दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में भ्रष्टाचार पर लगाम लगे और भ्रष्टाचारियो पर कार्यवाही की ओर नव नियुक्त महापौर अलका बाघमार ने कदम बढ़ा दिए . शहर में सडको के किनारे अतिक्रमण कर दुकानदारी करने वालो पर भी महापौर बाघमार ने निर्णायक कदम उठाते हुए बाजार विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए है वही फ़ूड जोन और जिला अस्पताल के सामने निर्मित गुमठी के आबंटन में नुल्म विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मुक्तेश के द्वारा फर्जी सर्वे रिपोर्ट की पोल भी जल्द खुलने के आसार नजर आ रहे है . सुशासन की बात से चुनाव जीते दुर्ग विधायक गजेन्द्र यादव साल भर से ज्यादा के कार्यकाल में निष्क्रिय ही साबित हुए है और मंत्री पद की रेस के लिए चर्चा में है किन्तु वही शहर में शहरी सरकार की जिम्मेदारी सँभालते ही महापौर अलका बाघमार ने इस दिशा में कदम बढ़ाना आरम्भ कर दिया है .
श्रीमती अलका बाघमार - महापौर नगर पालिक निगम दुर्ग
शहर के सबसे बड़े और प्रत्यक्ष रूप से दिखने वाले गुमठी घोटाले पर महापौर बाघमार किस तरह से सक्रियता से भष्र्टाचार कर रहे अधिकारियो की संलिप्तता की निष्पक्षता से जाँच करवाती है यह आने वाले समय में ज्ञात हो जाएगा . बता दें कि चर्च के सामने स्थित गुमटी का आवंटन हृरुरू विभाग के सर्वेसर्वा बने मुक्तेश द्वारा किया गया फर्जी सर्वे रिपोर्ट बनाई गई अपात्र लोगो सहित निगम कर्मचारियों के रिश्तेदारों एवं एक चाटुकारिता करने वाले पत्रकार तक को नियमो को ताक में रखकर आबंटन किया गया वही नोडल अधिकारी रबर स्टाम्प की तरह कार्य करते रहे .
बता दे कि सड़क पर फलों का व्यापार करने वालों के लिए यह गुमठी आवंटन किया जाने वाला था किन्तु फ ल व्यापारी गुमठी आवंटन के बाद आज भी सड़कों पर अपना व्यापार चल रहे हैं और चर्च के सामने स्थित गुमटी को हजारों रुपए में किराया दे रहे हैं और लाखों रुपए की पगड़ी कमा रहे हैं ऐसे कई अपात्र लोग हैं जो इस गुमटी के हकदार भी नहीं थे उन्हें भी NULM विभाग द्वारा गुमठी आवंटन किया गया और लाखो रूपये वसूले गए .आज प्रत्यक्ष प्रमाण है कि चर्च के सामने स्थित गुमटी में फल दुकान के अलावा अन्य सभी दुकानें खुल चुकी हैं जगह-जगह चाय नाश्ते की दुकान ,बैंड बाजा की दुकान ,इलेक्ट्रिकल की दुकान , केरम क्लब ,रेस्टोरेंट,आरटीओ एजेंट ऑफिस यहां तक वाहन खरीदी बिक्री केंद्र का भी संचालन हो रहा है परंतु इन सब के बावजूद कुंभकरण नींद सोई हुई नगर निगम पालिका प्रशासन और मुखिया निगम आयुक्त मौन है .अधिकारी सिर्फ शासकीय पदों का दोहन कर अपनी जिम्मेदारियां से भागते हुए नजर आ रहे हैं वहीं लाखों करोड़ों रुपए के गुमठी घोटाले के मुख्य कर्ताधर्ता मुक्तेश आज भी शासन की नई-नई योजनाओं में शासन को चूना लगाने की योजनाएं बना रहे हो तो कोई बड़ी बात नहीं.
ऐसे में देखना यह होगा कि नगरी निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के महापौर प्रत्याशी जिन्होंने नगर निगम के क्षेत्र में निगम प्रशासन द्वारा हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और भ्रष्टाचारियो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कह कर आम जनता के बीच गए हैं.
ऐसे में 15 फरवरी चुनाव परिणाम के बाद शहर के नव नियुक्त महापौर अलका बाघमार ने सक्रियता से निगम के कार्यो की तरफ ध्यान देना शुरू कार दिया है और सुशासन की दिशा में अपने कदम बाधा रही है यह कदम आगे कितनी दूर जाते है यह शहर की जनता के सामने भी जल्द आ जायेगा .