नई दिल्ली /शौर्यपथ /भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी शोमा कांति सेन को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ शोमा सेन को जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी है. सुप्रीम कोर्ट की शर्तों में शामिल हैं कि शोमा सेन महाराष्ट्र नहीं छोड़ेंगी, उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा. इसके साथ ही शर्त ये भी है कि उन्हें अपने निवास के बारे में एनआईए को सूचित करना होगा.
एनआईए अधिकारी को अपने मोबाइल नंबर के बारे में सूचित करना होगा और उस नंबर को चालू और चार्ज रखना होगा. आदेश के मुताबिक शोमा सेन के मोबाइल का जीपीएस चालू रहना चाहिए और उनके फोन को एनआईए अधिकारी के फोन से जोड़ा जाना चाहिए ताकि लोकेशन का पता लगाया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर शर्तों का उल्लंघन किया जाता है तो अभियोजन पक्ष जमानत रद्द करने की मांग कर सकता है.
शोमा कांति सेन साढ़े 5 साल से जेल में हैं, अंग्रेजी की प्रोफेसर शोमा सेन 2018 से जेल में बंद हैं. पुणे के भीमा कोरेगांव में भड़की जातीय हिंसा के बाद एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार किया था. शोमा सेन के खिलाफ UAPA एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. जांच एजेंसी का कहना है कि शोमा का सीपीआई (माओवादी) से संबंध है.