April 19, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, रिचार्ज पिट निर्माण और शौचालयों की प्रगति पर हुई विस्तृत चर्चा

  दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मिशन के विभिन्न बिंदुओं पर एजेण्डावार चर्चा की गई।
कलेक्टर ने बैठक में सेग्रीगेशन वर्कशेड, कम्पोस्ट एवं सोकपिट निर्माण, असफल हैंडपंपों में रिचार्ज पिट, जल शुद्धिकरण इकाइयां, प्लास्टिक एवं फीकल स्लज मैनेजमेंट, गोबरधन योजना, व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालय, तथा मॉडल ग्राम पंचायत विकास से संबंधित प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिन ग्रामों में कचरा एकत्र नहीं हो रहा है, वहां स्वच्छता यूजर चार्ज वसूला जाए। साथ ही वर्कशेड्स में सूखा एवं गीला कचरा पृथक करना अनिवार्य किया जाए, जिससे खाद, ईंधन एवं अन्य सामग्री तैयार की जा सके। जिला पंचायत सीईओ बजरंग दुबे ने जानकारी दी कि ग्राम स्तर पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 381 ग्रामों में वर्कशेड निर्माण पूर्ण हो चुका है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु प्रत्येक ग्राम में दो गार्बेज ट्राईसायकल एवं आवश्यक सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराई गई है। कार्य का संचालन स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में 122 ग्रामों में यूजर चार्ज वसूला जा रहा है, तथा सुखा कचरा कबाड़ियों को बेचा जा रहा है। 15 वें वित्त आयोग से 2000 से 5000 तक मानदेय प्रदान किया जा रहा है।
   कलेक्टर ने निर्देश दिए कि असफल हैंडपंपों में रिचार्ज पिट निर्माण के बाद जल स्तर का परीक्षण अवश्य किया जाए। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 344 रिचार्ज पिट निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी, जो कि पूर्ण हो चुके हैं। बैठक में फीकल स्लज मैनेजमेंट की समीक्षा भी की गई। कलेक्टर ने अधिक से अधिक सेप्टिक टैंकों की सफाई और रिसायक्लिंग पर बल दिया। जिले में 5 फीकल स्लज प्रबंधन इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। जनपद पंचायत धमधा और पाटन को सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए गए, वहीं जनपद पंचायत दुर्ग में डी-स्लज वाहन की आवश्यकता जताई गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट इकाइयों के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी, जो कि पूर्ण हो चुकी हैं। ये इकाइयाँ ग्राम पंचायत कोलिहापरी (जनपद मनरेगा), लिटिया (धमधा) और पतोरा (पाटन) में स्थापित की गई हैं। कलेक्टर ने अतिरिक्त ई-रिक्शा की व्यवस्था कर अन्य ग्रामों से भी कचरा संग्रहण एवं परिवहन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
    कलेक्टर सिंह ने व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की समीक्षा करते हुए कहा कि इनका सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए। यदि शौचालय हाट बाजार या सार्वजनिक स्थलों पर हैं तो उनसे यूजर चार्ज वसूलने के निर्देश दिए गए। 433 सामुदायिक शौचालयों की स्वीकृति में से 404 पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति सामुदायिक शौचालय का सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग करता है तो प्रयोजन की लिखित जानकारी ली जाए और यूजर चार्ज वसूला जाए। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना एवं आंगनबाड़ी भवनों में शौचालयों की स्थिति की जानकारी भी अधिकारियों से ली।
  बैठक के दौरान जनपद सीईओ दुर्ग, पाटन एवं धमधा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जल संसाधन विभाग, कृषि, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, समाज कल्याण, सहायक परियोजना अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) के नव नियुक्त अध्यक्ष दीपक म्हस्के के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए और मुख्य अतिथि की आसंदी से उन्हें शुभकामनाएं दी। इस दौरान मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने सीजीएमएससी सप्लाई चैन मैनेजमेंट एसओपी का विमोचन किया।
       मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) की स्थापना वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के कार्यकाल में हुई थी। इस संस्था की भूमिका राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता, पारदर्शिता और आवश्यक दवाओं व उपकरणों की समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। आज यह कॉरपोरेशन केवल आपूर्ति एजेंसी नहीं, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है।
   मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि दीपक म्हस्के  पूर्व में केमिस्ट्री विषय के शिक्षक रहे हैं। यह अनुभव अब उनके नेतृत्व में सीजीएमएससी के कार्यों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बल देगा, जिससे प्रदेश की जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ इस वर्ष अपनी राज्य स्थापना का रजत जयंती मना रहा है। वर्ष 2000 में जब राज्य का गठन हुआ, तब से लेकर अभी तक प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बेहतर हुई हैं। प्रदेश में एम्स जैसे संस्थान कार्यरत है और 13 मेडिकल कॉलेजों की भी स्थापना हो चुकी है, जो राज्य सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
   मुख्यमंत्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य किसी भी नागरिक की सबसे बड़ी पूंजी होती है और इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई आयुष्मान भारत योजना ने देश के करोड़ों गरीब परिवारों को निःशुल्क इलाज की सुविधा दी है। छत्तीसगढ़ में भी लाखों परिवार इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री स्वयं ऊर्जावान और सक्रिय हैं और अब कॉरपोरेशन की जिम्मेदारी श्री दीपक महस्के जैसे कर्मठ और योग्य व्यक्ति को मिली है, तो निश्चित रूप से सीजीएमएससी प्रदेश के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने संबोधन के अंत में महस्के को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि उनका कार्यकाल छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और अधिक प्रभावशाली, पारदर्शी एवं जनहितैषी बनाएगा।
    विधानसभा अध्यक्ष  डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जेनेरिक दवाइयां, सर्जिकल सामग्री, मेडिकल उपकरणों की समय से उपलब्धता और आधारभूत स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती के उद्देश्य के साथ वर्ष 2010 में इस कॉर्पोरेशन का गठन हुआ था। डॉ. सिंह ने कहा कि श्री म्हस्के  जैसे योग्य, ईमानदार, दूरदर्शी और काबिल हाथों में इस कॉर्पोरेशन की जिम्मेदारी दी गई और वे अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में सफल होंगे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सिंह ने श्री म्हस्के को नए दायित्व मिलने पर अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने संबोधित कर सीजीएमएससी के कार्य, स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं, गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी साझा की।
   इस अवसर पर विधायक मोतीलाल साहू, विधायक किरण देव, विधायक अमर अग्रवाल, विधायक सुनील सोनी, विधायक रोहित साहू, विधायक इंद्र कुमार साव, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस, स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया सहित निगम मंडलों के अध्यक्ष गण, जनप्रतिनिधिगण और अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

देश के बड़े राज्यों की श्रेणी में मिला सेकंड बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का पुरस्कार
राज्य के दो जिले मोहला-मानपुर-चौकी और सक्ति को मिला बेस्ट परफॉर्मिंग जिला अवार्ड 

   रायपुर / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  के शानदार प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता मिली है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की 12वीं राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ को देश के बड़े राज्यों की श्रेणी में आज सेकंड बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राज्य के मोहला - मानपुर- चौकी और सक्ति को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बेस्ट परफॉर्मिंग जिला चुना गया है।यह दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन 18-19 अप्रैल 2025 को  तिरुवनंतपुरम (केरल) में आयोजित हो रहा है।
