दुर्ग। शौर्यपथ । दुर्ग नहीं प्रदेश की राजनीति में सुश्री सरोज पांडे का एक अलग ही राजनितिक रुतबा है सरोज पांडे के समर्थकों के बारे में यह राय रखी जाती है कि उनके समर्थक कट्टर समर्थकों में जाने जाते हैं भाजपा के प्रति समर्पण की भावना के साथ भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुशी सरोज पांडे के समर्थक हर स्थिति में उनका समर्थन करते हुए आज भी देखे जा सकते हैं परंतु उनके समर्थकों के बीच में अब एक ऐसा चेहरा भी सामने आ गया जो वर्तमान समय में शहर में पोस्टर बॉय के रूप में प्रसिद्ध हो गया कुछ सालों पहले पेंटर का काम करने वाले अजीत विद्या उर्फ अजय पेंटर के नाम से शहर में पहचाने जाने वाले वार्ड नंबर 12 के पार्षद अजीत वैद्य पिछले कुछ महीनो से शहर में विधायक गजेंद्र यादव के समर्थन में लाखों रुपए के पोस्टर लगा चुके हैं जिसके कारण यह भी चर्चा है कि अगर अजीत वैद्य विधायक गजेंद्र यादव का पोस्ट ना लगाए तो शहर में विधायक गजेंद्र यादव के पोस्टर की गिनती उंगलियों में गिनी जा सकेगी । एक समय पेंटर का कार्य कर रहे अजीत वैद्य आज करोड़ों के मालिक है रिसॉर्ट के व्यापार सहित जमीनों की खरीदी बिक्री के व्यापार से संबंध रखने की चर्चा है किंतु कुछ साल पहले साधारण परिवार से आने वाले एक कार्यकर्ता को राजनीति में किसी मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय भाजपा की राष्ट्रीय नेत्री सरोज पांडे को जाता है जिन्होंने पार्षद का टिकट देकर अजित वैद्य को एक बड़ा मौका दिया और अजीत वैद्य भी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए चुनाव में जीत अर्जित की । वर्तमान समय में भाजपा राष्ट्रीय नेत्री सुश्री सरोज पांडे को चुनावी जीत भले न मिली हो परंतु पार्टी में उनका कद अभी भी काफी महत्वपूर्ण स्थान पर माना जाता है आज भी उनके समर्थकों की संख्या बहुतेरी है ।
आने वाले कुछ समय बाद दुर्ग नगर निगम का चुनाव होने वाला है ऐसे में पिछले कुछ महीनो से चाहे वह मुख्यमंत्री का आगमन हो, स्वतंत्रता दिवस की बधाई हो या फिर त्योहारों का सीजन हो हर समय अजीत वैद्य पूरे शहर में पोस्टर के माध्यम से छाए हुए हैं जिसके कारण यह भी चर्चा है कि वह महापौर के लिए भाजपा की तरफ से अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर सकते हैं किंतु वही दुर्ग जिले में भाजपा संगठन की स्थिति देखें तो भाजपा कई गुटों में बटी हुई नजर आ रही है विजय बघेल के समर्थको की संख्या सरोज पांडे के समर्थकों की संख्या भाजपा की गुटीय स्थिति को स्पष्ट उजागर कर रही है शहर में सालों बाद किसी नए चेहरे के विधायक बनने के बावजूद भी भाजपा संगठन में वह एकता नजर नहीं आ रही जो अपेक्षित की जाती रही है ऐसे में देखना यह होगा कि सरोज पांडे गुट से अलग होकर विधायक गुट में शामिल होने वाले अजीत वैद्य को क्या महापौर पद के लिए आगे किया जाएगा या फिर फिर किसी नए चेहरे को मौका मिलेगा