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रायपुर/शौर्यपथ / कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी दीप्ति प्रमोद दुबे ने आज अपने सघन जनसंपर्क अभियान के दौरान आम जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्य लक्ष्य रायपुर शहर को सुव्यवस्थित करना और भू-माफिया से मुक्त कराना है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बुनियादी सुविधाओं के साथ नगर निगम के कर्मचारियों, व्यापारियों और गुमटी लगाकर जीविका चलाने वालों की चिंता है।’’ जनसंपर्क के दौरान लोग अपनी मांगें और सुझाव रख रहे हैं।
महापौर प्रत्याशी दीप्ति प्रमोद दुबे ने कहा कि मतदान की तारीख आने से पहले जनता ने तय कर लिया है उन्हें कांग्रेस का महापौर चुनना हैं। ‘‘शहर को भू-माफियाओं से मुक्त करवाना मेरी प्राथमिकता है।’’ मेरे पति प्रमोद दुबे ने शहर के विकास में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से योगदान दिया, अब मैं भी शहर के विकास के लिए पूरी मेहनत से काम करूंगी।“
जनसंपर्क अभियान संपन्न
महापौर प्रत्याशी दीप्ति प्रमोद दुबे ने आज (08 फरवरी 2025) रायपुर में विभिन्न इलाकों में व्यापक जनसंपर्क किया। यह अभियान सुबह 8 बजे वीर शिवाजी वार्ड से शुरू होकर शाम 5 बजे महामाया मंदिर वार्ड तक चला।
इस दौरान वे वीर सावरकर, दानवीर भामाशाह, पं. दीनदयाल उपाध्याय, ठक्कर बापा, ठाकुर प्यारेलाल, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, वामनराव लाखे सहित कुल 16 वार्डों में पहुंचीं। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय पार्षदों के साथ जनता से संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं।
भाजपा की सरकार ने एक साल में हर वर्ग को धोखा दिया - भूपेश बघेल
कांग्रेस के महापौर दीप्ति दुबे, वार्ड प्रत्याशियों को प्रचंड मतो से विजयी बनाये
रायपुर/शौर्यपथ /रायपुर में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा अवसर आ गया कि वादाखिलाफ़ी वाली भाजपा सरकार से हिसाब लेने का। पिछले एक साल में भाजपा की सरकार ने हर वर्ग को धोखा दिया। किसान, युवा, आदिवासियों, अनुसूचित जाति, ओबीसी, सामान्य हर वर्ग के कल्याण के लिये कांग्रेस सरकार जो योजना चलाती थी भाजपा ने सब बंद कर दिया। चुनाव देख कर फिर से महतारी वंदन का फार्म भरवा रहे है, एक साल में एक भी आवास नहीं बनाया। अब लोगो को धोखा देने प्रधानमंत्री आवास का फार्म भरवा रहे है। एक साल में न महतारी की याद आई और न आवासहीनो की याद आई।
उन्होंने रायपुर के महापौर प्रत्याशी दीप्ति दुबे और वार्डो के कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने की अपील करते हुए कहा कि नगर निगम चुनाव महत्वपूर्ण है आप लोग विधायक, सांसद चुनते है लेकिन आपके रोजमर्रा के काम पार्षद और मेयर करते है। पांच साल में ज़ब हमारी सरकार थी और अब भाजपा की सरकार है दोनों की तुलना करो हमने गरीबो का राशन कार्ड बनाया, मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू किया, हमने बिजली बिल सस्ता किया, 12 महीने से राशन कार्ड नहीं बना रहा। हमने छत्तीसगढ़ के लोगो के लिए जो भी योजनाएं शुरू की थी, इन्होने सब बंद कर दिया। बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया, बिजली बिल हाफ बंद कर दिया, महतारी वंदन में महिलाओं को ठग रहे 1000 दे रहे बाकी मंहगाई बढ़ा दिया, जीएसटी लगा कर गरीब को लूट रहे, स्मार्ट कार्ड से इलाज बंद कर दिया।
छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों का हमने जो सम्मान दिया उसको भी बंद किया। हमने अपने बोरे बासी को सम्मान दिलाया। ये हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा रहे। बलौदाबाजार में सतनामी समाज के ऊपर अत्याचार हुआ, एसपी, कलेक्टर कार्यालय जला दिया। कवर्धा में साहू समाज को अपमानित किया।
मुख्यमंत्री साय खुद को भगवान समझ रहे अपने को राम बताते है, अवतारी पुरुष बता रहे। मोदी भी खुद को अवतारी भगवान बता रहे थे, जनता ने नशा उतार दिया जनता सब के भ्रम को उतारती है। केंद्र की मोदी सरकार देश के नागरिकों के मान-सम्मान की रक्षा नहीं कर पा रही। हमारे लोग अमेरिका गये थे कोई अपराधी नहीं थे। अमेरिकी सरकार ने उनको बेड़ी, हथकड़ी लगा कर वापस भेजा, विश्वगुरू मौन रहे। हमारे प्रवासी भारतीय ऐसा कौन सा गुनाह किये थे उनको हथकड़ियो और बेड़ियो में जकड़कर अमेरिकी सेना अमेरिका के सेना के विमान से यहां लाया जाता है, आखिर सेना के विमान को यहां उतरने की अनुमति सरकार ने क्यों दी, मैं सरकार से पूछना चाहता हूं? हमारे देश के विमान से यहां ला लेते, सम्मान से ला लेते। कोलंबिया का एक उदाहरण है वहां के राष्ट्रपति ने अमेरिकी सेना के जहाज को अपने देश में उतरने नहीं दिया वापस भेजा और सह सम्मान खुद के विमान अपने नागरिकों को भारत लाये और एयरपोर्ट में उन्होंने बकायदा स्वागत भी किया। भाजपा के अहंकार को तोड़ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान करे।
