दुर्ग। शौर्यपथ। नेता सत्ता में जब तक रहते हैं ईमानदार नजर आते हैं किंतु सत्ता जाते ही ईमानदारी के चोले उतरने लगते हैं और भ्रष्टाचार उजागर होता है यह कोई नई बात नहीं है. ऐसे ही एक भ्रष्टाचार का मामला सामने आया जिसमें दुर्ग के शहरी सरकार के PWD प्रभारी अब्दुल गनी के वार्ड में सरकारी खंबा पाया गया जो 2-3 साल से पड़ा था .शौर्यपथ समाचार पत्र ने दो दिन पहले इस सरकारी खंबे के बारे में जानकारी एकत्र करनी चाहिए तब अचानक गुरुवार 23 जनवरी की सुबह दुर्ग निगम की काऊगेज गाड़ी के साथ कुछ लोग आए और उक्त खंबे को ले जाने की कोशिश करने लगे तभी वार्ड के पूर्व पार्षद विल्सन डिसूजा मौके पर पहुंचे और उन्होंने जब खंबे ले जाने के बारे में कर्मचारियों से जानकारी मांगी तो कर्मचारियों ने वार्ड मेंबर के आदेश पर यह खंबा ले जाने की बात स्वीकार की .
क्योंकि काऊगेज गाड़ी अतिक्रमण विभाग की है एवं वाहन शाखा से भी संबंध रखती है इस बारे में जब अतिक्रमण प्रभारी परमेश्वर से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि खंबा उठाने के लिए उनके द्वारा कोई निर्देशन नहीं दिया गया था एवं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है वही वर्कशॉप कर्मशाला प्रभारी से चर्चा की तो कर्मशाला प्रभारी ने कहा कि उन्होंने सिर्फ निरीक्षण करने भेजा था कि वहां पर कोई खंबा रखा है या नहीं परंतु वर्कशॉप प्रभारी के आदेश का उल्लंघन करते हुए को काऊ गेज के ड्राइवर भूपेंद्र ने उक्त खंबे को वाहन में रखवा दिया था परंतु मौके पर पहुंचे पूर्व पार्षद विल्सन डिसूजा ने लिखित आदेश की मांग करने पर उक्त खंबे वापस रख दिए गए.जिससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं उक्त सरकारी खंभे को बिना जानकारी के उपयोग किया गया खंबे की स्थिति देखने पर स्पष्ट प्रतिशत होता है कि खंबा आधा कटा हुआ है.
कहां से आया यह बिजली का खंबा.
4 साल पहले शहर में मिनीमाता चौक से नेहरू नगर चौक तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य हुआ जिसमें लगे डिवाइडर के खंबे निगम प्रशासन के थे जिसे पीडब्ल्यूडी विभाग ने निगम के सुपुर्द कर दिया वहीं PWD दुर्ग के जिम्मेदार अधिकारी ने जानकारी दी की हालांकि मामला 3 साल पुराना है परंतु उक्त खंबे को पीडब्ल्यूडी विभाग ने निगम प्रशासन के सुपुर्द किया था वहीं लगभग 40 खंबे चोरी हुए थे जिसकी थाने में भी रिपोर्ट कराई गई थी समय काफी हो गया दस्तावेज ढूंढने होंगे और निश्चित तारीख की जानकारी मिल पाएगी .
बता दें कि नए या पुराने सामान को रखने के लिए निगम प्रशासन का स्थान अधिकृत होता है परंतु PWD विभाग द्वारा सौंप गए निगम के खंबे जो की शासकीय संपत्ति हैं को वार्ड नंबर 8 में रखना कहीं से भी विधि सम्मत नहीं है वहीं ऐसी भी जानकारी निकाल कर आ रही है कि 2 साल से यह खंबे यही रखे हैं और बीच-बीच में इस खंबे के आधे हिस्से को काटकर कहीं और पहुंचाया गया ऐसे में या जांच का विषय है कि 35 से 40 फीट लंबे खंभे में से 15-20 फीट का हिस्सा काट कर आखिर कहां पहुंचाया गया वार्ड वासियों का कहना है कि यह खंबा वार्ड के पार्षद अब्दुल गनी ने रखवाया था एवं पूर्व में भी कई खम्बे यहाँ से कही और शिफ्ट हुए है . वार्ड पार्षद अब्दुल गनी पर जाति प्रमाण पत्र के विवाद का मामला लगा हुआ है जिसमें जांच में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया अब खंबे की चोरी की थाना रिपोर्ट के बाद यह जांच का विषय है क्या की क्या उक्त खंबा वही चोरी का खंबा है जो तकिया पर में रखा गया था या फिर निगम प्रशासन के सुपुर्द किया हुआ खंबा.
काऊगेज ड्राइवर भूपेंद्र की भूमिका भी संग्धित
दूर नगर निगम के काऊगेज ड्राइवर भूपेंद्र के ऊपर पूर्व में भी आरोप लगाते रहे हैं कि वह निगम परिसर से कई बार लोहे के बड़े-बड़े फ्रेम ले जा चुका है और अपने घर में इस्तेमाल कर चुका है या फिर बेच चुका है ऐसे में आज जिस प्रकार से भूपेंद्र ने अपने उच्च अधिकारियों के आदेश का उल्लंघन करते हुए उक्त खंबे को शासकीय वाहन में रखवाया जिससे यह साफ जाहिर होता है कि भूपेंद्र का भी इस हेरा फेरी में कहीं ना कहीं हाथ है कार्यवाही करने में भेदभाव की प्रणाली निगम प्रशासन की पुरानी आदत है ऐसे में देखना होगा कि निगम प्रशासन शासकीय खंबे के इस अवैधानिक परिवहन पर जिम्मेदार कर्मचारियों पर किस तरह से कार्रवाई करता है और पुलिस विभाग लगभग 2 साल पुराने थाने की रिपोर्ट पर क्या जांच को आगे बढ़ते हुए उक्त खंबे की सही स्थिति की जानकारी लगाएगा . किसी भी सूरत में बिना अनुमति के उक्त खंबे वार्ड पार्षद की अनुमति से तकिया पर मैदान में कैसे रखे हैं यह जांच का विषय है जो की तकियापारा में चर्चा का विषय बना हुआ है .
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https://youtu.be/P8f6h4UKF6c?si=floNzjDXbS5GB53b