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"देवतुल्य कार्यकर्ता दरबार में खड़े रहे, मंत्री न आए – चिट्ठी ने खोली सत्ता-संगठन की दूरी" Featured

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"जनहित मुद्दों पर संवाद न मिलने से देवतुल्य कार्यकर्ता खिन्न, पत्र हुआ वायरल"

दुर्ग/रायपुर। भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ के एक समूह ने छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी से जनहित के महत्वपूर्ण विषयों पर मिलने की कई बार कोशिश की, लेकिन मिलने का समय न मिलने पर वे व्यथित होकर एक नाराज़गीपूर्ण पत्र मंत्री को प्रेषित कर गए। इस घटना से जुड़ा हस्तलिखित पत्र और उसकी फोटो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हो रही हैं तथा भाजपा के आंतरिक समीकरणों पर सवाल खड़े कर रही है।

घटना के विवरण के अनुसार, प्रकोष्ठ के डॉक्टर और पदाधिकारी मंत्री के दरबार/सीट के बाहर एक घंटे तक इंतजार करते रहे। निर्धारित समय पर मंत्री से मिलने की उम्मीद थी, किन्तु वे मिलने नहीं आए। मशवरे और प्रतीक्षा के बाद चिकित्सक नेताओं ने अपना पत्र मंत्री के कार्यालय के हस्ताक्षरित प्रतिनिधि के माध्यम से सौंप दिया। स्थानीय अखबार में प्रमुख सुर्खियों के साथ इस मामले का संक्षिप्त वर्णन भी प्रकाशित हुआ है।

पत्र में डॉक्टरों ने अपनी नाराज़गी व अपमान का उल्लेख किया है और जताया है कि जनहित के मुद्दों पर मिलने के लिए कई बार आग्रह किया गया था पर समय नहीं मिला। हस्तलिखित पत्र में उपस्थित डॉक्टरों के नाम व हस्ताक्षर भी पाए जा सकते हैं — तस्वीरों में यह पत्र स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया मिश्रित है — जहाँ कुछ उपयोगकर्ता डॉक्टरों के रुख़ को जायज़ ठहरा रहे हैं और इसे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार का प्रमाण बता रहे हैं, वहीं कुछ अन्य टिप्पणियाँ इस मामले को राजनीतिकरण करार दे रही हैं। कुछ पोस्टों ने घटना को भावनात्मक रूप में दर्शाते हुए टिप्पणी की है — “दरबार में खड़े रह गए देवतुल्य” — जो व्यापक स्नेह व चिंता दोनों का संकेत देती है। कई संदेशों में यह भी चिंता व्यक्त की जा रही है कि संगठनात्मक अनुशासन के नाम पर शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की आशंका बनी रहती है।

घटना से स्थानीय राजनीतिक गलियारे में भी हलचल मची हुई है; चिकित्सा प्रकोष्ठ के कई पदाधिकारी और स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस तरह के मौकों पर पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को प्राथमिकता से सुना जाना चाहिए, वरना स्थानीय स्तर पर असंतोष बढ़ सकता है।

इस खबर के प्रकाशन तक मंत्री ओ.पी. चौधरी या उनके कार्यालय की ओर से इस मामले पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हुई है। संपर्क का प्रयास या आधिकारिक टिप्पणी सामने आने पर घटना के आगे के पहलुओं और आशय का संपूर्ण ब्यौरा प्रकाशित किया जाएगा।

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Last modified on Thursday, 18 September 2025 12:26
शौर्यपथ

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