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नगरी के दुर्गा स्थापना के चौड़ी निर्माण पर जारी स्थगन व अतिक्रमण प्रकरण खारिज

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धमतरी/नगरी शौर्यपथ

नगर के दुर्गा स्थापना स्थल के चौड़ी निर्माण पर न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा जारी गत 2 वर्ष पूर्व जारी स्थगन आदेश पूर्ण जांच उपरांत खारिज कर दी गई है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार नगर के हृदय स्थल राजा बड़ा में वर्षों से ग्राम व्यवस्था समिति द्वारा नव आनंद कला मंदिर का गठन कर नगर में एक ही स्थान पर दुर्गा उत्सव के समय दुर्गा प्रतिमा का पूजा एवं दुर्गा उत्सव मनाया जाता है।
उक्त स्थल पर 65 वर्ष पूर्व एक झोपड़ी नुमा मंदिर था ।जो कि जर्जर होने से तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय संपत लाल जी छाजेड़ के नेतृत्व में आनंद कला मंदिर के पदाधिकारियों ने गत 2007 में जीर्णोद्धार करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ किया था।
जो कि तत्कालीन तहसीलदार नगरी ने जांच उपरांत सही पाया था ।
किंतु इस बीच नगरी के एक महिला द्वारा इस बाबत व्यवहार न्यायालय में वाद पेश किए जाने से उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर लिया था । फल स्वरुप निर्माण कार्य रोका गया था। उक्त व्यवहार न्यायालय नगरी पूर्ण सुनवाई उपरांत राजस्व अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन से संतुष्ट होते हुए मामला खारिज कर दिया गया एवं इसकी अपील अति जिला न्यायधीश धमतरी में भी की गई जो खारिज हो गई ।उक्त व्यवहार वाद खारिज किए जाने पर पुनः निर्माण कार्य में बुधवारी बाजार दुर्गा उत्सव विजयदशमी सेवा समिति नगरी जो कि ग्राम व्यवस्था समिति के अंतर्गत पंजीयन कराकर पुनः प्रारंभ दिनांक को किया गया निर्माण के अंतर्गत दुर्गा स्थापना हेतु पूर्व निर्मित स्थल गर्भ गृह के ऊपर चौड़ी का निर्माण कार्य किया जा चुका है तथा उस पर पिलर खड़े किए जा चुके थे इसी बीच तहसीलदार नगरी ने उसे अतिक्रमण मानते हुए रोक दिनांक 19 फरवरी 2018 को स्थगन जारी कर दिया था उक्त रोक का आदेश ललित शर्मा को दिया गया था जिन्होंने तहसीलदार नगरी के न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब तथा दस्तावेज बनाने एवं पैरवी हेतु नगर के वकील से सहयोग मांगा तो नगरी के लगभग सभी वकील कुशाल चंद जैन ,तेज बहादुर अग्रवाल ,मारुत कुमार गंजीर, मुकेश साहू ,सुरेश साहू, चित्रभानु तेजस ,सुरेश प्रजापति, फारुख खान लोहानी ,सुरेश साहू बलभद्र, राजेंद्र मिश्रा मुकेश सेमरी धीरेंद्र सुरेश दुष्यंत कौशल ,तुलसी साहू ,पुष्पेंद्र साहू ने सभी ने अपने पावर पेश कर प्रखंड की पैरवी कर तहसीलदार नगरी को संतुष्ट किया उक्त भूमि राजा महाराजा के समय से दुर्गा उत्सव के लिए उपयोग में आ रही है तथा बाद में इसे बुधवारी बाजार भी लगाया जाता है इसी वजह से उक्त भूमि के राजस्व रिकॉर्ड से छत्तीसगढ़ शासन ने दुर्गा उत्सव एवं बुधवारी बाजार के लिए आरक्षित किया है जो कि वर्तमान में मिसल रिकॉर्ड में दर्ज है मौके पर ललित शर्मा द्वारा व्यक्तिगत निर्माण नहीं किया जा रहा है बल्कि दुर्गा विजया दशमी सेवा समिति नगरी जो अपने शासन द्वारा पंजीकृत संस्था है उसके द्वारा किया जा रहा है ।न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा इस संबंध में मौका का जांच पटवारी राजस्व निरीक्षक से बुलाया और सभी एकमत यह प्रतिवेदन दिया कि उक्त निर्माण कार्य से किसी के विस्तार में कोई बाधा नहीं हो रही है तथा जो निर्माण किया जा रहा है वह पूर्व से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है किसी प्रकार का अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है ।
बुधवारी बाजार एवं दुर्गा उत्सव के लिए सार्वजनिक हित में सुरक्षित है मौके पर दुर्गा प्रतिमा रखने के लिए चौडी का निर्माण, किसी भी निस्तार में अड़चन नहीं होने से अतिक्रमण प्रकरण चलाए जाने की आवश्यकता नहीं है। मौके पर जो निर्माण कार्य से तहसीलदार नगरी के न्यायालय ने जो स्थगन जारी किया था उसे निरस्त करते हुए प्रकरण समाप्त कर दिया गया है ।
उक्त फैसला हो जाने पर नगर व्यवस्था समिति में हर्ष व्याप्त है।

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राज शेखर नायर

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