नई दिल्ली/शौर्यपथ /आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से 6 दिन की सशर्त कस्टडी पैरोल मिली है. ताहिर इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से मुस्तफाबाद सीट से कैंडिडेट हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "ताहिर हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक दिन के समय (जेल मैनुअल के अनुसार 12 घंटे के लिए) चुनाव प्रचार के लिए रिहा किया जाएगा. रात में जेल लौटना होगा."
कोर्ट ने हुसैन को जेल वैन समेत सुरक्षा खर्च के तौर पर हर दिन 2.47 लाख रुपये देने को कहा. इस तरह उसे 6 दिन में 14.82 लाख रुपये देने होंगे. दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग है. 8 फरवरी को नतीजे आएंगे.
ASG ने दी ये दलील
एडिशिनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पैरोल याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों में ताहिर का रोल बेहद गंभीर था. अगर राहत मिली, तो हर कोई जेल से नॉमिनेशन फॉर्म भरेगा.
हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को दी थी कस्टडी पैरोल
दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को ताहिर हुसैन को पैरोल दी थी. कोर्ट ने हुसैन को ये पैरोल मुस्तफाबाद सीट से नामांकन भरने के लिए दी थी. हालांकि, अदालत ने चुनाव प्रचार के लिए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसके बाद हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. इसपर मंगलवार को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुनवाई की.
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कब से जेल में बंद हैं ताहिर?
ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के आरोप में 4 साल 9 महीने से जेल में बंद हैं. इससे पहले 22 जनवरी को ताहिर की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच में सहमति नहीं बन पाई थी.
दिल्ली में कब और क्यों हुए थे दंगे?
दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को दंगे शुरू हुए थे. ये दंगे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान शुरू हुए थे. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए इस दंगे में 53 लोगों की जान चली गई थी और 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर, भजनपुरा, ज्योति नगर, करावल नगर, खजूरी खास, गोकुलपुरी, दयालपुर और न्यू उस्मानपुर समेत 11 पुलिस स्टेशन के इलाकों में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था. इस दंगे में कुल 520 लोगों पर FIR दर्ज की गईं थीं. 25 फरवरी को ही इन दंगों पर रोक लग गई थी.
कड़कड़डूमा कोर्ट में दायर हुई थी 2 चार्जशीट
दिल्ली दंगा मामले में क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा कोर्ट में 2 चार्जशीट दाखिल की थी. पहला केस चांद बाग हिंसा और दूसरा मामला जाफराबाद दंगे से जुड़ा था. चांद बाग हिंसा मामले में ताहिर हुसैन मास्टरमाइंड बताया गया था. जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई.