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विधायक गजेन्द्र यादव झूठ बोल रहे है या फिर क्रीडागन समिति के सदस्य Featured

क्रीडागन समिति नहीं हुआ पूर्ण तो फिर कैसे मिल गई सहमती क्रीडागन समिति नहीं हुआ पूर्ण तो फिर कैसे मिल गई सहमती

दुर्ग की जनता को आखिर कब तक झूठ की माला पहनते रहेंगे जनप्रतिनिधि
क्रीडागन समिति नहीं हुआ पूर्ण तो फिर कैसे मिल गई सहमती

  दुर्ग / शौर्यपथ /
ख़ास रिपोर्ट

   दुर्ग शहर के मध्य में स्थित रविशंकर स्टेडियम कभी दुर्ग की शान हुआ कर्ता था किन्तु दुर्ग के इस सबसे बड़े स्पोट्र्स काम्प्लेक्स पर राजनीती की ऐसी मार पड़ी कि आज यह स्टेडियम अपनी भव्यता तो खो चूका है वही अब जर्जर अवस्था में अपने वीराने की कहानी खुद कह रहा है . जिले के इस सबसे बड़े स्टेडियम के सुचारू सञ्चालन के लिए दुर्ग जिला क्रीडागन समिति का गठन हुआ जिसमे जिले के जनप्रतिनिधियों , शासकीय अधिकारियो सहित अन्य 11 लोगो की समिति बनी थी . वर्तमान काल के जनप्रतिनिधियों में जिले के सभी विधान सभा के विधायक , सांसद , दुर्ग शहर के महापौर एवं शासकीय अधिकारी होते है समिति की अध्यक्षता जिलाधीश महोदय एवं सचिव का पद एसडीएम के पास होता है एवं अन्य 11 सदस्यों की नियुक्ति होती है . वर्तमान समय में शासकीय अधिकारियो और जिले के सभी जनप्रतिनिधि तो है जो पदेन सदस्य है किन्तु मनोनीत सदस्यों की संख्या का अभाव होने के कारण वर्षो से समिति अपूर्ण है ऐसे में दुर्ग शहर विधायक द्वारा अपने सोशल मिडिया में विडिओ जारी किया जाना शहर में ख़ासा चर्चा का विषय बना हुआ है .
  आम जनता जिसे समिति की कार्य प्रणाली की जानकारी नहीं वो यह समझ रहे है कि जिले के सबसे बड़े स्टेडियम का अब उद्धार दुर्ग विधायक की पहल पर होने जा रहा है वही समिति के मनोनीत सदस्यों का कहना है कि पिछले कई सालो से कोई मीटिंग नहीं हुई और ना ही ऐसा कोई पत्र आया है जो यह दर्शाए कि बीसीसीआई ने इसे लीज पर लेने का ऑफर दिया है विधायक गजेन्द्र यादव की कही बातो को गलत साबित कर रहा है . ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आम जनता को विधायक गजेन्द्र यादव किस तरह का सन्देश देना चाहते है जबकि छत्तीसगढ़ के निर्माण के 25 वे साल में लगातार 15 साल प्रदेश में भाजपा की सरकार थी वर्तमान में भी भाजपा की सरकार है और केन्द्र की राजनीती करने वाले भाजपा के बड़े नेता भी दुर्ग जिले में है ऐसे में सिमिति के एक पदेन सदस्य के रूप में अपूर्ण समिति की सहमती क्या संविधान की अवहेलना नहीं आखिर जनता को क्यो गुमराह किया जा रहा और झूठे सपने क्यो दिखाए जा रहे है ?
बेडमिन्टन कोर्ट की भी नहीं मिली अनुमति ..
  शहर में ऐसे चंद लोग ही होंगे जो बेडमिन्टन खेल के प्रति गंभीर है और राष्ट्रिय अंतर्राष्ट्रीय  स्तर तक जाने के लिए लालायित है ए जरुर है कि यह खेल शौकिया तौर पर और सेहत के लिए जरुर खेला जाता है स्वयं विधायक जी की मित्र मण्डली भी सालो से यही खेल खेल रही है किन्तु शहर में जिला क्रीडागन समिति के परिसर में निर्माणाधीन इंडोर बेडमिन्टन कोर्ट को जिला क्रीडागन समिति  की अनुमति भी प्राप्त नहीं हुई और बिना अनुमति के निर्माणाधीन इंडोर बेडमिन्टन कोर्ट को विधायक अपनी उपलब्धी बता रहे है जबकि वह स्वयं जिला क्रीडागन समिति के पदेन सदस्य है ऐसे में शहर की जनता कैसे विधायक के कहे बातो पर यकीन करेगी .
 क्या विधायक गजेन्द्र यादव के लिए शासकीय नियमो के कोई मायने नहीं ...
जिला क्रीडागन समिति परिसर में बन रहे बेडमिन्टन कोर्ट के लिए विभाग ने जिला क्रीडागन समिति से अगस्त में अनुमति मांगी थी किन्तु सदस्यों कि सख्या अपूर्ण रहने से अनुमति नहीं मिली फिर भी बिना अनुमति के उक्त स्थल पर दो दर्जन के लगभग पेड़ काट दिए गए वही बिना अनुमति के निर्माण आरम्भ हो गया और जिला क्रीडागन समिति के पदेन सदस्य दुर्ग विधायक मौन है .
   बड़ा सवाल यह है कि क्या दुर्ग विधायक पद का इतना लाभ लेना चाहते है कि शासकीय दस्तावेजो को परिपूर्ण किये बिना ही कार्य करना अपनी उपलब्धि मानते है . दुर्ग गंज पारा विधायक कार्यालय भी इसी का एक उदहारण है जिसके भवन अनुज्ञा की अनुमति नहीं होने के बावजूद भी भाजपा सरकार के विधायक महोदय नियमो को आइना दिखाते हुए कार्यालय का सञ्चालन कर रहे है वही दूसरी तरफ शहर की आम जनता के बिना अनुमति के निर्माण को निगम प्रशासन बुलडोज़र चला कर प्रशासनिक ताकत दिखा रही है . क्या संविधान सिर्फ आम जनता के लिए है क्या यही विष्णु का सुशासन है जिसका पालन दुर्ग विधायक गजेन्द्र यादव कर रहे है ? आखिर संविधान की ताकत आम जनता और राजनेताओ के लिए कब सामान होगी और कब आएगा असली सुशासन 

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शौर्यपथ