बालोद / शौर्यपथ / जिले में बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्कयू एवं पुनर्वास हेतु लगातार अभियान चलाए जा रहे है। जिसमें किशोर न्याय(बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 2(14)(।।) के अनुसार पथ पर भीख मांगने या श्रम विधियों का उल्लंघन करने वाले बालकों तथा बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 की धारा (2) की जानकारी दी जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिला स्तरीय गठित दल द्वारा विगत दिनों दल्लीराजहरा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्कयू अभियान चलाया गया। जहां एक बच्चा भिक्षावृत्ति करते पाया गया। रेस्कयू दल द्वारा उस बच्चे एवं उसके पालक को प्रावधानों की जानकारी व समझाईश देकर छोड़ा गया। इसी प्रकार डौण्डी विकासखण्ड में रेस्कयू अभियान में एक बच्चा अपशिष्ट पदार्थ संग्रह करने हुए पाया गया, जिसे रेस्कयू दल द्वारा बाल कल्याण समिति बालोद के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि जिले के सभी विकासखण्डों एवं नगरीय निकाय क्षत्रों के विभिन्न चैक-चैराहों में अलग-अलग दिवस निरीक्षण/रेस्कयू दल द्वारा बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्कयू एवं पुनर्वास हेतु अभियान चलाया जा रहा है। रेस्कयू दल में समाज कल्याण विभाग, श्रम विभाग, पुलिस विभाग व चाईल्ड लाईन बालोद के सदस्य शामिल है।