पर्यटकों और विद्यार्थियों ने जंगल ट्रैकिंग, बोटिंग का लिया आनंद
जैव विविधता की मिली रोचक जानकारी
रायपुर /शौर्यपथ /गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को गौरेला जनपद के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ठाड़पथरा में विशेष पर्यटन गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस आयोजन के तहत स्थानीय पर्यटन समिति को प्रशिक्षित किया गया, साथ ही बनमनई नेचर कैंप का आयोजन हुआ, जिसमें पर्यटकों और विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के दौरान इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के 40 विद्यार्थियों सहित कई पर्यटकों ने रोमांचक जंगल ट्रैकिंग में हिस्सा लिया। मुख्य प्रशिक्षक एवं पर्यावरणविद संजय पयासी ने सैलानियों को अमरावती गंगा नदी के किनारे रिवर वॉक कराते हुए जिले की समृद्ध जैव विविधता से परिचित कराया। उन्होंने दुर्लभ औषधीय वृक्षों जैसे दहीमन, कुरकुट, अर्जुन, अमलताश, सेमल और साल की पहचान कराई। ट्रैकिंग का मुख्य आकर्षण अमरावती नदी के किनारे स्थित कमरापथरा से ऐतिहासिक माई के मंडप तक की रोमांचक यात्रा रही।
माई के मंडप नर्मदा नदी के विवाह से जुड़ी लोककथा के लिए प्रसिद्ध है। इसे दुनिया का पहला विवाह मंडप माना जाता है। यहां मौजूद पत्थरों पर उकेरी गई बारात के बरतन की आकृतियां पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनीं। सैलानियों ने माई के मंडप के झरने का आनंद लिया और इस ऐतिहासिक स्थल की पौराणिकता को करीब से महसूस किया।
ट्रैकिंग और झरने में स्नान के बाद पर्यटकों ने स्थानीय पर्यटन समिति द्वारा तैयार पारंपरिक देशी भोजन का आनंद उठाया, जिसे माहुल पत्ती के पत्तलों में परोसा गया। शाम होते ही ठाड़पथरा के मड हाउस स्थित झील किनारे कैंप फायर का आयोजन हुआ। चांदनी रात में पैडल बोटिंग का अनुभव पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय रहा।
इस दौरान स्थानीय बैगा महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीत और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसमें पर्यटक भी झूम उठे। इसके बाद स्टोरी टेलिंग सेशन में सभी ने अपने अनुभव साझा किए और पर्यटन स्थल की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत को और करीब से जाना। इस आयोजन ने गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को एक नई दिशा दी है। स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
रायपुर/शौर्यपथ / पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ में अब पेट्रोल पम्पों पर वाहनों की प्रदूषण जांच के सेंटर (पीयूसी) स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए पेट्रोलियम कम्पनियों ने अपनी सहमति दे दी है। पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित होने से वाहन चालकों को पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी होगी और उन्हें अन्य केंद्रों की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, यह पहल वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मददगार और राज्य में पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 4 फरवरी 2025 को परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में वाहनों के धुएं से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत 7 फरवरी 2025 को परिवहन सचिव एवं परिवहन आयुक्त श्री एस. प्रकाश और अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और रिलायंस इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र (पीयूसी सेंटर) स्थापित करने पर सहमति जताई। यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बैठक में इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन के मुख्य प्रबंधक श्री उपेन्द्र गिरी, भारत पेट्रोलियम के चीफ मैनेजर श्री बी. देवकुमार, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंधक श्री श्रेयस गुप्ता और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के मुख्य प्रबंधक श्री गौतम कुमार सहित परिवहन विभाग और पेट्रोलियम कंपनियों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