   भारत सरकार के कैबिनेट सचिव कृषि के करकमलों यह सम्मान आज छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से  संयुक्त संचालक श्री बी.के. मिश्रा एवं उपसंचालक उद्यानिकी श्री नीरज शाह ने प्राप्त किया।इसके साथ ही मोहला-मानपुर-चौकी जिले की कलेक्टर  श्रीमती तूलिका प्रजापति एवं सक्ति जिले के कलेक्टर श्री टोपनो ने  बेस्ट परफॉर्मिंग डिस्ट्रिक्ट का अवार्ड प्राप्त किया।
  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा  है कि यह सम्मान राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम के मार्गदर्शन और कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के किसानों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी और किसानों को समय पर लाभ पहुंचाने हेतु जारी प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भी छत्तीसगढ़ कृषि के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

    रायपुर / शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव द्वारा विभागीय समीक्षा बैठकों में आयुक्तों तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को रोज सवेरे भ्रमण कर कार्यों के निरीक्षण के निर्देशों का असर दिखने लगा है। उप मुख्यमंत्री साव के निर्देश के बाद फरवरी-2024 से सभी नगर निगमों के आयुक्त तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी अपने मातहतों के साथ वार्डों का प्रातः भ्रमण कर रोज सफाई, निर्माण कार्यों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इससे डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, रोड स्वीपिंग, एस.एल.आर.एम. सेंटर्स कम्पोस्ट शेड, प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण कार्यों, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के कैम्पों के आयोजन, पार्क एवं तालाबों के साथ-साथ सड़कों के निर्माण, जल प्रबंधन, नाली सफाई, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, अमृत मिशन के तहत पाइलाइन बिछाने एवं जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों में तेजी आई है। निकाय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रोज सवेरे छह बजे से वार्डों के भ्रमण और निरीक्षण शुरू करने के बाद साफ-सफाई एवं निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में लगातारा सुधार भी दिखाई दे रहा है।
  उप मुख्यमंत्री अरुण साव नगरीय निकायों में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने व उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने पर लगातार जोर दे रहे हैं। उन्होंने शहरों को स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण-हितैषी बनाने के साथ ही योजनाओं का लाभ हर पात्र नागरिक तक पहुंचाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। श्री साव ने नगरीय निकायों के कार्यों में कसावट लाने, कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग तथा निर्माणाधीन कार्यों में तेजी लाने सभी आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को प्रतिदिन सवेरे वार्डों का भ्रमण करना सुनिश्चित करने को कहा था। उनके निर्देश के बाद योजनाओं के बेहतर संचालन व गुणवत्ता में सुधार लाने निकायों के अधिकारियों द्वारा नियमित फील्ड विजिट किया जा रहा है। इससे सभी निकायों में जी.वी.पी. (Garbage Vulnerable Points) में कमी पाई गई है। साथ ही निकायों की सफाई व्यवस्था में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अधिकारियों द्वारा रोजाना वार्डों में निरीक्षण के बाद से योजनाओं के प्रदर्शन एवं मूल्यांकन तथा महत्वपूर्ण समस्याओं की पहचान के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार के लिए मानकों के निर्धारण में सहयोग प्राप्त हो रहा है। इससे नगरीय निकायों में शासन की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन भी हो रहा है।

  रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीज़- एनसीडी) जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ , कैंसर के स्क्रीनिंग , इलाज और मॉनिटिरिंग  में डिजिटल तकनीक का उपयोग बड़े स्तर पर किया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू की गई आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी इस दिशा में गेमचेंजर साबित हो रही है।
  आभा आईडी के माध्यम से मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी से आसानी से साझा कर सकते हैं। इस आईडी की मदद से अस्पतालों, क्लीनिकों और लेबोटरी के बीच जानकारी साझा करना भी आसान हो गया है, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
  छत्तीसगढ़ में आभा आईडी को राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे मरीजों की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस, इलाज और मॉनिटरिंग की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो गई है।  एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर  के लिए मोबाइल और टैबलेट आधारित ऐप्स तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए वेब पोर्टल उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे काम करना आसान हो गया है।
  संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला का कहना है कि आभा आईडी बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इससे एनसीडी जैसी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में मदद मिलेगी। दुर्ग जिले में इस पहल का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच, 12,627 आभा आईडी को एनसीडी मरीजों के रिकॉर्ड से जोड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप, आभा से जुड़े मरीजों में फॉलोअप रेट 68 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि बिना आभा आईडी वाले मरीजों में यह केवल 37 प्रतिशत रहा। इसी तरह, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ नियंत्रण में भी आभा से जुड़े मरीजों में सुधार देखा गया। 49 प्रतिशत मरीज नियंत्रण में रहे, जबकि गैर-जुड़े मरीजों में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत रहा। डब्ल्यूएचओ की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
  राज्य सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम इस पूरी प्रक्रिया पर सतत निगरानी रख रही है। आभा आईडी को आधार की डेमोग्राफिक जानकारी से जोड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ ने हिंदी में प्रशिक्षण वीडियो भी बनाया है। छत्तीसगढ़ में यह डिजिटल पहल ना सिर्फ बीमारियों के रोकथाम में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इससे स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।

नारायणपुर का वार्ड क्रमांक 10 स्ट्रीट लाईट से हुए जगमग
कई आवेदकों को मिला आयुष्मान कार्ड, श्रम कार्ड, राशन कार्ड, लर्निंग लाइसेंस
बैगा आदिवासी की समस्या का हुआ तुरन्त निदान, 24 घंटे के भीतर मिली ट्राइसिकल
तेलीटोला में प्राथमिक शाला भवन के लिए 15 लाख की मिली स्वीकृति
पारदर्शी और गंभीरता के साथ प्राप्त आवेदनों का हो रहा है निराकरण
 

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रहे प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार-2025 के पहले चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक लोगों से प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही जिलों में शुरू हो गई है। सभी जिलों में प्राप्त आवेदनों का निराकरण पूरी तत्परता के साथ किया जा रहा है।
  गौरतलब है अभियान के दूसरे चरण में प्राप्त आवेदनों का निराकरण एक माह के भीतर निराकरण किया जाना है। इसके बाद तीसरे चरण में 05 मई से 31 मई तक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनधि तथा संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जनता से रूबरू होंगे।
