नई दिल्ली / एजेंसी / भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीन महारत्न कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने देश की रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कंपनी ने भारतीय नौसेना के दो उन्नत फ्रंटलाइन युद्धपोतों आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि के निर्माण के लिए लगभग 8,000 टन क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 26 अगस्त को विशाखापत्तनम में आयोजित समारोह के दौरान इन दोनों फ्रिगेट्स को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल किया गया।
सेल ने इस उपलब्धि को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड के साथ साझेदारी कर हासिल किया। इस्पात की आपूर्ति कंपनी के भिलाई, बोकारो और राउरकेला स्टील प्लांट्स से की गई। विशेष रूप से राउरकेला स्टील प्लांट का "स्पेशल प्लेट प्लांट" अब तक युद्धपोत, टैंक और मिसाइलों जैसे रक्षा उपकरणों के लिए एक लाख टन से अधिक क्रिटिकल-ग्रेड स्टील प्रदान कर चुका है।
इन दोनों अत्याधुनिक युद्धपोतों के नौसेना में शामिल होने से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि भारत अब अपने जहाजों के लिए आवश्यक बुनियादी स्टील से लेकर जटिल डिज़ाइन और प्रशिक्षित मानव संसाधन तक, सभी क्षमताओं को देश में ही विकसित करने में सक्षम है। यह न केवल भारत की आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में बड़ी उपलब्धि है, बल्कि हमारी रक्षा प्रणाली की मजबूत नींव और औद्योगिक शक्ति का भी प्रतीक है।