स्ट्रीट वेंडर्स को आबंटित दुकाने बनी अन्य व्यापार का केन्द्र सडको पर बढ़ा व्यापार
दुर्ग / शौर्यपथ / शहर के ऐसे कई चौराहे है जहाँ यातायात के दबाव की वजह से दुर्घटना में कई मासूमो की जान जा चुकी है और हर बार ऐसी दुखद घटना के बाद निगम प्रशासन बड़े बड़े वादे करते नजर आता है और अवैध अतिक्रमण को हटाने की बात कर्ता है वही दिखावे के लिए कुछ दिन अपनी मुहीम चलाता भी है किन्तु अगर इसका दूसरा पहलु देखा जाए तो ऐसे कार्यो को कही ना कही बढ़ावा निगम प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है और जिम्मेदार शहरी सरकार एवं उनके मुखिया मामले पर मौन साधते हुए सिर्फ संवेदना प्रकट करते नजर आते है .
सरकारी योजनाओं का किस कदर बंदरबाट किया जा रहा है वासका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सडको पर अव्यवस्थित व्यापार को सुचारू बनाने निगम प्रशासन ने शहर में हाल ही में दो फ़ूड जोन बनाये एक चर्च के सामने एवं दूसरा जिला अस्पताल परिसर के पास इन दोनों फ़ूड जोन का आबंटन में बड़ा घोटाला हुआ हितग्राहियों को आबंटन प्रक्रिया में एनयुएलएम विभाग द्वारा घोर लापरवाही की गई बिना बाजार विभाग के जानकारी लिए पूर्व में व्यवस्थापन का लाभ लेने वाले लोगो को फिर से गुमठी आबंटन कर दिया गया साथ ही ऐसे लोगो को भी गुमठी आबंटन किया गया जो स्ट्रीट वेंडर्स के व्यापार से ना जुड़ कर निगम के कर्मचारियों के परिवार से सम्बंधित है इन सभी बातो की जानकारी के बावजूद भी शहरी सरकार के मुखिया का मौन रहना और आबंटन प्रक्रिया की निष्पक्ष जाँच ना करवा पाना कही ना कही शहरी सरकार और मुखिया धीरज बाकलीवाल की नाकामी एवं भ्रष्टाचार में अपरोक्ष रूप में शामिल होना दर्शाता है वही चर्च के सामने फ़ूड जोन पर सिवाय फ़ूड के अन्य सभी दुकाने खुल चुकी है और आबंटन कर्ता इन दुकानों को किराए में देकर एक बार फिर यातायात को बाधित करने सडको पर व्यापार कर रहे है जो आने वाले समय में किसी बड़े दुर्घटना को अंजाम दे सकता है . अब देखना यह है कि दुर्ग निगम के नए आयुक्त क्या मामले में संज्ञान लेकर जिम्मेदार लोगो पर और किराये में दूकान (गुमठी) देने वाले पर कड़ी कार्यवाही करते है या पिछले आयुक्त की तरह निष्क्रियता का परिचय देते है .
महापौर निवास कार्यालय से 50 मीटर दूर चौक पर ही खुल गया व्यापार ..
महापौर बाकलीवाल के सिविल लाइन निवास कार्यालय से लगभग 50 मीटर दूर साईं द्वार जैसे व्यस्तम चौक पर नारियल दूकान वाले द्वारा तीन चार गुमठी लगा कर व्यापार किया जा रहा है जिसमे कई बार महापौर भी एक अन्य कांग्रेस नेता के साथ बैठे नजर आये परन्तु इस अवैध व्यापार और अतिक्रमण पर महापौर का मौन रहना कही ना कही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना जैसा है क्या ऐसे ही कार्यो को लेकर आने वाले समय में कांग्रेस और वर्तमान महापौर आम जनता से वोट मांगेंगे ?