  सुशासन अभियान के तहत बिलासपुर जिले में एक संवेदनशील पहल देखने को मिली। कोटा ब्लॉक के ग्राम के ग्राम पंचायत करका निवासी मंगल सिंह बैगा को आवेदन देते ही महज 24 घंटे के भीतर ट्राइसाइकिल मिली। वे दिव्यांग पेंशन की पात्रता सूची में भी आ गए हैं जल्द ही उन्हें पेंशन भी मिलने लगेगी। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम पंचायत तेलीटोला के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास से नवीन प्राथमिक शाला भवन निर्माण के लिए तत्काल दी 15 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। तेलीटोला स्थित प्राथमिक शाला भवन जर्जर अवस्था में होने के चलते बच्चों के पढ़ाई लिखाई में समस्या उत्पन्न हो रही थी। अब ग्राम तेलीटोला को उनकी इस समस्या से निजात मिल गई है।
  सुशासन अभियान के तहत नारायणपुर जिले के जीवन राम साहू को उनके मांग के आधार पर स्ट्रीट लाईट की सुविधाएं उपलब्ध हो गई है। नारायणपुर के वार्ड क्रमांक 10 मुरियापारा निवासी जीवन साहू ने सुशासन तिहार में स्ट्रीट लाईट के लिए आवेदन किया था।  महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत जंघोरा, विकासखंड पिथौरा निवासी मनोहर सिंह पटेल ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। पूर्व में किसी तकनीकी कारणवश उनका कार्ड नहीं बन पाया था, जिससे वे योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे। उनके आवेदन को गंभीरता से लिया गया और मात्र 24 घंटे के भीतर समाधान कर दिया गया।
  जिला राजनांदगांव के शीतला माता वार्ड निवासी श्रीमती भारती देवांगन के आवेदन पर उन्हें तत्काल श्रमिक कार्ड बनाकर दिया गया। इसी क्रम में रायपुर जिले के ग्राम सांकरा निवासी श्री विकास मिश्रा के आवेदन प्राप्त होते ही परिवहन विभाग द्वारा श्री मिश्रा से संपर्क किया गया। उनसे दस्तावेज लेकर प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई और ड्राइविंग टेस्ट लिया गया। सभी औपचारिकताओं के उपरांत उन्हें लर्निंग लाइसेंस जारी कर किया गया। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकासखण्ड भरतपुर के कर्री की निवासी निर्मला जोगी को 15 अप्रैल को राशन कार्ड जारी कर दिया गया। इस समाधान के लिए निर्मला जोगी मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय को इस अभियान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
  बस्तर जिले के लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक अंतर्गत धुरागांव निवासी शम्भूनाथ कश्यप के परिवार में पहले केवल दो सदस्य माता समली कश्यप और वह स्वयं ही थे लेकिन तीन वर्ष पहले विवाह होने के बाद पत्नी महादई कश्यप और दो साल का बेटा प्रभात भी अब परिवार में सदस्य हैं। इन दोनों का नाम उन्हें प्रदत्त प्राथमिकता राशनकार्ड में शामिल नहीं था। शम्भूनाथ ने राशनकार्ड में अपनी पत्नी और बेटे का नाम जुड़वाने के लिए सुशासन तिहार के दौरान ग्राम पंचायत में आवेदन जमा किया था, आवेदन पर तत्परता के साथ कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह के भीतर ही राशनकार्ड में नाम जोड़कर शम्भूनाथ को नया राशनकार्ड प्रदान कर दिया गया है।
  रायगढ़ जिले के ननसिया के सुन्दरलाल उरांव तथा श्रीमती अनीता बाई का पंजीयन कर हितग्राहियों को श्रमिक कार्ड प्रदान किया गया। पुसौर विकासखंड के ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा के हितग्राही सुदर्शन खडिय़ा के आवेदन पर उन्हें ट्रायसायकल एवं बैसाखी प्रदाय किया गया। सुदर्शन 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं। जिसके चलते उन्हें कहीं भी आने-जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। सुदर्शन ने कहा कि ट्रायसाइकिल मिलने से अब उनकी दूसरों पर निर्भरता कम होगी और उन्हें कहीं आने जाने में सहूलियत होगी।

   दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र प्रेषित कर तेज गर्मी को देखते स्कूलों में छुट्टी करने का आग्रह किया है।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि इन दिनों तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया है और आने वाले दिनों में यह और भी बढ़ने वाला है।सुबह 10 बजे के आसपास धूप इतनी तेज हो जाती है कि बच्चों के लिए बाहर रहना मुश्किल हो जाता है।छोटे बच्चे इस गर्मी को झेल नहीं पा रहे है और गर्मी की वजह से बच्चों के बीमार होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से ही गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।शासन के आदेश अनुसार स्कूल अभी सुबह लग रही है,लेकिन बच्चों को लौटते समय चिलचिलाती धूप तेज गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।पिछले वर्ष गर्मी बढ़ने से शिक्षा विभाग द्वारा 22 अप्रैल को स्कूलों में गर्मी की छुट्टी को लेकर आदेश जारी कर दिया गया था।इसलिए प्रतिकूल मौसम को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में शीघ्र ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित करने का आग्रह डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से किया है।

   दुर्ग /शौर्यपथ /

  नगर निगम के भाजपा के पूर्व एल्डरमैन डॉ.प्रतीक उमरे ने छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए पहल करने का आग्रह मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से किया है।डॉ. प्रतीक उमरे ने छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के सम्मान और पहचान का विषय है।छत्तीसगढ़ी भाषा का समृद्ध एवं गौरवशाली इतिहास रहा है।छत्तीसगढ़ी भाषा में कविताएं,नाटक,निबंध,शोध ग्रंथ आदि सब कुछ लिखे गये हैं।उन्होंने कहा कि 1885 में छत्तीसगढ़ व्याकरण में श्री हीरालाल काव्योपाध्याय द्वारा लिखा गया जिसका अंग्रेजी अनुवाद प्रतिष्ठित जनरल ऑफ एसियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल में 1890 में प्रकाशित हुआ।छत्तीसगढ़ी की महत्ता केवल आंचलिक दृष्टि से नहीं बल्कि एक अत्यंत प्राचीन संस्कृति के इतिहास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।रामचरित मानस में भी छत्तीसगढ़ी के शब्द मिलते हैं जैसे बाल काण्ड में माखी,सोवत,जरहि,बिकार किष्किन्धाकाण्ड में पखवारा,लराई,बरसा सुन्दरकाण्ड में सोरह,आंगी,मुंदरी आदि छत्तीसगढ़ी शब्द हैं।वर्तमान में भी बहुत से शब्द छत्तीसगढ़ी और हिंदी भाषा में समान रूप से उपयोग किये जाते हैं।छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने से निश्चित तौर पर हिंदी भाषा और समृद्ध होगी और उसके विकास में सहयोग मिलेगा।
      छत्तीसगढ़ सरकार को इस विषय पर पहल करना चाहिए।डॉ.प्रतीक उमरे ने बताया कि 28 नवम्बर 2007 को छत्तीसगढ़ की विधान सभा में सर्वसम्मति से छत्तीसगढ़ राजभाषा (संशोधन) विधेयक 2007 पारित कर छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा दिया गया।छत्तीसगढ़ी को संवैधानिक मान्यता मिलने से छत्तीसगढ़ वासियों को अनेक लाभ मिलेंगे।इससे संविधान के अनुच्छेद 344 (1) एवं 351 के अंतर्गत हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने के लिए गठन की जाने वाली समिति में छत्तीसगढ़ी भाषा से प्रतिनिधित्व संभव हो पाएगा।
*छत्तीसगढ़ी भाषा की लिपि देवनागरी है*
  डॉ.प्रतीक उमरे ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा की लिपि देवनागरी है। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ने अंग्रेजी से छत्तीसगढ़ी और हिंदी से छत्तीसगढ़ी में प्रशासनिक शब्दकोष प्रकाशित किए हैं जिससे राजकाज उपयोग में सुविधा रहे।उन्होंने कहा,छत्तीसगढ़ी को बोलने और समझने वालों की संख्या आठवीं अनुसूची में शामिल कई भाषाओं को बोलने वालों से ज्यादा है।इसके बावजूद इसे आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं करना समझ से परे है।कई राज्यों का क्षेत्रफल छत्तीसगढ़ से कम है,लेकिन उनकी भाषाएं आठवीं अनुसूची में शामिल है जैसे केरल (मलयालम),गोवा (कोंकणी),मणिपुर (मणिपुरी) आदि।इसलिए छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने राज्य सरकार को पहल करना चाहिए।

