दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग शहर विधान सभा क्षेत्र को 10 सालो बाद नया विधायक मिला नए विधायक को चुनने के लिए पूरा शहर लालायित रहा खुलकर पूर्व विधायक के खिलाफ मतदान हुआ आम जनता को यह उम्मीद थी कि नए चेहरे के साथ दुर्ग शहर में विकास की नई परिपाटी लिखी जायेगी , भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जाएगा और पूर्व के भ्रष्ट कार्यो को उजागर कार जिम्मेदार लोगो पर कार्यवाही होगी,शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू होगी , इंदिरा मार्केट की रौनक में बाधा बनी डिवाइडर नेस्तनाबूद होगी,दुर्ग निगम में कमीशन खोरी बंद होगी,शहर स्वक्ष होगा और इसकी पहल होगी,अधूरे निर्माण कार्य पूर्ण होंगे जनहित के फैसले लिए जायेंगे नव निर्वाचित विधायक सहजता से आम जनता को उपलब्ध होगे किन्तु ऐसा कोई कार्य नजर नहीं आ रहा जो इन एक सालो में हुआ .
पूर्व के भ्रष्टाचार की जिम्मेदार शहर की जनता पूर्व विधायक को मानती थी किन्तु साल भर बाद ही आम जनता को यह लगने लगा कि पूर्व विधायक अरुण वोरा को दरकिनार कर उन्होंने बड़ी गलती कर दी अब चार साल का इंतज़ार आम जनता कर रही .
कमीशनखोरी का खेल जो पूर्व में कभी नहीं हुआ वर्तमान में सामान्य सभा में बना चर्चा का विषय ...
पूर्व की सरकार और तात्कालिक विधायक पर निगम के कार्यो में हस्तक्षेप और मनमानी आदेश के आरोप लगते रहे किन्तु यह सिर्फ चर्चा और आन्दोलन का ही विषय रही किन्तु वर्तमान में दुर्ग विधायक यादव के कार्यकाल में निगम के कार्यो में 05 प्रतिशत के कमीशन और निविदा के सैकड़ो आवेदन के बाद भी एबव (उच्च रेट ) में कार्य का विरोध इस कदर विकराल रूप ले लिया कि इसकी चर्चा दुर्ग निगम के सामान्य सभा में आखिरकार भाजपा के ही वरिष्ठ पार्षद अरुण सिंह ने उठाई जिसके बाद इस कार्य में पूर्व से विवादित रहे विधायक के करीबी माने जाने वाले ईई मोहन पूरी गोस्वामी एवं विधायक यादव के रिश्तेदार व निगम में कार्यरत सब इंजिनियर करण यादव का नाम भी उछला निविदा तो दिखावे के लिए निरस्त हो गई किन्तु इसके बाद भी इस निविदा में कमीशन का खेल होने की चर्चा बनी रही .
नहीं टुटा डिवाइडर व्यापारी हुए मायूस ...
इंदिरा मार्केट शहर का सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र है किन्तु सुगम यातायात के अभाव में यह व्यावसायिक क्षेत्र लगातार बदहाली की स्थिति से गुजर रहा है . मुख्य मार्ग जो डिवाइडर के कारण सकरा हो चुका है और जिसे हटाने का वादा चुनाव के समय किया गया था आज भी अपनी मूल स्थिति में है और व्यापार लगातार प्रभावित हो रहा है इस पर मिला आश्वासन अब चुनावी वादा में बदल गया . इस तरह से बेमिसाल साल की कसक आज व्यापारी महसूस कर रहे है .
साल भर शहर में घूमता रहा कचरा और निजी बिल्डर का सपना हुआ पूरा ..
दुर्ग शहर में कचरा निष्पादन एक बड़ी समस्या है जिसके निराकरण के लिए शासन प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है किन्तु किसी को यह उम्मीद ही नहीं थी कि इस कचरा निष्पादन के पीछे एक बड़ा खेल और हो सकता है जो लाखो रूपये का फायदा किसी एक ही संस्था को मिल सकता है . शहर में कचरा एकत्रित करने के लिए कोई स्थान नहीं जिसके करण शहर से दूर पुलगांव गौठान के पास कचरा एकत्रित किया जाने लगा किन्तु भाजपा सरकार आने के बाद दुर्ग शहर में कचरा का ऐसा खेल हुआ कि इसके परिवहन के लिए अचानक भावपत्र निकाल शहर के मध्य कचरा डंप किया जाने लगा और शहर के विधायक एवं महापौर दोनों मौन रहे आम जनता दुर्गन्ध से परेशांन होती रही किन्तु इस मामले में ना तो विधायक ने दो शब्द कहे और ना महापौर ने . आम जनता को आश्चर्य तब हुआ जब इस परिवहन के खेल में महापौर परिषद् ने विधायक के बेहद करीबी माने जाने वाले व्यक्ति की संस्था अर्थ मुवैर्स को इसके परिवहन के लिए चुना और शहर में कचरा इधर से उधर होने लगा वही लाखो का भुगतान लेखा विभाग की मानक शर्तो के विरुद्ध हो भी गया जिस पर जाँच हो ऐसा कही प्रतीत नहीं होता .
दुर्ग शहर भाजपा विधायक के कार्यकाल के बेमिसाल एक वर्ष के और भी तथ्य समानित पाठको के लिए आगे प्रकाशित होंगे ...
समाचार : आम जनता से किये चर्चा एवं तथ्याताम्क सुचना के आधार पर