता पूर्व सांसद मधुसूदन यादव को पटकनी दी और तीसरे में दफा पूर्व जिला पंचायत सदस्य भरत वर्मा को धूल चटाने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। दलेश्वर साहू के बारे में आम चर्चा यह होती है कि वह अपने क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोगों को बाय फेस और बाय नाम जानते हैं। उन्होंने अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में सभी समाज के विकास को प्राथमिकता देते हुए उन्हें कुछ न कुछ सहयोग किया है। उनकी वरिष्ठता के हिसाब से भाजपा प्रत्याशी भरत वर्मा नए मालूम पड़ते हैं। यह भी जन चर्चा है कि दलेश्वर साहू भले प्रचार प्रसार में भारत वर्मा से पीछे हो लेकिन अपने क्षेत्र वासियों से परिचय में बहुत आगे हैं। उनके पास विकास योजनाओं की खाखा पहले से तैयार हैं। जिसमें से वह कई को अंजाम तक पहुंच चुके हैं। शेष योजनाओं या शेष विकास कार्यों को वह फिर से विधायक बनने के बाद पूरा करने के लिए उद्यत है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा अर्जुनी में कॉलेज खोलने की घोषणा करवाई और उसे समय रहते हैं पूरा भी करवाया। क्योंकि एक साथ और भी क्षेत्र से मांग किये जाने के बाद दिक्कत पूर्ण था। उसे समय आने पर पूरा किया जाएगा। जैसे कि तुमड़ीबोर्ड में कॉलेज की मांग अधूरी रह गई है। उसे भी पूरा करने के लिए उनके मन में कसक है। लेकिन दोबारा मौका मिले तो उसे प्राथमिकता के साथ पूर्ण करेंगे। इसी प्रकार रेवाडीह से जंगलपुर डब्ल्यूएम रोड डामरीकरण और बीच में रपट पुल निर्माण के साथ करने की भी योजना है। जिसे डॉक्टर रमन सिंह डोंगरगांव विधायक रहे थे और राजनांदगांव विधायक रहे थे मुख्यमंत्री होकर भी नहीं कर पाए उसे पूर्ण करने के लिए श्री साहू के मन में योजना है। तीसरी बार मौका मिले तो उसे अवश्य पूरा करेंगे। इसी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की समस्त योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए वह हमेशा आगे रहते हैं। 24 घंटे में किसी भी समय किसी प्रकार की समस्या आ जाने पर फोन रिसीव जरूर करते हैं नहीं तो बाद में कॉल बैक करके समस्या के बारे में पूछते और हल करते हैं यह उनकी खासियत है दूसरा यह की भारत वर्मा को जातीय समीकरण के चलते भी चुनाव जीतने में मुश्किलें जा रही है। उनकी जगह है भाजपा यदि किसी साहू प्रत्याशी को उतरे होते तो जाति समीकरण का लाभ उन्हें जरूर मिलता लेकिन भरत वर्मा के लिए यह माइनस पॉइंट है। बड़ी बात यह भी है कि किसान भूपेश सरकार से खुश हैं इसलिए भी दलेश्वर साहू को उनकी योजनाओं से लाभ मिलने की संभावना बढ़ गई है।

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Mrinendra choubey

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