दुर्ग / शौर्यपथ / जहाँ एक ओर स्वास्थ्य केंद्र लोगों को जीवन दान देने का काम करते हैं, वहीं दुर्ग जिले के उतई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। केंद्र की ही एक महिला कर्मचारी, कनिष्ठ सचिवीय सहायक (जेएसए) किरण भारत सागर ने अपनी निजी 'फाइनेंशियल इमरजेंसी' को पूरा करने के लिए सीधे सरकारी खजाने पर हाथ साफ कर दिया। महिला बाबू ने जननी सुरक्षा योजना और जीवनदीप समिति के पवित्र बैंक खातों से कुल 26 लाख 6 हजार 57 रुपए उड़ा दिए, मानो यह कोई व्यक्तिगत बचत खाता हो।
? 'लोन चुकाने' के लिए सरकारी फंड का 'डायवर्जन'
गबन की आरोपी किरण भारत सागर ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने विभिन्न फाइनेंस कंपनियों से लिए गए लाखों रुपए के लोन को चुकाने के लिए इस सरकारी धन का दुरुपयोग किया। उसने बजाज, नावी, श्रीराम फाइनेंस जैसी कंपनियों में मोटी रकम जमा की, और तो और, अपनी सहूलियत के लिए एक चमचमाती स्कूटी भी खरीद डाली।
?️ विधायक की दो टूक: 'सेवा मुक्ति' और कड़ी कार्रवाई
जैसे ही यह गंभीर वित्तीय अनियमितता उजागर हुई, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने त्वरित और सख्त रुख अपनाया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को तत्काल पत्र लिखकर आरोपी महिला बाबू को कड़ी से कड़ी सज़ा देने और अविलंब सेवा मुक्ति (बर्खास्त) करने की मांग की है। विधायक ने इसे 'गंभीर अपराध' बताते हुए साफ़ कहा है कि इस मामले में लिप्त हर व्यक्ति को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई सरकारी बाबू ऐसी हिम्मत न कर सके।
?♀️ जेल की हवा: 'जीवनदीप' की रोशनी पर पड़ा 'ग्रहण'
मामला खुलने पर उतई पुलिस ने बोरसी भाठा निवासी नारायण लाल बंजारे की रिपोर्ट पर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने जेएसए किरण भारत (39 वर्ष) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(5) और 318(4) के तहत मामला दर्ज किया है। पूछताछ और गिरफ्तारी के बाद, अब यह 'सरकारी सेविका' न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दी गई है।
टिप्पणी: यह घटना दर्शाती है कि जब सरकारी योजनाओं का पैसा भी निजी ऐशो-आराम और कर्ज़ चुकाने के लिए इस्तेमाल होने लगे, तो कागज़ों पर दिख रही योजनाओं की सफलता और जनता की सुरक्षा दोनों पर सवालिया निशान लग जाता है। 'जननी सुरक्षा' का पैसा 'जीवनदीप' में आग लगाने का काम कर रहा था।
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