राजनांदगांव/शौर्यपथ/ सर्दियों के मौसम में दिल के मरीजों के लिए खतरा बढ़ जाता है।एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग डॉ. प्रकाश खूंटे बताते हैं कि ठंड के कारण शरीर की रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर अचानक भार पड़ता है। इसी कारण इस मौसम में हार्ट अटैक की घटनाएँ अधिक देखी जाती हैं। सर्दियों में लोगों की गतिविधियाँ कम हो जाती हैं और तैलीय, भारी भोजन का सेवन बढ़ जाता है। इसके साथ ही फ्लू और सांस की समस्या भी दिल की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, जिससे दिल की बीमारी का जोखिम और बढ़ जाता है।
डॉ. प्रकाश खूंटे का कहना है कि हार्ट अटैक के लक्षणों को समय रहते पहचानना बेहद महत्वपूर्ण है। यदि सीने में दर्द या दबाव महसूस हो, दर्द हाथ, गर्दन या पीठ तक फैल जाए, सांस लेने में कठिनाई, ठंडा पसीना या चक्कर आए—तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। बुजुर्ग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह व कोलेस्ट्रॉल के मरीज और पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोग सर्दियों में विशेष रूप से जोखिम में रहते हैं।
सावधानी जिन लोगों को रखनी चाहिए, उनमें डॉ. प्रकाश खूंटे खासतौर पर 50 वर्ष से ऊपर के लोगों, स्मोकिंग करने वालों और लंबे समय से दिल की बीमारी झेल रहे मरीजों को शामिल करते हैं। उनके अनुसार सर्दियों में दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपाय अपनाने चाहिए। सबसे पहले ठंड से बचाव जरूरी है—गर्म कपड़ों का सही उपयोग करें और अचानक ठंडी हवा में जाने से बचें। हल्का व संतुलित भोजन लें, दिन में थोड़ा-बहुत चलते-फिरते रहें और नियमित रूप से BP, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें। डॉ. प्रकाश खूंटे सलाह देते हैं कि धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन सर्दियों में दिल के लिए और भी हानिकारक हो सकता है, इसलिए इन्हें सीमित करना आवश्यक है।
बहुत ठंड में भारी व्यायाम या अचानक जोरदार शारीरिक गतिविधि दिल पर अनावश्यक दबाव डाल सकती है, इसलिए हल्का और सुरक्षित व्यायाम ही उपयुक्त है। वे यह भी कहते हैं कि पर्याप्त पानी पिएँ, क्योंकि सर्दियों में शरीर अनजाने में डीहाइड्रेट हो जाता है, जिससे खून गाढ़ा होने का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञ डॉ. खूंटे के अनुसार, शीत लहर के दिनों में दिल के मरीजों, बुजुर्गों और हाई BP/शुगर वाले मरीजों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। ठंड का सही प्रबंधन, तनाव से दूरी और समय पर जांच—ये तीन बातें सर्दियों में दिल की सुरक्षा की रीढ़ हैं।
आखिर में डॉ. प्रकाश खूंटे यह संदेश देते हैं कि सर्दियों में छोटे-छोटे पर सावधानीपूर्ण कदम दिल को गंभीर खतरे से बचा सकते हैं। किसी भी लक्षण को हल्के में न लें और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर उपचार से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है।