Print this page

दुर्ग की जनता क्या फिर खा गई धोखा या फिर अरुण वोरा की तरह गजेंद्र यादव भी कहलायेंगे निष्क्रिय विधायक... Featured

  • Ad Content 1

शहरी सरकार का कहना प्रदेश में सत्ता नहीं होने से अधिकारी भी नहीं मान रहे आदेश : सूत्र

दुर्ग/शौर्यपथ /
    दुर्ग शहर की राजनीति में वर्षों से वोरा परिवार का एक तरफा कब्जा बना हुआ था जिसके चलते दुर्ग शहर की जनता और कांग्रेस के वोरा बंगले के इर्द-गिर्द ही सीमित रहती था। यहां  तक कि कांग्रेस से कोई दूसरा प्रत्याशी भी आज तक कभी सामने नहीं आ पाया और अगर कभी कोई वोरा परिवार का विरोध करता तो उसकी सारी राजनीति खत्म होने जैसी स्थिति हो जाती जिसका उदाहरण शहर के कई युवा नेता जैसे दीपक दुबे, स्व प्रताप मध्यानी, राजेंद्र साहू,अब्दुल गनी ,अमृत लोढ़ा,मदन जैन,जैसे कई उदाहरण हैं जिनकी राजनीति वोरा परिवार के विरोध करने के कारण खत्म होने की कगार पर थी परंतु अपनी इच्छा शक्ति की बदौलत राजेंद्र साहू आज दुर्ग के एक बड़े कांग्रेसी नेता के रूप में उभर कर सामने आ चुके हैं वही दीपक दुबे भी प्रदेश संगठन में कार्य करते हुए अपने अस्तित्व को बचाए हुए हैं।
  वही हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में दुर्ग शहर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस प्रत्याशी को न देखकर सिर्फ अरुण वोरा का विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को बड़ी जीत दिलाई ।
  पिछले 5 सालों से दुर्ग निगम के शहरी सरकार में कांग्रेस का कब्जा है ऐसे में दुर्ग विधायक के रूप में तात्कालिक विधायक अरुण वोरा द्वारा दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में लगातार हस्तक्षेप के कारण शहर की जनता ही नहीं कांग्रेस के जनप्रतिनिधि भी आंतरिक रूप से वोरा का विरोध करते नजर आए जिसके परिणाम स्वरुप विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही कई जनप्रतिनिधि ने खुलकर कांग्रेस प्रत्याशी अरूण वोरा का विरोध किया और दुर्ग विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गजेंद्र यादव को बड़ी जीत दिलाई।
कोई और प्रत्याशी होता तो भी जीत थी निश्चित
  हाल ही में विधानसभा चुनाव में अगर भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी गजेंद्र यादव की जगह कोई और भी होता तो वो भी जीत जाता क्योंकि सिर्फ शहर की जनता और प्रताड़ित कार्यकर्ताओं ने अरुण वोरा के झूठे वादों और शासकीय कामों में अपने इर्द-गिर्द के लोगों को खुलेआम समर्थन देने के कारण काफी रोष था। कांग्रेस के नेता अरुण वोरा पिछले 30 सालों से दुर्ग की राजनीति में है और यह अंतिम 5 वर्ष उनके लिए काफी विरोध भरा रहा।
  परंतु वही अगर भारतीय जनता पार्टी के विधायक गजेंद्र यादव की बात करें तो अभी विधानसभा चुनाव हुए 6 माह ही हुए हैं और शहर की जनता विधायक की निष्क्रियता के चर्चे करने लगी शहर में पिछले 6 महीना में शहर की बदहाल व्यवस्था अपनी चरम सीमा पर है,वही दुर्ग नगर निगम में भ्रष्टाचार कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से भी ज्यादा बढ़ गया है खुलेआम कई तरह के भ्रष्टाचार सामने आने के बाद भी दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव का इन मामलों पर मौन साधना अब एक चर्चा का विषय है .
   वहीं एक गुट ऐसा भी है जिनके द्वारा यह चर्चा की जा रही है कि दुर्ग नगर निगम के कार्यों में पर्दे के पीछे से गजेंद्र यादव का पूरा हस्तक्षेप नजर आ रहा है। शौचालय आवंटन , पूर्व विधायक वोरा के कार्यकाल के समय के कई प्लेसमेंट कर्मचारियों की छुट्टी और नई भर्ती की सुगबुगाहट , भाजपा पार्षदों एवं नेता प्रतिपक्ष के जबरदस्त विरोध के बावजूद गुमठी घोटाला , अवैधानिक रूप से रेन बसेरा /आश्रय स्थल सञ्चालन जैसे कई विवाद के बावजूद विधायक गजेंद्र यादव का भ्रष्टाचार के मामले में मौन रहना चर्चा का विषय है।
 लगातार नगर निगम में हो रहा है भ्रष्टाचार पर चुनाव के पहले जिस भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी गजेंद्र यादव ने लगाम कसने की बात कही थी आज भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनने के बाद शहर भर में अतिक्रमण का बोलबाला निगम में कई कार्यो में पक्षपात और वैधानिक कार्य निगम कर्मचारियों द्वारा खुलेआम रिश्वत लेना भ्रष्टाचार पूर्ण कार्य करने वालों का समर्थन करना जारी है। बावजूद इसके दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव हर मामले में मौन नजर आ रहे हैं एक जनप्रतिनिधि के रूप में दुर्ग की जनता को जो उम्मीद गजेंद्र यादव से थी वह उम्मीद अब पूरी होती नजर नहीं आ रही है और जनता ने लोकसभा चुनाव में अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। ऐसी चर्चा है कि दुर्ग लोकसभा के चुनाव में दुर्ग विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी 5 से 10000 वोट से जीत गई तो बहुत बड़ी बात है अब देखना यह है कि 4 जून के बाद परिणाम निकलने के बाद दुर्ग की जनता भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी का विरोध करती है या फिर विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा मतों से जीत दिलाती है .
  क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में भी मोदी के चेहरे से भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव लड़ा था और इस लोकसभा चुनाव में भी मोदी के चेहरे और विष्णु के सुशासन की बात कर चुनावी मैदान में उतरे थे अब मतदान का प्रतिशत ही बताएगा  कि दुर्ग शहर की जनता के मन में भारतीय जनता पार्टी के विधायक के लिए कितना समर्थन है।

Rate this item
(0 votes)
शौर्यपथ