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आयरलैंड में भारतीय दूतावास की इस टिप्पणी को कांग्रेस ने बताया "अपमानजनक", की बर्खास्त करने की मांग

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नई दिल्ली/शौर्यपथ /कांग्रेस ने आयरलैंड में भारत के राजदूत द्वारा एक स्थानीय दैनिक के संपादकीय का जवाब देते हुए उसकी (कांग्रेस की) आलोचना करने पर मंगलवार को कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि एक राजनयिक का सरेआम 'पार्टी सदस्य' की तरह विपक्षी दलों पर हमला करना 'शर्मनाक व्यवहार' है और उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए. 'द आइरिश टाइम्स' को दिए अपने जवाब में भारतीय राजदूत अखिलेश मिश्रा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश उन पर निशाना साधा है.
संपादकीय "मोदी ने अपनी पकड़ मजबूत की" में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरामदायक तीसरे कार्यकाल की भविष्यवाणी करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और विपक्षी नेताओं के खिलाफ कर मामलों का उल्लेख किया गया है. संपादकीय में किए गए दावों को झुटलाते हुए, भारतीय दूतावास ने कहा कि यह प्रधानमंत्री, लोकतंत्र, कानून प्रवर्तन संस्थानों और भारत के "हिंदू-बहुसंख्यक" लोगों की साख पर बट्टा करता है.
अखबार में 11 अप्रैल को छपे संपादकीय को लेकर भेजे जवाब में मिश्रा ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर अभूतपूर्व लोकप्रियता और कद हासिल है. यह नवीन, समावेशी शासन और सतत विकास पर त्रुटिहीन व्यक्तिगत चरित्र और ईमानदारी और विचारवान नेतृत्व के कारण है."
राजदूत ने यह भी लिखा, "भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें जमा चुके तंत्र (भारत में एक ही वंशवादी पार्टी द्वारा 55 साल के शासन द्वारा निर्मित) के खिलाफ लड़ाई मोदी की लगातार बढ़ती लोकप्रियता के पीछे एक प्रमुख कारक है."
उनकी इस टिप्पणी को लेकर रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "भारत सरकार का बचाव करना एक बात है और (एक राजनयिक से) इसकी उम्मीद भी की जानी चाहिए. लेकिन एक पक्ष की तरह इस तरह से विपक्षी दलों पर खुलेआम हमला करने की उम्मीद नहीं की जाती है." उन्होंने यह भी कहा, "यह राजदूत वास्तव में एक 'करियर डिप्लोमैट' हैं, जो उनकी टिप्पणियों को और भी शर्मनाक, अपमानजनक और पूरी तरह से अस्वीकार्य बनाता है. उन्होंने वास्तव में विदेश सेवा नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए."
1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी अखिलेश मिश्रा को अक्टूबर 2021 में डबलिन में आयरलैंड में भारतीय राजदूत के रूप में तैनात किया गया था. उन्होंने इससे पहले विदेश मंत्रालय में विशेष कर्तव्य पर एक अधिकारी को तैनात किया था. उन्होंने मालदीव में राजदूत (2016-19), टोरंटो में महावाणिज्य दूत (2013-16), और काबुल में मिशन के उप प्रमुख (2008-10) के रूप में भी काम किया है.

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