कांकेर / शौर्यपथ / कांकेर वनमंडल अन्तर्गत आने वाले गांवो में इन दिनों तेंदुए का आतंक जारी है।शनिवार को तेंदुए के हमले से फिर एक महिला को जान गवानी पड़ी । जिला मुख्यालय कांकेर से करीब 15 किलोमीटर दूर बसे मुजालगोंदी गांव में यह घटना घटी। जिला मुख्यालय के नजदीक 2 महीने में तेंदुए के हमले से यह 5 वी मौत है। इसके पहले ग्राम पलेवा , भैंसाकट्टा , बनसागर, रिसेवाडा में तेंदुए ने 4 लोगो को अपना शिकार बनाया था ।लगातार हो रहे तेंदुए के हमले से क्षेत्र में दहशत में लोग जीवन जी रहे है ।नरहरपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत रिसेवाडा में बीते 14 अक्टूबर को भी ऐसी ही घटना हुई थी जिसमे एक महिला की मौत हुई थी। ।
मुजालगोंदी की रहने वाली लालवती मंडावी बीती रात अपने खेत के पास कच्चे मकान में सोई हुई थी तेंदुआ घर मे घुस आया और महिला को खींच कर ले गया। महिला का शव सुबह घर से 100 मीटर दूर झाड़ियों में दो टुकड़ों में बंटा हुआ मिला। महिला की गर्दन और धड़ अलग अलग पड़ा हुआ था, सूचना मिलने पर पुलिस और वन विभाग की टीम घटना स्थल पर मुआयना कर जानकारी ली । इसके पहले पलेवा, भैंसाकट्टा, बनसागर , रिसेवाडा में तेंदुआ लोगो को अपना शिकार बना चुका है। पलेवा और भैंसाकट्टा में तीन तेंदुए को वन विभाग ने पिजड़ा लगा पकड़कर अन्यत्र भेजे है । लेकिन बनसागर और मुजालगोंदी में लोगो को शिकार बना चुका तेंदुआ अब भी इलाके में विचरण कर रहा है। जिससे लोगो मे भारी दहशत का माहौल है। वन परिक्षेत्र नरहरपुर अंतर्गत ही रिसेवाडा में बीते 14 अक्टूबर को भी ऐसी ही घटना हुई थी जिसमे एक महिला की मौत हुई थी। आतंक का पर्याय बना नरभक्षी तेंदुआ को पिंजड़ा लगा पकड़कर अन्यत्र जंगलों में छोड़ने लोगो की मांग है।