दुर्ग / शौर्यपथ / वैश्विक महामारी कोरोना काल मे भी राशन दुकानों को थोड़ी बहुत छूट दी गयी है वही सरकारी शराब दुकानों को होम डिलीवरी के माध्यम से घर पर ही शराब पहुचाने हेतु मोबाइल एप्प के माध्यम से अलग से सेवा शुल्क का आदेश जारी किया गया था परंतु शराब दुकान के ही कर्मचारी आदेश की धज्जियां उड़ाते चौक चौराहों में नज़र आ रहे है।लगातार 5 दिनों से कर्मचारी पावर हाउस ओवर ब्रिज के नीचे बैठकर बकायदा शराब की पेटियां लेकर लोगो को बुलाकर शराब देने में लगे हुए थे जबकि मुश्किल से 100 मीटर की दुरी पर छावनी थाना स्थित है।जब शराब की खुलेआम डिलीवरी देने के मामले ने तूल पकड़ा तो जानकारी लगने पर थाना छावनी की पेट्रोलिंग गाड़ी मौके में पहुचकर कुछ देर के लिए कर्मचारी को शराब की पेटियों समेत थाने ले आई परन्तु कुछ ही देर में शराब दुकान के सुपरवाइजर के पहुचने पर उससे माफीनामा पत्र लेकर छावनी पुलिस द्वारा मामले को रफा दफा कर दिया गया।
5 दिनों से लगातार पावर हाउस चौक में ही लोगो को बुलाकर कर रहें थे शराब की डिलीवरी
जानकारी के मुताबिक 5 दिनों से 100 रुपये अधिक लेने के बावजूद भी कर्मचारी लोगो को खुलेआम चौक चौराहों में शराब दुकान लगाकर डिलीवरी दे रहे थे वही पुलिस को इसकी भनक तक नही लग रही थी। अब सवाल यह उठता है कि क्यों शराब की डिलीवरी घर पहुचकर नही दी जा रही है जबकि घर पहुच शुल्क बराबर एप्प के माध्यम से शराब प्रेमियों से वसूला जा रहा है।क्या इससे कोरोना संक्रमण फैलने का डर नही है जिससे कि प्रशासन की खुद की बड़ी लापरवाही उभरकर लोगो के सामने आ रही है वही वहाँ आसपास के लोगो मे भी खासकर महिलाओं में काफी हद तक आक्रोश देखने को भी मिला।