धान खरीदी समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर किसानों को हुआ भुगतान
डबल इंजन की सरकार में खुशहाल हुए किसान
छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष और 25 लाख से अधिक किसानों से धान खरीदी का बना संयोग
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने एक साल के भीतर छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों के खाते में 52 हजार करोड़ रुपए अंतरित कर उन्हें उत्साह से भर दिया है। धान खरीदी समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान कर दिया गया है। 52 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में आने से वे खेती किसानी में भरपूर निवेश कर रहे हैं और इससे बाजार भी गुलजार हुए हैं जिससे शहरी अर्थव्यवस्था पर सीधा असर दिख रहा है। ट्रैक्टर आदि की बिक्री ने रिकार्ड आंकड़ा छू लिया है। धान का उचित मूल्य मिलने से किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई और इस साल 25 लाख 72 हजार किसानों ने 149 लाख 25 हजार मीट्रिक टन रिकॉर्ड धान बेचा। छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में 25 लाख से अधिक किसानों के धान बेचने से छत्तीसगढ़ में खेती किसानी की सकारात्मक दिशा स्पष्ट है। एक साल के भीतर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में 34 हजार 500 करोड़ रुपए और कृषक उन्नति योजना अंतर्गत 12 हजार करोड़ रुपए व्यय किये गये हैं। इसके अलावा सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना अंतर्गत करीब 500 करोड़ रुपए की राशि 5 लाख 62 हजार भूमिहीन किसानों के खाते में अंतरित की है। इसके साथ ही मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत 1735 करोड़ रुपए की राशि भी किसानों के खाते में दी गई है।
साय सरकार की 5 एचपी के कृषि पंपों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय करने की योजना अंतर्गत 2707 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। इसके साथ ही सोलर पंपों हेतु 200 करोड़ रुपए के सहायक अनुदान दिये गये हैं। कृषि पंपों के ऊर्जीकरण के लिए 200 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत 304 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। कृषक समग्र विकास योजना अंतर्गत 94 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। सब्जी लगाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने शाकम्बरी योजना चलाई जाती है इस पर 9 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है और 7323 किसान लाभान्वित हुए हैं।
साय सरकार तेजी से खेती के आधुनिकीकरण के लिए काम कर रही है। ड्रोन दीदियों के माध्यम से खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से हो रहा है। कृषि यांत्रिकीकरण मिशन अंतर्गत कृषि यंत्रों पर अनुदान दिये जाते हैं। इसका लाभ 3204 किसानों ने उठाया है। इस पर 79 करोड़ रुपए का व्यय आया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत 46 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। इससे 4627 किसानों को लाभ पहुंचा है। इसी प्रकार नेशनल मिशन आन आइससीड्स एंड आईलपाम योजना से 24,345 किसानों को लाभ पहुंचा है इसमें 11 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है। सबमिशन आन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल योजना अंतर्गत 2 लाख 31 हजार से अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया है और इसमें 9 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है। इसी तरह रेनफेड एरिया डेवलपमेंट स्कीम अंतर्गत 3,824 किसानों को लाभ पहुंचाया गया है और इसमें 7 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है।
साइल हेल्थ कार्ड के होने से किसान भाइयों को फसल संबंधी निर्णय लेने में आसानी होती है। 1 लाख 45 हजार किसानों को स्वाइल हेल्थ मैनेजमेंट योजना अंतर्गत लाभान्वित किया गया है। इस पर 5 करोड़ का व्यय आया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 24 करोड़ रुपए व्यय किये गये हैं। इस योजना से 13 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है। परंपरागत कृषि विकास योजना से 24 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिला है। इस पर 18 करोड़ रुपए व्यय किया गया है। इसी तरह एग्रीकल्चर एक्सटेंशन पर भी 18 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है और इससे 8 हजार से अधिक किसान भाइयों को लाभ हुआ है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इस पर एक साल के भीतर 15 करोड़ रुपए व्यय किये गये हैं। 15 हजार 500 किसान इससे लाभ ले चुके हैं।
