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प्रकाश सांखला फिर हुए गिरफ्तार , इस बार महादेव सट्टा से जुडा सम्बन्ध Featured

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चेंबर ऑफ कॉमर्स के खिलाफ श्रीचंद सुंदरानी ने खोला मोर्चा कराई शिकायत दर्ज

    दुर्ग / शौर्यपथ / महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में छत्तीसगढ़ के कुल 29 ठिकानों पर ACB और EOW की टीम ने गुरुवार को छापेमारी की. जिसमें ईओडब्ल्यू ने महादेव सट्टा ऐप से संबंधित दस्तावेज, हवाला संबंधी पर्चियां और बैंक संबंधित कागजात समेत बड़ी मात्रा में संदेहास्पद दस्तावेज बरामद किये हैं. वहीं आज दुर्ग के सराफा कारोबारी प्रकाश सांखला को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया है. आपको बता दें कि प्रकाश सांखला दुर्ग चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व उपाध्यक्ष रहे है और इस मामलें को लेकर चेंबर ऑफ कॉमर्स रायपुर के अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
  प्रकाश सांखला पर महादेव सट्टा एप से जुड़े पैसे लेनदेन करने करने का आरोप है. बता दें कि EOW ने गुरुवार को जिन 29 जगहों पर छापेमारी की. उनमें दुर्ग के 18, रायपुर के 7, बलौदाबाजर के 2, रायगढ़ के 1 और कांकेर के 1 जगह पर कार्रवाई की गई. ईओडब्ल्यू के मुताबिक, छापे में महादेव सट्टा ऐप से संबंधित दस्तावेज, हवाला संबंधी पर्चियां और बैंक संबंधित कागजात समेत बड़ी मात्रा में संदेहास्पद दस्तावेज मिले है। आज दुर्ग के सराफा कारोबारी प्रकाश सांखला को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया है।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के खिलाफ श्रीचंद सुंदरानी ने खोला मोर्चा कराई शिकायत दर्ज
रायपुर। राजधानी में चेंबर ऑफ कॉमर्स के खिलाफ श्रीचंद सुंदरानी ने शिकायत दर्ज कराया है और आरोप लगाते हुए ये कहा है कि 27 अप्रैल को चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष द्वारा चेंबर भवन में विशेष आमसभा बुलाकर संविधान में संशोधन किये गए हैं और क्या संविधान संशोधन किया गया है जबकि चेंबर में लगभग 25 हज़ार व्यापारियों की सदस्य्ता है लेकिन चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष अमर पारवानी ने अपने कार्यकाल खत्म होने के बाद ये मीटिंग बुलाई जिसमें 25 हज़ार व्यापारियों के बदले मात्र 150 लोगों की मीटिंग रखी और चेंबर ऑफ कॉमर्स के संविधान में संशोधन कर दिया।
इसका सार्वजनिक प्रकाशन नहीं किया और ना ही सूचना पत्र जारी किया जिसमें संविधान संशोधन के बिंदुवार नहीं भेजा है अगर आपने भेजा हैं तो इसकी जानकारी हमें उपलब्ध कराएं की आपने स्पीड पोस्ट से भेजा हैं या जिस माध्यम से भेजा है इसकी जानकारी सार्वजनिक कर इस पत्र के जवाब के साथ दें। श्रीचंद ने सीधा आरोप हैं लगाया है कि संविधान का संशोधन आपने स्वयं के लिए किया है जबकि उनके कार्यकाल में यह संशोधन लाया गया था कि चेम्बर के 3 महत्वपूर्ण पद जिसमें अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक पदाधिकारी नहीं रह सकता हमारा उद्देश्य था कि नए लोगों को इन तीन महत्वपूर्ण पदों पर पदाधिकारी बनने का अवसर मिले चूँकि आप 2 बार अध्यक्ष रह चुके हो इसलिए आप अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ सकते हो इसलिए आपने चंद मुट्ठी भर लोगों को आमसभा में बुलाकर अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए यह कृत्य किया है।
ऐसा चेम्बर के गठन से लेकर आज तक नहीं किया गया की तथ्य छुपाये गए हों। आपकी नियति इस विशेष आमसभा को बुलाने के प्रति ठीक नहीं थी। इसलिए आपने लगभग 25000 सदस्यों वाली संस्था की विशेष आमसभा चेम्बर भवन के बैठक हॉल में आहत की जिसकी अधिकतम क्षमता 300 है। इसका मतलब साफ़ है की आपको यह जानकारी थी की इस विशेष आमसभा में 450 - 200 सदस्यों से अधिक लोग उपस्थित नहीं होंगे क्योंकि आपने सूचना ही उतने लोगों को दी थी। यह चेम्बर के इतिहास में इससे बड़ा पाप नहीं हो सकता चूँकि इस विशेष आमसभा में आपको कोई भी संविधान संशोधन करने का अधिकार इसलिए नहीं मिलता चूँकि आपका कार्यकाल समाम हो चुका, संविधान आपको मात्र इस बात की इजाजत देता है की चुनाव कराने के लिए 3 माह का कार्यकाल बढ़ा सकते हैं। आपको जानकारी देना चाहता हूँ की पूर्व में किये गए संविधान संशोधन में जिसमें मेरे स्वयं के साथ स्व. अमर धावना एवं जैन जीतेन्द्र बरलोटा के हस्ताक्षर संयुक्त रूप से हैं। अतः मेरा आपसे नमन निवेदन है की मेरे उठाए गए बिन्दुओं पर 7 दिन के अन्दर लिखित जवाब देकर संतुष्ट करें अन्यथा मुझे माननीय न्यायलय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

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शौर्यपथ