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के चार होनहार खिलाडिय़ों ने नेपाल के पोखरा शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग एवं वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में दमदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ और देश का परचम लहराया है। अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त भारतीय खेल संघ द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में भारत, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार समेत सात देशों के 300 से अधिक खिलाडिय़ों ने भाग लिया। भारत की ओर से छत्तीसगढ़ के कवर्धा से सूरज राजपूत, दीपाली सोनी, अभिषेक तिवारी और अनुराग जांगड़े ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भाग लेकर स्वर्ण पदक हासिल किए।
ज्ञात हो कि बॉडीबिल्डिंग स्पर्धा में कबीरधाम के सूरज राजपूत ने सात देशों के प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज पूर्व में मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल बॉडीबिल्डिंग चौंपियनशिप और पावरलिफ्टिंग में भी पदक जीत चुके हैं। वर्तमान में वे कवर्धा के "भारत हेल्थ क्लब" में कोच की भूमिका निभा रहे हैं और लगभग 50 युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। दीपाली सोनी, जो कि जिले की पहली महिला स्वर्ण विजेता वेटलिफ्टर बनीं, उन्होंने 76 किलोग्राम वर्ग में जीत दर्ज की। वे इससे पहले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। पुरुषों की 67 किलोग्राम श्रेणी में सब-जूनियर वर्ग के अभिषेक तिवारी ने स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके पहले स्कूल नेशनल गेम्स में भी पदक जीत चुके हैं। वहीं 14 वर्षीय अनुराग जांगड़े, जिन्होंने 109 किलोग्राम वर्ग में सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया, पहले भी जिला और स्कूल स्तरीय कई प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे हैं।
    गौरतलब है कि इन चारों खिलाडिय़ों को प्रशिक्षित करने का श्रेय भी सूरज राजपूत को जाता है, जो वर्षों से समर्पण भाव से नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर जिले के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार कर रहे हैं। सूरज राजपूत ने अपनी सफलता और टीम की उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि जिले के साथ-साथ राज्य के हर युवा की प्रेरणा बनेगी। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में दुबई में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित होगी, जिसकी तैयारी भी वे कवर्धा से ही पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। नेपाल की धरती पर खिलाडिय़ों द्वारा किया गया यह प्रदर्शन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
बॉडी बिल्डिर सूरज राजपूत
      बॉडीबिल्डिंग की दुनिया में सूरज राजपूत का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। नेपाल की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने सात देशों के धुरंधरों को पछाड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज राजपूत कहा कि यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ की है। छोटे शहर से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना आसान नहीं होता, लेकिन अगर मन में जुनून हो और मार्गदर्शन सही हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। सूरज 'भारत हेल्थ क्लबÓ में बतौर कोच लगभग 50 खिलाडिय़ों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल और पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीत चुके हैं।
वेटलिफ्टर दीपाली सोनी
     76 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली कबीरधाम जिले की दीपाली सोनी कबीरधाम की पहली महिला वेटलिफ्टर बनी हैं। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर इतिहास रच दिया। दीपाली सोनी  अपना अनुभव साझा करती हुए कहती है कि नेपाल की यात्रा मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक रही। पहली बार विदेश जाकर खेलना और तिरंगा लहराना एक सपना था, जो पूरा हुआ। मुझे खुशी है कि अब जिले की अन्य बेटियां भी वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों में आगे बढऩे की प्रेरणा लेंगी।" दीपाली पहले भी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं।
वेटलिफ्टर अभिषेक तिवारी
