दुर्ग / शौर्यपथ / नगरी निकाय चुनाव का आगज हो चुका है आचार संहिता लग चुकी है ऐसे में अब शहरी सरकार चुनने के लिए आम जनता के साथ-साथ दावेदार भी कमर कर चुके हैं गत विधानसभा चुनाव के बाद दुर्ग शहर में कोई खास बदलाव नजर नहीं आया शहर में अतिक्रमणकारियों का कब्जा लगातार बढ़ रहा है 6 महीना से शहर के बीच सुराना कॉलेज के सामने कचरो के ढेर से आम जनता परेशान रही परंतु इस बारे में ना ही वर्तमान शहरी सरकार और ना ही शहरी विधायक ने कोई संज्ञान लिया. शहर के चारागाह की भूमि पर निजी बिल्डर द्वारा अवैधानिक रूप से कब्जा करने की जानकारी के बावजूद भी विधायक गजेंद्र यादव के द्वारा संज्ञान लेने की बात कहने के बावजूद भी मौन रहना,नगर निगम के निविदा कार्यों में 5% कमीशन के एवज में काम देने का मामला सामने आने के बाद भी विधायक गजेंद्र यादव का मौन रहना, कांग्रेस सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्यवाही की बात कह सत्ता में आने के बाद किसी भी घोटाले पर किसी तरह की सख्त कार्यवाही का ना होना , जैसे कई मामले हैं जो जनता में चर्चा का विषय है जिस पर वर्तमान विधायक मौन साधे है .
अब नगरी निकाय चुनाव का आगाज हो चुका है और शहर की जनता एक बार फिर शहरी सरकार के चुनाव के लिए तैयार है ऐसे में देखना यह है कि शहर की जनता ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए भाजपा के प्रत्याशी को भारी बहुमत से जीत दिलाई परंतु साल भर बाद भी निगम क्षेत्र की स्थिति और निगम प्रशासन की भ्रष्टाचार में संलिप्तता की आए दिन खबर आने के बावजूद भी किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन न होना इन सब बातों पर अब आम जनता अपने मतदान का उपयोग कहां करना है नए सिरे से सोचने पर मजबूर है .शहरी सरकार की कमान इस बार नारी शक्ति को मिलने वाली है और यह नारी शक्ति कौन होगा इसका भी इंतजार आम जनता को बड़ी बेसब्री से है महीने के आखिरी तक यह निश्चित हो जाएगा की दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के महापौर के उम्मीदवार कौन होंगे जिनके हाथ में शहरी सरकार की कमान होगी वही भाजपा के कार्यों से आम जनता कितना संतुष्ट है इस बात का भी सारा दारोमदार स्थानीय विधायक गजेंद्र यादव के गत 1 साल में किये कार्यों के आधार पर किया जाएगा कि भारी मतों से जीतने वाले विधायक की अगुवाई में निकाय चुनाव के क्या परिणाम होते है ?