शासकीय अभिलेखों में छेड़छाड़, बैंक से करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश
दुर्ग/शौर्यपथ। थाना नंदिनी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी भुइंया सॉफ्टवेयर में हैकिंग और फर्जीवाड़ा कर बैंक से 36 लाख रुपये का लोन निकालने वाले मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी नन्द किशोर साहू को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला शासन की डिजिटलीकरण प्रणाली की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
मामला कैसे हुआ
नंदिनी नगर क्षेत्र के ग्राम अछोटी और मुरमुंदा के राजस्व अभिलेखों में अज्ञात आरोपियों ने भुइंया सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर खसरा नंबर बदल दिए। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय स्टेट बैंक, नंदिनी नगर शाखा से ₹36 लाख का लोन लिया गया।
जांच में सामने आया कि मुख्य साजिशकर्ता दिनू राम यादव (रायपुर निवासी) ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और रकम आहरण कर विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दी। इसमें से ₹20,26,547 की राशि भिलाई निवासी नन्द किशोर साहू के खाते में जमा हुई, जिसे उसने अपनी निजी कंपनी भिलाई-दुर्ग फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी में निवेश कर दुरुपयोग किया।
पुलिस की कार्रवाई
मामले में अपराध क्रमांक 201/2025 दर्ज कर, धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बीएनएस एवं 66(सी) आईटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस ने आरोपी नन्द किशोर साहू को 27 अगस्त 2025 को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस का संदेश
थाना नंदिनी पुलिस ने स्पष्ट किया है कि –
"शासकीय सॉफ्टवेयर और अभिलेखों में छेड़छाड़ करने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।"
क्यों है यह मामला गंभीर
? सरकारी सॉफ्टवेयर की सुरक्षा में सेंध आम जनता के विश्वास को तोड़ती है।
? सुशासन और पारदर्शिता के दावों पर प्रश्नचिह्न लगाती है।
? सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर बैंकों और आम जनता को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।