नई दिल्ली / शौर्यपथ / उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर के प्रबंधन के बाबत सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं. अपना फैसला सुनाने के बाद मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा साथी जजों से बोले, "शिवजी की कृपा से ये आखिरी फैसला भी हो गया." कोर्ट ने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. हाल ही में जस्टिस मिश्रा ने अपने विदाई समारोह में शामिल करने से इनकार कर दिया था. इस फैसले की वजह से कोरोना महामारी को माना जा रहा है.
पहले भी शीर्ष न्यायालय ने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भस्म और अन्य लेपन से हो रहे प्रभाव पर कुछ दिशा निर्देश दिए थे. बाद में चर्चा होने पर कोर्ट ने अपना आदेश ये कहते हुए संशोधित किया था कि पूजा अर्चना और सेवा भोग कैसे हो ये तय करना हमारा काम नहीं है. ये तो मन्दिर प्रबन्धन और पुरोहितों पुजारियों को ही तय करने दिया जाये.
मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने मन्दिर प्रबन्धन को दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसमें भक्तों के प्रवेश और अन्य उपचार को लेकर विस्तार से निर्देश हैं. कोर्ट के निर्देश जल्दी ही वेबसाइट पर आएंगे.
दरअसल, जस्टिस अरुण मिश्रा बुधवार को रिटायर होने वाले हैं. सोमवार को उन्होंने प्रशांत भूषण अवमानना केस समेत चार मामलों में फैसला सुनाया था. मंगलवार को महाकालेश्वर मंदिर के प्रबंधन को लेकर आदेश सुनाने से पहले AGR मामले पर भी फैसला सुनाया.
बता दें कि जस्टिस अरूण मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित होने वाले उनके विदाई समारोह में शामिल होने से मना तो किया साथ ही यह भी कहा कि कोरोना संकट काल के मद्देनज़र वह समारोह का आयोजन नहीं चाहते क्योंकि उनकी अंतरात्मा इसकी अनुमति नहीं देती है.