सरकार का लक्ष्य भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन को मजबूत करना : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
ई-ऑफिस: छत्तीसगढ़ सरकार का सुशासन और पारदर्शिता की ओर एक और बड़ा कदम
मंत्रालय के सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रारंभः 16 विभागाध्यक्ष कार्यालय भी ई-ऑफिस से जुड़े
सक्ती जिले में ई-ऑफिस की शुरूआत
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार सुशासन को सशक्त बनाने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी, प्रभावी और त्वरित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में, 1 जनवरी 2025 को विभागीय सचिवों की बैठक में सभी विभागों और कार्यालयों में ई-ऑफिस को लागू करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की अधिकांश फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से ही निपटाई जा रही हैं और सभी विभागों में इसका पूर्ण क्रियान्वयन 31 मार्च 2025 तक सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस के प्रशिक्षण की सुविधा देने की बात कही, ताकि सभी विभागों में इसे प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किया है। पहले इसे सामान्य प्रशासन विभाग में शुरू किया गया था और अब इसे मंत्रालय के सभी विभागों में विस्तारित कर दिया गया है। अब तक 16 विभागाध्यक्ष कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जा चुका है और जिला स्तर पर भी इसे लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सक्ती पहला ऐसा जिला है, जहां ई-ऑफिस पूरी तरह से लागू हो चुका है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से सरकारी कार्यों की गति, दक्षता और पारदर्शिता में अभूतपूर्व सुधार होगा। इस पहल से सरकारी प्रक्रियाओं में स्वचालन आएगा, जिससे फाइलों की ट्रैकिंग आसान होगी, निर्णय लेने की गति तेज होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सभी विभागों में फाइलों की डिजिटल स्वीकृति सुनिश्चित की जाए, ताकि सरकारी कार्यों में अनावश्यक देरी समाप्त हो और प्रशासनिक निर्णयों को त्वरित रूप से लागू किया जा सके।
राज्य सरकार डिजिटल गवर्नेंस को हर स्तर पर सशक्त करने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "डिजिटल इंडिया" अभियान को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस को प्रभावी रूप से लागू किया है, जिससे राज्य की सभी सरकारी सेवाएं अधिक पारदर्शी, सुगम और त्वरित बनेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ई-गवर्नेंस को सुशासन के प्रभावी उपकरण के रूप में अपनाया गया है, जिससे सरकारी सेवाएं तेजी से और आसानी से जनता तक पहुंचेंगी।
ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन से फाइलों के अनुमोदन में लगने वाला समय कम होगा, जिससे प्रशासनिक निर्णयों को शीघ्र लागू किया जा सकेगा। इसमें फाइलों की रियल-टाइम ट्रैकिंग, डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा और डुप्लिकेशन रोकने के लिए केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन की सुविधा शामिल है। कागजी कार्यवाहियों में कमी आने से सरकारी कार्यालयों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और शासन अधिक प्रभावी एवं जवाबदेह बनेगा। ई-ऑफिस प्रणाली से कागज, मानव संसाधन और परिवहन लागत में भी बचत होगी, जिससे सरकारी खर्चों में भी कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को ई-ऑफिस प्रणाली को प्राथमिकता के साथ लागू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सरकार की कार्य प्रणाली को अधिक समयबद्ध, प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस का सफल क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक ठोस कदम होगा।
मुख्यमंत्री से मिले सैन्य अधिकारी, छत्तीसगढ़ यात्रा को बताया अविस्मरणीय
नक्सल उन्मूलन से स्मार्ट सिटी तक अधिकारियों ने जाना छत्तीसगढ़ के विकास का सफर
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित हुए अधिकारी