     67 किलोग्राम वर्ग के सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग कैटेगरी में अभिषेक तिवारी ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी कड़ी मेहनत का शानदार उदाहरण पेश किया। अभिषेक तिवारी कहते हैं कि जब मेरे गले में मेडल आया, तो मुझे अपने माता-पिता, गुरुजी और पूरे जिले की मेहनत याद आई। नेपाल में रहना, वहां के खिलाड़ी और माहौल सभी कुछ नया था, लेकिन हमने भारत का झंडा ऊंचा रखने का संकल्प लिया था।
वेटलिफ्टर अनुराग जांगड़े
     सिर्फ 14 वर्ष की उम्र में 109 किलोग्राम वर्ग में सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाले अनुराग जांगड़े ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अनुराग जांगड़े ने अपनी कैरियर की पहली विदेश यात्रा में मिले उपलब्धियों की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि "मैं बहुत खुश हूं कि इतनी छोटी उम्र में देश के लिए स्वर्ण पदक जीत पाया। यह सब मेरे कोच सूरज सर की वजह से संभव हुआ, जिन्होंने हमें दिन-रात नि:स्वार्थ भाव से मुझे तैयार किया।" विदेश में राष्ट्रीय ध्वज लहराने की खुशी में शब्दों में बयां नही कर सकता।

बालोद/शौर्यपथ /जिला पंचायत केे सभाकक्ष में छ.ग. पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 47 (01) एवं (02) एवं जनपद तथा जिला पंचायत के स्थायी समितियां (सदस्यों का निर्वाचन उनकी शक्तियां और कृत्य तथा सदस्यों का कार्यकाल और कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 1994 के तहत स्थायी समितियों के गठन की कार्यवाही संपन्न की गई। पीठासीन अधिकारी डॉ. संजय कन्नौजे द्वारा छ.ग. पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 47 (1) एवं (2) एवं जनपद तथा जिला पंचायत के स्थायी समितियां (सदस्यों का निर्वाचन उनकी शक्तियां और कृत्य तथा सदस्यों का कार्यकाल और कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम, 1994 के संबंध में सदन को विस्तृत जानकारी दी गई। पीठासीन अधिकारी डॉ. संजय कन्नौजे ने बताया कि जनपद तथा जिला पंचायत के स्थायी समितियां (सदस्यों का निर्वाचन उनकी शक्तियां और कृत्य तथा सदस्यों का कार्यकाल और कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 1994 के नियम 03 के तहत् सदन के द्वारा प्रत्येक समिति में 05 सदस्य रहेंगे का संकल्प पारित किया गया। तत्पश्चात छ.ग. पंचायत राज अधिनियम की धारा 47 (1) एवं (2) के तहत समिति के गठन की कार्यवाही प्रारंभ की गई। जिसमें 06 स्थायी समितियों का गठन किया गया जिसमें 01-01 सभापति और 04-04 सदस्य निर्वाचित हुए। उन्होंने बताया कि सामान्य प्रशासन स्थाई समिति के अंतर्गत श्रीमती तारिणी पुष्पेंद्र चंद्राकर को सभापति तथा श्री तोमन साहू, श्री तेजराम साहू, श्रीमती चंद्रिका यशवंत गंजीर, श्रीमती प्रभा रामलाल नायक,  श्रीमती चुन्नी मानकर को सदस्य नियुक्त किया गया है। इसी तरह कृषि स्थाई समिति के अंतर्गत  तेजराम साहू को सभापति तथा  गुलशन चंद्राकर, श्रीमती चुन्नी मानकर, श्रीमती पूजा वैभव साहू और श्रीमती लक्ष्मी अशोक साहू को सदस्य नियुक्त किया गया है। शिक्षा स्थाई समिति के अंतर्गत तोमन साहू को सभापति तथा श्रीमती कांति सोनेश्वरी, सुश्री नीलिमा श्याम, श्रीमती प्रभा रामलाल नायक और श्रीमती मीना उमाशंकर साहू को सदस्य नियुक्त किया गया है। संचार एवं संकर्म स्थाई समिति के अंतर्गत श्रीमती चंद्रिका यशवंत गंजीर को सभापति तथा  गुलशन चंद्राकर, श्रीमती प्रभा रामलाल नायक,   राजाराम तारम और श्रीमती लक्ष्मी अशोक साहू को सदस्य नियुक्त किया गया है। सहकारिता एवं उद्योग स्थाई समिति के अंतर्गत श्रीमती प्रभा रामलाल नायक को सभापति तथा श्रीमती चंद्रिका यशवंत गंजीर,   तेजराम साहू, श्रीमती मीना उमाशंकर साहू और   राजाराम तारम को सदस्य नियुक्त किया गया है। महिला एवं बाल विकास स्थाई समिति अंतर्गत श्रीमती चुन्नी मानकर को सभापति तथा श्रीमती कांति सोनेश्वरी, सुश्री नीलिमा श्याम, श्रीमती मीना उमाशंकर साहू और श्रीमती लक्ष्मी अशोक साहू को सदस्य नियुक्त किया गया है।

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