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"जगन रेड्डी को कभी सहयोगी नहीं माना, लेकिन...": आंध्र और तेलंगाना पर पीएम मोदी का बड़ा दावा

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नई दिल्ली /शौर्यपथ /आंध्र प्रदेश  में भाजपा  के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए क्लीन स्वीप की भविष्यवाणी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को कभी भी 'सहयोगी' नहीं माना. एक तेलुगु समाचार चैनल एनटीवी के साथ साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा कि राज्य में जगन के नेतृत्व वाली मौजूदा वाईएसआरसीपी सरकार  को राज्य चुनावों में दोबारा वोट नहीं मिलेगा. भाजपा राज्य में अपने एनडीए सहयोगियों चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी और अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण की जनसेना पार्टी के साथ गठबंधन में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रही है.
पीएम मोदी ने कहा, "मुझे विश्वास नहीं है कि आंध्र प्रदेश में मौजूदा सरकार वापस आएगी. राज्य की अर्थव्यवस्था इस समय बेहद खराब स्थिति में है. हमने जगन को कभी भी संभावित सहयोगी नहीं माना, लेकिन उनके (वाईएसआरसीपी के) सदस्यों ने संसद में कुछ मुद्दों पर हमारा समर्थन किया है."
आपको बता दें कि राज्यसभा में वाईएसआरसीपी के सदस्यों ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 के पक्ष में मतदान किया था. राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक शक्तियों के आवंटन पर मसौदा कानून भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए द्वारा पेश किया गया था. पीएम मोदी ने कहा, "पहले भी, हमने विरोधियों के रूप में चुनाव लड़ा था. हम कभी भी सहयोगी के रूप में चुनाव में नहीं उतरे और हमेशा राजनीतिक स्पेक्ट्रम के विपरीत छोर पर रहे. मैं एक संवैधानिक पद पर हूं और मेरा काम सभी राज्यों को मजबूत बनाना है, चाहे सत्ता में कोई भी हो. मैं आंध्र प्रदेश के विकास के लिए उतना ही प्रतिबद्ध हूं, जितना अन्य राज्यों के लिए.'' राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को भारी चुनावी जीत मिलने का भरोसा जताते हुए पीएम मोदी ने कहा, "बीजेपी और टीडीपी एनडीए में साझेदार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. जनसेना भी इस बार हमारे साथ है. हमारी रैलियों और रोड शो में उमड़े जनसैलाब और जनता की भागीदारी से मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि एनडीए न केवल यहां अधिकांश लोकसभा सीटें जीतेगी बल्कि आंध्र प्रदेश में अगली सरकार भी बनाएगी.''
क्षेत्रीय दलों को लेकर यह बोले
तेलंगाना  में भी एनडीए की चुनावी जीत का दावा करते हुए पीएम ने कहा, "मुझे तेलंगाना में भाजपा के लिए वही संभावनाएं दिख रही हैं, जैसा मैंने 2018-19 में गुजरात में देखा था. साथ ही चुनाव अभियान के दौरान हमें लोगों से जो समर्थन मिल रहा है, उससे मुझे इस बार तेलंगाना में क्लीन स्वीप दिख रहा है.'' समान विचारधारा वाले क्षेत्रीय साझेदारों को साथ लेकर चलने के महत्व पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि राष्ट्रीय पार्टियों के रूप में हमें क्षेत्रीय पार्टियों की आकांक्षाओं का भी सम्मान करना चाहिए और उन्हें संबोधित करना चाहिए. अगर क्षेत्रीय दल हमारे साथ हैं, तो हमारे लिए उनकी आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में काम करना और भी आसान हो जाता है. जब तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों की बात आती है, तो हमें हाथ मिलाने के लिए और अधिक दलों की आवश्यकता होती है. चाहे हम कितनी भी बड़ी पार्टी क्यों न हों, हम अपने क्षेत्रीय भागीदारों को साथ लेने और उनके लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में काम करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेंगे.'
"BRS की वजह से जीती कांग्रेस"
तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब सरकार चुनने की बात आती है तो सबसे पुरानी पार्टी कभी भी लोगों की 'पहली पसंद' नहीं रही. "कांग्रेस स्पष्ट जनादेश और भारी बहुमत के दम पर कुछ महीने पहले ही राज्य में सत्ता में आई थी. हालांकि, यह सरकार हर स्तर पर विफल रही है. मेरी समझ से BRS (भारत राष्ट्र समिति) के खिलाफ जनता में काफी गुस्सा था और इसका फायदा कांग्रेस को हुआ." यह कहते हुए कि आंध्र और तेलंगाना में वर्तमान सत्तारूढ़ दलों के पास इन राज्यों के विकास के लिए कोई स्पष्ट दृष्टिकोण या रोडमैप नहीं है, पीएम मोदी ने इन दोनों शासनों की तुलना भाजपा शासित छत्तीसगढ़ से करते हुए कहा, "तेलंगाना और आंध्र की सरकारें के पास इन राज्यों के विकास के लिए प्रदेश के पास कोई दृष्टिकोण नहीं है. छत्तीसगढ़ को हाल ही में (मध्य प्रदेश से) अलग राज्य बनाया गया था, जब हमें वहां के लोगों की सेवा करने का मौका मिला, हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक नया आकार और दिशा देने की दिशा में काम किया. आज, राज्य एक जीवंत अर्थव्यवस्था का घर है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी विस्तार और प्रगति के समान अवसर थे, लेकिन नेता (सत्तारूढ़ दलों में) या तो आपस में लड़ते रहे या केंद्र सरकार से लड़ते रहे.''
कृषि और शहरीकरण में एक साथ प्रगति को चिह्नित करते हुए सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने सहित इन राज्यों के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "उन्नत बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए इन राज्यों में और अधिक काम करने की जरूरत है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विकास को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए.”
प्रधानमंत्री ने कहा, "इस युग में शहरीकरण अपरिहार्य है और मेरा मानना ​​है कि राज्य के 5-7 शहरों को आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाना चाहिए और अन्य शहरों के बराबर लाया जाना चाहिए. हैदराबाद को एक वैश्विक शहर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. यह सिर्फ एक राजधानी नहीं है. मैं यह भी मानता हूं कि सामाजिक न्याय भी उतना ही महत्वपूर्ण है. मडिगा समुदाय पर लंबे समय से अत्याचार किया जा रहा है. मैंने खुले तौर पर कहा है कि मैं मडिगा लोगों के साथ खड़ा हूं. मैं राज्य में अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम करूंगा."
कब है चुनाव?
आम चुनाव के चौथे चरण में तेलंगाना की सभी 17 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 13 मई को होगा, जबकि आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यीय विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों के लिए भी उसी दिन मतदान होना है. एनडीए सहयोगियों के बीच हुए सीट बंटवारे के समझौते के तहत, टीडीपी आंध्र में 144 विधानसभा और 17 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी, जबकि भाजपा 6 लोकसभा और 10 विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी. जनसेना दो लोकसभा और 21 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सभी चरणों की मतगणना 4 जून को होनी है.

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