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ बहुत सुंदर प्रदेश है और नैसर्गिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और समृद्ध जैव विविधता इसे खास पहचान देती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नेशनल डिफेंस कॉलेज से आए 18 सैन्य और सिविल सर्विस के अधिकारियों के दल ने छत्तीसगढ़ भ्रमण उपरांत उनसे मुलाकात कर अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह बातें कही। मुख्यमंत्री ने उत्सुकता के साथ सभी सैन्य अधिकारियों से उनके छत्तीसगढ़ भ्रमण को लेकर चर्चा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी अधिकारियों का आत्मीय स्वागत करते हुए प्रदेश की भौगोलिक विशेषताओं, सांस्कृतिक धरोहर और विकास यात्रा पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ केवल भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अद्वितीय है। प्रदेश का 44 प्रतिशत भूभाग वनाच्छादित है, और आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा हमारी धरोहर का अभिन्न अंग हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का सौंदर्य अनुपम है। आपने जो यात्रा की है, वह सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों का अनुभव नहीं, बल्कि एक जीवंत संस्कृति और इतिहास से जुड़ा हुआ सफर भी है। यह अनुभव सदैव आपकी स्मृतियों में अंकित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नक्सल उन्मूलन की दिशा में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। हम न केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से बल्कि शिक्षा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक अवसरों के माध्यम से भी इस समस्या का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने औद्योगिक और शहरी विकास के साथ-साथ ग्रामीण एवं आदिवासी समुदायों के उत्थान पर भी समान रूप से ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भरता, नवाचार और उत्कृष्ट शासन प्रणाली का उदाहरण बने। आपका यह भ्रमण हमारे प्रयासों को एक राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करता है।
नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने प्रवास के दौरान आईआईएम रायपुर, इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर, ग्रीन फील्ड सिटी और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कानून व्यवस्था और नक्सल उन्मूलन अभियान के संबंध में चर्चा की। अधिकारियों ने सिरपुर, एजुकेशन सिटी दंतेवाड़ा, कांकेर वुड आर्ट सेंटर, जंगल वारफेयर कॉलेज, कोंडागांव के टाटामारी और शिल्पग्राम, बादल एकेडमी और चित्रकोट जलप्रपात का भ्रमण किया।
दल का नेतृत्व कर रहे एडमिरल संदीप सिंह संधु ने बताया कि नेशनल डिफेंस कॉलेज के द्वारा प्रति वर्ष एक वर्षीय कोर्स संचालित किया जाता है, जिसमें सेना, सिविल सेवा और अंतरराष्ट्रीय रक्षा अधिकारियों को रणनीतिक विषयों पर प्रशिक्षित किया जाता है। इस वर्ष 124 अधिकारी इस कोर्स में शामिल हैं, जिनमें 13 भारतीय और 5 अन्य देशों के अधिकारी छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक ढांचे को समझने के लिए भ्रमण पर आए है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेकानंद सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, पी. दयानंद और डॉ. बसवराजू एस उपस्थित रहे। नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों में ब्रिगेडियर अमितोज सिंह, संदीप कुमार मिश्रा, कोमोडोर कार्तिक मूर्ति, ब्रिगेडियर अनिरुद्ध सिंह कंवर, एयर कोमोडोर शेखर यादव, ब्रिगेडियर गुरप्रीत सिंह मान, ब्रिगेडियर रजनीश मोहन, कैप्टन एम. व्ही. ओरपे सहित श्रीलंका, मोरक्को, नाइजीरिया, नेपाल और यूएई के अधिकारी शामिल थे।
डोंगरगढ़ के प्रज्ञागिरी में 32वां अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन आयोजित
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि वर्तमान समय में, जब संपूर्ण विश्व आपसी भौतिक प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा है, ऐसे में भगवान बुद्ध के शांति और करुणा के संदेश पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। मानवता के उत्थान और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए बुद्ध के दिखाए रास्ते का अनुसरण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी बुद्ध के संदेशों का व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है, जिसके कारण यहाँ सभी धर्मों के लोग आपसी सौहार्द, भाईचारे और समरसता के साथ जीवन यापन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय आज डोंगरगढ़ के प्रसिद्ध प्रज्ञागिरी तीर्थ स्थल में आयोजित 32वें अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस आयोजन में देश-विदेश से आए बौद्ध भिक्षु, विद्वान एवं अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ धार्मिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्रदेश के प्राचीन बौद्ध स्थलों में सिरपुर का विशेष महत्व है, जहाँ बौद्ध धर्म की ऐतिहासिक विरासत आज भी संरक्षित है। इसी प्रकार, उत्तरी छत्तीसगढ़ के मैनपाट क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, और यह क्षेत्र अब एक प्रमुख बौद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण घटक है। