दुर्ग । शौर्यपथ । दिसंबर के दूसरे सप्ताह में परमिंदर सिंह और फिरोज ने नगर निगम में निजी भूमि पर ट्रक मालिक संघ के कब्जे की शिकायत की थी जिस पर तत्कालीन प्रभारी प्रशिक्षु आयुक्त आईएस लक्ष्मण तिवारी ने जांच कर कार्यवाही की बात की थी कल मंगलवार को निगम प्रशासन पूरे दलबल के साथ ट्रक मालिक संघ द्वारा कब्जा किए भूमि को खाली कराने जब पहुंची तब मामला गरमा गया है ट्रक मालिक संघ के सदस्यों का कहना है कि यह जमीन 200६-०७ में नगर निगम दुर्ग की तत्कालिक महापौर सुश्री डॉ सरोज पांडे ने अस्थाई तौर पर ट्रक मालिक संघ को दी थी और नल जल शौचालय आदि की व्यवस्था की गई थी किंतु धीरे-धीरे इस जमीन पर तथाकथित लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया .
ट्रक मालिक संघ के सदस्यों का कहना है कि पांच साला खसरा नक्शा में जब 2018 तक यह भूमि शासकीय थी और 2019 के बाद या भूमि निजी कैसे हो गई जिसकी जांच की मांग एवं शिकायत कई बार की गई है किंतु अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई .
ट्रक मालिक संघ के सदस्यों ने निगम प्रशासन दुर्ग के इस कार्यवाही को एक तरफा कार्यवाही बताते हुए या मांग की है कि उक्त खसरा नंबर की जमीनों की निष्पक्ष जांच हो और जिन्होंने भी यह भूमि कब्जा किया है उस पर कार्यवाही हो ट्रक मालिक संघ ने कभी भी इस जमीन को अपना जमीन नहीं बताया यह जमीन हमें अस्थाई रूप से गंजपारा से यहां पर व्यवस्थापन के रूप में दी गई थी ।
बड़ा सवाल *
बड़ा सवाल यह है कि उक्त भूमि जब ट्रक मालिक संघ को दी गई थी तब खसरा नंबर 203 /18 ,202 /62 ,201 /3 ,202/63 का कुल रकबा 7 एकड़ के करीब था किंतु वर्तमान स्थिति में 7 एकड़ नहीं है आसपास के जमीनों को कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है सवाल यह है कि जब २०१८ तक यह भूमि शासकीय थी तो फिर 2019 के बाद या भूमि निजी किस नियम के तहत हो गई।
क्या नगर पालिक निगम दुर्ग और जिला प्रशासन करोड़ों के इस शासकीय जमीन और निजी जमीन एवं विवादित गुप्त रखने की निष्पक्ष जांच कर अतिक्रमणकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेगी या मामला यूं ही फाइलों में दब जाएगा आज जिस तरह से शासकीय भूमि को लेकर जो विवाद उत्पन्न हुआ वह शहर भर में चर्चा का विषय है वही ट्रक मालिक संघ के सदस्यों का कहना है कि उक्त विवादित भूमि की जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच हो। वहीं जिला प्रशासन ने उक्त भूमि की जांच के लिए कमेटी बनाई है अब देखना यह है कि यह कमेटी अपनी जांच कब पूरी करती है