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कोरोना का दर्द : चलती ट्रेन में जीवन का उदय भी अंत भी Featured

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   दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण से मरने वालो की संख्या जो भी हो किन्तु कोरोना के संकट के कारण देश में ऐसे कई दर्दनाक हादसे हो रहे है जो जीवन को झंझोर कर रख देंगे . ट्रेन की पत्री में मौत , सफर में पडल चलते चलते मौत जैसे दर्दनाक हादसे के बाद एक ऐसा दर्दनाक घटना घटी हुई जिसे सुनकर ही दिल दहल जाता है है कैसा महसूस कर रही होगी वो माँ जो ९ माह अपने जिगर को कोख में संभल कर राखी लॉक डाउन के ५० दिन भी संभल कर राखी और जब अपने गृह निवास पहुँचने के करीब थी तो एक शिशु को जन्म भी दिया किन्तु सिर्फ एक घंटे का मात्रितव सुख भोगने के बाद नवजात की मौत पर माँ का कलेजा फट गया और दहल गए वो सरे जो इस दर्दनाक घटना को आँखों से देख रहे थे .
मामला है श्रमिको की वापसी का .दिल्ली से दुर्ग के लिए आईे श्रमिक स्पेशल ट्रेन में शनिवार की सुबह बेमेतरा जिला के नवागढ़ की एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया और जन्म के एक घंटे बाद ही बच्ची की मौत हो गई। मौत के बाद भी बच्ची को गोद में लेकर बच्ची की मां रोते बिलखते दुर्ग पहुंची। इस मामले की जानकारी लोगों को तब पता चला जब श्रमिक एक्सप्रेस दुर्ग पहुंची। इस मामले की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने उस महिला के परिवार को अलग से वाहन की व्यवस्था कर उसे उसके गृहग्राम नवागढ़ भिजवाया। उस महिला के साथ में आने वाले लोगों ने बताया कि रास्ते भर बच्ची की मां बच्ची की सूरत देखदेखकर रोती बिलखती रही।
मिली जानकारी के अनुसार नवागढ़ का नथ परिवार मजदूरी करने के लिए प्रेमनगर दिल्ली गया हुआ था। नथ परिवार की बहू सीमा नथ, पति श्यामनथ (20 वर्ष) गर्भवती थी। उसके प्रसव का समय भी नजदीक था। दिल्ली से रवाना होने के घंटे भर बाद प्रसव पीड़ा शुरू हुआ। बोगी में सवार अन्य महिलाओं की मदद से जैसे तैसे प्रसव कराया गया।

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शौर्यपथ