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता इसे पर्यटन के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनाती है। प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सतत प्रयासरत है। इस दिशा में, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत भी इस क्षेत्र को शामिल किया गया है, जिससे यहाँ पर्यटन सुविधाओं का व्यापक विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में देश-विदेश से पधारे बौद्ध भिक्षुओं, विद्वानों एवं अनुयायियों का हृदय से स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर राजनांदगांव लोकसभा सांसद श्री संतोष पाण्डेय एवं प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष श्री विनोद खाण्डेकर ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति के सचिव श्री शैलेन्द्र डोंगरे, कोषाध्यक्ष श्री सुरेश कुमार सहारे एवं बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयायी उपस्थित रहे।
आचार्य जी के उपदेश प्रकाश स्तंभ की तरह: पथ को आलोकित कर देती है सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
रायपुर/शौर्यपथ / जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने हमें सिखाया कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हम अपनी संस्कृति को खो देते हैं तो विश्व के समक्ष हमारी कोई पहचान नहीं रह जाती। आचार्य जी ने संप्रदायवाद, भाषावाद, जातिवाद आदि संकीर्णताओं से ऊपर उठकर मानवता एवं विश्व बंधुत्व का संदेश हम सभी को दिया है। केन्द्रीय गृहमंत्री श्री शाह आज डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि स्मारक के भूमिपूजन और विनयांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जैन आचार्यो और मुनियों ने संपूर्ण देश को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया है। जैन संतों और मुनियों ने उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर से लेकर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला तक और बिहार के राजगीर से गुजरात के गिरनार तक हर जगह पैदल भ्रमण कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हुए त्याग और तपश्चर्या से सन्मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने एक कल्पवृक्ष की भांति जीवन जिया। उनके तप और त्याग से प्रत्येक क्षण देशवासियों को नई प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि आज इस स्थान पर सभी लोगों ने मिलकर आचार्य जी की भव्य समाधि का निर्माण करने का निर्णय लिया है, इसके लिए सभी साधुवाद के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज भौतिक देह से भले ही हमारे बीच उपस्थित नहीं है, लेकिन उनके उपदेश हमें प्रकाश स्तंभ की तरह युगों युगों तक हमेशा सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे। आचार्य जी ने धर्म की रक्षा और राष्ट्र की मजबूती के लिए मीलों पैदल सफर तय किया। आहार-विहार का ऐसा संयम रखा जिसे सोचकर ही हम सब चकित रह जाते हैं। आचार्य जी ने करोड़ों लोगों को अपने जीवन से प्रेरणा दी। वे एक राष्ट्र संत थे और स्वदेशी के प्रति उनका गहरा अनुराग था। वे हमेशा कहते थे कि हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूज्य समता सागर जी महाराज और देशभर से आए सभी जैन मुनियों को प्रणाम करते हुए कहा कि संतों का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को सदैव मिलता रहे, ऐसी मेरी कामना है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद श्री संतोष पाण्डेय, विधायक डोंगरगढ़ श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल, जैन समाज के श्री अशोक पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष श्री विनोद बड़जात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद जैन, मनीष जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित समाज के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।