नई दिल्ली/शौर्यपथ /एजेंसी लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में तीसरी बार NDA सरकार का गठन हो चुका है. नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन चुके हैं. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई को समाप्त होगा. 9 दिवसीय विशेष सत्र के दौरान लोकसभा स्पीकर का चुनाव किया जाएगा और नए सांसद शपथ लेंगे. इसी दौरान संसद को लीडर ऑफ अपोजिशन यानी नेता प्रतिपक्ष भी मिलेगा. ये पद पिछले 10 साल से खाली पड़ा है. आखिरी बार सुषमा स्वराज 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं. लेकिन 2014 और 2019 के चुनावों में किसी भी विपक्षी दल के 54 सांसद नहीं जीते. नियमों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल संख्या का 10% यानी 54 सांसद होना जरूरी है. इस बार कांग्रेस को ये पद दिया जाएगा. पहले ऐसी अटकलें थी कि राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हो सकते हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने यह पद अस्वीकार कर दिया है. ऐसे में कांग्रेस की तरफ से 3 नाम सामने आ रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाले INDIA अलायंस को 232 सीटें मिली. कांग्रेस को 99 सीटें मिली थीं. ये लोकसभा की कुल संख्या का 18% हैं. ऐसे में साफ है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस को ही ऑफर किया जाएगा. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए राहुल गांधी के इनकार करने के बाद तीन सीनियर नेताओं कुमारी शैलजा, गौरव गोगोई और मनीष तिवारी के नाम पर विचार किया जा रहा है. गौरव गोगोई असम के जोरहाट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. वे गांधी परिवार के करीबी भी हैं. कुमारी सैलजा ने हरियाणा के सिरसा से जीत हासिल की है. मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ चुनाव जीता है.
019 में राहुल गांधी ने छोड़ दिया था कांग्रेस अध्यक्ष का पद
2019 में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया था. इसके बाद तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन राहुल नहीं मानें. आखिरकार मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने कोई भी पद लेने से परहेज किया है.
राहुल बने नेता प्रतिपक्ष तो कांग्रेस को मिलेगी मजबूती
दूसरी ओर, पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता बने, तो कांग्रेस को नई दिशा और ऊर्जा मिल सकती है. अगर राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनते हैं, तो उन्हें कैबिनेट रैंक मिलेगा. INDIA अलायंस में सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी. लोकसभा में BJP पर विपक्ष के हमले का नेतृत्व करके कांग्रेस को भी एक मजबूत चेहरा मिलेगा.