सिज्नेबल व्यापार की उगाही पर आखिर कब गंभीरता दिखायेंगे आयुक्त लोकेश चंद्राकर
दुर्ग / शौर्यपथ /
दुर्ग नगर पालिक निगम में भ्रष्टाचार के नए नए मामले सामने आते रहते है किन्तु इन भ्रष्टाचार के मामलो में कार्यवाही तो दूर की बात भ्रष्टाचार के मामले की जाँच भी नहीं हो रही निगम प्रशासन द्वारा . ऐसे कई मामले पिछले कुछ माह में सामने आ चुके है जिसमे लाखो करोडो के भ्रष्टाचार की दुर्गन्ध आम जनता सहित सत्ताधारी पार्षदों एवं विपक्ष को भी आ रही किन्तु भ्रष्टाचार की इस दुर्गन्ध को निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर द्वारा दूर करने की निर्णायक कोशिश कही नजर नहीं आ रही .
दुर्ग निगम का बाज़ार विभाग द्वारा लगातार कई मामलो में अनियमितता के बावजूद कार्यवाही का ना करना अधिकारियों के द्वारा रिश्वत खोरी की ओर भी इशारा कर रहा परन्तु कांग्रेस की सरकार से होते हुए यह भ्रष्टाचार अब भाजपा की सरकार आने के बाद भी बदस्तूर जारी है .
ऐसा प्रतीत होता है कि संविधान के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का पूरा फायदा उठाते हुए बाजार अधिकारी चन्दन मनहरे अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए . वर्तमान समय में गर्मी के मौसम के चलते शहर के अधिकतर चौक चौराहों में गन्ने रस की दूकान संचालित है जिससे निगम प्रशासन द्वारा एक निश्चित राशि वसूली जाति है . शहर में प्रत्येक गन्ना रस वालो से निगम प्रशासन 4840 रूपये के लगभग की रसीद काट रही है .
बाजार विभाग में सहायक राजस्व निरीक्षको की एक लंबी फौज है और शहर के चौक चौराहा में संचालित गन्ने रस की दुकानों से रसीद काटने का काम बाजार विभाग के सहायक राजस्व निरीक्षको के द्वारा किया जाता है एक पूरी टीम शहर में संचालित गन्ना रस दुकानों से राशि वसूल रही है किंतु कुछ ऐसे दुकान भी हैं जिससे राशि वसूलने का काम बाजार अधिकारी चंदन मनहरे अकेले बिना रसीद बुक लिए जाकर कर रहे हैं गन्ना रस संचालकों ने नाम बता ना बताने की शर्त पर यह बात कही .
ऐसे गन्ना रस संचालकों का कहना है कि बाजार विभाग में आए हुए नए अधिकारी अकेले आए थे और राशि की मांग करने लगे जिसमें से कुछ संचालकों ने पूरी रकम तो कुछ संचालकों ने आधी रकम बाजार अधिकारी चंदन मन्हारे को दे दी और संचालकों द्वारा जब रसीद की मांग की गई तो बाजार अधिकारी ने उन्हें एक-दो दिन में रसीद देने की बात कही किंतु वह एक-दो दिन अब लगभग हफ्ते भर हो गए परंतु बाजार अधिकारी द्वारा ऐसे संचालकों को रसीद नहीं दी गई वहीं कुछ संचालकों का यह भी कहना है कि हमसे तो जबरदस्ती पैसे ले लिए गए और आस पास के अन्य गन्ना रस संचालको को समय दे दिया गया .
शौर्यपथ समाचार पत्र के पास ऐसे गन्ना रस संचालकों से चर्चा के पूरे प्रमाण मौजूद है अगर जिला प्रशासन द्वारा इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जाती है तो शौर्यपथ समाचार पत्र द्वारा जांच अधिकारी को गन्ना रस संचालकों से हुई चर्चा के प्रमाण प्रस्तुत कर देगा .
ऐसी उम्मीद कम ही है कि इस मामले पर भी पुराने मामले की तरह नगर पालिका निगम प्रशासन बाजार विभाग के अधिकारी पर कार्यवाही करेगा जैसा की हाल ही में देखने को मिला है बस स्टैंड स्थित रेन बसेरा जो अवैध रूप से निगम के निविदा शर्तों का उल्लंघन करते हुए संचालित हो रहा है और जिसकी जांच की बात आयुक्त लोकेशन चंद्राकर द्वारा कही जा रही है परंतु जांच ना होना कहीं ना कहीं रेन बसेरा से भी पर्दे की पीछे किसी बड़े सौदे की ओर इशारा कर रहा है जिसकी जांच गर जिला प्रशासन निष्पक्षता से करें तो कई तरह क्या अनियमितता सामने आएगी परंतु कांग्रेस सरकार के समय से चली आ रही है अनियमितता अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय भी जारी रहना कहीं ना कहीं अधिकारियों की ना काबिलियत और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता को ही दर्शा रही है .देखना यह है कि गन्ना रस संचालकों से पैसे लेकर आना और बाद में रसीद देने की बात की जांच निगम प्रशासन द्वारा निष्पक्षता से की जाती है या नहीं.