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नगरी बस स्टैंड का हाल-बेहाल ना सर छुपाने को छत, ना पीने को पानी

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क्षेत्र का सबसे बड़ा पांच दिवसीय मेला के दर्शन व आनंद उठाने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं।
ऐसे में नगरी बस स्टैंड में काफी अधिक सख्या में बाहर से आने वाले यात्रीयों की भीड़ देखी देखी जा रही है।
नगर प्रशासन को मेले को ध्यान में रखते हुए, समय पर तैयारियां करनी चाहिये थी।
यात्रियों को धूप से बचाने के लिए न-तो छत की व्यवस्था की गई । न-ही पेयजल जैसे आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखा गया।

बस स्टैंड में पेयजल सुविधा के लिए एक हैंडपंप ,एक बोरवेल की व्यवस्था है पर वर्तमान में दोनों ही सुविधाएं ठप्प पड़ी है।
यात्री पेयजल के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए।
नगरी नगर पंचायत बने प्रथम कार्यकाल में बस स्टैंड में यात्री प्रतीक्षालय हुआ करता था।
जिसे आधुनिक और बड़ा यात्री प्रतिक्षालय बनाने के नाम से तोड़ा गया।
पुराना यात्री प्रतीक्षालय ध्वस्त किए लगभग 4 से 5 साल होने को है पर नया निर्माण प्ररांभ नही हो पाया है।
इस संबंध में नगरवासी आरोप लगाते हैं,कि कुछ लोगों के सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, निर्माण कार्य को टाला जा रहा है।

बस स्टैंड में चारों तरफ अव्यवस्था का वातावरण है।
अव्यवस्थित ठेले व्यापारी, दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर जिन पर लगाम कसने में नगर पंचायत प्रशासन नाकाम रही है।
सुलभ व्यवस्था होने के बावजूद भी बाहर से आए यात्रियों को सुलभ का पता पूछना पड़ता है क्योंकि चारों तरफ ठेलों और वाहनो से घिरा होने की वजह से सुलभ सुविधा का बोर्ड यात्रियों को नजर नहीं आता।
शिकायतों के बाद भी आश्वासन के अलावा व्यवस्था सुधारने कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
27 फरवरी से पेयजल के लिए यात्रियों को भटकते देख इस बात की जानकारी नगर प्रशासन को दी गई पर अब तक किसी तरह की व्यवस्था सुधार के लिए कार्रवाई नहीं की गई।
पूछे जाने पर नगर पंचायत के पेयजल विभाग के एक जिम्मेदार कर्मचारी ने बताया कि हैंडपंप में और पाइप डालने की आवश्यकता है ,क्योंकि जलस्तर नीचे चला गया है।
बोरवेल का ठुल्लू पंप्प खराब हो चुका है ,उसे बनाने दिया गया है ।दो-तीन दिन में व्यवस्था सुधर जाएगी।
मेला उत्सव के समय बाहर से आने वाले यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए, समय पर व्यवस्था सुधारने की जिम्मेवरी नगर प्रशासन की थी।

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राज शेखर नायर

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